Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 19 वैयक्तिक दायित्व और अधिकार Textbook Exercise Questions and Answers.
प्रश्न 1.
अपने
(क) परिवार
(ख) पड़ौस या समुदाय और
(ग) समाज के सदस्य के रूप में किन्हीं पाँच दायित्वों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
(क) अपने परिवार के प्रति दायित्व
(ख) पड़ौस या समुदाय के प्रति दायित्व
(ग) समाज के प्रति दायित्व
प्रश्न 2.
अधिकारों और दायित्वों के बीच संबंध की स्पष्ट रूप से जानकारी दीजिए।
उत्तर:
अधिकारों और दायित्वों के बीच संबंध
अधिकारों और दायित्वों के बीच सम्बन्ध में निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है
1. अधिकारों और दायित्वों के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है:
अधिकार और दायित्व एक दूसरे के उप सिद्धान्त हैं। महात्मा गाँधी ने लिखा है कि कर्त्तव्य को अच्छी तरह निभाने से सभी अधिकार मिलते और संरक्षित होते हैं। स्वतंत्र रूप से उपयोग में लाए जाने वाले सभी अधिकार इस बात पर निर्भर करते हैं कि लोग उनको पहचानें और उन्हें लागू करने में मदद करें। लोगों द्वारा अधिकारों को पहचानना और उन्हें लागू करने में मदद करने में उनके कर्तव्यों का समावेश हो जाता है। इस प्रकार हमारे अधिकारों की सुरक्षा तभी हो सकती है जब उन अधिकारों से जुड़े अपने कर्तव्यों का भी हम पालन करें।
2. हर अधिकार एक संगत कर्त्तव्य को जन्म देता है:
मेरे प्रत्येक अधिकार में मेरा एक संगत कर्त्तव्य भी जुड़ा होता है। यदि मेरा अधिकार है कि मैं शिक्षा प्राप्त करूं तो इसके साथ मेरा यह कर्त्तव्य भी जुड़ा हुआ है कि मैं दूसरे लोगों के शिक्षा प्राप्त करने के मार्ग में बाधक न बनूँ।
3. मेरे प्रत्येक अधिकार के साथ मेरा दायित्व भी जुड़ा होता है:
यदि कोई व्यक्ति अपनी जरूरतों, हितों, सुरक्षा, अनुभूतियों इच्छाओं का महत्व समझता है और वह अपेक्षा करता है कि उसके जीवन में सदैव उनका संरक्षण हो तो दूसरों के लिए भी उससे यही करने की अपेक्षा की जाती है। इस प्रकार मेरे प्रत्येक अधिकार में यह कर्तव्य जुड़ा हुआ है कि मैं दूसरों के भी उस अधिकार का संरक्षण करूँ।
4. अधिकार मानवीय जरूरतों के परिणाम हैं तो दायित्व उन अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास है:
जहाँ सामान्य रूप से अधिकार और विशेष रूप से मानव अधिकार, कुछ अनिवार्य मूलभूत मानवीय जरूरतों के परिणाम हैं तो दायित्व स्वयं के और अन्य लोगों के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक व्यक्ति द्वारा * निष्ठापूर्वक और समर्पित रूप से किये गए प्रयास हैं। व्यक्ति अपने दायित्वों को उचित रूप से पूरा करके ही एक मनुष्य के रूप में अपने अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।
5. अधिकार और दायित्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं:
अधिकार और दायित्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, इन्हें एक दूसरे से अलग-अलग नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिए एक किशोर का यह अधिकार है कि वह शिक्षा प्राप्त करे, वहीं उस पर स्वयं को शिक्षित करने तथा अपने मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने का दायित्व होता है जिससे उसके और उसके परिवार के जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है और किशोर अपने तथा अपने परिवार के प्रति दायित्वों को पूरा करता है।
यद्यपि अपने अधिकारों का दावा करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है, लेकिन इस प्रक्रिया में मेरा यह दायित्व भी है कि मैं दूसरों के किसी अधिकार का हनन न करूँ। उदाहरण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को शादी-विवाह या त्यौहार पर संगीत बजाने का अधिकार है। लेकिन यदि बैंड बाजे से होने वाले तेज संगीत से देर रात तक आस-पड़ोस के लोगों को परेशानी होती है तो यह उस समय शोर मुक्त परिवेश में सोने के उनके अधिकार का हनन है। इससे अधिकारों का टकराव होगा। इसका समाधान यही है कि मैं अपने अधिकार में निहित इस कर्त्तव्य का भी पालन करूँ कि मेरे अधिकार के प्रयोग से उसके अधिकार का हनन न हो।
6. दूसरे व्यक्ति के अधिकारों का हनन होते देख हस्तक्षेप करने का कर्तव्य निहित है:
दायित्व का एक अन्य महत्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि दूसरे व्यक्ति के अधिकारों का हनन होता देखकर प्रश्न उठाना या हस्तक्षेप करना। उदाहरण के लिए यदि मैं देखता हूँ कि सड़क पर जा रही एक लड़की को कुछ लड़के परेशान कर रहे हैं और वह उनका विरोध करने की कोशिश कर रही है, तो इस स्थिति में मेरा यह कर्तव्य है कि मैं हस्तक्षेप करूँ।