Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Important Questions Chapter 6 ऊतक Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
जटिल ऊतक का उदाहरण है।
(अ) पैरैन्काइमा
(ब) कॉलेन्काइमा
(स) संवहन ऊतक
(द) स्क्लेरेन्काइमा
उत्तर:
(स) संवहन ऊतक
प्रश्न 2.
ऐरेन्काइमा पाया जाता है।
(अ) जलीय पादपों में
(ब) समतलीय पादपों में
(स) मरुस्थलीय पादपों में
(द) उपर्युक्त सभी में
उत्तर:
(अ) जलीय पादपों में
प्रश्न 3.
सुबेरिम पाया जाता है।
(अ) जायलम ऊतक में &
(ब) फ्लोएम ऊतक में
(स) रक्षी ऊतक में
(द) पेरेन्काइमा में
उत्तर:
(स) रक्षी ऊतक में
प्रश्न 4.
पौधों को लचीलापन प्रदान करने वाला ऊतक है।
(अ) पैरैन्काइमा
(ब) कॉलेन्काइमा
(स) स्क्लेरेन्काइमा
(द) उपर्युक्त सभी ऊतक
उत्तर:
(ब) कॉलेन्काइमा
प्रश्न 5.
बीजों व फलों के कठोर छिलके बने होते हैं।
(अ) पैरेन्काइमा के
(ब) कॉलेन्काइमा के
(स) स्क्लेरेन्काइमा के
(द) संवहन ऊतक के
उत्तर:
(स) स्क्लेरेन्काइमा के
प्रश्न 6.
जड़ व तने के अग्र भाग में उपस्थित ऊतक है।
(अ) स्थायी
(ब) जटिल
(स) विभज्योतक
(द) संवहन
उत्तर:
(स) विभज्योतक
प्रश्न 7.
हमारी त्वचा की एपिथीलियम कहलाती है।
(अ) सरल शल्की
(ब) सरल घनाकार
(स) स्तरित शल्की
(द) स्तरित घनाकार
उत्तर:
(स) स्तरित शल्की
प्रश्न 8.
रुधिर एक प्रकार का ऊतक है।
(अ) संयोजी
(ब) पेशीय
(स) तंत्रिका
(द) एपिथीलियम
उत्तर:
(अ) संयोजी
प्रश्न 9.
पादपों में फ्लोएम ऊतक का कार्य है।
(अ) जल संवहन
(ब) खानिज लवण संवहन
(स) खाद्य संवहन
(द) वायु संवहन
उत्तर:
(स) खाद्य संवहन
प्रश्न 10.
क्लोरोप्लास्ट पाये जाते हैं।
(अ) कॉलेन्काइमा ऊतक में
(ब) पैरेन्काइमा ऊतक में
(स) जाइलम ऊतक में
(द) संरक्षी ऊतक में
उत्तर:
(ब) पैरेन्काइमा ऊतक में
प्रश्न 11.
जाइलम की संरचना में पाये जाते हैं।
(अ) वाहिनिकाएँ एवं वाहिकाएँ
(ब) जाइलम पैरेन्काइमा
(स) जाइलम फाइबर
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 12.
पक्ष्माभी स्तम्भाकार एपिथीलियम पाये जाते हैं।
(अ) आँत में
(ब) श्वास नली में
(स) हृदय में
(द) आमाशय में
उत्तर:
(ब) श्वास नली में
प्रश्न 13.
वृक्कीय नली का अस्तर बना होता है।
(अ) घनाकार एपिथीलियम द्वारा
(ब) स्तम्भाकार एपिथीलियम द्वारा
(स) पक्ष्माभी एपिथीलियम द्वारा
(द) उपर्युक्त सभी द्वारा
उत्तर:
(अ) घनाकार एपिथीलियम द्वारा
प्रश्न 14.
हमारे शरीर में ऊष्मीय कुचालकता कार्य करने वाला ऊतक है।
(अ) पेशीय ऊतक
(ब) तंत्रिका ऊतक
(स) वसामय ऊतक
(द) संयोजी ऊतक
उत्तर:
(स) वसामय ऊतक
प्रश्न 15.
वह संयोजी ऊतक जो मांसपेशियों को अस्थियों से जोड़ता है, कहलाता है।
(अ) डेंडराइट्स
(ब) एक्सॉन
(स) कंडरा
(द) एडिपोस
उत्तर:
(स) कंडरा
प्रश्न 16.
विभज्योतक पादप में निम्न स्थान पर उपस्थित होता है।
(अ) शीर्षस्थ
(ब) पाश्व्वीय
(स) अन्तर्विष्ट स्थल
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 17.
विभज्योतक कोशिकाओं में अनुपस्थित होता है।
(अ) राइबोसोम
(ब) रसधानी
(स) लाइसोसोम
(द) DNA
उत्तर:
(स) लाइसोसोम
प्रश्न 18.
सबसे अधिक पाया जाने वाला सरल स्थायी ऊतक है।
(अ) पैरैन्काइमा
(ब) कॉलेन्काइमा
(स) स्क्लेरेन्काइमा
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(अ) पैरैन्काइमा
प्रश्न 19.
लिग्निन की मोटी परत पायी जाती है।
(अ) पैरेन्काइमा में
(ब) कॉलेन्काइमा में
(स) ऐरेन्काइमा में
(द) स्वलेरेन्काइमा में
उत्तर:
(द) स्वलेरेन्काइमा में
प्रश्न 20.
मरुस्थलीय पौधों की बाहरी सतह वाली एपीडर्मिस में किसका लेप होता है।
(अ) सेल्यूलोज
(ब) लिग्निन
(स) क्यूटिन
(द) सुबेरिन
उत्तर:
(स) क्यूटिन
प्रश्न 21.
फ्लोएम ऊतक का मृत भाग है।
(अ) चालनी कोशिका
(ब) साथी कोशिका
(स) फ्लोएम पैरैन्काइमा
(द) फ्लोएम रेशे
उत्तर:
(स) फ्लोएम पैरैन्काइमा
प्रश्न 22.
ग्रन्थियों का निर्माण किस ऊतक से होता है।
(अ) एपिथीलियमी ऊतक
(ब) संयोजी ऊतक
(स) पेशी ऊतक
(द) तंत्रिका ऊतक
उत्तर:
(अ) एपिथीलियमी ऊतक
प्रश्न 23.
वह संयोजी ऊतक जो अस्थियों को अस्थियों से जोड़ता है, कहलाता है।
(अ) कंडरा
(ब) प्लाज्मा
(स) स्नायु
(द) वसामय ऊतक
उत्तर:
(स) स्नायु
प्रश्न 24.
किन पेशियों द्वारा आँखों की पलकों में गति होती है।
(अ) रेखित पेशी
(ब) चिकनी पेशी
(स) कार्डिक पेशी
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ब) चिकनी पेशी
रिक्त स्थान वाले प्रश्न:
निम्नलिखित प्रश्नों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 1.
तने की परिधि या मूल में वृद्धि..................के कारण होती है।
उत्तर:
पार्श्वविभज्योतक
प्रश्न 2.
रक्त एक प्रकार.....................का ऊतक है।
उत्तर:
संयोजी
प्रश्न 3.
दो अस्थियाँ आपस में.....................से जुड़ी होती हैं।
उत्तर:
स्नायु
प्रश्न 4.
प्रत्येक न्यूरॉन में एक लम्बा प्रवर्ध होता है, जिसे...................कहते हैं।
उत्तर:
एक्सॉन
प्रश्न 5.
ऊतक...................का समूह होता है।
उत्तर:
कोशिकाओं।
सत्य/असत्य कथन वाले प्रश्न:
निम्नलिखित कथनों में सत्य तथा असत्य कथन छाँटिए:
प्रश्न 1.
नारियल का रेशेयुक्त छिलका कॉलेन्काइमा का बना होता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
विभज्योतक कोशिकाओं में रसधानी नहीं होती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
स्क्लेरेन्काइमा ऊतकों में क्लोरोफिल पाया जाता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
वाष्पोत्सर्जन की क्रिया स्टोमेटा के द्वारा होती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
रक्त के तरल आधात्री भाग को प्लाज्मा कहते हैं।
उत्तर:
सत्य।
मिलान वाले प्रश्न:
निम्नलिखित प्रश्नों में सही कूट ( कोड ) का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
अंग |
ऊतक |
(a) त्वचा |
(i) चपटी एपिथीलियम |
(b) श्वास नली |
(ii) घनाकार एपिथीलियम |
(c) लार ग्रन्थि |
(iii) स्तरित शल्की एपिथीलियम |
(d) कूपिका |
(iv) पक्ष्माभी स्तम्भाकार एपिथीलियम |
उत्तर:
अंग |
ऊतक |
(a) त्वचा |
(iii) स्तरित शल्की एपिथीलियम |
(b) श्वास नली |
(iv) पक्ष्माभी स्तम्भाकार एपिथीलियम |
(c) लार ग्रन्थि |
(ii) घनाकार एपिथीलियम |
(d) कूपिका |
(i) चपटी एपिथीलियम |
प्रश्न 2.
ऊतक |
कार्य |
(a) एपिथीलियम |
(i) संवेदन |
(b) संयोजी |
(ii) रक्षा आवरण |
(c) पेशी |
(iii) संवहन |
(d) तंत्रिका |
(iv) संकुचन |
उत्तर:
ऊतक |
कार्य |
(a) एपिथीलियम |
(ii) रक्षा आवरण |
(b) संयोजी |
(iii) संवहन |
(c) पेशी |
(iv) संकुचन |
(d) तंत्रिका |
(i) संवेदन |
प्रश्न 3.
ऊतक |
रसायन |
(a) एपीडर्मिस |
(i) प्रोटीन |
(b) कॉर्क (छाल) |
(ii) क्यूटिन |
(c) अस्थि |
(iii) कैल्सियम |
(d) पेशी |
(iv) सुबरि |
उत्तर:
ऊतक |
रसायन |
(a) एपीडर्मिस |
(i) प्रोटीन |
(b) कॉर्क (छाल) |
(ii) क्यूटिन |
(c) अस्थि |
(iii) कैल्सियम |
(d) पेशी |
(iv) सुबरिन |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
पौधों में कठोरता और मजबूती किस ऊतक के कारण होती है ?
उत्तर:
स्क्लेरेन्काइमा के कारण।
प्रश्न 2.
स्क्लेरेन्काइमा ऊतक की कोशिकाएँ कैसी होती हैं ?
उत्तर:
मृत, लम्बी और पतली।
प्रश्न 3.
रंक्षी कोशिकाएँ कहाँ पाई जाती हैं ?
उत्तर:
स्टोमेटा में।
प्रश्न 4.
संवहन ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
जाइलम तथा फ्लोएम।
प्रश्न 5.
किस पादप ऊतक के पास रसधानियों का अभाव होता है ?
उत्तर:
विभज्योतक ऊतक के पास।
प्रश्न 6.
जब पैरेन्काइमा ऊतक में क्लोरोफिल पाई जाती है, तब उसे क्या कह
उत्तर:
क्लोरोन्काइमा (हरित ऊतक)।
प्रश्न 7.
पादप ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 8.
रक्त किस प्रकार का ऊतक है ?
उत्तर:
रक्त तरल संयोजी ऊतक है।
प्रश्न 9.
प्लाज्मा क्या है ?
उत्तर:
रक्त का तरल आधात्री भाग प्लाज्मा कहलाता है।
प्रश्न 10.
अस्थि कोशिकाएँ कठोर क्यों होती हैं ?
उत्तर:
कैल्सियम एवं फॉस्फोरस के कारण अस्थि कोशिकाएँ कठोर होती हैं।
प्रश्न 11.
मानव में पेशीय कोशिकाओं का क्या कार्य है ?
उत्तर:
पेशीय कोशिकाएँ फैलती और सिकुड़ती हैं जिससे गति होती है।
प्रश्न 12.
रक्त किन पदार्थों का वहन करता है ?
उत्तर:
रक्त ऑक्सीजन, भोजन, हार्मोन और अपशिष्ट पदार्थों का वहन करता है।
प्रश्न 13.
पौधे एवं जन्तु के ऊतकों में एक विशेष अन्तर क्या है ?
उत्तर:
पौधे के अधिकांश ऊतक मृत होते हैं, जबकि जंतुओं में अधिकांश ऊतक जीवित होते हैं।
प्रश्न 14.
पौधों के ऊतकों के वर्गीकरण का क्या आधार है ?
उत्तर:
विभाजन क्षमता के आधार पर पौधों के ऊतकों का वर्गीकरण किया जाता है।
प्रश्न 15.
पौधे के मूल में वृद्धि का क्या कारण है ?
उत्तर:
पौधे के मूल में वृद्धि पाश्व्व विभज्योतक के कारण होती है।
प्रश्न 16.
पादप में अंतर्विष्ट विभज्योतक ऊतक कहाँ उपस्थित होते हैं ?
उत्तर:
अंतर्विष्ट विभज्योतक पत्तियों के आधार या टहनी के पर्व के दोनों ओर उपस्थित होते हैं।
प्रश्न 17.
सरल स्थायी ऊतक के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
नारियल का रेशेदार छिलका किस ऊतक का बना होता है ?
उत्तर:
स्क्लेरेन्काइमा का।
प्रश्न 19.
एपिडर्मल कोशिकाओं का एक कार्य लिखिए।
उत्तर:
इनके द्वारा मोम सदृश जल प्रतिरोधी परत तैयार होती है, जो पौधों की रक्षा करती है।
प्रश्न 20.
जाइलम के संघटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
ट्रैकीड्स (वाहिनिका), वाहिका, जाइलम पेरेन्काइमा एवं जाइलम फाइबर्स।
प्रश्न 21.
आहार नाल और मुँह का आंतरिक अस्तर किससे बना होता है ?
उत्तर:
शल्की एपिथीलियम से।
प्रश्न 22.
संयोजी ऊतक कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक का नाम लिखिए।
उत्तर:
तीन प्रकार हैं
प्रश्न 23.
रुधिर प्लाज्मा में पाई जाने वाली रुधिर कणिकाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 24.
उस ऊतक का नाम लिखिए, जो शरीर का पंजर निर्माण करके आकार प्रदान करता है।
उत्तर:
अस्थि संयोजी ऊतक।
प्रश्न 25.
शरीर के उन दो अंगों के नाम लिखिए जहाँ उपास्थि पाई जाती है।
उत्तर:
(i) कान,
(ii) कंठ और श्वास नली।
प्रश्न 26.
रेखित पेशियों की संरचना कैसी होती है ?
उत्तर:
रेखित पेशियों की कोशिकाएँ लम्बी, बेलनाकार, शाखारहित और बहुनाभीय होती हैं।
प्रश्न 27.
अरेखित पेशियों की कोशिकाओं में केन्द्रक की संख्या कितनी होती है ?
उत्तर:
इनमें एक केन्द्रक पाया जाता है।
प्रश्न 28.
तंत्रिका कोशिका के मुख्य तीन भागों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 29.
एक्सॉन क्रिसे कहते हैं ?
उत्तर:
प्रत्येक न्यूरॉन में एक लम्बा प्रवर्ध पाया जाता है, उसे ही एक्सॉन कहते हैं।
प्रश्न 30.
न्यूरॉन में केन्द्रक कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर:
कोशिकाकाय में।
प्रश्न 31.
हृदय की पेशी कोशिकाओं की संरचना किस तरह की होती है ?
उत्तर:
हृदय की पेशी कोशिकाएँ बेलनाकार शाखाओं वाली और एक - केन्द्रकीय होती हैं।
प्रश्न 32.
'तंत्रिका स्पंदन' किसे कहते हैं ?
उत्तर:
तंत्रिका रेशे से गुजरने वाली संवेदना को तंत्रिका स्पंदन कहते हैं।
प्रश्न 33.
रक्त को संयोजी ऊतक क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
रक्त गैसों, शरीर के पचे हुए भोजन, हॉर्मोन और उत्सर्जी पदार्थों को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग संवहन करता है इसलिए संयोजी ऊतक कहलाता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
एककोशिक और बहुकोशिक जीवों के मौलिक कार्य संपादन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
एककोशिक जीवों जैसे - अमीबा, पेरामीशियम आदि में एक ही कोशिका सभी कार्य जैसे गति, भोजन लेने की क्रिया, श्वसन क्रिया और उत्सर्जन क्रिया आदि को सम्पन्न करती है जबकि बहुकोशिक जीव जैसे - बिल्ली, कीट और मानव आदि में श्रम विभाजन का प्रक्रम होता है। बहुकोशिक जीवों में किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए विशेष अंग होते हैं । उदाहरणार्थ, मनुष्य में हृदय - रुधिर को पम्प करने के लिए, फेफड़े - श्वसन के लिए, आमाशयभोजन के पाचन के लिए आदि। किसी कार्य विशेष को सम्पन्न करने के लिए उस कार्य में दक्ष कोशिकाएँ एक समूह में और एक निश्चित स्थान पर होती हैं।
प्रश्न 2.
संरचना के आधार पर पौधे और जन्तुओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पादप |
जन्तु |
1. पादप स्थिर होते हैं। |
1. जन्तु अपने आस-पास गति करते हैं। |
2. इनमें वृद्धि कुछ सीमित भागों में जीवन-पर्यन्त होती रहती है। |
2. इनमें वृद्धि सभी भागों में एक निश्चित अवधि तक होती है। |
3. इनमें विशिष्ट अंग लगभग अनुपस्थित होते हैं। |
3. इनमें विशिष्ट अंग आवश्यक रूप से पाये जाते हैं। |
प्रश्न 3.
पादपों में संरचना व मौलिक कार्यों के आधार पर किस प्रकार के ऊतक अपेक्षित हैं?
उत्तर:
संरचना व कार्यों के आधार पर पादप ऊतक में निम्न विशेषताएँ होनी चाहिए।
इसलिए पादपों में ऊतक दो प्रकार के हैं।
प्रश्न 4.
जन्तुओं के संरचनात्मक संगठन व कार्यों के आधार पर जन्तु ऊतक में क्या विशेषताएँ होनी चाहिए?
उत्तर:
जन्तु ऊतकों की विशेषताएँ।
प्रश्न 5.
पादप ऊतक कितने प्रकार के होते हैं? इनका एक फ्लोचार्ट बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
विभज्योतक ऊतक की कोशिकाओं की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
विभज्योतक ऊतक की कोशिकाओं की विशेषताएँ।
प्रश्न 7.
विभेदीकरण से क्या आशय है?
उत्तर:
पादपों में विभज्योतक कोशिकाएँ विभाजन का कार्य करती हैं। ये कोशिकाएँ एक विशिष्ट कार्य करना प्रारम्भ कर देती हैं तथा विभाजित होने की शक्ति खो देती हैं जिससे स्थायी ऊतक बनते हैं। इस प्रकार एक विशिष्ट कार्य करने के लिए विभज्योतक के स्थायी रूप और आकार लेने की क्रिया को विभेदीकरण कहते हैं।
प्रश्न 8.
सरल स्थायी ऊतक से क्या आशय है? ये कितनी प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
सरल स्थायी ऊतक - यह एक ही प्रकार की कोशिकाओं का समूह होता है। कोशिकाएँ सरल तथा पतली कोशिका भित्ति की होती हैं। ये ऊतक तीन प्रकार के होते हैं।
प्रश्न 9.
पेरेन्काइमा ऊतक के कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कार्य:
प्रश्न 10.
स्टोमेटा की संरचना एवं कार्य लिखिए। चित्र भी बनाइए।
उत्तर:
स्टोमेटा: पत्ती की एपिडर्मिस में छोटे - छोटे छिद्र होते हैं, जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं। ये दो वृक्क के आकार की कोशिकाओं से घिरे रहते हैं, जिन्हें रक्षी कोशिकाएँ कहते हैं।
कार्य:
प्रश्न 11.
स्थायी ऊतक की विशेषताएँ लिखिए।
उत्त:
स्थायी ऊतक की विशेषताएँ।
प्रश्न 12.
जन्तुओं में पाये जाने वाले विभिन्न ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्त:
जन्तुओं में चार प्रकार के ऊतक होते हैं।
प्रश्न 13.
स्क्लेरेन्काइमा ऊतक के विषय में लिखिए।
उत्तर:
स्क्ले रेन्काइमा ऊतक:
यह एक प्रकार का सरल स्थायी ऊतक है, जो पौधे को कठोर एवं मजबूत बनाता है। इसकी कोशिकाएँ मृत, लम्बी व पतली होती हैं क्योंकि इसकी भित्ति लिग्निन के कारण मोटी होती है। ये भित्तियाँ प्रायः इतनी मोटी होती हैं कि कोशिका के भीतर कोई आंतरिक स्थान नहीं होता है। यह ऊतक तने में, संवहन बंडल के समीप, पत्तों की शिराओं में तथा बीजों और फलों के कठोर छिलके में पाया जाता है।
प्रश्न 14.
एपिथीलियम ऊतकों को कितने भागों में वर्गीकृत किया गया है?
उत्तर:
आकार तथा कार्य के आधार पर एपिथीलियम ऊतक निम्न प्रकार के हैं।
प्रश्न 15.
एपिथीलियम ऊतक के मुख्य कार्य लिखिए।
उत्तर:
एपिथीलियम ऊतक के कार्य
प्रश्न 16.
अस्थि व उपास्थि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अस्थि |
उपास्थि |
1. यह.ठोस व लोचहीन पदार्थ से बना है। |
1. यह अर्द्ध ठोस व लचीले पदार्थ से बना है। |
2. अन्तःकोशिकीय स्थान में कैल्सियम व फॉस्फोरस के लवण भरे होते हैं। |
2. इसमें प्रोटीन एवं शर्करा, अंतःकोशिकीय स्थान में भरे होते हैं। |
3. इसके केन्द्र में अस्थि मज्जा पाई जाती है। |
3. समें अस्थि मज्जा नहीं पाई जाती। |
प्रश्न 17.
रुधिर क्या है ? रुधिर के विभिन्न घटकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
रुधिर एक तरल संयोजी ऊतक (Connective tissue) है, जिसके द्वारा सम्पूर्ण शरीर में संवहन होता है।
रुधिर के मुख्य घटक निम्न हैं।
1. कणिकीय अवयव:
2. तरल अवयव - प्लाज्मा (Plasma)
प्रश्न 18.
विभिन्न रक्त कोशिकाओं के नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
रक्त कोशिकाओं के चित्र:
प्रश्न 19.
संयोजी ऊतक स्नायु तथा कंडरा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्नायु ऊतक: यह ऊतक दो अस्थियों को आपस में जोड़ने का कार्य करता है। इसे अस्थिबंधान तंतु भी कहते हैं। यह ऊतक बहुत लचीला तथा मजबूत होता है। इसमें आधात्री की मात्रा बहुत कम होती है।
कंडरा (Tendon):
यह ऊतक मांसपेशियों को अस्थि से जोड़ने का कार्य करता है। यह मजबूत तथा सीमित लचीलेपन वाला रेशेदार ऊतक है।
प्रश्न 20.
अस्थि संयोजी ऊतक का नामांकित चित्र बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अस्थि संयोजी ऊतक:
यह पंजर निर्माण कर शरीर को आकार प्रदान करता है। यह ऊतक मांसपेशियों तथा शरीर के मुख्य अंगों को सहारा देता है। यह मजबूत तथा कठोर ऊतक है। अस्थि कोंशिकाएँ कठोर आधात्री में धँसी होती हैं, जो कैल्सियम तथा फॉस्फोरस सें बनी होती हैं।
प्रश्न 21.
उपास्थि किस प्रकार के ऊतक का कार्य करती है ? यह हमारे किन अंगों में पाई जाती है?
उत्तर:
उपास्थि: यह एक प्रकार का संयोजी ऊतक है। इसमें कोशिकाओं के बीच में पर्याप्त स्थान होता है। इसकी ठोस आधात्री प्रोटीन और शर्करा की बनी होती है, जिससे यह लचीला व मुलायम होता है। यह अस्थियों के जोड़ों को चिकना बनाती है। नाक, कान, कंठ और श्वास नली में उपास्थि उपस्थित होती है।
प्रश्न 22.
एरिओलर ऊतक कहाँ पाया जाता है? एरिओलर ऊतक का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
एरिओलर संयोजी ऊतक त्वचा और मांसपेशियों के बीच रक्त नलिका के चारों ओर तथा नसों और अस्थि मज्जा में पाया जाता है। यह अंगों के रिक्त स्थान को भरता है तथा आंतरिक अंगों को सहारा प्रदान करता है। यह ऊतकों की मरम्मत में भी सहायक है।
प्रश्न 23.
वसामय ऊतक का क्या कार्य है ? इसका नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
वसामय ऊतक: यह ऊतक हमारे शरीर में वसा का संग्रह करता है। यह त्वचा के नीचे आंतरिक भागों के मोटी सूक्ष्मबिंदुक बीच पाया जाता है। इस ऊतक की कोशिकाएँ वसा की गोलिकाओं से भरी होती हैं। वसा संग्रहित होने के कारण यह ऊष्मीय कुचालक का कार्य भी करता है।
प्रश्न 24.
पेशीय ऊतक की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर:
प्रश्न 25.
गति के आधार पर पेशियाँ कितने प्रकार की होती हैं? इनका वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गति के आधार पर पेशियाँ दो प्रकार की होती हैं
(i) ऐच्छिक पेशी: वह पेशी, जिसकी गति हम इच्छानुसार कर सकते हैं, ऐच्छिक पेशी कहलाती है। जैसेहाथ व पैर की माँसपेशियाँ। अधिकतर ऐच्छिक पेशियाँ हड्डियों से जुड़ी रहती हैं और वे रेखीय पेशी होती हैं।
(ii) अनैच्छिक पेशी: वह पेशी, जिसकी गति हमारी इच्छा पर निर्भर नहीं करती, अनैच्छिक पेशी कहलाती है; जैसे - आहार नाल, हृदय, आँख की पलक, फेंफड़ों की श्वसनी आदि की पेशियाँ। ये अरेखित पेशियाँ हैं।
प्रश्न 26.
तंत्रिका ऊतक से क्या आशय है?
उत्तर:
तंत्रिका ऊतक:
हमारे शरीर में उत्तेजना के अनुकूल शीघ्र प्रतिक्रिया करने के लिए कोशिकाएँ होती हैं। ये शरीर में सूचनाओं का स्थानान्तरण करती हैं। इन कोशिकाओं के समूह को तंत्रिका ऊतक कहते हैं। मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएँ सभी तंत्रिका ऊतकों से बने होते हैं। तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन कहते हैं।
प्रश्न 27.
क्या एक पेड़ की बाहरी शाखा की परत नए तने की बाह्य परत से भिन्न होती है? यदि हाँ, तो क्यों?
उत्तर:
जैसे - जैसे पेड़ बढ़ता है, उसके बाह्य सुरक्षात्मक ऊतकों में कुछ परिवर्तन होता है। एक दूसरे विभज्योतक की पट्टी तने के एपीडर्मिस का स्थान ले लेती है। बाहरी सतह की कोशिकाएँ इस सतह से अलग हो जाती हैं। यह पौधों पर बहुत परतों वाली मोटी छाल का निर्माण करती है। इन छालों की कोशिकाएँ मृत होती हैं, ये बिना अंतःकोशिकीय स्थानों के व्यवस्थित होती हैं। इनकी भित्ति पर सुबरिन नामक रसायन होता है, जो इन छालों को हवा एवं पानी के लिए अभेद्य बनाता है। इस प्रकार एक पेड़ की बाह्य शाखा की परत नए तने की बाह्य परत से भिन्न होती है।
प्रश्न 28.
जाइलम के विषय में लिखिए।
उत्तर:
जाइलम एक संवहन जटिल ऊतक है जो पौधों में पाया जाता है। यह ट्रैकीड् (वाहिनिका), वाहिका, जाइलम पैरेन्काइमा और जाइलम फाइबर (रेशे) से मिलकर बना होता है। इन कोशिकाओं की कोशिका भित्ति मोटी होती है और इनमें से अधिकतर कोशिकाएँ मृत होती हैं। ट्रैकीड् और वाहिकाएँ नलिकाकार होती हैं। ये पानी और खनिज लवण का ऊर्ध्वाधर संवहन करती हैं। पैरेन्काइमा भोजन का संग्रह करता है और यह किनारे की ओर पानी के पार्वीय संवहन में मदद करता है। फाइबर मुख्यतः सहारा देने का कार्य करते हैं।
प्रश्न 29.
फ्लोएम पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
फ्लोएम: यह पौधों में पाया जाने वाला एक जटिल संवहन ऊतक है। यह चालनी नलिका, साथी कोशिकाओं, फ्लोएम पैरेन्काइमा एवं फ्लोएम रेशों से मिलकर बना होता है। चालनी नलिका छिद्रित भित्ति वाली तथा नलिकाकार कोशिका होती है। फ्लोएम, जाइलम के असमान पदार्थों को कोशिकाओं में दोनों दिशाओं में गति करा सकते हैं। फ्लोएम पत्तियों से भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है। फ्लोएम रेशों को छोड़कर, फ्लोएम कोशिकाएँ जीवित कोशिकाएँ होती हैं।
प्रश्न 30. संवहन बंडल से क्या अभिप्राय है? लिखिए।
उत्तर:
संवहन बंडल: यह जटिल अथवा संवहन पादप ऊतकों - जाइलम एवं फ्लोएम से मिलकर बने होते हैं। यह. मुख्यतः पौधों में पानी, खनिज लवण और खाद्य पदार्थों का स्थानान्तरण करते हैं।
प्रश्न 31.
जलीय पौधों में तैरने का गुण किस कारण होता है?
उत्तर:
जलीय पौधों में पैरेन्काइमा ऊतक की कोशिकाओं के मध्य हवा की बड़ी - बड़ी गुहिकाएँ (Cavities) पाई जाती हैं, जो पौधों को तैरने के लिए उत्प्लावन बल प्रदान करती हैं। इस प्रकार के पैरेन्काइमा ऊतक को 'ऐरेन्काइमा' कहते हैं।
प्रश्न 32.
फ्लोएम एवं जाइलम के कार्य लिखिए।
उत्तर:
(i) फ्लोएम के कार्य: यह पादप ऊतक पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन को पौधे के विभिन्न भागों में स्थानान्तरित करते हैं।
(ii) जाइलम के कार्य: यह पादप ऊतक जल एवं उसमें घुले हुए खनिज लवणों को जड़ से लेकर पौधों के ऊपरी भागों तक पहुँचाता है। यह ऊतक पौधों को यांत्रिक सहायता भी प्रदान करते हैं।
प्रश्न 33.
एक तने की अनुप्रस्थ काट का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 34.
तंत्रिका कोशिका को समझाइए।
उत्तर:
तंत्रिका ऊतक की कोशिकाएँ तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन कहलाती हैं। न्यूरॉन में केन्द्रक तथा कोशिका द्रव्य (साइटोप्लाज्म) पाया जाता है। इससे लम्बे, पतले बालों जैसी शाखाएँ निकली होती हैं । प्रायः प्रत्येक न्यूरॉन में इस तरह का एक लम्बा प्रवर्ध होता है, जिसे 'एक्सॉन' कहते हैं तथा बहुत सारे छोटी शाखा वाले प्रवर्ध (डेंड्राइट्स) होते हैं। एक तंत्रिका कोशिका 1 मी. तक लम्बी हो सकती है। बहुत सारे तंत्रिका रेशे संयोजी ऊतक के द्वारा एक साथ मिलकर एक तंत्रिका का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 35.
तंत्रिका स्पंदन क्या है ? इसका महत्त्व बताइये।
उत्तरः
तंत्रिका रेशे से गुजरने वाली संवेदना को तंत्रिका स्पंदन कहते हैं।
महत्त्व: तंत्रिका का स्पंदन हमें इच्छानुसार अपनी पेशियों की गति करने में सहायता करता है।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
पादप ऊतक विभज्योतक को समझाइए।
उत्तर:
विभज्योतक: पौधों में वृद्धि कुछ निश्चित क्षेत्रों में ही होती है। ऐसे क्षेत्रों में विभज्योतक पाए जाते हैं। शीर्षस्थ विभज्योतक विभज्योतक ऊतकों को इनकी उपस्थिति वाले क्षेत्रों के आधार पर शीर्षस्थ, कैम्बियम (पाश्र्वीय) और अंतर्विष्ट भागों में वर्गीकृत किया जाता है। विभज्योतक की कोशिकाएँ शुरू में बढ़ती हैं और परिपक्व होती हैं। इनके गुणों में धीरे - धीरे परिवर्तन होता है और ये दूसरे ऊतकों के घटकों के रूप में विभाजित हो जाती हैं।
इस प्रकार स्थिति के आधार पर विभज्योतक तीन प्रकार के होते हैं।
(i) शीर्षस्थ विभज्योतक: प्ररोह के शीर्षस्थ विभज्योतक जड़ों एवं तनों की वृद्धि वाले भाग में विद्यमान रहता है तथा वह पार्श्व विभज्योतक इनकी लम्बाई में वृद्धि करता है।
(ii) पाश्वीय विभज्योतक: तने की परिधि या मूल में चित्र - किसी पौधे में विभज्योतक की स्थिति वृद्धि इसके कारण होती है।
(iii) अंतर्विष्ट विभज्योतक: यह पत्तियों के आधार में या टहनी के पर्व (internode) के दोनों ओर उपस्थित होते हैं।
विभज्योतक ऊतक की कोशिकाएँ बहत क्रियाशील होती हैं। इनके पास बहुत अधिक कोशिका द्रव्य, पतली कोशिका भित्ति और स्पष्ट केन्द्रक होते हैं, परन्तु इनमें रसधानियों का अभाव होता है।
प्रश्न 2.
संवहन ऊतक को परिभाषित कीजिए तथा जायलम एवं फ्लोएम ऊतक में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संवहन ऊतक:
एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने ऊतक, जो एक साथ मिलकर एक इकाई की तरह कार्य करते हैं, उन्हें संवहन ऊतक कहते हैं।
जायलम |
फ्लोएम |
1. इसके द्वारा घुलित जल एवं लवण का संवहन होता है |
यह खाद्य संवहन के लिए उत्तरदायी है। |
2. इसमें मुख्य कोशिका वाहिका एवं वाहिनिका पायी जाती है। |
इसमें मुख्य कोशिका चालनी नलिका तथा सहकोशिका होती है। |
3. इसकी कोशिका मोटी भित्तियुक्त मृत कोशिका है। |
इसकी कोशिका लम्बी तथा पतली भित्ति वाली होती है। |
4. वाहिकाएँ तथा वाहिनिकाएँ मिलकर लम्बी नलिक संरचना बनाती हैं। इससे जल संवहन सरलता से हो जाता है। |
चालनी नलिका में सूक्ष्म छिद्र होते हैं तथा इनसे सटी हुई सह-कोशिकाएँ पायी जाती हैं। |
5. इसमें ज्जायलम मृदूतक एवं फाइबर ऊतक पाये जाते हैं, जो इनको मजबूती प्रदान करते हैं। |
इनमें भी फ्लोएम फाइबर ऊतक एवं मृदूतक मिलते हैं, जो इन्हें मजबूती देने के साथ-साथ खाद्य संग्रह भी करते हैं। |
प्रश्न 3.
संयोजी ऊतक क्या हैं ? इनके क्या कार्य हैं ?
उत्तर:
संयोजी ऊतक: वे ऊतक जो एक अंग को दूसरे अंग से या एक ऊतक को दूसरे ऊतक से जोड़ते हैं, संयोजी ऊतक कहलाते हैं। संयोजी ऊतक की कोशिकाएँ आपस में कम जुड़ी होती हैं और अंतरकोशिकीय आधात्री (Matrix) में धंसी होती हैं। यह आधात्री जैली की तरह तरल, सघन या कठोर हो सकती है। आधात्री की प्रकृति, विशिष्ट संयोजी ऊतक के कार्य के अनुसार बदलती रहती है। हमारे शरीर में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के संयोजी ऊतक हैं-रक्त, अस्थि, उपास्थि, कंडरा एवं स्नायु।
अस्थि तथा उपास्थि के आधात्री (Matrix) ठोस होते हैं, परन्तु रक्त का आधात्री द्रव होता है।
कार्य:
प्रश्न 4.
प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि पादपों में वृद्धि कुछ निश्चित क्षेत्रों में होती है।
उत्तर:
पौधों में वृद्धि उन्हीं क्षेत्रों में होती है, जहाँ विभज्योतक ऊतक पाए जाते हैं। विभज्योतक ऊतकों को इनकी उपस्थिति वाले क्षेत्रों के आधार पर शीर्षस्थ, कैम्बियम (पाश्र्वीय) और अंतर्विष्ट भागों में वर्गीकृत किया जाता है। ये ऊतक पौधों में वृद्धि करते हैं । ये भाग शीर्षस्थ, केंबियम तथा अंतर्विष्ट हैं। इसको हम निम्न प्रयोग द्वारा समझ सकते हैं।
प्रयोग:
दो शीशे के जार लेते हैं और उनमें पानी भर देते हैं। अब दो प्याज लेते हैं और दोनों जारों पर एक-एक प्याज रख देते हैं, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। कुछ दिनों तक दोनों प्याजों की मूलों की लम्बाई मापते हैं। पहले, दूसरे और तीसरे दिनों में मूल की लम्बाई को माप लेते हैं। इसके बाद दूसरी जार में रखी प्याज की मूल को चौथे दिन 1 cm काट लेते हैं। अब दोनों जार में रखी प्याज की मूलों की लम्बाई का पाँच दिन
हम देखते हैं कि पहले जार की मूल में वृद्धि होती रहती है; किन्तु दूसरे जार में, जिसमें हमने मूल को काटा था, वृद्धि रुक जाती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि मूल के शीर्षस्थ भाग में विभज्योतक ऊतक होते हैं, जो वृद्धि करते हैं। शीर्षस्थ भाग को काट देने पर विभज्योतक ऊतक हट जाते हैं तथा वृद्धि रुक जाती है। इससे सिद्ध होता है कि पौधों में वृद्धि निश्चित भाग में ही होती है।
प्रश्न 5.
पौधों में सरल स्थायी ऊतक कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक की संरचना तथा कार्य लिखिए। ...
उत्तर:
सरल स्थायी ऊतक:
ये तीन प्रकार के होते हैं
(1) पैरेन्काइमा: कोशिकाओं की कुछ परतें ऊतक के आधारीय पैकिंग का निर्माण करती हैं, इन्हें पैरेन्काइमा ऊतक कहते हैं। यह पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाओं का बना होता है। ये कोशिकाएँ जीवित होती हैं । ये प्रायः बंधनमुक्त होती हैं तथा इस प्रकार के ऊतक की कोशिकाओं के मध्य काफी रिक्त स्थान होता है।
पैरेन्काइमा ऊतकों के कार्य:
पैरेन्काइमा कोशिकाओं में रूपान्तरण:
(i) जब पैरेन्काइमा कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) पाया जाता है तब वे हरे रंग की होती हैं और उन्हें क्लोरेन्काइमा (हरित लवक) कहते हैं। ये कोशिकाएँ प्रकाश - संश्लेषण कर भोजन बनाती हैं। ये कोशिकाएँ पत्तियों के मीजोफिल एवं नवजात तनों के बाह्य आवरण में पाई जाती हैं।
(ii) जब पैरेन्काइमा कोशिकाओं में अन्त:कोशिकीय स्थान बहुत बढ़ जाता है तब इन्हें एरेन्काइमा (Aerenchyma) कहते हैं । ये जलीय पौधों में पाई जाती हैं । अन्त:कोशिकीय स्थानों में वायु भरी होती है। ये जलीय पौधों को तैरने में उत्प्लावन बल प्रदान करते हैं।
(2) कॉलेन्काइमा: इस ऊतक की कोशिकाएँ जीवित लम्बी और अनियमित ढंग से कोनों पर मोटी होती हैं। इन कोशिकाओं के बीच बहुत कम स्थान होता है। यह पौधों के विभिन्न भाग पत्ती, तने में पाई जाती हैं। इनकी स्थिति एपिडर्मिस के नीचे पर्णवृन्त में होती है।
कॉलेन्काइमा ऊतक के कार्य:
(3) स्क्लेरेन्काइमा: इस ऊतक की कोशिकाएँ लम्बी व पतली होती हैं; क्योंकि इस ऊतक की भित्ति लिग्निन के कारण मोटी होती है। लिग्निन पादपों को मजबूत बनाता है। ये मृत कोशिकाएँ होती हैं। ये ऊतक तने में संवहन बंडल के समीप, पत्तों की शिराओं में तथा बीजों व फलों के छिलकों में उपस्थित होता है।
कार्य:
प्रश्न 6.
जटिल ऊतक से क्या आशय है ? पादपों में पाये जाने वाले जटिल ऊतकों को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
जटिल ऊतक: ये ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं तथा ये सभी कोशिकाएँ एक साथ मिलकर एक इकाई की तरह कार्य करती हैं। जाइलम और फ्लोएम इसी प्रकार के जटिल ऊतक हैं। इन दोनों को संवहन ऊतक भी कहते हैं और ये मिलकर संवहन बंडल का निर्माण करते हैं। यह ऊतक बड़े पौधों की एक विशेषता है, जो कि उनको स्थलीय वातावरण में रहने के अनुकूल बनाती है। पौधों में पाए जाने वाले जटिल ऊतक निम्न प्रकार से हैं
(1) जाइलम: यह चार प्रकार की कोशिकाओं-ट्रैकीड् (वाहिनिका), वाहिका, जाइलम पैरेन्काइमा और जाइलम फाइबर (रेशे) से मिलकर बना होता है। इन कोशिकाओं की कोशिका भित्ति मोटी होती है और इनमें से अधिकांश मृत होती हैं। ट्रैकीड् और वाहिकाओं की संरचना नलिकाकार होती है। इनके द्वारा पानी और खनिज लवण का ऊर्ध्वाधर संवहन होता है।
पैरेन्काइमा भोजन का संग्रह करता है और यह किनारे की ओर पानी के पार्वीय संवहन में मदद करता है। फाइबर (रेशे) मुख्यतः सहारा देने का कार्य करते हैं।
(2) फ्लोएम: फ्लोएम चार प्रकार के अवयवों से मिलकर बना होता है-चालनी नलिका, साथी (सहचरी) कोशिकाएँ, फ्लोएम पैरेन्काइमा और फ्लोएम फाइबर (रेशे)। चालनी नलिका छिद्रित भित्ति वाली तथा नलिकाकार कोशिका होती है। फ्लोएम, जाइलम के असमान पदार्थों को कोशिकाओं में दोनों दिशाओं में गति करा सकते हैं। फ्लोएम पत्तियों से भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है। फ्लोएम रेशों को छोड़कर, फ्लोएम कोशिकाएँ जीवित कोशिकाएँ होती हैं
प्रश्न 7.
एपिथीलियमी ऊतक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
एपिथीलियमी ऊतक:
जंतु के शरीर को ढकने या बाह्य रक्षा प्रदान करने वाले ऊतक को, एपिथीलियमी ऊतक कहते हैं। एपिथीलियम शरीर के अन्दर स्थित बहुत से अंगों और गुहिकाओं को ढकते हैं। ये भिन्न-भिन्न प्रकार के शारीरिक तंत्रों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए अवरोध का निर्माण करते हैं। त्वचा, मुँह, आहारनली, रक्तवाहिनी, नली का अस्तर, फेफड़ों की कूपिका, वृक्कीय नली आदि सभी एपिथीलियमी ऊतक से बने होते हैं।
इस ऊतक की कोशिकाएँ एक-दूसरे से सटी होती हैं और ये एक अनवरत परत का निर्माण करती हैं। इन परतों के बीच चिपकाने वाले पदार्थ कम होते हैं तथा कोशिकाओं के बीच बहुत कम स्थान होता है। स्पष्टत: जो भी पदार्थ जन्तु के शरीर में प्रवेश करता है या निकलता है, वह एपिथीलियम की किसी परत से होकर अवश्य गुजरता है। इसके फलस्वरूप विभिन्न प्रकार की एपिथीलियमी कोशिकाओं के बीच की पारगम्यता शरीर तथा बाहरी वातावरण और शरीर के विभिन्न अंगों के बीच पदार्थों के आदान - प्रदान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
साधारणतया सभी एपिथीलियमों में एक बाह्य रेशेदार आधार झिल्ली उसे नीचे रहने वाले ऊतकों से अलग करती है। कार्यों के आधार पर विभिन्न एपिथीलियम की संरचनाएँ भी विभिन्न प्रकार की होती हैं, जैसे - शल्की एपिथीलियम, स्तम्भाकार एपिथीलियम, घनाकार एपिथीलियम आदि।
प्रश्न 8.
एपिथीलियम ऊतक के विभिन्न प्रकारों का चित्र बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एपिथीलियम ऊतक: ये ऊतक जन्तु की बाहरी सतह तथा आंतरिक गुहाओं का आवरण बनाते हैं। ये विभिन्न आकृति तथा माप के होते हैं। कार्य के आधार पर इनको निम्न प्रकार वर्गीकृत किया गया है।
(i) शल्की एपिथीलियम: कोशिकाओं में रक्त नलिका अस्तर या कृपिका 5RA जहाँ पदार्थों का संवहन वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा होता है, वहाँ पर चपटी एपिथीलियम ऊतक कोशिकाएँ होती हैं। ये अत्यधिक पतली और चपटी होती हैं तथा कोमल स्तर का निर्माण करती हैं। आहार नली तथा मुँह का अस्तर इनके द्वारा बना होता है। शरीर की त्वचा का निर्माण भी शल्की एपिथीलियम द्वारा ही होता है।
(ii) स्तरित शल्की एपिथीलियम: त्वचा की एपिथीलियम कोशिकाएँ इनको कटने तथा फटने से बचाने के लिए कई परतों में व्यवस्थित रहती हैं, इसलिए इसे स्तरित शल्की एपिथीलियम कहते हैं।
(iii) स्तम्भाकार: अवशोषण वाले भाग और स्राव करने वाले भाग में स्तम्भाकार एपिथीलियम कोशिकाएँ होती हैं; जैसे-छोटी आँत। यह एपिथीलियमी अवरोध को पार करने में सहायता करता है।
(iv) पक्ष्माभी स्तम्भाकार एपिथीलियम: श्वास नली में, स्तम्भाकार एपिथीलियम ऊतक में पक्ष्माभ होते हैं, जो कि बाल जैसी संरचना होती है। ये पक्ष्माभ गति कर सकते हैं तथा इनकी गति श्लेष्मा को आगे स्थानान्तरित करके साफ करने में सहायता करती है। इस प्रकार का एपिथीलियम, पक्ष्माभी स्तम्भाकार एपिथीलियम कहलाता है।
(v) घनाकार: वृक्कीय नली एवं लार ग्रन्थि के अस्तर का निर्माण घनाकार एपिथीलियम कोशिकाओं से होता है। इस प्रकार ये कोशिकाएँ उस भाग को यांत्रिक सहारा प्रदान करती हैं।
(vi) ग्रन्थिल एपिथीलियम: कभी - कभी एपिथीलियम ऊतक का कुछ भाग अंदर की ओर मुड़ा होता है तथा एक बहुकोशिक ग्रन्थि का निर्माण करता है। यह ग्रन्थिल एपिथीलियम कहलाता है।