Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 15 बहुलक Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
बहुलक क्या होते हैं?
उत्तर:
प्रश्न 2.
संरचना के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण कैसे किया जाता है?
उत्तर:
संरचना के आधार पर बहुलक तीन प्रकार के होते हैं।
(1) रैखिक बहुलक (Linear Polymers): इन बहुलकों में लम्बी और रेखीय शृंखलाएँ होती हैं। उच्च घनत्व पॉलिथीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड आदि इसके उदाहरण हैं। इन्हें निम्नानुसार निरूपित करते हैं।
(2) शाखित श्रृंखला बहुलक (Branched Chain Polymers): इन बहुलकों में रेखीय शृंखलाओं में कुछ शाखाएँ होती हैं। उदाहरण-निम्न घनत्व पॉलिथीन। इन्हें निम्नांकित प्रकार से चित्रित करते हैं।
(3) तिर्यक बन्धित अथवा जालक्रम बहुलक (Cross Linked or Network Polymers): यह साधारणत: द्विक्रियात्मक और त्रिक्रियात्मक समूहों वाले एकलकों से बनते हैं तथा विभिन्न रेखीय बहुलक श्रृंखलाओं के बीच प्रबल सहसंयोजक बन्ध होते हैं। उदाहरणार्थ: बैकलाइट,
मेलैमीन आदि। इन बहुलकों को व्यवस्थात्मक रूप में निम्नलिखित प्रकार से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित बहुलकों को बनाने वाले एकलकों के नाम लिखिए।
(iii) -[CF2 - CF2]-n
उत्तर:
(i) हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन [H2N - (CH2)6 - NH2]
तथा ऐडिपिक अम्ल [HOOC- (CH2)4 - COOH]
(ii) कैप्रोलैक्टम
(iii) टेट्राफ्लुओरोएचीन (F2C = CF2)।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित को योगज और संघनन बहुलकों में वर्गीकृत कीजिए
टेरिलीन, बेकेलाइट, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, पॉलिथीन।
उत्तर:
प्रश्न 5.
ब्यूना-N और ब्यूना-5 के मध्य अन्तर समझाइए।
उत्तर:
ब्यूना-N, 1, 3-ब्यूटाडाइईन और ऐक्रिलोनाइदाइल का सहबहुलक (copolymer) है, जबकि ब्यूना-S, 1, 3-ब्यूटाडाइईन और स्टाइरीन का सहबहुलक है।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित बहुलकों को उनके अन्तराण्विक बलों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए
1. नायलॉन-6, 6, ब्यूना-5, पॉलिथीन
2. नायलॉन-6, निओप्रीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड।
उत्तर:
दिए गए बहुलकों को उनके अन्तराण्विक बलों के बढ़ते क्रम में निम्नवत् व्यवस्थित किया जा सकता है।
प्रश्न 7.
[CH2 CH(C6H5)]n एक समबहुलक हैया सहबहुलक।
उत्तर:
यह एक समबहुलक है और जिससे यह प्राप्त होता है वह एकलक स्टाइरीन है।
प्रश्न 1.
बहुलक एवं एकलक पदों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
बहुलक एक उच्च द्रव्यमान वाले वृहद् अणु हैं, जिनमें एकलक संरचना इकाइयों की पुनरावृत्ति होती है। एकलक एक सामान्य अणु होता है जो बहुलकीकरण के अन्तर्गत बहुलक बनाते हैं।
प्रश्न 2.
प्राकृतिक एवं संश्लिष्ट बहुलक क्या है? प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक बहुलक एक उच्च द्रव्यमान के वृहद् अणु हैं जो जीव-जन्तुओं और पेड़-पौधों में पाये जाते हैं। जैसे-प्रोटीन एवं न्यूक्लीक अम्ला संश्लिष्ट बहुलक मानव द्वारा निर्मित उच्च द्रव्यमान वाले बृहद् अणु हैं। जैसे-प्लास्टिक, पॉलिथीन, टेरिलीन।
प्रश्न 3.
समबहुलक और सहबहुलक पदों में विभेद कर प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे बहुलक जिनकी पुनरावृत्त इकाइयाँ केवल एक प्रकार की एकलक इकाइयों से व्युत्पन्न होती हैं, समबहुलक कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में, एक ही प्रकार की एकलक स्पीशीज के बहुलकन से बनने वाले योगज बहुलकों को समबहुलक (homopolymers) कहा जाता है। उदाहरणार्थ: पॉलिथीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, टेफ्लॉन, पॉलिस्टाइरीन, नायलॉन-6 आदि। वे बहुलक जिनको पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ दो या दो से अधिक प्रकार की एकलक इकाइयों से व्युत्पन्न होती हैं, सहबहुलक (copolymers) कहलाते हैं। उदाहरणार्थ: ब्यूना-S, ब्यूना-N, नायलॉन-6, 6, पॉलिएस्टर, बैकलाइट आदि।
प्रश्न 4.
एकलक की प्रकार्यात्मकता को आप किस प्रकार समझाएंगे?
उत्तर:
एकलक की प्रकार्यात्मकता एक अणु मैं आबन्धी स्थितियों की संख्या होती है। उदाहरणार्थ: एथीन, प्रोपीन, स्टाइरीन की प्रकार्यात्मकता एक है तथा 1, 3-ब्यूटाडाइईन, ऐडिपिक अम्ल आदि की प्रकार्यात्मक दो होती है।
प्रश्न 5.
बहुलकन पद को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
एक अथवा अधिक एकलकों की सहसंयोजक बन्धों द्वारा पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयों के एक साथ शृंखलित होने से बनने वाले उच्च आण्विक द्रव्यमान वाले बहुलक बनने की प्रक्रिया बहुलकन (Polymerisation) कहलाती है।
प्रश्न 6.
- (NH - CHR - CO)n- एक समबहुलक है या सहबहुलका
उत्तर:
यह एक प्रकार का समबहुलक है, क्योंकि पुनरावृत्त इकाई में केवल एक प्रकार का एकलक (NH2 - CHR - COOH) है।
प्रश्न 7.
आण्विक बलों के आधार पर बहुलक किन संवर्गों में वर्गीकृत किये जाते हैं?
उत्तर:
आण्विक बलों के आधार पर बहुलक निम्न प्रकार वर्गीकृत किये जा सकते हैं।
प्रश्न 8.
संकलन और संघनन बहुलकन के मध्य आप किस प्रकार विभेद करेंगे?
उत्तर:
संकलन बहुलकन
संघनन बहुलकन
प्रश्न 9.
सहबहुलकन पद की व्याख्या कीजिए और दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सहबहुलकन (Copolymerisation): सहबहुलकन एक बहुलकन अभिक्रिया है जिसमें एक से अधिक प्रकार की एकलक स्पीशीज के मिश्रण का बहुलकन एक सहबहुलक बनाने के लिए किया जाता है। सहबहुलक को न केवल श्रृंखला बृद्धि बहुलकन से बनाया जा सकता है, अपितु पदशः वृद्धि बहुलकन से भी बनाया जा सकता है। अतः सहबहुलक में एक ही बहुलकन शृंखला में प्रत्येक एकलक को अनेक इकाइयाँ होती हैं।
उदाहरणार्थ: ब्यूना-S, 1, 3-ब्यूटाडाइईन तथा स्टाइरीन का सहबहुलक है, जबकि ब्यूना-N, 1, 3-ब्यूटाडाइईन तथा ऐकिलोनाइट्राइल का सहबहुलक
प्रश्न 10.
एथीन के बहुलकन के लिए मुक्त मूलक क्रियाविधि लिखिए।
उत्तर:
एथीन के बहुलकन के लिए मुक्त मूलक क्रियाविधि-इसमें निम्न पद होते हैं।
(i) श्रृंखला प्रारम्भक पद-इस पद में मुक्त मूलक का निर्माण होता।
(ii) शृंखला संचरण पद-इस पद में एक और बड़ा मुक्त मूलक बनता है।
(iii) श्रृंखला समापन पद-दीर्घ श्रृंखला के समापन के लिए ये मुक्त मूलक विभिन्न प्रकार से संयोजित होकर पॉलिथीन बनाते हैं।
प्रश्न 11.
ताप-सुघट्य और तापदृढ़ बहुलकों को प्रत्येक के दो उदाहरण के साथ परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ताप-सुषय बहुलक (Thermoplastic Polymers): ये रेखीय या अल्पशाखित दीर्घ श्रृंखला अणु होते हैं। इन्हें बार-बार तापन मृदुलित और शीतलन द्वारा कठोर बनाया जा सकता है। इन बहुलकों के अन्तराआण्विक आकर्षण बल प्रत्यास्थ बहुलकों और रेशों के मध्यवर्ती होते हैं। पॉलिथीन, पॉलिस्टाइरीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड आदि कुछ सामान्य ताप सुघट्य हैं।
ताप दृढ़ बहुलक (Thermosetting Polymers): यह बहुलक तिर्यकबद्ध अथवा अत्यधिक शाखित अणु होते हैं जो साँचों में तापन से रूप से तिर्यक बन्ध हो जाते हैं और दोबारा दुर्गलनीय बन जात हैं। इनका दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता। कुछ सामान्य उदाहरण-बैकलाइट, यूरिया-फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन आदि हैं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित बहुलकों को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलक लिखिए।
1. पॉलिवाइनिल क्लोराइड,
2. टेफ्लॉन,
3. बँकेलाइट।
उत्तर:
प्रश्न 13.
मुक्त मूलक योगज बहुलकन में प्रयुक्त एक सामान्य प्रारम्भक का नाम और संरचना लिखिए।
उत्तर:
बेन्जॉयल परॉक्साइड
प्रश्न 14.
रबर अणुओं में द्विवन्धों की उपस्थिति किस प्रकार उनकी संरचना और क्रियाशीलता को प्रभावित करती है?
उत्तर:
संरचना की दृष्टि से प्राकृतिक रबर एक रेखीय सिस संरचना वाली पॉलिआइसोप्रौन है। इस बहुलक में आइसोप्रीन इकाइयों के C2 और C3 के मध्य द्विबन्ध उपस्थित होते हैं। द्विबन्ध का सिस अभिविन्यास दुर्बल अन्तराअणुक बलों द्वारा प्रभावी आकर्षण के लिए श्रृंखलाओं को समीप नहीं आने देता। अतः प्राकृतिक रबर की कुण्डलित संरचना होती है और यह प्रत्यास्थता प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 15.
रबर के वल्कनीकरण के मुख्य उद्देश्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
रबर का वल्कनीकरण (Vuleanisation of Rubber): प्राकृतिक रबड़ में बहुलकीकृत श्रृंखलाएँ कुण्डलित रूप में रहती हैं। लैटेक्स से प्राप्त प्राकृतिक रबर में तनन सामर्थ्य, यान्त्रिक सामर्थ्य तथा प्रत्यास्थता आदि कम होते हैं। यान्त्रिक सामर्थ्य तथा प्रत्यास्थता प्रदान करने के लिए रवर का वल्कनीकरण किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्राकृतिक रबर को सल्फर, हाइड्रोजन सल्फाइड अथवा बेन्जॉइल क्लोराइड के साथ 100 - 140°C तक गर्म करते हैं। सल्फर क्रिया कर तिर्यक बन्धों का निर्माण करती है जिससे रबड की यान्त्रिक सामर्थ्य बढ़ती है। इस प्रकार प्राप्त रबर वल्कनीकृत रबर (vulcanized rubber) कहलाती है। वल्कनीकृत रबर में कड़ेपन (stifiness) की मात्रा, मिलाए गए सल्फर की मात्रा पर निर्भर करती है। टायर रबड़ में 3 से 5% सल्फर होती है जबकि बैटरी के केस में 30% सल्फर होती है।
प्रश्न 16.
नायलॉन-6 और नायलॉन-6, 6 में पुनरावृत्त इकाइयाँ क्या हैं?
उत्तर:
नायलॉन-6: इसकी पुनरावृत्त इकाई [NH - (CH2)5 - CO] है जिसे कैप्रोलैक्टम से व्युत्पित किया जाता है।
नायलॉन-6: 6-इसकी पुनरावृत्त इकाई दो एकलकों हेक्सामेथिलीन डाइऐमीन तथा ऐडिपिक अम्ल से व्युत्पित होती है। इसकी संरचना निम्न प्रकार है
-[NH2 - (CH2)6 - NH - CO - (CH2)4 - CO]-
प्रश्न 17.
निम्नलिखित बहुलकों के एकलकों के नाम और संरचना लिखिए।
1. ब्यूना-S,
2. ब्यूना-N,
3. डेक्रॉन,
4. निओप्रीन।
उत्तर:
बहुलक |
एकलकों के नाम |
एकलकों की संरचनाएँ |
1. ब्यूना-S |
1,3-ब्यूटाइडाइईन, स्टाइरीन |
|
2. ब्यूना-N |
1,3-ब्यूटाडाइईन, ऐक्रिलोनाइट्राइल |
|
3. निओप्रीन |
क्लोरोप्रीन |
|
4. डेक्रॉन |
एथिलीनग्लाइकॉल |
प्रश्न 18.
निम्नलिखित बहुलक संरचनाओं के एकलक की पहचान कीजिए।
उत्तर:
बहुलक बनाने वाले एकलक निम्नलिखित हैं।
(i) डेकेन-1, 10-डाइओइक अम्ल [HOOC(CH2)8COOH] और हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन [H2N(CH2)6NH2]
प्रश्न 19.
एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेपथैलिक अम्ल से डेक्रॉन किस प्रकार प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
डेक्रॉन को एथिलीन ग्लाइकॉल और टैरेपथैलिक अम्ल के संघनन बहुलकन से जल अणुओं के विलोपन के साथ प्राप्त किया जाता है। अभिक्रिया, को 420 - 460 K पर जिंक ऐसीटेट तथा ऐण्टिमनी ट्राइऑक्साइड के मिश्रण से बने उत्प्रेरक की उपस्थिति में कराया जाता है।
प्रश्न 20.
जैव-निम्नीकरणीय बहुलक क्या हैं? एक जैवनिम्नीय ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे बहुलक जो एक समय बाद जीवाचिक निम्नीकरण के कारण स्वयं ही विघटित हो जाते हैं, जैव-निम्नीकरणीय बहुलक (biodegradable polymers) कहलाते हैं।
उदाहरण - पॉलि - हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट-को-B-हाइड्रॉक्सीवैलेरेट (PHBV): यह 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनोइक अम्ल और 3-हाइड्रॉक्सी पेन्टेनोइक अम्ल के सहबहुलकन से प्राप्त होता है। PHBV का उपयोग विशिष्ट पैकेजिंग, अस्थियों में प्रयुक्त युक्तियों और औषों के नियन्त्रित मोचन में भी होता है। पर्यावरण में PHBV का जीवाण्विक निम्नीकरण हो जाता है।