Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार Textbook Exercise Questions and Answers.
क्रिया - कलाप सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:
(पृष्ठ सं. 125)
प्रश्न 1.
एक दंड आरेख बनाकर सारणी में दी गई सभी मदों के निर्यात की प्रवृत्ति को दर्शाएँ। इसके लिए भिन्न-भिन्न रंगों के पेन या पेंसिलें इस्तेमाल करें।
उत्तर:
भारत का निर्यात संघटन, 2009-17 (निर्यात में प्रतिशत अंश)
प्रश्न 2.
तालिका 11.3 का अध्ययन करते हुए ऐसी प्रमुख वस्तुओं को चुनें, जिन्हें वर्ष 2016-17 में निर्यातित किया गया हो। दण्ड आरेख बनाकर उन वस्तुओं के बीच विविधता को समझने हेतु तुलना करें।
उत्तर:
(पृष्ठ सं. 126)
प्रश्न 3.
नीचे दी गई तालिका के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रमुख वस्तुओं का आयात
वस्तुएँ |
2016 - 17 |
उर्वरक एवं उर्वरक विनिर्मितियाँ |
33,726 |
खाद्य तेल |
73.048 |
लुगदा (लुगदी) तथा अपशिष्ट पेपर (कागज) |
6,537 |
अलौह धातुएँ |
2,62,961 |
लौह और इस्पात |
55.278 |
पेट्रोलियम एवं उत्पाद |
5.82.762 |
मोती, बहुमूल्य एवं अल्प मूल्य रत्न |
1,59,464 |
चिकित्सीय एवं फार्मा उत्पाद |
33,504 |
रासायनिक उत्पाद |
1.47.350 |
(i) आरोही क्रम में अथवा अवरोही क्रम में सभी वस्तुओं को क्रमबद्ध ढंग से व्यवस्थित करें और भारत के 2016-17 की आयात सूची की प्रमुख पाँच वस्तुओं का नाम लिखें।
उत्तर:
भारत में आयातित वस्तुओं का अवरोही क्रम भारत की आयात सूची की प्रमुख पाँच वस्तुएँ:
1. पेट्रोलियम
2. अलौह धातुएँ
3. मोती, बहुमूल्य व अल्प मूल्य रत्न
4. रासायनिक उत्पाद
5. खाद्य तेल ।
(ii) भारत कृषि की दृष्टि से एक समृद्ध देश होते हुए भी खाद्य तेलों तथा दालों का आयात क्यों करता है?
उत्तर:
क्योंकि देश में हो रही तीव्र जनसंख्या वृद्धि से खाद्य तेलों व दालों की माँग में तीव्र वृद्धि हुई है जबकि इनका देश में उत्पादन घरेलू माँग के अनुरूप नहीं बढ़ पाया है।
(iii) क्या आप आयात सूची में से कुछ ऐसे मदों को पहचान सकते हैं जिनके विकल्प भारत में विकसित किए जा सकते हैं ?
उत्तर:
उर्वरक, खाद्य तेल, अखबारी कागज, कोयला, कोक तथा ब्रीकेट्स, चिकित्सीय एवं फार्मा उत्पाद तथा लोहा-इस्पात आयात सूची के ऐसे प्रमुख मद हैं जिनके विकल्प भारत में विकसित किए जा सकते हैं।
(पृष्ठ सं. 127)
प्रश्न 4.
प्रमुख व्यापारिक साझेदारों को प्रदर्शित करने के लिए बहुदंड आरेख बनाएँ।
उत्तर:
(पृष्ठ सं. 129)
प्रश्न 5.
क्या आप पश्चिमी एवं पूर्वी तटों पर पत्तनों की अवस्थिति की भिन्नता के कारणों का पता लगा सकते हैं?
उत्तर:
भारत के पूर्वी तट की तुलना में पश्चिमी तट पर अधिक पत्तन हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि पूर्वी तट पश्चिमी तटों की तुलना में उथले हैं, जहाँ नदियों के डेल्टाई भागों में बालू का निक्षेपण मिलता है। इसके अलावा पश्चिमी तटीय भागों पर स्थित पत्तनों का पृष्ठ प्रदेश अपेक्षाकृत अधिक विक्रसित एवं सम्पन्न मिलता है।
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प्रश्न 6.
अपने निवास स्थान से निकटतम घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम लिखिए। सबसे अधिक घरेलू हवाई पत्तन वाले राज्य की पहचान भी करें।
उत्तर:
मेरे निवास स्थान से निकटतम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई पत्तन निम्नलिखित हैं।
प्रश्न 7.
उन चार नगरों की पहचान करें, जहाँ सबसे अधिक हवाई मार्ग अभिसारित होते हों और इसके कारण भी बताएँ।
उत्तर:
मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता तथा चेन्नई भारत के ऐसे हवाई अड्डे हैं जहाँ सर्वाधिक हवाई मार्ग अभिसारित होते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि उक्त चारों हवाई अड्डे विश्व के प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय वायु मार्गों पर अवस्थित हैं। इसके अलावा भारत के उक्त हवाई अड्डों पर अन्तर्राष्ट्रीय वायु सेवाओं की पर्याप्त माँग भी रहती है।
प्रश्न 1.
नीचे दिए गये चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
(i) दो देशों के मध्य व्यापार कहलाता है?
(क) अन्तर्देशीय व्यापार
(ख) बाह्य व्यापार
(ग) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
(घ) स्थानीय व्यापार।
उत्तर:
(ग) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक स्थलबद्ध पोताश्रय है?
(क) विशाखापट्टनम्
(ख) मुम्बई
(ग) एन्नोर
(घ) हल्दिया।
उत्तर:
(क) विशाखापट्टनम्
(iii) भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार वहन होता है।
(क) स्थल और समुद्र द्वारा
(ख) स्थल और वायु द्वारा
(ग) समुद्र और वायु द्वारा
(घ) समुद्र द्वारा।
उत्तर:
(ग) समुद्र और वायु द्वारा
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
(i) भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(ii) पत्तन और पोताश्रय में अन्तर बताइए।
उत्तर:
किसी जलमार्ग पर अवस्थित वह स्थान जहाँ व्यापारिक माल चढ़ाने व उतारने के लिए जलयान ठहर सकते हैं, पत्तन कहलाता है। दूसरी ओर. पोताश्रय ऐसा सागरीय जलक्षेत्र होता है जहाँ जलयानों के ठहरने के लिए लंगर डाले जाते हैं तथा जलयानों को सागरीय तूफानों से सुरक्षा प्रदान की जाती है साथ ही इनमें जलयानों की मरम्मत, ईंधन भरने, गोदाम व माल वितरण की सुविधा होती है।
(ii) पृष्ठ प्रदेश के अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
एक बन्दरगाह के प्रभाव क्षेत्र को उसका पृष्ठ प्रदेश कहा जाता है। यह एक बन्दरगाह की भूमि की ओर विस्तृत वह भाग होता है जिसमें निर्यात की जाने वाली वस्तुओं का संग्रह होता है तथा आयात की जाने वाली वस्तुओं का वितरण होता है।
(iv) उन महत्त्वपूर्ण मदों के नाम बताइए जिन्हें भारत विभिन्न देशों से आयात करता है?
उत्तर:
भारत विभिन्न देशों से निम्नलिखित वस्तुओं का आयात करता है
भारत के पूर्वी तट पर स्थित पत्तनों के नाम हैं-कोलकाता, हल्दिया, पारादीप, विशाखापट्टनम्, चेन्नई, एन्नोर तथा तूतीकोरिन।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।
(i) भारत में निर्यात और आयात व्यापार के संयोजन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में निर्यात व्यापार का संयोजन-सन् 2016-17 में भारत से 1852340 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं का विदेशों को निर्यात किया गया। सन् 2016-17 में भारत से जिन महत्त्वपूर्ण मदों से सम्बन्धित वस्तुओं का निर्यात किया गया उनमें कृषि व समवर्गी उत्पाद, अयस्क एवं खनिज, विनिर्मित वस्तुएँ, पेट्रोलियम व अपरिष्कृत उत्पाद प्रमुख हैं। भारत द्वारा निर्यात मुख्यतः संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, स्विट्जरलैंड, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, सिंगापुर एवं मलेशिया आदि देशों को किया जाता है।
इन देशों में से संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है। भारत में आयात व्यापार का संयोजन-सन् 2016-17 में भारत में 2577422 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं का आयात किया गया जिनमें अपरिष्कृत पेट्रोलियम एवं अन्य उत्पाद सर्वाधिक महत्वपूर्ण थे। जिनका देश के कुल आयात मूल्य में योगदान 5,82,762 करोड़ का रहा। स्वर्ण-चाँदी, मशीनरी, व्यावसायिक उपस्कर, मोती, बहुमूल्य एवं अल्प मूल्य रत्न तथा गैर-धात्विक खनिज विनिर्माण आदि महत्वपूर्ण आयातित वस्तुएँ हैं। अन्य आयातित वस्तुओं में दालें, खाद्य तेल, लोहा व स्टील धातुमयी अयस्क तथा धातु छीजन, चिकित्सीय एवं फार्मा उत्पाद, उर्वरक, अलौह धातुएँ, लुगदी व अपशिष्ट कागज, गत्ता व विनिर्मितियों, न्यूज प्रिन्ट, वस्त्र, धागे व कपड़े तथा रासायनिक उत्पाद सम्मिलित हैं। भारत के आयात में एशिया व ओशेनिया की सर्वाधिक हिस्सेदारी है तत्पश्चात् यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका का स्थान आता है।
(ii) भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रकृति पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
समय के साथ-साथ भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रकृति में भी उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसमें सन्देह नहीं है कि भारत के निर्यात मूल्य व आयात मूल्य में सन् 1950-51 के बाद से सतत् रूप से वृद्धि होती जा रही है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में इस तीव्रता के प्रमुख कारणों में विनिर्माण के क्षेत्र में सतत् वृद्धि, सरकार की उदार नीतियाँ तथा बाजारों की विविधता सम्मिलित हैं।
भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रकृति का अध्ययन निम्नलिखित दो वर्गों के रूप में किया जा सकता है।
(1) भारत के निर्यात: संघटन का बदलता प्रारूप - सन् 2009 - 10 से 2016-17 के बीच भारत के निर्यात संघटन में निम्नलिखित बदलाव अनुभव किये गये।
(2) भारत के आयात: संघटन का बदलता प्रारूप - सन 2009-10 से 2016-17 के मध्य भारत के आयात संघटन में निम्नलिखित बदलाव अनुभव किये गये।
(i) भारत के कुल आयात मूल्य में पेट्रोलियम एवं अपरिष्कृत उत्पाद तथा अन्य उत्पाद वर्ग का प्रतिशत 33.2 से घटकर 26.7 हो गया। पेट्रोलियम व इसके उत्पादों के आयात में होने वाली इस कमी का कारण भारत में बढ़ता औद्योगीकरण तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य में हुई वृद्धि है।
(ii) भारत के कुल आयात मूल्य में पूँजीगत सामान का प्रतिशत 15.0 से घटकर 13.6 तथा रसायन तथा सम्बन्धित उत्पादों का प्रतिशत 2.3 से घंटकर 1.3 रह गया।
(iii) भारत के कुल आयात संगठन में खाद्य व सम्बन्धी वस्तुओं का अंश 3.7 की तुलना में बढ़कर 5.6 प्रतिशत हो गया है।
सन् 1970 के दशक के बाद हरित क्रान्ति में सफलता मिलने के कारण भारत में खाद्यान्नों का आयात रोक दिया गया तथा खाद्यान्नों के आयात का स्थान पेट्रोलियम व उर्वरकों ने ले लिया।