RBSE Solutions for Class 12 English Kaleidoscope Poem 2 Poems by Milton

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 English Kaleidoscope Poem 2 Poems by Milton Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 12 English are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 12 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Our team has come up with job letter class 12 to ensure that students have basic grammatical knowledge. 

RBSE Class 12 English Solutions Kaleidoscope Poem 2 Poems by Milton

RBSE Class 12 English Poems by Milton Textbook Questions and Answers

I
On Time

Understanding the Poem :

Question 1. 
Why has the poet pitted the flight of Time against the 'lazy leaden-stepping hours' and the heavy Plummets pace'?
कवि ने समय की उड़ान के विरुद्ध "आलस्यपूर्वक बढ़ते हुए कदम" तथा "भारी पैन्डुलम" का वर्णन क्यों किया है?
Answer:
Milton has presented a wonderful paradox to understand time that is not only too fast but prolonged also. If it is taken as a whole it becomes too fast but if it is considered individual, it becomes slow. Milton puts this paradox as a mark against a short span of human life which is followed by a celebration of the eternal blissful life.

मिल्टन ने समय को समझने के लिए एक शानदार विरोधाभास को प्रस्तुत किया है जो कि न केवल अत्यधिक तीव्र है बल्कि लंबे समय तक चलने वाला है। यदि इसे सम्पूर्ण रूप में लिया जाए तो यह अत्यंत तीव्र हो जाता है लेकिन यदि उसे व्यक्तिगत रूप में लिया जाए तो उसकी गति धीमी हो जाती है। मिल्टन ने इस विरोधाभास को मानवीय जीवन की सूक्ष्मता के रूप में प्रस्तुत किया है जिसके बाद अमर खुशियों से परिपूर्ण जीवन का समारोह प्राप्त होता है।

RBSE Solutions for Class 12 English Kaleidoscope Poem 2 Poems by Milton

Question 2. 
What are the things associated with the temporal and what are associated with the eternal?
वे कौन सी चीजें हैं जो सांसारिकता के साथ जुड़ी हैं और वे कौनसी चीजें हैं जो अमरता के साथ जुड़ी हैं?
Answer:
Milton has presented so many things associated with temporal and eternal. The bad things which include bad habits like greed, envy, selfishness and temptation are temporal things which are bound to come to an end as nothing evil can stay for long on the earth. Selfless love, truth, peace and hope are things associated with the eternal. They bring eternal joy in life and make our world a place like heaven.

मिल्टन ने बहुत सी चीजों को नश्वरता तथा बहुत सी चीजों को अमरता के साथ संयोजित किया है। बुरी चीजें जिनमें बुरी आदतें शामिल होती हैं जैसे लालच, ईर्ष्या, स्वार्थ और लालचीपन वे नश्वरता से जुड़ी होती हैं और उनका अन्त होना सुनिश्चित है क्योंकि कोई भी बुरी चीज पृथ्वी पर लंबे समय तक नहीं ठहर सकती है। निस्वार्थ प्रेम, सत्य, शान्ति और आशा अमरता के साथ जुड़ी हुई हैं । वे जीवन में अनन्त खुशियाँ लाते हैं और हमारे संसार को स्वर्ग जैसा स्थान बना देते हैं।

Question 3. 
What guides human souls towards divinity? Who is the final winner in the race against time?
मानवीय आत्मा को देवत्व की ओर कौन मार्गदर्शन करता है? समय के विरुद्ध दौड़ में अंतिम विजेता कौन होगा?
Answer:
These are the virtues of truth, love and peace that guide human souls towards divinity. The virtues are moral lessons that help us to lead a pious life so they take us nearer to God. The final winner in the race against time is the person who has developed these virtues in his behaviour and character. His actions are holy and pious and inspire human being to act on the voice of his soul.

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ये वे गुण हैं जैसे सत्य, प्रेम और शान्ति जो कि मानवीय आत्मा को देवत्व की ओर ले जाते हैं । गुण वे नैतिक पाठ होते हैं जो कि हमें पवित्र जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं इसलिए वे हमें और ज्यादा ईश्वर के नजदीक ले जाते हैं । समय के विरुद्ध अंतिम विजेता वह व्यक्ति होता है जिसने अपने व्यवहार और चरित्र में इन गुणों को विकसित कर लिया है। उसके क्रियाकलाप पवित्र होते हैं और मनुष्य को अपनी आत्मा की आवाज पर कार्य करने की प्रेरणा देते हैं।

II
On Shakespear. 

Understanding the Poem :

Question 1. 
Why does Milton feel it is not necessary to put up a monument in stone for Shakespeare?
मिल्टन ऐसा क्यों महसूस करता है कि शेक्सपीयर के लिए पत्थरों के स्मारक का निर्माण करने की आवश्यकता नहीं है?
Answer:
Milton feels that it is not necessary to construct a monument for Shakespeare because he has reached the zenith of his literary output which cannot be even touched by the other so he is inmortal without monument.
 
मिल्टन सोचता है कि शेक्सपीयर के लिए स्मारक बनाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह अपने साहित्यिक लेखन के सर्वोच्च शिखर पर पहुँच गया है जिसे दूसरों के लिए छूना भी संभव नहीं है इसलिए वह बिना स्मारक के ही अमर है।

Question 2. 
What does the 'weak witness of thy name' refer to? 
"तुम्हारे नाम का कमजोर प्रतीक" का क्या अर्थ है?
Answer:
“Weak witness of thy name’is a reference of worldly structures like relics, tombs, pyramids or sepulchres which decay and destroy with the passage of time while Shakespeare's great literary output is for stronger witness to his name and fame which is immortal. Thus, these worldly structures are weak witness in comparison to this immortal literary creation.

'तुम्हारे नाम का कमजोर प्रतीक' सांसारिक स्मारकों का प्रतीक है जैसे- स्मृति अवशेष, मकबरा, पिरामिड और कब्र जो कि समय के साथ नष्ट हो जाते हैं जबकि शेक्सपीयर का महान साहित्यिक सृजन उसके नाम और यश के लिए अत्यधिक शक्तिशाली है जो कि अमर है। इस प्रकार, ये सांसारिक संरचनाएँ उसके अमर साहित्यिक सृजन की तुलना में कमजोर प्रतीक हैं।

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Question 3. 
How does Milton describe Shakespeare as the source of inspiration for all succeeding generations of poets?
मिल्टन शेक्सपीयर को कवियों की आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में किस प्रकार याद करता है?
Answer:
Shakespeare is a great literary warrior. His name and fame is matchless. He has presented almost all aspects of human emotions in his literary output. The coming generations of poets will always learn great lessons from his literary output.

What he has written is of universal nature free from the bondages of time and place. His delphic lines will be interpretated in different ways. Thus, he will remain a source of inspiration for all succeeding generations of poets.

शेक्सपीयर महान् साहित्यिक योद्धा है। उसका नाम और यश अद्वितीय है। उसने अपने साहित्यिक लेखन में सम्पूर्ण मानवीय भावनाओं का समावेश किया है। कवियों की आने वाली पीढ़ियाँ हमेशा उसके साहित्यिक सृजन से महान् पाठ सीखती रहेंगी। उसने जो कुछ भी लिखा है वह समय और स्थान के बन्धनों से मुक्त सार्वभौमिक प्रकृति का है। उसकी अस्पष्ट पंक्तियों की अलग-अलग प्रकार से व्याख्या की जाती रहेगी। इस प्रकार वह आने वाली सभी पीढ़ियों के प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

Question 4. 
What is the best tribute that posterity has bestowed on Shakespeare?
भावी पीढ़ियों द्वारा शेक्सपीयर को दिया गया सर्वश्रेष्ठ सम्मान क्या है?
Answer:
The best tribute that posterity has bestowed on Shakespeare is that they have always kept him on the esteemed pedestal in their hearts. They have sought lessons from his literary output as they consider his dramas and poems as a great literary output. The generations that came after him have derived inspiration from his work.

भावी पीढ़ियों द्वारा शेक्सपीयर को दिया गया सर्वश्रेष्ठ सम्मान यह है कि उन्होंने उसे अपने हृदय में अत्यन्त उच्च एवं सम्मानित आधार पर रखा हुआ है। उन्होंने उसकी महान् साहित्यिक रचनाओं से बहुत कुछ सीखा है क्योंकि वे उसके नाटक और कविताओं को महान् साहित्य सृजन मानते हैं। उसके बाद वाली पीढ़ियों ने उसके साहित्य सृजन से अत्यन्त प्रेरणा प्राप्त की है।

RBSE Class 12 English Poems by Milton Important Questions and Answers

I
On Time

Short Answer Type Questions :

Question 1. 
Discuss the theme of the poem. 
कविता की विषय-वस्तु की व्याख्या कीजिए।
Answer:
According to the poet, the people of the world are lost in their materialistic world. The poet considers it to be a bad time. The poet exhorts this materialistic time to pass quickly. He hopes that as soon as this bad time passes, the time of hope, peace, truth and love will reign all over the world. The poet wishes that this world should be full of happiness and people should be guided by God.

कवि के अनुसार, संसार के लोग भौतिक संसार में खोए हुए हैं। कवि इसे बुरा वक्त मानता है। कवि इस भौतिकवादी संसार को शीघ्र समाप्त होने का उपदेश देता है। उसे आशा है कि जैसे ही यह बुरा समय व्यतीत हो जाएगा, तो आशा, शान्ति, सत्य और प्रेम का समय पूरे संसार में शासन करेगा। कवि अपनी इच्छा व्यक्त करता है कि यह संसार खुशियों से परिपूर्ण हो और मनुष्यों को ईश्वर द्वारा मार्गदर्शन मिले।

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Question 2. 
What is the “Supreme Throne of Him?” 
"उसका सर्वोच्च सिंहासन" क्या है?
Answer:
The 'Supreme Throne of Him'is the supreme throne of God or Heaven. In Heaven, there is the reign of love, peace, truth and hope. In the company of God, soul overcomes death and time and becomes immortal because, there, it removes all its physical and temporal existence. It mingles with God and then God and soul become one.

'उसका सर्वोच्च सिंहासन' ईश्वर अथवा स्वर्ग का सर्वोच्च सिंहासन है । स्वर्ग में प्रेम, शान्ति, सत्य और आशा का साम्राज्य है। ईश्वर के सान्निध्य में आत्मा मृत्यु और समय को जीत लेती है और अमर हो जाती है क्योंकि वहाँ पर यह अपने सम्पूर्ण भौतिक एवम् सांसारिक अस्तित्त्व को समाप्त कर देती है। यह ईश्वर के साथ घुलमिल जाती है और उसके बाद, ईश्वर और आत्मा एक ही हो जाते हैं।

Question 3. 
How can you define really good and perfectly divine, according to Milton?
मिल्टन के अनुसार वास्तविक रूप से श्रेष्ठ और सम्पूर्ण रूप में देवत्व को आप किस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं?
Answer:
According to Milton, ideal deeds done which are free from envy and falsehood are really good in which love, hope, peace and truth are included. We can say that these virtues are perfectly divine and take us nearer to divinity. Both who shows these virtues and who receives the bliss of these virtues are blessed and joyful. They feel themselves to be really good and perfectly divine.

मिल्टन के अनुसार, किये गये आदर्श कार्य जो कि ईर्ष्या और झूठ से मुक्त होते हैं वास्तविक रूप से श्रेष्ठ होते हैं जिनमें प्रेम, आशा, शान्ति और सत्य समाहित होते हैं । हम कह सकते हैं कि गुण सम्पूर्ण रूप से दैवीय होते हैं और हमें देवत्व के नजदीक ले जाते हैं। दोनों ही वह जो इन गुणों को दिखाते हैं और वह जो इन गुणों की खुशियों को प्राप्त करते हैं, ईश्वर का सान्निध्य और खुशियाँ प्राप्त करते हैं । वे स्वयं को वास्तविक रूप से श्रेष्ठ और सम्पूर्ण रूप में दैवीय अनुभव करते हैं।

Question 4. 
The poet calls the time envious. Why? 
कवि समय को ईर्ष्यालु कहता है। क्यों?
Answer:
The poet thinks that time has its envious nature. By addressing time so, the poet wants to indicate about the time when people are lost in vices like greed, falsehood, envy etc. Through the symbol of envy, the poet indicates that greed, selfishness etc. have filled a major portion of human life. Therefore, he calls the time envious and wants that this time should pass away soon.

कवि सोचता है कि समय की ईर्ष्यालु प्रवृत्ति है। समय को इस तरह सम्बोधित करके कवि उस समय की ओर इशारा करना चाहता है जब लोग लालच, झूठ, ईर्ष्या जैसी बुराइयों में खोये हुए हैं। ईर्ष्या के प्रतीक के माध्यम से कवि बताना चाहता है कि लालच, स्वार्थ इत्यादि ने मनुष्य के जीवन के एक प्रमुख हिस्से को भर दिया है। अतः वह समय को ईर्ष्यालु कहता है और चाहता है कि यह समय तुरन्त समाप्त हो जाए।

Question 5. 
What idea does the poet want to convey through the words- 'Earthy grossness?
'संसार की बुराइयाँ' शब्द के माध्यम से कवि कौनसा विचार व्यक्त करना चाहता है?
Answer:
The poet has used the words ‘Earthy grossness' to exhibit that it is a bad quality that enters human body and when a man quits from ‘Earthy grossness”, he attains supreme consciousness. When a man is free from it, everything worldly loses its meaning and significance. Then, the man becomes free from ups and downs and pleasures and pains of life. Thus, our soul mingles with God.

कवि ने 'संसार की बुराइयाँ' शब्द का प्रयोग यह दिखाने के लिए किया है कि यह एक दुर्गुण है जो कि मानवीय शरीर में प्रवेश कर जाता है और जब व्यक्ति 'संसार की बुराइयों' से मुक्त हो जाता है तो वह सर्वोच्च अंतर्चेतना को प्राप्त कर लेता है। जब व्यक्ति इससे मुक्त हो जाता है तो प्रत्येक सांसारिक चीज अपना अर्थ और महत्ता खो देती है। तत्पश्चात, व्यक्ति जीवन के उतार-चढ़ाव और सुख-दु:खों से मुक्त हो जाता है। इस प्रकार हमारी आत्मा ईश्वर के साथ मिल जाती है। 

Long Answer Type Questions :

Question 1. 
How will our bliss be greeted with long eternity? 
हमारे आनंद को पारलौकिक शाश्वतता के द्वारा किस प्रकार सम्मानित किया जाएगा?
Answer:
The poet says that our bliss will be greeted by long eternity. It happens when a human being's life is full of noble deeds. In this state, he achieves the state of permanent bliss. These noble deeds or virtuous qualities are love to humanity, selflessness and attaining peace inward and maintain peace in the world.

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While doing noble deeds, a person followed the path of truth, love, peace and hope along with joy. If a person follows the path of these virtues he feels blessed forever and ever. Then, everything in the world seems to be serene and peaceful. Thus, time becomes lovable to all of us and our bliss feels to be greeted with long eternity.

कवि कहता है कि हमारे स्थायी आनन्द को पारलौकिक शाश्वतता द्वारा सम्मानित किया जाता है। ऐसा तब होता है जब मनुष्य का जीवन आदर्श कार्यों से परिपूर्ण होता है। इस स्थिति में वह स्थायी आनन्द प्राप्त करता है। ये आदर्श कार्य अथवा गुण हैं- मानवता के प्रति प्रेम, निस्वार्थता और आन्तरिक शान्ति प्राप्त करना तथा संसार में शान्ति बनाये रखना।

आदर्श कार्य करते हुए व्यक्ति सत्य, प्रेम, शान्ति और आशा के साथ-साथ खुशी का अनुसरण करता है। यदि कोई व्यक्ति इन गुणों का पालन करता है तो वह हमेशा-हमेशा के लिए सुखद अनुभूति प्राप्त करता है। तत्पश्चात, संसार में प्रत्येक वस्तु उसे शान्त और गंभीर दिखाई देती है। इस प्रकार, समय हम सब के लिए प्रिय हो जाता है और हमारा अनंत आनंद पारलौकिक शाश्वतता के द्वारा सम्मानित महसूस करता है।

Question 2. 
Give the central idea of the poem 'On Time'. 
'On Time' कविता का भावार्थ दीजिए।
Answer:
“On Time’ is a religious poem of John Milton in which he emphasises that man can escape from the ravages of time by attaining peaceful eternal life full of joy. According to the poet, time shapes and influences the entire human life on earth. It is time which is responsible for all the changes in human life and finally even the death of human body. 

The poet expresses his great concern over it and wants that the time of sufferings should pass as soon as it is possible along with all the evils of falsehood and pain so that eternal time like heaven of truth, peace and love may be enjoyed by every individual. The poet says that when love, peace, hope, truth will reign over the earth, human beings will overcome not only death but time itself also.

'ऑन टाइम' जॉन मिल्टन की एक धार्मिक कविता है जिसमें वह जोर देता है कि मनुष्य समय के चिह्नों से भी बच सकता है जब वह खुशी से परिपूर्ण अमर शान्त जीवन प्राप्त कर लेता है। कवि के अनुसार, समय पृथ्वी के मनुष्य के सम्पूर्ण जीवन को आकार देता है और प्रभावित करता है। यह समय है जो मनुष्य के जीवन में सारे परिवर्तनों का उत्तरदायी है और अन्त में, मानवीय शरीर की मृत्यु के लिए भी।

कवि इस पर अपनी सम्पूर्ण चिन्ता व्यक्त करता है और चाहता है कि झूठ और दुःख की बुराइयों सहित यह कष्टों का समय जितनी जल्दी हो सके व्यतीत हो जाए ताकि सत्य का स्वर्ग, शांति, प्रेम का शाश्वत समय का प्रत्येक व्यक्ति आनंद उठा सके। कवि कहता है कि जब प्रेम, शान्ति, आशा, सत्य, पृथ्वी पर शासन करेंगे तो मनुष्य न केवल मृत्यु पर बल्कि स्वयं समय पर भी विजय प्राप्त कर लेगा।

Seen Passages

Stanza-1.

Fly envious, Time, till thou run out thy race,
Call on the lazy leaden-stepping hours, 
Whose speed is but the heavy Plummets pace; 
And glut thy self with what thy womb devours, 
Which is no more than what is false and vain,
And merely mortal dross;
So little is our loss,
So little is thy gain. 

Questions : 

1. What is the device used in Time and how?
'समय' में कौनसी device का प्रयोग किया गया है और कैसे? 

2. What things does the poet want Time to devour?
कवि किन चीजों को समय से चाहता है कि वह इन्हें निगल ले?

3. What will be the outcome if Time devours all these things?
यदि समय इन सारी चीजों को निगल ले तो इसका क्या परिणाम होगा? 
Answers : 
1. The device used in Time is personification as time has been personified as a person and the poet asks Time to go away as soon as it can. This is the quality of human beings that has been put into Time. 

समय में प्रयोग की गई device मानवीयकरण है क्योंकि समय को एक व्यक्ति के रूप में मानवीयकृत किया गया है और कवि समय से जितनी जल्दी हो सके, चले जाने के लिए कहता है । यह मनुष्यों का गुण है जो कि 'समय' में रख दिया गया है। 

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2. The poet wants that Time should devour all these things that are false and useless for humanity. The things like enmity and pomp should also be devoured by Time. 

कवि चाहता है कि समय उन सारी चीजों को निगल ले जो कि मानवता के लिए झूठी व अनुपयोगी हैं। शत्रुता और दिखावे जैसी चीजें भी समय द्वारा निगल ली जानी चाहिए। 

3. If Time devours all these useless and false things as these are the worst things in the world, even then there is no loss of humanity but at the same time, there will be no gain to Time.

यदि समय इन सारी अनुपयोगी और झूठी चीजों को निगल ले, क्योंकि ये संसार की सबसे घटिया वस्तुएं हैं तो भी मानवता को कोई हानि नहीं होगी लेकिन इसी समय पर समय को भी कुछ भी प्राप्ति नहीं होगी।

Stanza-2.

For when as each thing bad thou hast entomb’d,
And last of all, thy greedy self consum'd, 
Then long Eternity shall greet our bliss
With an individual kiss; 
And Joy shall overtake us as a flood, 
When every thing that is sincerely good
And perfectly divine,
With Truth, and Peace, and 
Love shall ever shine 

Questions : 

1. According to the poet, when will the greed and Time come to an end?
कवि के अनुसार समय का लालच कब समाप्त होगा? 

2. What will happen when Time has consumed every bad thing?
जब समय सभी बुरी चीजों का भक्षण कर लेगा, तब क्या होगा? 

3. What will happen when the earth is cleared from the influence of time?
जब पृथ्वी समय के प्रभाव से मुक्त हो जाएगी, तब क्या होगा? 
Answers : 
1. According to the poet, the greed of Time will come to an end when Time will consume all the things of the world which are useless and false. Then, nothing will be left in the world for Time to devour.

कवि के अनुसार, समय का लालच तब समाप्त हो जाएगा जब समय संसार की उन सारी चीजों को निगल लेगा जो कि अनुपयोगी और झूठी हैं । तत्पश्चात, समय के लिए निगलने के लिए कुछ भी बाकी नहीं बचेगा। 

2. When Time has consumed every bad thing, there will no longer be the pressure of time passing and each individual person will be greeted from eternity. 

जब समय प्रत्येक बुरी चीज का भक्षण कर लेगा उसके बाद समय के व्यतीत होने का कोई भी दबाव नहीं होगा और प्रत्येक व्यक्ति अमरता को प्राप्त होगा। 

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3. When the earth is cleared from the influence of time, there will be joy, truth, peace and love every where and these elements of the new earth will shine every where. 

जब पृथ्वी समय के प्रभाव से मुक्त हो जाएगी, तो पृथ्वी पर सभी जगह पर खुशी, सत्य, शान्ति और प्रेम होगा और नई पृथ्वी के ये तत्त्व हर स्थान पर चमकते रहेंगे।

Stanza-3 

About the supreme Throne
Of him, whose happy-making sight alone,
When once our heav'nly guided soul shall clime,
Then all this Earthy grossnes quit,
Attir'd with Stars, we shall for ever sit,
Triumphing over Death, and Chance, and thee O Time. 

Questions : 
1. Where will all this happiness lead us?
यह सम्पूर्ण खुशी हमें कहाँ पर लेकर जाएगी? 

2. What is the hope of the poet?
कवि की क्या आशा है? 

3. What will people overcome after that?
उसके बाद लोग किस पर विजय प्राप्त कर लेंगे? 
Answers : 
1. All this happiness will be oriented around God and his 'Supreme Throne'. The sight of all this goodness will bring more joy and happy making moments. 

यह सम्पूर्ण खुशी ईश्वर और उसकी सर्वोच्च सत्ता के चारों ओर प्रेरित होगी। यह सम्पूर्ण अच्छाई और ज्यादा खुशी और खुशियों से भरपूर समय को लेकर आएगी। 

2. The poet's hope is that when the unhappiness is eradicated from the earth, a Heaven like world will descend to the earth. Then people will meet God not death. 

कवि की आशा है कि जब पृथ्वी से दुःख पूरी तरह समाप्त हो जाएगा तो पृथ्वी पर स्वर्ग जैसा संसार उतरकर आ जाएगा। तब लोग ईश्वर से मुलाकात किया करेंगे न कि मृत्यु से। 

3. After that, people will wear the dress of stars and overcome death and chance. Even they will overcome time itself without any worry of it.

इसके पश्चात, लोग तारों भरे वस्त्र धारण करेंगे और मृत्यु और किसी भी प्रकार के भय के अवसर पर विजय प्राप्त कर लेंगे। यहाँ तक कि वे बिना किसी चिन्ता के स्वयं समय पर भी विजय प्राप्त कर लेंगे।

II
On Shakespear. 

Short Answer Type Questions :

Question 1. 
What words have been used by Milton for monuments? 
मिल्टन द्वारा स्मारक के लिए कौन-कौन से शब्दों का प्रयोग किया गया है?
Answer:
The words that have been used for monument are pyramid, piled stones, star-y pointing, sepulchered, tomb.
वे शब्द जो कि स्मारक के लिए प्रयोग किए गये हैं वे हैं-पिरामिड, पत्थरों का ढेर, तारों भरा उच्च स्थान, कब्र और मकबरा।

Question 2. 
How has Shakespeare built his momument? 
शेक्सपीयर ने अपना स्मारक किस प्रकार बनाया है?
Answer:
Shakespeare has built his momument through his literary output. He was so a great writer that even today, he is matchless in the art of play writing. Even no one has touched circumference of heights of his writing skill. That's why even today has a permanent place in the hearts of his readers.

शेक्सपीयर ने अपना स्मारक अपने लेखन की उपलब्धि द्वारा बनाया है। वह इतना महान लेखक था कि आज तक भी वह नाटक लेखन की कला में अद्वितीय है। यहाँ तक किसी भी व्यक्ति ने उसके लेखन कौशल की ऊँचाइयों की परिधि को भी नहीं छुआ है। यही कारण है कि आज भी पाठकों के हृदय में उसका स्थायी स्थान बना हुआ है।

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Question 3. 
Why does Milton call Shakespeare as 'My Shakespear'? 
मिल्टन शेक्सपीयर को 'मेरा शेक्सपीयर' क्यों कहता है?
Answer:
Milton calls Shakepeare as “My Shakespear' because he feels his connection to the dead writer. He believes that whatever he writes will be shaved by those who read the text in coming time and will find an intimacy of Milton with Shakespeare.

मिल्टन शेक्सपीयर को 'मेरा शेक्सपीयर' कहता है क्योंकि वह अपना सम्बन्ध शेक्सपीयर से महसूस करता है। उसका विश्वास है कि वह जो कुछ भी लिखेगा उसे आने वाले समय में लोगों द्वारा विस्तारित किया जाएगा और वे मिल्टन की शेक्सपीयर के साथ निकटता को पायेंगे।

Question 4. 
Why does Milton call Shakespeare ‘Dear son of memory'? 
मिल्टन शेक्सपीयर को 'स्मृति का प्रिय पुत्र' क्यों कहता है?
Answer:
Milton calls Shakespeare so because the leftovers from his vastly important existence are nothing but the offspring of true memory.
मिल्टन शेक्सपीयर को ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि उसके (शेक्सपीयर के) विशाल महत्त्वपूर्ण अस्तित्व द्वारा छोड़ा गया सृजन उसकी सच्ची स्मृति के सिवाय कुछ भी नहीं है।

Question 5. 
What do you mean by hallowed relics?
पवित्र स्मृति चिह्नों से आप क्या समझते हैं?
Answer:
When holy persons pass away, they leave some of things they used in their lifetime like books, walking stick, spectacles, pen, diary etc. The people think that these items may be wanted by the dead person in the life after death so they place these items in his tomb. Thus, these items are considered to be hallowed relics.

जब धर्मात्मा व्यक्ति चले (गुज़र) जाते हैं, तो अपने पीछे कुछ ऐसी चीजें (वस्तुएँ) छोड़ जाते हैं जिनका उन्होंने अपने जीवनकाल में इस्तेमाल किया होता है जैसे-पुस्तकें, सहारा देने वाली छड़ी, चश्में, कलम, डायरी इत्यादि। लोगों को लगता है कि मृत व्यक्ति को भी मृत्योपरांत इन चीज़ों (वस्तुओं) की आवश्यकता होती है अतः वे इन्हें उनके मकबरे में रख देते हैं। अतः, इन वस्तुओं को पवित्र स्मृति चिन्ह निर्धारित किया गया है। 

Long Answer Type Questions :

Question 1. 
Write a summary of the poem ‘On Shakespear. 1630' by John Milton. 
जॉन मिल्टन द्वारा लिखित कविता 'On Shakespear. 1630' का सारांश लिखिए।
Answer:
'On Shakespear. 1630' is a famous poem by John Milton which describes the inappropriateness of any monument to the life of William Shakespeare. In the beginning of the poem, the poet puts a question why Shakespeare should be remembered through a pyramid-like structure built in his memory. 

Milton is of the opinion that physical structures and physical emblems can not draw attention of the people because these structures of appreciation are mortal with the passage of time and not sufficient enough to make the memory of Shakespeare immortal.

Gradually, the poem reaches the conclusion that the memory of Shakespeare has been templed in the hearts of his readers. So those who read and view his work will be the epoch carriers of his fame which will lost for the time yet to come.

'ऑन शेक्सपीयर.1630' जॉन मिल्टन द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध कविता है जो कि विलियम शेक्सपीयर के किसी भी प्रकार के स्मारक की अनुपयोगिता का वर्णन करती है। कविता के प्रारम्भ में कवि प्रश्न पूछता है कि शेक्सपीयर को उनकी स्मृति में बनवाये गये पिरामिड जैसी किसी संरचना से क्यों याद किया जाए। 

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मिल्टन का विचार है कि भौतिक संरचना और भौतिक स्मृति स्थल सामान्य लोगों का ध्यान आकृष्ट नहीं कर सकते हैं क्योंकि प्रशंसा की ये संरचनाएँ समय के साथ-साथ नष्ट होने वाली हैं और शेक्सपीयर की स्मृति को अक्षुण्ण रखने में असमर्थ हैं। धीरे-धीरे कविता अपने निष्कर्ष पर पहुँचती है कि शेक्सपीयर की स्मृति उसके पाठकों के मन्दिर रूपी हृदयों में विराजमान है। इसलिए जो लोग भी उसके कार्यों को पढ़ेंगे अथवा देखेंगे वे उसके यश के युगीन वाहक होंगे जो कि हमेशा आने वाले समय तक अमर रहेगा।

Question 2. 
How does Milton takes inspiration from Shakespeare's writings? 
मिल्टन शेक्सपीयर के लेखन से किस प्रकार प्रेरणा लेता है?
Answer:
Milton expresses his high words for Shakespeare's writing. He considers Shakespeare to be the epitome of virtues. He has put numerous gems in his writing which lead human beings on the path of virtuous life. He is so visionary that no aspect of human emotions could escape from his sight. His literary creation is a monument in itself. 

Physical monuments decay with the passage of time but this monument is constructed in the heart of people so they will remember him with great respect and honour. Milton addresses Shakespeare as dear son of memory' and 'great heir of fame' to express his own feelings as well as the great esteem of common man. When he thinks about Shakespeare, he is highly influenced with him and takes inspiration to lead a life as Shakespeare has led.

मिल्टन शेक्सपीयर के लेखन के लिए अत्यधिक सम्मान प्रदर्शित करता है। वह शेक्सपीयर को गुणों की प्रतिमूर्ति मानता है। उसने अपने लेखन में अनगिनत रत्नों का प्रयोग किया है जो कि मानवीय जीवन को गुणों से युक्त मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं । वह इतना दूरदृष्टि युक्त है कि मानवीय भावनाओं का कोई भी पक्ष उसकी दृष्टि से ओझल नहीं हो पाया है। उसका साहित्यिक सृजन स्वयं में ही एक स्मारक है। 

भौतिकं स्मारक समय के साथ-साथ नष्ट हो जाते हैं लेकिन ऐसा स्मारक मनुष्य के हृदय में निर्मित होता है। अतः वे उसे अत्यन्त सम्मान के साथ याद करेंगे। मिल्टन शेक्सपीयर को स्मृति का प्रिय पुत्र' एवं 'यश का महान उत्तराधिकारी के रूप में अपनी स्वयं की भावनाएं व्यक्त करने तथा सामान्य मनुष्यों का अत्यधिक प्रेम प्रदर्शित करने के लिए सम्बोधित करता है। जब वह शेक्सपीयर के बारे में सोचता है तो वह उससे अत्यधिक प्रभावित होता है और शेक्सपीयर के जीवन जैसा ही जीवन वह स्वयं जीने की प्रेरणा लेता है।

Seen Passages

Stanza-1 

What needs my Shakespear for his honour'd Bones,
The labour of an age in piled Stones, 
Or that his hallow'd reliques should be hid
Under a Star-ypointing Pyramid?
Dear son of memory, great heir of Fame, 
What need'st thou such weak witness of thy name?
Thou in our wonder and astonishment 
Hast built thy self a live-long Monument.

Questions : 
 
1. What does the poet want to convey in the first two lines?
पहली दो पंक्तियों में कवि क्या कहना चाहता है? 

2. Why does the poet call Shakespeare great heir of Fame'?
कवि शेक्सपीयर को 'यश का महान् उत्तराधिकारी' क्यों कहता है? 

3. How has Shakespeare built a 'live long monument'?
शेक्सपीयर ने 'अमर यश के स्मारक' का किस प्रकार निर्माण किया? 
Answers : 
1. In the first two lines, the poet puts a question whether there is any need of material construction to immortalize the memory of Shakespeare. In real, he wants to say that there is not need of such structure. He has immortalized himself through his work. 

प्रथम दो पंक्तियों में कवि प्रश्न करता है कि शेक्सपीयर की स्मृति को अमर रखने के लिये क्या किसी भौतिक संरचना की आवश्यकता है। वास्तव में, वह कहना चाहता है कि इस प्रकार की किसी संरचना की आवश्यकता नहीं है। उसने अपने कार्य से स्वयं को अमर कर लिया है। 

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2. The poet calls Shakespeare a “great heir of Fame” because Shakespeare was a literary giant that he was bestowed Fame without efforts to popularize him. Fame came to him naturally 

कवि शेक्सपीयर को यश का महान् उत्तराधिकारी' कहता है क्योंकि शेक्सपीयर साहित्यिक रूप से इतना समृद्ध था कि उसके पास यश लोकप्रिय बनाने के किसी भी प्रयास के बिना स्वतः ही आ गया। यश उसके पास स्वाभाविक रूप से आया। 

3. Shakespeare has built his live long monument' through his literary creation. His literary creation is so vast, so vivid and so standard that it can never be forgotten for centuries yet to come.

शेक्सपीयर ने अपने साहित्यिक सृजन से यश के स्मारक का निर्माण किया है। उसका साहित्यिक सृजन इतना विशाल, इतना विविधतापूर्ण और उच्च स्तर का है कि वह आने वाली शताब्दियों में भी भूला नहीं जा सकता है।

Stanza-2.

For whilst to th’shame of slow endeavouring art,
Thy easie numbers flow, and that each heart 
Hath from the leaves of thy unvalu'd Book, 
Those Delphic lines with deep impression took,
Then thou our fancy of it self bereaving 
Dost make us Marble with too much conceaving;
And so Sepulcher'd in such pomp dost lie,
That Kings for such a Tomb would wish to die. 

Questions : 

1. What does the poet want to convey through 'Thy easie numbers flow'?
कवि Thy easie numbers flow के माध्यम से क्या विचार व्यक्त करना चाहता है? 

2. Why does the poet mean by 'self bereaving'?
'आत्म विमोह' से कवि का क्या आशय है?

3. What type of tomb would the kings wish to die?
राजा महाराजा किस प्रकार के स्मारक के लिए मृत्यु की इच्छा व्यक्त करेंगे? 
Answers : 
1. Through this line, the poet wants to convey the idea that Shakespeare has a large and rich literary creation which dominate the mind of the readers. 

इस पंक्ति के माध्यम से कवि यह विचार व्यक्त करना चाहता है कि शेक्सपीयर का विशाल एवं समृद्ध साहित्यिक सृजन है जो कि पाठकों के मन मस्तिष्क पर छा जाता है। 

2. By ‘self bereaving', the poet means that when the reader reads the literature of Shakespeare, he forgets about himself. He becomes overwhelmed. He loses his senses and love for himself. Thus, the state of self bereaving begins. 

'आत्म विमोह' से कवि का आशय यह है कि जब पाठक शेक्सपीयर के साहित्य को पढ़ता है तो वह स्वयं को भूल जाता है। वह भाव विभोर हो जाता है। वह स्वयं की संवेदनाओं और स्वयं के प्रति प्रेम को भूल जाता है। इस प्रकार, आत्म विमोह की अवस्था प्रारम्भ होती है। 

3. Shakespeare received a tremendous love and respect during his lifetime. His literary creation has immortalised him. People keep his memory in their heart. This is the reason, there is no need for his physical monument to witness his genius. Such monument is always immortal. So even the kings would wish to die in the manner of Shakespeare 

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शेक्सपीयर ने अपने जीवनकाल में अत्यधिक प्रेम और सम्मान प्राप्त किया। उसके साहित्यिक सृजन ने उसे अमर बना दिया है। लोग उसकी याद अपने हृदयों में रखते हैं।

यही कारण है कि उसकी विद्वत्ता के प्रत्यक्षदर्शी होने के लिए किसी भौतिक स्मारक की आवश्यकता नहीं है । ऐसा स्मारक हमेशा अमर रहता है। इसलिए राजा महाराजा भी शेक्सपीयर की तरह मृत्यु को प्राप्त होना चाहेंगे।

Poems by Milton Summary and Translation in Hindi

I
On Time

About the Poem-

On Time’ is a famous religious poem by Milton in which he invokes time to fly as fast as it can and swallow all the bad things from the world. He should finish everything that is false and useless in the world which will have no loss for human beings so it will not be a very useful for time. In the end every thing comes to end with the passage of time.

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Thereafter the human beings will get eternal bliss from God. This bliss will make the people happy. There will be love, peace, truth and happiness in the world. Then, our soul rises towards Heaven and every trivial thing will be left for ever and then humanity will overcome death and even time itself.

कविता के बारे में-

'On Time' मिल्टन की एक प्रसिद्ध धार्मिक कविता है जिसमें वह समय को आह्वान करता है कि वह जितनी तेजी से उड़ सके उड़ जाए और संसार की सारी बुरी वस्तुओं को निगल ले। वह (समय) हर उस चीज को समाप्त कर दे जो कि ससांर में झूठी और व्यर्थ है जिसकी मनुष्यों को कोई हानि नहीं होगी। इसलिए उसका 'समय' को भी कोई लाभ नहीं मिलेगा।

अंत में समय के साथ-साथ प्रत्येक चीज समाप्त हो जाती है। तत्पश्चात, मनुष्य ईश्वर से अमर खुशियाँ प्राप्त कर लेगा। यह खुशी मनुष्य को पूरी तरह खुश कर देगी। संसार में प्रेम, शान्ति, सत्य और खुशियाँ होंगी। उसके बाद हमारी आत्मा स्वर्ग की ओर प्रस्थान करेगी और हर प्रकार की तुच्छताएं हमेशा के लिए छूट जाएंगी। उसके बाद मानवता मृत्यु और समय तक पर भी विजय प्राप्त कर लेगी।

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद 

Fly envious..................thy gain. (Page 94) 

कठिन शब्दार्थ-envious (एन् विअस्) = full of jealousy, ईर्ष्या से पूर्ण । call on (कॉल ऑन्) = appeal, आग्रह करना। leaden (लेडन्)= dark grey, a heavy metal, गहरा भूरा, एक भारी धातु। stepping hours (स्टेपिंङ आउअ()स)= time of moving ahead, आगे बढ़ने का समय । glut (ग्लट)= more than needed, आवश्यकता से अधिक । womb (वूम्) = uterus, कोख, (यहाँ पर) stomach, पेट। devours (डिवाउअ(र्))= eating rapidly, भक्षण करना। vain (वेन्) = useless, व्यर्थ की वस्तु । mortal (मॉटल)= related to world, सांसारिक। dross (ड्रॉस्) = waste, कूड़ा, घटिया वस्तुएं।

हिन्दी अनुवाद- (कवि ने समय को शक्तिशाली माना है और वह समय से असंतुष्ट होकर उसे सम्बोधित करते हुए कहता है) ईर्ष्यालु समय तुम यहाँ से तेजी से दूर चले जाओ जब तक कि तुम्हारी दौड़ समाप्त न हो जाए। अपने आलस्य से पूर्ण कदमों से जिनकी गति (घड़ी के) पैन्डुलम की तरह अत्यंत सुस्त है, आग्रह करो कि वे अपनी गति तेज करें।

तुम अपने पेट में जितनी चीजें व्याप्त हैं जो व्यर्थ की सांसारिक चीजों से ज्यादा नहीं हैं जैसे झूठ और व्यर्थ की बातें (दिखावा, शत्रुता आदि) उन सबको निगल लो। ये केवल संसार की सबसे घटिया वस्तुएं हैं और इनसे हमारी कोई हानि नहीं है लेकिन इससे तुम्हें भी कोई उपलब्धि नहीं होगी। 

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For when ......... ever shine (Page-94) 

कठिन शब्दार्थ- entomb'd (इन्टूम्ड्) = buried, छिपा दिया, दबा दिया। consum'd (कन्स्यूम्ड्)= to use उपयोग करना। Eternity (इटनटि)= endless, अनन्त, अन्तहीन । bliss (ब्लिस्)= perfect happiness, परम आनंद । overtake (ओव्टेक्) = to go ahead, आगे जाना। divine (डि'वाइन्)= related to God, दिव्य । shine (शाइन्)= light, चमकना।

हिन्दी अनुवाद-(कवि धरती की हर चीज को बुरी बताते हुए समय से कहता है कि तुम तेजी से दौड़ो जिससे कि) जब तुम प्रत्येक बुरी स्थिति को निगल जाओगे तो तत्पश्चात तुम्हारा लालच भी स्वतः ही समाप्त हो जाएगा और उसके बाद अनन्त काल तक (स्वर्ग में भी) परम आनन्द प्राप्त करेंगे।

प्रत्येक व्यक्ति उस अनन्त सुख का अभिनन्दन प्राप्त करेगा। उसके बाद सुख हमारे चारों ओर बहुत तीव्र गति से फैल जाएगा। (लेकिन ऐसा तब होगा) जब हर चीज हमारे चारों ओर बहुत शानदार होगी और दिव्य गुणों से भरपूर होगी। ऐसा व्यक्ति सत्य, शान्ति और प्रेम के साथ हमेशा चमकता रहेगा और ईश्वर का सान्ध्यि प्राप्त करेगा। 

About the..........thee O Time. (Page 95) 

कठिन शब्दार्थ-supreme (सुप्रीम्) = The highest, सर्वोच्च । throne (थ्रोन्) = seat of king, सिंहासन। clime (क्लाइम्)= a region considered with reference to its climate, प्रसन्नता से परिपूर्ण क्षेत्र । grossnes (ग्रोसनेस्) = rude and unpleasant, अशिष्ट । quit (क्विट) = to leave, छोड़ना । attir'd (अटाइअ) = in clothes, वस्त्र धारण किए गए। triumphing (ट्राइअम्फिङ) = to get over, विजय प्राप्त करना। 

हिन्दी अनुवाद-(जब व्यक्ति अच्छे कार्य करेगा तो) वह (व्यक्ति) भगवान का सान्निध्य प्राप्त करेगा और हमेशा-हमेशा के लिए खुशी प्रदान करने वाली (भगवान की) दृष्टि के सम्मुख रहेगा। जब हमारी ईश्वरोन्मुख आत्मा खुशियों से भरे क्षेत्र में पहुँच जाएगी तब हमारी पृथ्वी पर उपलब्ध सारी अशिष्ट और व्यर्थ बातें स्वतः ही समाप्त हो जाएंगी। (जब हम स्वर्ग प्राप्त करेंगे तब) हम तारों से आभूषित वस्त्र धारण करेंगे और हमेशा ईश्वर के सान्निध्य में रहेंगे और हम मृत्यु तथा हर प्रकार के अवतार तथा (समय) तुम्हारे ऊपर भी विजय प्राप्त करेंगे।

II
On Shakespear. 

About the Poem-

On Shakespear. 1630 by John Milton is a sixteen line poem contained within one stanza. The lines are divided into heroic couplets. This poem was penned in 1630 for the preface of Shakespeare's complete work. This makes this poem to be an “Occasional Lyric” as it was written to commemorate a specific event. 

The content of this poem is relatively straight forward if we compare it with Milton's more complex work. No doubt, Milton wrote his poem with the intention so that he might have a wider and more commercial audience. It is so because Milton puts a universal idea that all the great personalities in the world are known by their creation not by the monuments or tombs built with precious stones. People remember them for their matchless work and try to seek inspiration from the creation.

कविता के बारे में-

"ऑन शेक्सपीयर.1630" एक छन्द में बद्ध की हुई सोलह लाइन की कविता है। पंक्तियों को दोहों में बाँटा गया है। इस कविता को 1630 में शेक्सपीयर के सम्पूर्ण कार्य को प्रस्तावना के रूप में लिखा गया था। इससे यह कविता "एक विशेष समय के लिए लिखे गये गीत" का रूप धारण कर लेती है क्योंकि इसे एक विशेष घटना के आयोजन के सम्बन्ध में लिखा गया। इस कविता की विषय वस्तु अत्यन्त स्पष्ट है यदि हम इसकी तुलना मिल्टन की अन्य जटिल कविताओं से करें। 

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निःसन्देह, मिल्टन ने इस कविता को इस उद्देश्य के साथ लिखा ताकि उसे पाठकों की विविध और साधन सम्पन्न श्रेणी प्राप्त हो सके। ऐसा इसलिए क्योंकि मिल्टन ने सार्वभौमिक विचार प्रस्तुत किया है कि संसार के महान व्यक्तित्व अपने सृजन से जाने जाते हैं न कि स्मारक अथवा मकबरों से जो कि कीमती पत्थरों से बनाये जाते हैं। लोग उनके अद्वितीय कार्य को याद रखते हैं और उस सृजन में से प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद 

What needs .............. Monument. (Page-95)

कठिन शब्दार्थ-bones (बोन्(स्)) = hard part inside body covered with muscle, skin, अस्थियाँ । piled (पाइल्ड्) = heaped, ढेर। hallow'd (हैलोड्) = pious, पवित्र | reliques (रैलिक्स) = a container to keep relics of holy person, पवित्र व्यक्तियों के अवशेष रखने का पात्र ।

pyramid (पिरमिड्) = a shape with flat base with sides triangles, पिरामिड, समतल धरातल और त्रिभुजाकार साइड वाली आकृति । heir (एअ(र्)) = inheriter, उत्तराधिकारी। witness (विट्नस्) = person who sees something happen, प्रत्यक्षदर्शी। astonishment (अ'स्टानिशमन्ट) = very great surprise, आश्चर्यजनक। monument (मॉन्युमन्ट) = historical building, स्मारक।

हिन्दी अनुवाद-(कवि पाठकों से प्रश्न पूछता है कि) मेरे शेक्सपीयर के सम्मानित अवशेषों को वर्षों तक कठिन परिश्रम के द्वारा तैयार किये गये पत्थरों के ढेर (स्मृतिभवन) में रखने की क्या आवश्यकता है? अथवा उनके पवित्र अवशेषों को गगनचुम्बी पिरामिड के नीचे छुपाने की क्या आवश्यकता है?

(शेक्सपीयर इतना महान व्यक्तित्व था कि उसे किसी भी प्रकार के स्मारक की आवश्यकता नहीं है।) कवि (शेक्सपीयर को सम्बोधित करते हुए) कहता है कि हे स्मृति के पुत्र (क्योंकि तुम्हारा साहित्यिक कार्य लोगों की स्मृति में सुरक्षित है) और यश के उत्तराधिकारी तुम्हें इतने कमजोर (पत्थर के स्मारक) प्रत्यक्षदर्शियों की (अपनी प्रसिद्धि को बनाये रखने के लिए) क्या आवश्यकता है जबकि तुमने हमारे आश्चर्य और प्रशंसा के लिए (अपने साहित्यिक कार्य द्वारा) पहले ही विशाल स्मारक बना दिया है। 

For whilst....................wish to die. (Pages 95-96) 

कठिन शब्दार्थ- whilst (वाएस्ट्) = during, के दौरान । endeavouring (इन्डेव(रि)ङ्) = to try hard to do new things, कुछ नया करने के लिए कठिन प्रयास । delphic (डैल्फिक्) = obscene, (समझने में) अस्पष्ट । impression (इम्प्रेशन्) = an idea or feeling or opinion, कोई विचारधारा, भावना अथवा सम्मति।

bereaving (बिरीविङ्) = loss of some near and dear one, किसी प्रिय की मृत्यु, शोक संतप्त। marble (माब्ल) = a hard attractive stone, एक कठोर पत्थर (यहाँ पर-मानसिक स्तर)। conceaving (कन्सीविङ्) = to form an idea, कोई विचार बनाना । sepulcher'd (सेपल्क(र)ड) = a chamber to put dead body, समाधि, कब्र । pomp (पॉम्प) = show, दिखावा।

हिन्दी अनुवाद- कवि कहता है कि जिस समय साहित्य द्वारा यश प्राप्त करना अत्यन्त कठिन था (यश प्राप्त करने की गति अत्यन्त धीमी थी) उस समय भी शेक्सपीयर ने अत्यन्त तेजी से यश प्राप्त किया और तुम्हारी अनमोल पुस्तकों ने प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में अपना स्थान बना लिया और तुम्हारी अद्वितीय रचनाओं ने मनुष्य के हृदय पर एक अमिट छाप छोड़ी।

RBSE Solutions for Class 12 English Kaleidoscope Poem 2 Poems by Milton

तत्पश्चात् तुम्हारी पुस्तकों को पढ़कर पुस्तक पढ़ने वाले आत्म-विमोह की अवस्था में पहुँच गये और तुम्हारे बारे में अत्यधिक कल्पना करने के कारण वे (पुस्तक पढ़ने वाले) स्वयं भी एक शानदार स्मारक (की तरह) बन गये हैं। और इन जीवित लोगों के हृदय में आप (सजीव रूप में) इस तरह विराजमान हैं कि राजा महाराजा (तक) भी आपकी तरह मृत्यु को प्राप्त होने की इच्छा व्यक्त करेंगे।

 

Bhagya
Last Updated on July 21, 2022, 12:33 p.m.
Published July 21, 2022