Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English Woven Words Short Stories Chapter 8 The Luncheon Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 11 English are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 11 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Our team has come up with Tenses Class 11 to ensure that students have basic grammatical knowledge.
Understanding the Text :
Question 1.
Although the author was not a vindictive man he was very happy to see the twenty one stone lady who had impoverished him twenty years ago, and says he had finally had his revenge. What makes him say this?
यद्यपि लेखक बदला लेने वाला व्यक्ति नहीं था लेकिन वह बीस वर्ष पहले जिस महिला ने उसे गरीबी में धकेल दिया था उसका इक्कीस स्टोन वजन देखकर बहुत प्रसन्न हुआ और कहता है कि उसे अन्त में उसका बदला मिल गया। वह ऐसा क्यों कहता है?
Answer:
The story 'The Luncheon' is replete with incidents, humour and irony. The narrator explains how he was tactfully befooled by a lady twenty years ago who suggested to meet a high grade Foyot's restaurant. He was in a poor condition at that time so it was an ironical situation for him to go such an expensive restaurant with an unknown lady. At the restaurant, the lady started placing order after order for highly expensive items. The author was unable to reveal his actual position. Though he was not vindictive yet when he came to know about her twenty one stone weight, he felt that he had been paid for all that he suffered at the restaurant.
'The Luncheon' कहानी घटनाओं, हास्य और विडम्बना से परिपूर्ण है। लेखक बताता है कि किस प्रकार चतुराई से बीस वर्ष पहले एक महिला द्वारा उसे बेवकूफ बनाया गया जिसने उच्च स्तर के फोयट्स रेस्टोरेन्ट में मिलने का सुझाव दिया था वह उस समय निर्धन स्थिति में था इसलिए उसके लिए एक अनजान महिला के साथ इतने महँगे रेस्टोरेन्ट में जाना विडम्बनायुक्त स्थिति थी। रेस्टोरेन्ट में, महिला ने एक के बाद एक महँगे व्यंजनों का आदेश देना प्रारम्भ कर दिया। लेखक अपनी वास्तविक स्थिति बताने में असमर्थ था। यद्यपि वह बदला लेने वाला व्यक्ति नहीं था लेकिन फिर भी जब उसे उसके इक्कीस स्टोन वजन के बारे में पता चला तो उसने महसूस किया कि उसने रेस्टोरेन्ट में जो कुछ भी कष्ट सहन किया था उसका उसे भुगतान मिल गया था।
Question 2.
There are quite a few places where the author uses the expressions "my heart sank', 'panic seized' etc. What was the reason for this?
अनेकों स्थान ऐसे हैं जहाँ पर लेखक ने "मेरा हृदय बैठ गया", "मुझे भय ने जकड़ लिया" इत्यादि वाक्यों का प्रयोग किया है। इसका क्या कारण था? ।
Answer:
The author did not have much money to spend lavishly. That's why when the lady ordered for caviare, he used the expression “my heart sank’ to convey his inability to afford such an expansive item. When the lady ordered for asparagus, he uttered 'panic seized when he felt embarrassed. The expressions very beautifully illustrate the state of mind of the author.
लेखक के पास खुले हाथों खर्च करने लायक पर्याप्त धन नहीं था। यही कारण था कि जब लेडी ने मछली के अण्डों के अचार का आदेश दिया तो उसने "मेरा हृदय बैठ गया" वाक्य का प्रयोग किया जो कि इतने महँगे व्यंजन का खर्च उठाने में उसकी असमर्थता को दिखाता है। जब महिला ने अस्पैरग्स का आदेश दिया तो उसने "मुझे भय ने जकड़ लिया" वाक्य प्रयोग अपनी निराशा दिखाने के लिए किया। ये वाक्य बहुत शानदार तरीके से लेखक की मानसिक दशा का वर्णन करते हैं।
Question 3.
Locate instances of irony in the story.
कहानी में उन स्थानों को चिह्नित कीजिए जहाँ विडम्बनायुक्त भाषा का प्रयोग हुआ हो।
Answer:
No doubt, the entire story is built on the structure of irony. In the beginning of the story, when the author visits the Foyot's Restaurant but when he discovers the price list he is quite shocked ironically. His lady admirer tells him that she takes nothing at luncheon but ironic situation arises when she gives orders one after another. When the writer orders mutton chop for himself, she advises him not to have so a heavy lunch. And the irony reaches its climax when she advises the author to follow her example and eat only one thing at a time.
निःसन्देह, पूरी कहानी ही विडम्बनायुक्त आधार पर बनाई गई है। कहानी के प्रारम्भ में जब लेखक फोयट्स रेस्टोरेन्ट में जाता है लेकिन जब उसे मूल्य-सूची का पता चलता है तो वह विडम्बनापूर्ण तरीके से परेशान हो जाता है। उसकी महिला प्रशंसक उसे बताती है कि वह दोपहर के भोजन में कुछ भी नहीं खाती है लेकिन विडम्बनायुक्त स्थिति तब उत्पन्न होती है जब वह एक के बाद एक व्यंजनों का आदेश देती है। जब लेखक अपने लिए मटन के टुकड़े लाने का आदेश देता है तो वह लेखक को इतना भारी दोपहर का भोजन न लेने की सलाह देती है। और विडम्बना अपने सर्वोच्च शिखर पर तब पहुँचती है जब वह लेखक को अपने उदाहरण का पालन करने और एक समय में केवल एक ही वस्तु खाने की सलाह देती है।
Talking About the Text :
Question 1.
People with foibles are often not conscious of them.
लोगों को प्रायः अपनी कमजोरियों का ज्ञान नहीं होता है।
Answer:
The story presents the foibles of both the main characters. It is writer's weakness that he invites a lady admirer whom he does not know to luncheon at an expensive restaurant. He does so even at the cost of his pocket while the lady is completely unknown to him.
On the contrary, the lady is shrewed who knows how to befool a young writer by praising him. Once, when he is entraped, she orders the most expansive dishes one by one because of his habit of over eating if anyhow, one is ready to pay the bill.
कहानी दोनों ही. मुख्य पात्रों की कमजोरियों को प्रस्तुत करती है। यह लेखक की कमजोरी है कि वह महिला प्रशंसक को महंगे रेस्टोरेन्ट में दोपहर के भोजन के लिए आमन्त्रित करता है जिसे वह जानता भी नहीं है। ऐसा वह अपनी जेब की कीमत पर करता है जबकि महिला उसके लिए पूरी तरह से अन्जान है। इसके विपरीत, वह महिला धूर्त है जो यह जानती है कि एक युवा लेखक को उसकी प्रशंसा करके किस प्रकार मूर्ख बनाया जा सकता है। एक बार, जब वह महिला के जाल में फँस जाता है तो वह एक के बाद एक सबसे महंगे व्यंजनों का आदेश देती है क्योंकि उसकी बहुत अधिक खाने की आदत है यदि कोई बिल का भुगतान करने को तैयार हो जाए।
Question 2.
The author's attempts at keeping up his pretence of friendliness while he was mentally preoccupied with the expense of the luncheon.
लेखक का मित्रता बनाये रखने का प्रयास करना जबकि वह मानसिक रूप से दोपहर के भोजन के खर्च के बारे में अत्यधिक चिन्तित था।
Answer:
When the writer invited his female admirer, he was carefree because he had sufficient money to pay the bill and other expenses of the month but when the lady demanded one by one costly dishes, he was mentally preoccupied with the expanse of the luncheon. First, he feels how he will arrange the expanses for the entire month but later on he thinks how he will pay the bill if it exceeds the money he has in his pocket. But even though, he maintains the decorum of being a host and shows that he has no care about the bill. Thus, inspite of being preoccupied for the bill, he attempts to help his pretence of friendliness.
जब लेखक ने अपनी महिला प्रशंसक को आमन्त्रित किया तब वह पूरी तरह से निश्चिन्त था क्योंकि उसके पास बिल का भुगतान करने के लिए और महीने भर का खर्च चलाने के लिए पर्याप्त धनराशि थी लेकिन जब महिला ने एक के बाद महँगे व्यंजनों का ऑर्डर दिया तब वह दोपहर के भोज के खर्च के प्रति मानसिक रूप से चिन्तित हो गया।
सर्वप्रथम, वह महसूस करता है कि वह महीने भर का खर्च कैसे चलाएगा लेकिन बाद में वह सोचता है कि वह बिल का भुगतान कैसे करेगा यदि यह उसकी जेब में उपलब्ध धन से अधिक हो जाता है। लेकिन फिर भी वह मेजबान होने की शिष्टता को बनाये रखता है और ऐसा प्रदर्शित करता है कि उसे बिल के भुगतान की कोई चिन्ता नहीं है। इस प्रकार, बिल के लिए चिन्तित होने के बावजूद वह मित्रता का बहाना बनाये रखने का प्रयास करता है।
Appreciation :
Question 1.
The author is a humorist.
(a) How does the story reflect his sense of humour?
(b) What makes his lady friend remark -"you are quite a humorist'?
(c) Give instances of the author's ability to laugh at himself.
लेखक विनोदप्रिय व्यक्ति है।
(a) कहानी किस प्रकार उसकी विनोदप्रियता को प्रदर्शित करती है?
(b) उसकी महिला मित्र ऐसा क्यों कहती है - 'तुम अत्यन्त विनोदप्रिय हो'?
(c) लेखक की अपने ऊपर हँसने की योग्यता के उदाहरण दीजिए।
Answer:
(a) Humour evokes laughter. In The Luncheon, we find humour from beginning to end. First, the author accepts a proposal from a lady to have a luncheon in an expensive restaurant which is beyond his budget but out of flattery, he could not deny. Humour arises when he sees lady who was elderly and uncharming just opposite to his expectation. Then lady demands one after another costly dishes and the writer begins to think about only how to pay the bill. The lady's statement, “I eat only one thing at a time” produces humour and finally when she advises to follow her example.
हास्य हमें हँसाता है। The Luncheon कहानी में हमें हास्य प्रारम्भ से अन्त तक दिखाई देता है। सर्वप्रथम, लेखक को एक महिला से एक महँगे रेस्टोरेन्ट में दोपहर का भोजन साथ-साथ करने का प्रस्ताव मिलता है जो कि उसके बजट से बाहर लेकिन चापलूसी के कारण वह इन्कार नहीं कर सकता है। हास्य तब भी उत्पन्न होता है जब वह महिला को देखता है जो ठीक उसकी आशा के विपरीत बड़ी उम्र की है और आकर्षक भी नहीं है। तत्पश्चात्, महिला एक के बाद एक कीमती व्यंजनों की माँग करती है और लेखक बिल के भुगतान की चिन्ता करने लगता है। महिला का बार-बार कहना "मैं तो एक बार में केवल एक चीज खाती हूँ," हास्य उत्पन्न करता है और अन्त में जब महिला अपने उदाहरण का पालन करने को कहती है।
(b) The story 'The Luncheon' narrates how a lady admirer befooled the author by flattery. She demands a luncheon in an expensive restaurant. When they reach together there, she demands one by one costly items and thus, the money the author has, is exhausted. At the time of departure, the irony is unfolded and the lady suggests him to follow her example and eat one thing at a time. On this, the writer comments that he will do better than that by not taking dinner that night. On this, the lady friend calls him a “humorist'.
कहानी 'The Luncheon' बताती है कि महिला प्रशंसक ने किस प्रकार लेखक को चापलूसी द्वारा मूर्ख बना दिया। वह एक महँगे रेस्टोरेन्ट में दोपहर के भोज की माँग करती है। जब वे दोनों वहाँ साथ-साथ जाते हैं, तो वह एक के बाद महँगे व्यंजन माँगती है और इस प्रकार लेखक के पास जो धन है वह समाप्त हो जाता है। प्रस्थान के समय, यह विडम्बना होती है कि महिला उससे अपने उदाहरण का अनुसरण करने एक बार में एक ही चीज खाने के लिए कहती है। इस पर लेखक कहता है कि वह उस रात कुछ भी न खाकर इससे भी अच्छा कार्य करेगा। इस पर महिला मित्र उसे 'विनोदप्रिय' कहती है।
(c) The story is full of instances where the author laughs at himself. In the beginning, the author admits that he was charmed by the flattery of the lady. He was young so could not refuse the proposal of a lady but he was depressed to find her just opposite to her expectation. In the restaurant, when the lady ordered again and again the costly dishes, he was laughing at himself to put himself in such panic. He laughed at himself when the lady ordered for champagne while he ordered only water for him and finally he became happy to see the lady a fatty woman after twenty years.
कहानी ऐसे उदाहरणों से भरी पड़ी है जहाँ पर लेखक अपने ऊपर हँसता है। कहानी के प्रारम्भ में, लेखक स्वीकार करता है कि वह महिला की चापलूसी से आकर्षित हो गया था। वह युवा था अतः वह एक महिला के प्रस्ताव को ठुकरा नहीं सका लेकिन उसे अपनी आशा के ठीक विपरीत पाकर वह निराश हो गया था। रेस्टोरेन्ट में, जब महिला ने एक के बाद एक महँगे व्यंजनों का आदेश दिया तो वह स्वयं को इस परेशानी में डालने के लिए अपने ऊपर हँसा । वह स्वयं अपने ऊपर तब हँसा जब महिला ने शैम्पेन को लाने का आदेश दिया जबकि उसने अपने लिए केवल पानी माँगा और अन्त में बीस वर्ष बाद महिला को मोटी देखकर वह खुश हुआ।
Question 2.
How does the first person narrative help in heightening the literary effects of the story?
प्रथम पुरुष कहानी वृत्तान्त कहानी के साहित्यिक प्रभाव को ऊँचाइयों तक ले जाने में किस प्रकार सहायक है?
Answer:
The first person narrative is a literary technique in which the writer presents himself as the main character. Thus, the story presents the experiences of the writer himself which increases the intimacy between the writer and the readers. The writer presents his own story so it becomes a natural flow with clarity. The brevity is also achieved through this technique because the writer gives complete expressions in fewer words. The terseness of using fewer words and expressions and natural flow give the story an additional charm.
प्रथम पुरुष कहानी वृत्तान्त एक साहित्यिक विधि है जिमसें लेखक स्वयं को एक पात्र के रूप में प्रस्तुत करता है। इस प्रकार, कहानी स्वयं लेखक के अनुभवों को प्रस्तुत करती है जो कि लेखक और पाठकों के बीच घनिष्ठता को और ज्यादा बढ़ाती है। लेखक अपनी स्वयं की कहानी प्रस्तुत करता है अतः उसमें स्पष्टता के साथ स्वाभाविक प्रवाह उत्पन्न हो जाता है। इस तकनीक के माध्यम से संक्षिप्तता भी प्राप्त होती है क्योंकि लेखक कुछ ही शब्दों में पूर्ण अभिव्यक्ति प्रस्तुत करता है। कम-से-कम शब्दों और वाक्यों के प्रयोग और स्वाभाविक प्रवाह कहानी को अतिरिक्त आकर्षण प्रदान करता है।
Language Work :
Pick out the words and phrases in the text that indicate that the author was not financially well off.
कहानी में उन शब्दों और वाक्यों को छाँटिए जो यह बताते हैं कि लेखक आर्थिक रूप से ठीक नहीं था।
Answer:
Such words and phrases are as follow :
(a) I had a tiny apartment in the Latin quarter overlooking a cemetery.
(b) I was earning barely enough money to keep the body and soul together.
(c) Foyot's ...........so far beyond my means that I had never even thought of going there.
(d) My heart sank.
(e) I could not afford caviare.
(f) For myself, I chose the cheapest dish. And so many other instances are there in the story.
Short Questions Answers :
Question 1.
How did the writer finally take his revenge on the lady?
लेखक ने महिला से अन्त में किस प्रकार अपना बदला लिया?
Answer:
The writer was admired by a lady and asked to have a luncheon with him but she was a glutton who ordered costly dishes. The writer was left no money with him. But after twenty years when he again saw her, he found that her weight was twenty one stone which was a revenge of her gluttony.
एक महिला ने लेखक की प्रशंसा की और उसने दोपहर का भोजन साथ करने के लिए कहा किन्तु वह पेटू थी जिसने महँगे व्यंजनों का आदेश दिया। लेखक के पास बिल्कुल भी धन नहीं बचा लेकिन बीस वर्ष बाद जब लेखक ने एक बार फिर उसे देखा, तो उसने पाया कि उसका वजन इक्कीस स्टोन था जो उसके पेटूपन का बदला था।
Question 2.
What would the writer plan to do if he didn't have enough money to pay the bill?
लेखक की क्या योजना होती यदि उसके पास बिल का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन नहीं होता?
Answer:
The writer would borrow money from his lady guest if he didn't have enough money to pay the bill. He would pretend that his wallet had got picked but it would be awkward if she didn't have sufficient money. He, then, would put his watch as security and tell them to have his watch later on after the payment of the bill.
यदि उसके पास बिल का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन नहीं होता तो वह अपनी मेहमान महिला से माँग लेता। वह बहाना करता कि उसका वालेट (बटुआ) चोरी हो गया था लेकिन यह अत्यन्त बुरा लगता यदि उसके पास पर्याप्त धन नहीं होता। तब वह अपनी घड़ी को प्रतिभूति के रूप में रख देता और बता देता कि वह अपनी घड़ी बिल का भुगतान करने के बाद ले जाएगा।
Question 3.
How would you explain the weight of the lady?
आप महिला के वजन की किस प्रकार व्याख्या करेंगे?
Answer:
A stone is a unit of weight. The symbol of stone is 'st'. There are fourteen pounds (lb) in one stone (st). Thus, 21 stone weight is equal to 294 pounds or lbs. Again one pound (lb) is equal to 0.453 kg. Thus, 294 lb equals to 133 kg and 356 grams. This is the weight of the woman.
स्टोन वजन मापन की इकाई है। स्टोन का संकेतांक ‘st' होता है। एक स्टोन में चौदह पाउण्ड
(1b) वजन होता है। इस प्रकार इक्कीस स्टोन 294 पाउण्ड (lb) के बराबर होता है। फिर एक पाउण्ड (lb) 0.453 किग्रा के बराबर होता है। इस प्रकार 294 1b 133 किलोग्राम तथा 356 ग्राम के बराबर होता है। यही महिला का वजन है।
Question 4.
The lady again and again says “I never eat anything for Luncheon.' What is the ironic situation in it?
वह महिला बार-बार कहती है "मैं दोपहर के भोजन में कभी भी कुछ नहीं खाती हूँ।" इसमें विडम्बनायुक्त क्या है?
Answer:
The line clearly depicts the difference between what the lady says and what she does. The writer is befooled by the lady when he takes her to the Foyot's Restaurant which is too costly. The writer is entraped by these words and she again and again demands those dishes which are too costly.
यह पंक्ति उस अन्तर को पूरी तरह स्पष्ट करती है कि वह महिला क्या कहती है और क्या करती है। लेखक को महिला द्वारा बेवकूफ बनाया जाता है जब वह उसे लेकर फोयट्स रेस्टोरेंट में जाता है जो कि बहुत महँगा होटल है। लेखक को इन शब्दों के जाल में फंसा लिया जाता है और वह बार-बार उन व्यंजनों की माँग करती है जो कि बहुत ज्यादा महंगे हैं।
Question 5.
Why did the writer invite the lady for luncheon?
लेखक ने महिला को दोपहर भोजन पर आमन्त्रित क्यों किया?
Answer:
The writer was a young person. So when he gets a letter from a lady in his praise, his joys knows no bounds. On asking the lady, he readily invites her for a luncheon at Foyot's Restaurant. She gets this invitation through her flattery. She is shrewd. She makes fun of his cheapest dish in restaurant and asks him to have a light luncheon.
लेखक एक युवा व्यक्ति था इसलिए जब उसे एक महिला का प्रशंसा का पत्र प्राप्त होता है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। महिला के कहने पर वह उसे तुरन्त फोयट्स रेस्टोरेन्ट में दोपहर के भोजन के लिए आमन्त्रित कर देता है। वह यह निमन्त्रण अपनी चापलूसी से प्राप्त करती है। वह धूर्त है । वह रेस्टोरेंट में उसके सबसे सस्ते व्यंजन की मजाक बनाती है और लेखक से हल्का दोपहर का भोजन करने के लिए कहती है।
Long Questions Answers :
Question 1.
Enlist the dishes that the lady had at the restaurant.
महिला ने रेस्टोरेन्ट में जिन व्यंजनों को खाया उनकी सूची बनाइये।
Answer:
The lady had a number of dishes in the restaurant. First of all, she had Salmon fish and then she enjoyed caviare. For drink, she preferred Champagne. Again she demanded asparagus. Later on she enjoyed ice-cream and coffee at well. And lastly, when the head waiter came bearing a large basket full of huge peaches, she took one saying that she would enjoy a peach. Thus, she had taken a lot of things in the restaurant. But every time she said that she took one thing at a time.
महिला ने रेस्टोरेन्ट में बहुत से व्यंजनों को खाया। सर्वप्रथम, उसने सैमन मछली खाई और उसके बाद मछली के अण्डों के अचार को खाने का आनन्द लिया। पीने के लिए उसने शैम्पेन को प्राथमिकता दी। तत्पश्चात्, उसने अस्पैरेगस की मांग की। इसके बाद उसने आइसक्रीम और साथ में कॉफी का आनन्द लिया। अन्त में जब मुख्य वेटर बड़े-बड़े आडुओं से भरी एक बड़ी टोकरी लेकर आया तो उसने यह कहते हुए एक आडू उठा लिया वह एक आडू खाएगी। इस प्रकार रेस्टोरेन्ट में उसने बहुत सारी चीजें खाईं। लेकिन हर बार वह यही कहती थी कि मैं तो एक बार में एक ही चीज खाती हूँ।
Question 2.
How did the writer feel when he first saw the lady?
जब लेखक ने पहली बार महिला को देखा तो उसे कैसा लगा?
Answer:
The writer was extremely excited so he reached the Foyot's Restaurant in time. The lady also appeared in time but she was not so young as the writer had expected. She was not so attractive as the writer had hoped. She was an elderly woman of forty years and her charming age was now over. The writer had not thought about it. She used to laugh purposefully. She was talkative. Thus, when the writer first saw her, he was depressed as she was just contrary to his expectation.
लेखक अत्यधिक उत्तेजित था इसलिए वह फोयट्स रेस्टोरेन्ट पर समय पर पहुँच गया। महिला भी समय पर वहाँ आ गई लेकिन वह इतनी युवा नहीं थी जितनी लेखक को आशा थी। वह इतनी आकर्षक भी नहीं थी जितनी लेखक ने उम्मीद की थी। वह चालीस वर्षीय प्रौढ़ा थी और अब उसके आकर्षक होने की उम्र समाप्त हो चुकी थी। लेखक ने इस बारे में नहीं सोचा था। वह उद्देश्यपूर्ण रूप से हँसती थी। वह बातूनी थी। इस प्रकार, लेखक ने जब उसे पहली बार देखा तो वह निराश हो गया क्योंकि वह उसकी आशा के ठीक विपरीत थी।
Question 3.
What do you understand with the writer's thinking, “I was past caring now?"
लेखक की सोच कि "मैंने अब चिन्ता करना छोड़ दिया था", से आप क्या समझते हैं?
Answer:
The writer invited his lady admirer without thinking. He had a little money with him at that time. When she came, she assured that she ate one thing at a time but when she started demanding costly dishes, the writer began to think how he would pay the bill but when she continued ordering costly dishes, the writer left the care of money. He was completely helpless. The circumstances were out of his control. So, he thought, “I was past caring now.”
लेखक ने अपनी महिला प्रशंसक को बिना सोचे-समझे आमन्त्रित कर दिया। उसके पास उस समय बहुत थोड़ा धन था। जब वह आयी तो उसने आश्वासन दिया कि वह एक बार में एक ही चीज खाती थी लेकिन जब उसने महँगे व्यंजनों की मांग शुरू कर दी तो लेखक यह सोचने लगा कि वह बिल का भुगतान किस प्रकार करेगा लेकिन जब उसने महँगे व्यंजनों का आदेश देना जारी रखा तो लेखक ने धन की चिन्ता छोड़ दी। वह पूरी तरह से असहाय था। परिस्थितियाँ उसके नियन्त्रण से बाहर थीं। इसलिए उसने सोचा, "मैंने अब चिन्ता करना छोड़ दिया था।"
Question 4.
Why could the lady not resist herself from eating?
महिला खाने से अपने आप को क्यों नहीं रोक सकी?
Answer:
The lady could not resist herself of eating so many delicious items for free because she was not to pay the bill. She kept on ordering more and more and only those items that were more expansive. If she had told her intention in the beginning, it might have been that the writer could withdraw his invitation so she kept him under her spell and ate all the things that could enhance her appetite. On the other hand, the young writer kept smiling and began to think how he would pay the bill.
वह महिला मुफ्त में इतने स्वादिष्ट व्यंजनों को खाने का लालच नहीं छोड़ पायी है क्योंकि उसे बिल का भुगतान नहीं करना था। उसने ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं को मँगाना जारी रखा है जो कि और ज्यादा महँगे थे। यदि उसने अपनी मानसिकता प्रारम्भ में ही बता दी होती तो ऐसा हो सकता था कि लेखक अपने निमन्त्रण को वापस ले लेता। अतः उसने उसे अपने जादुई प्रभाव में रखा और उसने उन सारे व्यंजनों को खाया जिसने उसकी भूख को बढ़ाया। दूसरी ओर, युवा लेखक मुस्कराता रहा और उसने यह सोचना शुरू कर दिया कि वह बिल का भुगतान कैसे करेगा।
Question 5.
Give a character sketch of the lady.
महिला का चरित्र-चित्रण कीजिए।
Answer:
The lady is very talkative and has a good knowledge of art and literature. She also talks about the writer and very cunningly prepares him to be an attentive listener. She herself is a over-eater but says every time that she eats only one thing at a time. She has no care for the payment of the bill. She does not understand or bother to understand the psyche of the writer. Even she does not care her own health which results being her weight 21 stone. Thus, she is completely a selfish lady but the writer has presented her character in a humorous way.
महिला बहुत बातूनी है और उसे कला और साहित्य का बहुत अच्छा ज्ञान है । वह लेखक के बारे में भी बात करती है और अत्यन्त चतुराई से उसे जागरूक श्रोता होने को तैयार कर लेती है। वह स्वयं बहुत अधिक खाती है लेकिन हर बार कहती है कि वह एक बार में केवल एक चीज ही खाती है। उसे बिल के भुगतान की कोई चिन्ता नहीं है। वह नहीं समझती है अथवा समझने का कष्ट नहीं करती है कि लेखक की मानसिकता क्या है। वह अपने स्वास्थ्य तक की चिन्ता नहीं करती है जिसके परिणामस्वरूप उसका वजन इक्कीस स्टोन हो जाता है। इस प्रकार वह पूरी तरह से एक स्वार्थी महिला है परन्तु लेखक ने उसका चरित्र-चित्रण अत्यन्त हास्यास्पद रूप से किया है।
Seen Passages
Read the following passages carefully and answer the questions that follow :
Passage-1.
It was twenty years ago and I was living in Paris. I had a tiny apartment in the Latin quarter overlooking a cemetery and I was earning barely enough money to keep the body and soul together. She had read a book of mine and had written to me about it. I answered, thanking her, and presently I received from her another letter saying that she was passing through Paris and would like to have a chat with me; but her time was limited and the only free moment she had was on the following Thursday, she was spending the morning at the Luxemburg and would I give her a little luncheon at Foyot's afterwards? Foyot's is a restaurant at which the French senators eat and it was so far beyond my means that I had never even thought of going there.
Questions :
1. Who is 'I' in the passage?
अनुच्छेद में 'I' कौन है?
2. Why did the writer not want to go to the Foyot's Restaurant?
लेखक फोयट्स रेस्टोरेन्ट जाना क्यों नहीं चाहता था?
3. Who was the lady?
महिला कौन थी?
4. What was the main object of the lady?
महिला का मुख्य उद्देश्य क्या था?
5. When and where did this incidence happen?
यह घटना कब और कहाँ हुई थी?
6. How much money was the author earning at that time?
लेखक उस समय कितना धन कमा रहा था?
Answers :
1. I' in the passage is the author himself
अनुच्छेद में I' स्वयं लेखक है।
2. The writer did not want to go to the Foyot's Restaurant because it was very costly.
लेखक फोयट्स रेस्टोरेन्ट इसलिए नहीं जाना चाहता था क्योंकि यह अत्यन्त महँगा था।
3. The lady was an admirer of the writer.
महिला लेखक की एक प्रशंसिका थी।
4. The main object of the lady was to befool him and have a lunch for free by only flattering him.
महिला का मुख्य उद्देश्य लेखक को मूर्ख बनाना और उसकी चापलूसी करके निःशुल्क दोपहर का भोजन प्राप्त करना था।
5. This incidence happened twenty years ago in Paris.'
यह घटना बीस वर्ष पहले पेरिस में हुई थी।
6. At that time, the author was earning barely enough money to keep the body and soul together.
उस समय लेखक की केवल इतनी आय थी जिससे वह केवल अपना गुजारा भर कर सकता था।
Passage-2.
I answered that I would meet my friend by correspondence-at Foyot's on Thursday at half-past twelve. She was not so young as I expected and in appearance imposing rather than attractive. She was, in fact, a woman of forty (a charming age, but not one that excites a sudden and devastating passion at first sight), and she gave me the impression of having more teeth, white and large and even, than were necessary for any practical purpose. She was talkative but since she seemed inclined to talk about me I was prepared to be an attentive listener.
Questions :
1. How did the author convey the message of the meeting to the lady?
लेखक ने महिला को मुलाकात का सन्देश कैसे दिया?
2. How did the author feel when he saw the lady?
लेखक ने जब महिला को देखा तो उसे कैसा महसूस हुआ?
3. What do you know about the phrase "having more teeth, white and large”?
आप इस वाक्य से क्या समझते हैं- "having more teeth, white and large"?
4. Why was the writer prepared to be an attentive listener?
लेखक एक जागरूक श्रोता बनने के लिए क्यों तैयार था?
5. What was the time of their meeting?
उनकी मुलाकात का समय क्या था?
6. How old was the lady approximately?
महिला की उम्र लगभग कितनी थी?
Answers :
1. The author conveyed his message to meet at Foyot's Restaurant on Thursday through a letter.
लेखक ने अपना सन्देश कि वह गुरुवार को फोयट्स रेस्टोरेन्ट में मुलाकात करेगा, एक पत्र के माध्यम से दिया।
2. When the author saw the lady, he felt embarrassed.
जब लेखक ने महिला को देखा तो उसने लज्जित अनुभव किया।
3. The phrase means that she used to laugh sometimes without reason.
इस वाक्य का अर्थ है कि वह कभी-कभी बिना किसी कारण के हँसा करती थी।
4. The writer was ready to be an attentive listener because she seemed inclined to talk about the writer.
लेखक एक जागरूक श्रोता बनने के लिए इसलिए तैयार था क्योंकि वह लेखक के बारे में बात करती हुई प्रतीत हो रही थी।
5. The time of their meeting was half past twelve.
उनकी मुलाकात का समय साढ़े बारह बजे का था।
6. The lady was approximately forty years old.
महिला लगभग चालीस वर्ष की थी।
Passage-3.
'No, no, I never eat anything for luncheon. Just a bite, I never want more than that, and I eat that more as an excuse for conversation than anything else. I couldn't possibly eat anything more - unless they had some of those giant asparagus. I should be sorry to leave Paris without having some of them.' My heart sank. I had seen them in the shops and I knew that they were horribly expensive. My mouth had often watered at the sight of them.
Questions :
1. I never eat anything for luncheon. Who is 'I' in this line?
I never eat anything for luncheon. यहाँ 'I' कौन है?
2. Why should the lady be sorry to leave Paris?
महिला को पेरिस छोड़ते समय दुःख क्यों होता था?
3. “My heart sank.” Why was the writer so embarrassed?
“My heart sank.” लेखक इतना अधिक लज्जित क्यों था?
4. My mouth had often watered at the sight of them. What is the sight of them?'
My mouth had often watered at the sight of them. 'the sight of them?' क्या है?
5. How, according to lady, does she eat asparagus?
महिला के अनुसार, वह शतावरी किस प्रकार खाती है?
6. What type of asparagus does she want to eat?
वह किस प्रकार का शतावर खाना चाहती है?
Answers :
1. I', in the line, is the lady.
I', इस पंक्ति में, महिला है।
2. The lady should feel sorry to leave Paris if she could not have asparagus.
महिला को पेरिस छोड़ते समय दुःख होता यदि वह शतावर खाये बिना वहाँ से चली जाती।
3. The writer was so embarrassed because the lady demanded so costly dishes.
लेखक इतना निराश इसलिए था क्योंकि महिला ने इतना ज्यादा महँगा व्यंजन माँगा था।
4. 'the sight of them' is asparagus.
'the sight of them' शतावर है।
5. According to the lady, she eats asparagus as an excuse for conversation than anything else.
महिला के अनुसार, वह शतावर किसी भी अन्य चीज से ज्यादा बातचीत के बीच ही खाती है।
6. She wants to eat giant sized asparagus.
वह विशाल आकार का शतावर खाना चाहती है।
Passage-4.
We waited for the asparagus to be cooked. Panic seized me : it was not a question now how much money I should have left over for the rest of the month but whether I had enough to pay the bill. It would be mortifying to find myself ten francs short and be obliged to borrow from my guest. I could not bring myself to do that.
I knew exactly how much I had and if the bill came to me I made up my mind that I would put my hand in my pocket and with a dramatic cry start up and say it had been picked. Of course, it would be awkward if she had not money enough either to pay the bill; then the only thing would be to leave my watch and say I would come back and pay later.
Questions :
1. Why did panic seize the writer?
लेखक भयभीत क्यों हो गया?
2. How much money did the writer have?
लेखक के पास कितना धन था?
3. What the second plan would he make if the money ran short?
यदि धन कम पड़ जाता तो वह दूसरी योजना क्या बनाता?
4. What was the final option to be executed?
प्रयोग करने के लिए अन्तिम प्रयास क्या था?
5. What would be mortifying for the writer?
लेखक के लिए शर्मनाक क्या होगा?
6. What would be the awkward situation?
विचित्र स्थिति क्या होगी?
Answers :
1. Panic seized the writer because he thought whether he had sufficient money to pay the bill.
लेखक इसलिए भयभीत हो गया क्योंकि उसने सोचा कि उसके पास बिल का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन था या नहीं।
2. The writer had eighty Francs in all.
लेखक के पास कुल धन-राशि अस्सी फ्रैंक थी।
3. His second plan would be to pretend that his pocket was picked.
उसकी दूसरी योजना यह बहाना बनाने की होती कि उसकी जेब कट गई।
4. The final option to be executed was to leave his watch and pay later.
प्रयोग करने के लिए अन्तिम प्रयास यह था कि वह अपनी घड़ी छोड़ देता और बाद में भुगतान कर देता।
5. It would be mortifying for the writer to find himself ten Francs short and he obliged to borrow from his guest.
लेखक के लिए यह शर्मनाक होगा कि उसके पास दस फ्रैंक की राशि कम पड़ जाए और उसे अपनी मेहमान से उधार लेकर उसका कृतज्ञ होना पड़े।
6. The awkward situation would be if she had not enough money to pay the bill.
विचित्र स्थिति यह होती कि यदि उसके (मेहमान) के पास भी बिल का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन नहीं होती।
Passage-5.
I was past caring now, so I ordered coffee for myself and ice-cream and coffee for her.
“You know, there's one thing I thoroughly believe in,' she said, as she at the icecream. “One should always get up from a meal feeling one could eat a little more.' 'Are you still hungry?' I asked faintly.
'Oh, no, I'm not hungry; you see, I don't eat luncheon. I have a cup of coffee in the morning and then dinner, but I never eat more than one thing for luncheon. I was speaking for you.'
‘Oh, I see!
Questions :
1. “Are you still hungry?" Who is you' here?
“Are you still hungry?” यहाँ पर 'you' कौन है?
2. For whom did the writer order ice-cream and coffee?
लेखक ने आइसक्रीम और कॉफी का आदेश किसके लिए दिया?
3. What do you mean by “I was past caring now”?
आप इस वाक्य से क्या समझते हैं “I was past caring now"?
4. What does the line one could eat a little more' mean? .
इस पंक्ति का क्या अर्थ है 'one could eat a little more'
5. What did the writer order?
लेखक ने क्या आदेश दिया? 6. 'Oh, I see!' What is the tone of the writer?
'Oh, I see!' लेखक की किस प्रकार की स्वर शैली है?
Answers :
1. 'you' here is lady.
यहाँ पर 'you' महिला है।
2. The writer ordered ice-cream and coffee for the lady.
लेखक ने आइसक्रीम और कॉफी का आदेश महिला के लिए दिया।
3. It means that the writer left the caring of the bill.
इसका अर्थ है कि लेखक ने बिल की चिन्ता करना छोड़ दिया।
4. The line means that according the lady, one should eat in such a way that one can have some more food-stuff easily.
इस पंक्ति का अर्थ है कि महिला के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार खाना चाहिए कि वह आसानी से थोड़ा-सा खाना और खा सके।
5. The writer ordered coffee for himself and ice-cream and coffee for the lady
लेखक ने अपने लिए कॉफी और महिला के लिए आइस-क्रीम और कॉफी का आदेश दिया।
6. The tone of the writer is sarcastic.
लेखक की स्वर शैली व्यंग्यात्मक है।
Passage-6.
Follow my example', she said as we shook hands, “and never eat more than one thing for luncheon.'
'I'll do better than that,' I retorted. I'll eat nothing for dinner tonight.' 'Humorist', she cried gaily, jumping into a cab. 'You're quite a humorist!' But I have had my revenge at last. I do not believe that I am a vindictive man, but when the immortal gods take a hand in the matter it is pardonable to observe the result with complacency. Today she weighs twenty-one stone.
Questions :
1. 'Follow my example' What example does the lady want the writer to follow?
Follow my example' महिला लेखक से कौनसे उदाहरण का अनुसरण करवाना चाहती है?
2. What was the weight of the lady after twenty years?
बीस वर्ष बाद महिला का वजन क्या था?
3. What was the writer's reply when the lady asked him to follow her example?
जब महिला ने लेखक से उसका अनुसरण करने के लिए कहा तो लेखक ने क्या उत्तर दिया?
4. Who is a vindictive man?
बदला लेने पर उतारू व्यक्ति कौन है?
5. Who addressed the writer as a humorist?
लेखक को विनोदप्रिय के रूप में किसने सम्बोधित किया?
6. What happens when the immortal gods take a matter in their hands?
तब क्या होता है जब अमर देवता किसी मामले को अपने हाथों में ले लेते हैं?
Answers :
1. The example that the lady wants the writer to follow is that he should eat a little.
वह उदाहरण जिसे महिला लेखक से अनुसरण करवाना चाहती है वह यह है कि वह (लेखक) थोड़ा-सा ही खाये।
2. After twenty years, the weight of the lady was 21 stone.
बीस वर्ष बाद महिला का वजन 21 स्टोन था।
3. The writer replied that he would eat nothing for dinner that night.
लेखक ने उत्तर दिया कि वह उस रात रात्रि भोजन में कुछ भी नहीं खाएगा।
4. The author does not believe himself to be a vindictive man but at last he takes revenge on the lady by feeding her too much and adds her weight.
लेखक स्वयं को बदला लेने वाला व्यक्ति नहीं समझता लेकिन अन्त में वह उस महिला को अधिक खाना खिलाकर उससे बदला ले लेता है और उसका वजन बढ़ा देता है।
5. The lady addressed the writer as a humorist.
महिला ने लेखक को विनोदप्रिय के रूप में सम्बोधित किया।
6. When the immortal gods take a matter in their hands, it is pardonable to observe the result with complacency.
जब अमर देवता किसी मामले को अपने हाथ में ले लेते हैं तो उसका परिणाम आत्म-सन्तोष से देखते हुए क्षमा करने योग्य होता है।
About the Author-
William Somerset Maugham (1874-1965) is a distinguished British author. He was born in Paris and his childhood was spent in a French-speaking society. After the death of his father, he returned to England at the age of 10. He studied at Heidelberg and at St. Thomas's Hospital, London, and qualified as a doctor. But he preferred writing to practising medicine.
During his long career as a writer, Maugham produced a large number of novels, plays and short stories. Some of his best novels include Of Human Bondage, The Moon and Sixpence and Cakes and Ale...
Maugham has an amazing skill for revealing, with a few touches, a situation and the essentials of a character, and his stories are told with a lucidity and an economy of words which are the marks of a supreme craftsman.
लेखक के बारे में
विलियम सॉमरसैट मॉम (1874-1965) अद्वितीय ब्रिटिश लेखक हैं। उनका जन्म पेरिस में हुआ था और उनका बचपन फ्रांसीसी भाषा बोलने वाले समाज में व्यतीत हुआ था। अपने पिता की मृत्यु के पश्चात्, वह दस वर्ष की आयु में इंग्लैण्ड वापस आ गये। उसने अपनी पढ़ाई हीडलबर्ग और सेन्ट टॉमस हॉस्पिटल, लन्दन से पूरी की और वह एक योग्य डॉक्टर बन गये। लेकिन उन्हें चिकित्सकीय कार्य से ज्यादा लेखन पसन्द था।
अपने लम्बे लेखकीय जीवन के दौरान मॉम ने बहुत बड़ी मात्रा में उपन्यास, नाटक और लघु कहानियाँ लिखीं। उनके सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में से कुछ हैं-Of Human Bondage, The Moon and Sixpence और Cakes and Ale. थोड़े से उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, मॉम के वर्णन करने की आश्चर्यजनक कुशलता है जिसमें वह किसी स्थिति और पात्र की मुख्य आवश्यकताओं का वर्णन करते हैं और उनकी कहानियों को बड़ी स्पष्टता और कम-से-कम शब्दों में कहा जाता है जो कि किसी भी श्रेष्ठ कथाकार का विशिष्ट गुण होता है।
About the Story
The story ‘The Luncheon' by William Somerset Maugham is a story full of humour and irony. It also throws light on the emotional heart of a writer for which he is befooled by a glutton lady. One day he gets a letter from some of his female admirer and he also replies thanking her for her appreciation. Again she writes a letter to him and tells him that she was passing through Paris and wanted to have a luncheon with him in the Foyot's Restaurant which was an expensive restaurant.
He had only eighty Francs in his hands and the full month to spend but he gave his consent. She comes at the appointed time and they both go to restaurant to have lunch. During the lunch, she asks costly dishes one by one and the writer becomes helpless to tolerate everything. First he thinks how he will pass his month but later on he thinks how he will be able to pay the bill. Anyhow he pays the bill and the rest he deposits as the tip of the waiter. But his revenge fulfils after twenty years when the lady again comes before him but now she weighs twenty one stone. He thanks God for his avenge.
कहानी के बारे में
विलियम सॉमरसैट मॉम द्वारा लिखित कहानी 'The Luncheon' हास्य और विडम्बना से परिपूर्ण है। यह एक लेखक के भावनात्मक हृदय पर भी प्रकाश डालती है जिसके लिए उसे एक पेट्र महिला द्वारा बेवकूफ बनाया जाता है। एक दिन उसे अपनी एक महिला प्रशंसक का पत्र प्राप्त होता है और वह भी उसकी प्रशंसा के लिए एक धन्यवाद का पत्र लिखता है । वह लेखक के लिए एक और पत्र लिखती है और उसे बताती है कि वह पेरिस से होकर गुजर रही है और उसके साथ फोयट्स रेस्टोरेन्ट में दोपहर का भोजन करना चाहती है जो कि एक बहुत महँगा रेस्टोरेन्ट है। उसके पास मात्र अस्सी फ्रैंक की धन-राशि थी और पूरा महीना चलाने के लिए बाकी था लेकिन उसने अपनी स्वीकृति दे दी। वह निश्चित
समय पर आ जाती है और वे दोनों दोपहर का भोजन करने साथ-साथ जाते हैं। भोजन के दौरान वह एकएक करके महँगे व्यंजन माँगती रहती है और लेखक सब कुछ सहन करने के लिए असहाय हो जाता है। पहले वह सोचता है कि वह अपना महीना कैसे गुजारेगा लेकिन बाद में वह सोचता है कि वह बिल का भुगतान कैसे करेगा। किसी तरह से वह बिल का भुगतान कर देता है और बाकी की धन-राशि वह वेटर को टिप के रूप में देता है। लेकिन उसका बदला बीस वर्ष बाद पूरा हो जाता है जब वह महिला एक बार फिर उसके सामने आती है लेकिन अब उसका वजन इक्कीस स्टोन है। वह इस बदले के लिए ईश्वर को धन्यवाद देता है|
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद
I caught sight of..........well enough. (Pages 99-100)
कठिन शब्दार्थ-play (प्ले) = drama (नाटक)। luncheon (लन्चन्) = a midday meal (मध्याह्न का भोजन)। cemetery (सेमट्रि) = place where dead people are buried (कब्रिस्तान)। senator (सीनेटर) = a member of a Senate (सीनेट के सदस्य)। flattered (फ्लै ट()ड्) = praise dishonestly (चापलूसी करना)। consequence (कॉन्सिक्वन्स्) = outcome (परिणाम)।
हिन्दी अनुवाद-मैंने उसे नाटक के समय पर देखा और उसके हाथ से इशारा करके बुलाने के प्रत्युत्तर में मैं मध्यावकाश के दौरान उसके पास गया और उसके बगल में जाकर बैठ गया। उसे देखे हुए मुझे एक लम्बा समय हो गया था और यदि किसी व्यक्ति ने उसे उसके नाम से नहीं बुलाया होता तो शायद मैं उसे पहचान भी नहीं पाता। उसने मुझे शानदार तरीके से सम्बोधित किया। "ठीक है, बहुत वर्ष हो गये जब हम पहली बार मिले थे। समय कितनी तेजी से उड़ जाता है! अब हम बिल्कुल भी युवा नहीं रहे। क्या तुम्हें याद है जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था? तुमने मुझे दोपहर के भोजन के लिए आमन्त्रित किया था।"
क्या मुझे (यह सब) याद है? बीस वर्ष पहले की बात है और मैं पेरिस में रह रहा था। मैं लैटिन क्वार्टर के एक छोटे से घर में रहता था जो कि एक कब्र के बराबर (छोटा) था और मेरी केवल इतनी आय थी जिसमें मैं गुजारा भर कर सकता था। उसने मेरी एक पुस्तक पढ़ी थी और इस बारे में उसने मुझे एक पत्र लिखा था। मैंने उसे धन्यवाद देते हुए उत्तर दिया और तुरन्त ही मुझे उसका दूसरा पत्र प्राप्त हुआ और पत्र में (उसने) लिखा था कि वह पेरिस से होकर जा रही थी और वह मेरे साथ थोड़ी देर बात करना चाहती थी, लेकिन उसके पास समय सीमित था और आने वाले बृहस्पति को ही केवल उसके पास थोड़ा-सा अवकाश का समय होगा; वह सुबह का समय लग्जमबर्ग में व्यतीत करेगी और क्या मैं उसे उसके बाद फोयट्स में थोड़ा-सा दोपहर का भोज दे सकता था?
फोयट्स एक रेस्टोरेन्ट है जहाँ पर फ्रांस के सीनेटर खाना खाते हैं और इसी कारण से यह मेरी पहुँच से बहुत दूर था और इसीलिए मैंने कभी भी वहाँ जाने के बारे में सोचा तक नहीं था। लेकिन मेरी अत्यधिक प्रशंसा की गई थी और मैं किसी महिला से इन्कार करना सीखने के लिए अभी बहुत छोटा था। कुछ लोग, मैं कह सकता हूँ, इसे तब तक नहीं सीख पाते हैं जब तक वे काफी बड़े नहीं हो पाते हैं और तब यह समझ पाते हैं कि महिला जो कह रही है, उसका क्या परिणाम होगा। मेरे पास पूरा महीना व्यतीत करने के लिए अस्सी फ्रैन्क थे (स्वर्ण फ्रैन्क) और यदि मैं एक ठीक प्रकार का दोपहर भोज देता हूँ तो वह पन्द्रह फ्रैन्क से ज्यादा नहीं होगा। यदि मैं अगले दो सप्ताह के लिए कॉफी पीना छोड़ दूं तो मैं बड़ी आसानी से पूरे महीने की व्यवस्था कर सकता हूँ।
I answered that.................a mutton chop. (Page 100)
कठिन शब्दार्थ-correspondence (कॉर'स्पॉन्डन्स्) = writing letters (पत्राचार) | appearance (अपि'अरन्स्) = visual aspect (बाहरी दिखावा)। devastating (डेवस्टेटिङ्) = very harmful or damaging (विध्वंसकारी)। passion (पै'श्न्) = strong feeling (प्रबल मनोभाव) talkative (टॉकटिव्) = liking to talk a lot (arquit) I inclined = having a tendency | startled (स्टाट्ल्ड् ) = surprised (भौंचक्का )। Bill of fare (बिल् 'अव् फेअ()) = menu (व्यंजन सूची)। caviare (कैविआ) = salted eggs of fish (मछली के अण्डों का अचार)। anticipated (ऐन्टिसिपेट्ड) = imagined, guessed (अनुमान लगाया)। salmon (सैमन्) = a large fish (एक प्रकार की मछली)।
हिन्दी अनुवाद-मैंने अपनी मित्र को पत्र के द्वारा उत्तर दिया कि मैं उससे बृहस्पतिवार को साढ़े बारह बजे फोयट्स पर मिलूँगा। वह वैसी युवा नहीं थी जैसा मैंने सोचा था और बाहरी दिखावे में भी वह आकर्षक के बजाय बनावटी ज्यादा थी। वास्तव में वह लगभग चालीस वर्षीय महिला थी (एक आकर्षक उम्र लेकिन ऐसी नहीं कि पहली दृष्टि में ही प्रबल मनोभावों को उत्तेजित कर दे) और उसने मुझे ऐसा आभास दिया जो कि वह बड़ेबड़े सफेद दाँत चमका रही थी जो कि किसी भी व्यावहारिक उद्देश्य के लिए आवश्यक हैं। वह बहुत बातूनी थी लेकिन चूंकि वह मेरे बारे में बात करती हुई प्रतीत हुई इसलिए मैं भी एक जागरूक श्रोता बन गया।
मैं अत्यधिक आश्चर्य में पड़ गया जब मेरे सामने व्यंजन सूची लायी गई क्योंकि उसमें खाने की वस्तुओं की कीमतें बहुत ज्यादा थीं जो मैंने सोचा था। लेकिन उसने मुझे फिर से विश्वास दिलाया। "मैं दोपहर के भोजन में कुछ भी नहीं खाती हूँ।" उसने कहा। "अरे, ऐसा मत कहिए!" मैंने उदारतापूर्वक उत्तर दिया। "मैं कभी भी एक से ज्यादा चीजें नहीं खाती। मुझे लगता है कि आजकल लोग बहुत ज्यादा खाते हैं। एक छोटी मछली, शायद।
मैं सोचती हूँ कि क्या इनके पास सैमन् (मछली का एक प्रकार) होगी।" ठीक है, अभी यह वर्ष की शुरुआत थी और अभी सैमन् का मौसम नहीं था, यह व्यंजन मूल्य सूची में भी नहीं थी लेकिन मैंने वेटर से पूछा कि क्या कोई (सैमन् मछली) थी। हाँ, एक शानदार सैमन् अभी-अभी आयी थी और इस मौसम की यह पहली मछली थी। मैंने अपनी मेहमान के लिए उसे लाने के लिए कहा। वेटर ने उससे पूछा कि जब तक वह पक कर तैयार हो रही थी, तब तक क्या वह कुछ लेना पसन्द करेंगी।
"नहीं" उसने उत्तर दिया, "मैं एक चीज से ज्यादा कभी भी नहीं खाती हूँ जब तक कि तुम्हारे पास मछली के अण्डों का अचार न हो। मुझे मछली के अण्डों का अचार खाने में कोई आपत्ति नहीं है।" । मेरा हृदय थोड़ा-सा बैठ गया। मैं जानता था कि मैं मछली के अण्डों के अचार की कीमत सहन नहीं कर सकता था लेकिन मैं यह बात उसे बता भी नहीं सकता था। मैंने वेटर से किसी भी प्रकार कैविआ(र) लाने के लिए कहा। और अपने लिए मैंने व्यंजन सूची का सबसे सस्ता व्यंजन टुकड़े किया हुआ मटन लाने के लिए कहा।
I think you are..................with an airy gesture. (Pages 100-101)
कठिन शब्दार्थ-overloading (ओव्'लोडिङ्) = over burden (अधिक भार लादना)। chops (चॉप्स) = pieces (टुकड़े) । promptly (प्रॉम्ट्ल ) = immediately (तुरन्त) । proceeded (प्रसीड्ड) = continue (जारी रखना)। digestion (डाइजेस्चन्) = process of changing food (पाचन क्रिया)। hospitable (हॉस्पीटबल) = friendly (अतिथि पूजक) | effusive (इफ्यूसिव्) = emotional (भावुक, खुश)| amicable (ऐमिकबल) = friendly (मित्रतापूर्ण)। champagne (शैम्पेन्) = expensive French white wine (फ्रांस की महँगी सफेद शराब)। trifle (ट्राइफ्ल् ) = slight, a little (थोड़ा-सा)। mentioned (मेन्श्न्ड ) = reference (उल्लेख किया हुआ)। casually (कैशुअलि) = not worried (चिन्तित नहीं, आराम से) absolutely (ऐब्सलूटलि) = completely (पूरी तरह से)। gally (गेलि) = happily (प्रसन्नतापूर्वक)।
हिन्दी अनुवाद-"मैं सोचती हूँ कि आप माँस खाकर मूर्खता कर रहे हैं," उसने कहा, "मैं नहीं जानती कि आप टुकड़े जैसी भारी चीजें खाकर किस प्रकार कार्य करने की उम्मीद कर सकते हो। मैं अपने पेट को अत्यधिक भरने में विश्वास नहीं करती हूँ।" उसके बाद पेय पदार्थ की बात आ गई। "मैं दोपहर के भोजन के समय कुछ भी नहीं पीती हूँ।" उसने कहा। "मैं भी नहीं लेता हूँ।" मैंने तुरन्त उत्तर दिया। "केवल सफेद शराब को छोड़कर," उसने अपनी बात जारी रखी जैसेकि मैं तो कुछ भी बोला ही नहीं था।
"ये फ्रांसीसी सफेद शराब बहुत ज्यादा हल्की होती हैं। वे पाचन के लिए तो बहुत अच्छी होती हैं।" "आप क्या लेना पसन्द करोगी?" मैंने अतिथि सत्कार के भाव से बिना किसी प्रसन्नता के पूछा। उसने अत्यधिक प्रसन्नता से अपने सफेद दाँत मित्रवत् रूप से चमकाये। "मेरे डॉक्टर मुझे शैम्पेन के अतिरिक्त कुछ भी नहीं पीने देते।" मैं सोचता हूँ कि मैं घबराहट से थोड़ासा पीला पड़ गया। मैंने आधी बोतल लाने का आदेश दे दिया। मैंने लापरवाही से कहा कि मेरे डॉक्टर ने मेरे शैम्पेन पीने पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया है।
"तब फिर आप क्या पीओगे?""पानी।" उसने मछली के अण्डों का अचार खाया और उसने सैमन (मछली) खाई। वह कला और साहित्य तथा संगीत के बारे में अत्यन्त खुशी से बातें कर रही थी। लेकिन मैं केवल यह सोच रहा था कि (भुगतान के लिए) बिल कितने का होगा। जब मेरे लिए मटन के टुकड़े आ गये तो वह मेरे खाने की ओर बड़ी गम्भीरता से देखने लगी।
"मैं देख रही हूँ कि तुम्हारी बहुत भारी दोपहर का भोजन लेने की आदत है। मैं दावे से कह सकती हूँ कि यह एक बहुत बड़ी गलती है। तुम मेरे उदाहरण का अनुसरण क्यों नहीं करते और केवल एक ही व्यंजन क्यों नहीं खाते? मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा करने से तुम बहुत ज्यादा अच्छा महसूस करोगे।" "मैं तो केवल एक ही व्यंजन खाने वाला हूँ," मैंने कहा, जब वेटर मूल्य सूची लेकर दुबारा आया। उसने वेटर को हाथ के इशारे से एक ओर कर दिया (वापस भेज दिया)।
'No, no' I never eat ................. back and pay later. (Pages 101-102)
कठिन शब्दार्थ-Excuse (इक्स्क्यू स्) = begging pardon (क्षमा माँगना)। conversation (कॉन्वसेशन्) = a talk (बातचीत) | giant (जाइअन्ट्) = extremely large (बहुत विशाल) | asparagus (अस्पैरगस्) = a plant with long green or white stems (हरे अथवा सफेद लम्बे तने वाला एक पौधा, शतावर)। horribly (हॉरिअलि ) = unpleasant (विकराल)। expensive (इक्स्पे न्सिव्) = costly (महँगा, कीमती)| splendid (स्प्ले न्डिड्) = excellent (शानदार) । tender (टेन्ड()) = kind and loving (कोमल)। marvel (माव्ल्) = wonderful (अद्भुत)। ruin (रुइन्) = to damage (नष्ट करना)। palate (पैलट्) = upper surface of the mouth (मुंह का ऊपरी भाग, तालु) | mortifying (मॉटिफाइङ्) = to make feel embarrassed (अपमानित अथवा लज्जित करना) | awkward (ऑक्वड्) = clumsy (भद्दा, कुरूप, विचित्र)।
हिन्दी अनुवाद-"नहीं, नहीं, मैं दोपहर के खाने में कुछ भी नहीं खाती हूँ। एकाध गस्सा (कौर) से ज्यादा कभी नहीं चाहती हूँ और इसे भी मैं किसी भी अन्य चीज से ज्यादा बातचीत के बीच ही खाती हूँ। अब मैं सम्भवतया कोई और चीज नहीं खा सकती थी - जब तक उनके पास कोई बड़ा शतावर नहीं होता था। बिना यह खाये पेरिस से वापस जाने पर मुझे अत्यधिक दुःख होगा।" मेरा हृदय बैठ गया। मैंने उन्हें दुकानों पर देखा था और मैं जानता था कि वे बहुत ज्यादा महँगे होते थे। उन्हें देखकर अकसर मेरे मुँह में पानी आ जाता था।
"मैडम यह जानना चाहती है कि क्या तुम्हारे पास विशाल अस्पैरगस् हैं।" मैंने वेटर से पूछा। मैंने अपनी पूरी शक्ति से वेटर द्वारा नहीं किए जाने की इच्छा की। उसके शान्त, विशाल चेहरे पर खुशी से भरपूर मुस्कराहट फैल गई और उसने मुझे आश्वासन दिया कि उनके पास कुछ बहुत बड़े, बहुत शानदार, बहुत कोमल शतावर हैं और ये अद्भुत हैं।
"मुझे बिल्कुल भी भूख नहीं है," मेरी मेहमान ने आह भरी, "लेकिन यदि तुम बार-बार आग्रह कर रहे हो तो मुझे थोड़ा-सा शतावर खाने में कोई परेशानी नहीं है।" मैंने शतावर लाने के लिए आदेश दे दिया। "क्या तुम बिल्कुल भी नहीं खाओगे?" "नहीं, मैं कभी भी शतावर नहीं खाता हूँ।" "मैं जानती हूँ कि कुछ ऐसे लोग होते हैं जिन्हें यह सब अच्छा नहीं लगता है। वास्तविकता यह है कि तुमने माँस खाकर अपनी पूरी भूख को खराब कर लिया है।"
हमने शतावर के पकाये जाने का इन्तजार किया। मैं भयभीत हो गया। अब प्रश्न यह नहीं था कि बाकी बचे महीने के लिए मेरे पास कितना धन बचेगा लेकिन क्या मेरे पास बिल चुकाने के लिए धन है। मेरे लिए यह अत्यन्त शर्मनाक होगा कि मेरे पास दस फ्रैंक की राशि कम पड़ जाए और मुझे अपनी मेहमान से उधार लेकर उसका कृतज्ञ होना पड़े। मेरी उससे (उधार) लेने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
मैं पूरी तरह से जानता था कि मेरे पास कितना धन है और यदि बिल मेरे पास (धन से ज्यादा) आया तो मैंने निश्चय कर लिया कि मैं अपना हाथ अपनी जेब में डालूँगा और नाटकीय रूप से चीखना शुरू कर दूँगा कि मेरी जेब कट गई है। वास्तव में, यह भी विचित्र स्थिति होगी यदि उसके पास भी बिल का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन नहीं हुआ; तब एक मात्र रास्ता अपनी घड़ी को उसके पास छोड़ना होगा और मैं उससे कह दूंगा कि मैं बाद में आकर भुगतान कर दूंगा।
The asparagus appeared ............. twenty-one stone. (Pages 102-103)
कठिन शब्दार्थ-enormous (इनामस्) = very big or great (विशाल)। succulent (सक्यलन्ट्) = juicy (रसीला)। appetizing (ऐपिटाइजिङ्) = making one feel hungry (भूख बढ़ाने वाला)। nostrils (नॉस्ट्रल्स) = two opening ends of nose (नथुने, नासिका छिद्र)। semites (सीमाइट्स) = a language that is spoken by Jews (यहूदियों की भाषा)। abandoned (अबैन्डन्ड्) = no longer in use (त्यागा हुआ)। voluptuous (वलप्ट्यू अस) = strong appeal (आकर्षक)। discoursed (डिस्कॉस्ड्) = preaching (बताना, भाषण देना)।
faintly (फेट्लि ) = unclear, unconciously (अस्पष्ट, बेहोशी से)। terrible (टेरब्ल) = unpleasant (भयानक)। ingratiating (इन्ग्रेशिएटिङ्) = capable of winning favour (अनुग्रह प्राप्त करने में समर्थ) | peaches (पीच्स) = a fruit (आडू)। blush (ब्लश्) = to become red in face (शरमाना)। miserable (मिज़ब्ल ) = very unhappy (दयनीय) | inadequate (इन् 'ऐडिक्वट) = not enough (अपर्याप्त) | retorted (रिटॉट्ड) = counter (जवाब देना)। humorist (ह्यूमोरिस्ट्) = in amusing way (विनोदप्रिय) । vindictive (विन्डिक्टिव्) = revengeful (प्रतिशोधपरक)। complacency (कम्प्ले न्सि ) = self-satisfaction (आत्मसंतोष)।
हिन्दी अनुवाद-शतावर आ गये। वे बहुत बड़े, रसदार और भूख बढ़ाने वाले थे। पिघले हुए मक्खन की खुशबू मेरी नाक में उसी प्रकार से गुद्गुदी कर रही थी जैसेकि जिहोवा (यहूदी देवता) के नथुने में गुणवान यहूदियों द्वारा चढ़ाई गई भेटें गुद्गुदी करती थीं। मैंने उस भद्दी-सी महिला को मुँह भर-भर कर गले से नीचे उतारते हुए देखा और बड़ी विनम्रता से मैं बाल्कन देशों में नाटक की स्थिति के बारे में उससे बात करता रहा। अन्त में सब कुछ समाप्त कर दिया।
"कॉफी," मैंने पूछा........... "हाँ, केवल एक आइसक्रीम और कॉफी," उसने उत्तर दिया। अब मुझे खर्च की चिन्ता नहीं थी, अतः मैंने अपने लिए कॉफी और उसके लिए आइसक्रीम और कॉफी लाने का आदेश दिया। "आप जानते हैं, एक बात है जिस पर मैं पूरी तरह से विश्वास करती हूँ।" उसने आइसक्रीम खाते हुए कहा, "किसी को भी खाना इस प्रकार खाना चाहिए कि वह थोड़ा-सा और भी खा सके।"
"क्या तुम अभी भी भूखी हो?" मैंने बेहोशी-सी हालत में पूछा। "ओह, नहीं, मैं भूखी नहीं हूँ; और तुम देख रहे हो कि मैं दोपहर के भोज में तो कुछ खाती ही नहीं हूँ। मैं सुबह एक कप कॉफी लेती हूँ और उसके बाद रात्रिभोज लेकिन दोपहर के भोजन में मैं कभी भी एक चीज से ज्यादा नहीं खाती हूँ। मैं तो तुम्हारे लिए कह रही थी।"
"ओह, मैं समझा।" - उसके बाद एक भयानक बात हुई। जब हम बैठे हुए कॉफी का इन्तजार कर रहे थे तभी मुख्य वेटर अपने चेहरे पर झूठी लेकिन विश्वास जीतने वाली मुस्कान लिए हुए बड़े-बड़े आडुओं से भरी एक बड़ी टोकरी लेकर हमारे सामने आ गया। वे किसी मासूम कन्या के लाल गालों के समान प्रतीत हो रहे थे; वे इटली के प्राकृतिक सौन्दर्य के समान सुन्दर थे। लेकिन निश्चित रूप से यह आडुओं का मौसम नहीं था तब? ईश्वर ही जानता था कि उनकी कीमत क्या है। थोड़े समय पश्चात् मुझे भी पता चल गया क्योंकि मुझसे बात करते हुए मेरी मेहमान ने बिना सोचे-समझे ही उसमें से एक आडू उठा लिया। "देखो, तुमने अपना पेट बहुत अधिक माँस खाकर भर लिया है"-मेरे थोड़े से मटन के टुकड़े (जिसके बारे में वह बार-बार बात कर रही थी) और तुम अब और ज्यादा नहीं खा सकते। लेकिन मैंने तो बहुत ही हल्का भोजन लिया है और मैं एक आडू खाने का आनन्द प्राप्त करूँगी।"
अब खाने का बिल आ गया और जब मैंने उसका भुगतान किया तो मैंने पाया कि मेरे पास टिप में देने के लिए अपर्याप्त धन ही था। तुरन्त ही उसकी आँखें तीन फ्रैंक पर टिक गई जो मैंने वेटर के लिए छोड़ दिए थे और मैं जानता था कि उसने मुझे संकुचित मनोवृत्ति का समझा था लेकिन जब मैं रेस्टोरेन्ट से बाहर गया तो पूरा महीना मेरे सामने व्यतीत करने के लिए था और मेरी जेब में एक पैनी भी नहीं थी।
"मेरे उदाहरण का अनुसरण करो," जब हमने हाथ मिलाये तो उसने कहा, "और दोपहर के भोजन में कभी भी एक से ज्यादा चीज मत खाओ।" "मैं इससे भी ज्यादा अच्छा कार्य करूँगा," मैंने खिसियाते हुए उत्तर दिया। "और आज रात्रि भोजन में कुछ भी नहीं खाऊँगा।" "विनोदप्रिय", उसने प्रसन्नतापूर्वक गाड़ी में बैठते हुए कहा, "तुम बहुत ज्यादा विनोदप्रिय हो।"
लेकिन अन्त में मुझे मेरा बदला मिल गया। मैं नहीं मानता कि मैं कोई बदला लेने वाला व्यक्ति हूँ लेकिन अमर देवता किसी मामले को अपने हाथ में ले लें तो उसका परिणाम आत्म-संतोष से देखते हुए क्षमा करने योग्य है। आज उसका वजन इक्कीस स्टोन है।