These comprehensive RBSE Class 9 Social Science Notes Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप Notes will give a brief overview of all the concepts.
→ हमारे देश में प्रत्येक प्रकार की भू-आकृतियाँ पाई जाती हैं। जैसे-पर्वत, मैदान, मरुस्थल, पठार तथा द्वीपसमूह आदि।
→ भारत एक विशाल भू-भाग है। इसका निर्माण विभिन्न भूगर्भीय कालों के दौरान हुआ है जिसने इसके उच्चावचों को प्रभावित किया है।
→ प्लेट विवर्तनिक सिद्धान्त भौतिक आकृतियों के निर्माण का सर्वमान्य सिद्धान्त है।
→ भारत की प्रमुख भोगोलिक आकृतियाँ अथवा भू-आकृतिक विभाग निम्न प्रकार हैं
(i) हिमालय पर्वत श्रृंखला-हिमालय पर्वत-श्रृंखला भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। यह विश्व की सबसे ऊँची पर्वत-श्रेणी है।
(a) सबसे उत्तरी भाग में स्थित श्रृंखला को महान या आन्तरिक हिमालय या हिमाद्रि कहते हैं।
(b) हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित श्रृंखला जो सबसे अधिक असम है, हिमाचल या निम्न हिमालय के नाम से जानो जाती है।
(c) हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है।
(ii) उत्तरी मैदान-भारत का उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों-सिन्धु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक नदियों से मिलकर बना है। उत्तरी मैदान का विस्तार लगभग 7 लाख वर्ग किमी. के क्षेत्र पर है। उत्तरी मैदान में जनसंख्या का सघन निवास पाया जाता है। उत्तरी मैदान का सबसे विशालतम भाग पुराने जलोढ़ का बना है। कृषि । की दृष्टि से यह भारत का अत्यधिक उत्पादक क्षेत्र है।
(iii) प्रायद्वीपीय पठार-यह उत्तर के मैदान के दक्षिण में स्थित है। यह एक मेज की आकृति वाला स्थल है जो पुराने क्रिस्टलीय, आग्नेय तथा रूपान्तरित शैलों से बना है। इस पठार के दो मुख्य भाग हैं
(a) मध्य उच्च भूमि तथा
(b) दक्कन का पठार।
(a) मध्य उच्च भूमि-नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो मालवा के पठार के अधिकतर भागों पर फैला है, मध्य उच्च भूमि के नाम से जाना जाता है।
(b) दक्कन (दक्षिण) का पठार-यह नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। यह एक त्रिभुजाकार भू-भाग है। दक्षिण के पठार के पूर्वी एवं पश्चिमी सिरे पर क्रमशः पूर्वी तथा पश्चिमी घाट स्थित हैं।
(iv) भारतीय मरुस्थल-अरावली पहाड़ी के पश्चिमी किनारे पर भारतीय मरुस्थल स्थित है। इसे 'थार का मरुस्थल' कहते हैं। यह बालू के टीलों से ढका एक तरंगित मैदान है। थार का मरुस्थल में प्रतिवर्ष 150 मि.मी. से भी कम वर्षा होती है। 'लूनी' इस क्षेत्र की प्रमुख नदी है।
(v) तटीय मैदान-प्रायद्वीपीय पठार के किनारों पर संकीर्ण तटीय पट्टियाँ विस्तृत हैं, जिन्हें तटीय मैदान कहते हैं। इन्हें दो भागों में बाँटा जा सकता है-
(a) पश्चिमी तटीय मैदान-यह कच्छ की खाड़ी से कुमारी अन्तरीप तक फैला हुआ है। इसके उत्तरी भाग को कांकण (मुम्बई तथा गोवा) तट, मध्य भाग को कन्नड़ मैदान तथा दक्षिणी भाग को मालाबार तट कहते हैं।
(b) पूर्वी तटीय मैदान-यह बंगाल की खाड़ी की तरफ विस्तृत है। पूर्वी तटीय मैदान चौड़ा एवं समतल है। पर्वी तट के उत्तरी भाग को 'उत्तरी सरकार' तथा दक्षिणी भाग को 'कोरोमण्डल तट' के नाम से जाना जाता है।
(vi) द्वीप समूह-भारत की मुख्य भूमि के अतिरिक्त दो द्वीप-समूह भी हैं। ये हैं
(a) लक्षद्वीप समूह तथा
(b) अण्डमान एवं निकोबार द्वीप-समूह लक्षद्वीप समूह केरल के मालाबार तट के समीप स्थित है जबकि अण्डमान एवं निकोबार द्वीप-समूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है।
→ नदीय द्वीप-ब्रह्मपुत्र नदी में स्थित माजोली द्वीप विश्व का सबसे बड़ा नदीय द्वीप है। यहाँ लोग रहते हैं। भारत के उपर्युक्त सभी भू-आकृतिक विभाग एक-दूसरे के पूरक हैं तथा वे देश को प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध बनाते हैं।