Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Important Questions Civics Chapter 5 न्यायपालिका Important Questions and Answers.
बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
भारत का सर्वोच्च न्यायालय स्थापित है-
(अ) मुम्बई में
(ब) कोलकाता में
(स) चेन्नई में
(द) नयी दिल्ली में
उत्तर:
(द) नयी दिल्ली में
प्रश्न 2.
निम्न में से कौनसा काम न्यायपालिका का नहीं है-
(अ) कानून का निर्माण करना
(ब) विवादों का निपटारा करना
(स) न्यायिक समीक्षा करना
(द) मौलिक अधिकारों का क्रियान्वयन करना
उत्तर:
(अ) कानून का निर्माण करना
प्रश्न 3.
अनुच्छेद 21 में प्रत्येक नागरिक को जीवन का मौलिक अधिकार दिया गया है। इस अधिकार में शामिल नहीं है-
(अ) स्वास्थ्य का अधिकार
(ब) भोजन का अधिकार
(स) आजीविका का अधिकार
(द) समानता का अधिकार
उत्तर:
(द) समानता का अधिकार
प्रश्न 4.
भारत में प्रत्येक राज्य की सबसे ऊँची अदालत को कहा जाता है-
(अ) सर्वोच्च न्यायालय
(ब) उच्च न्यायालय
(स) जिला न्यायालय
(द) सत्र न्यायालय
उत्तर:
(ब) उच्च न्यायालय
प्रश्न 5.
दहेज हत्या का मामला सम्बन्धित है-
(अ) संवैधानिक कानून से
(ब) दीवानी कानून से
(स) फौजदारी कानून से
(द) उपर्युक्त में से किसी से नहीं
उत्तर:
(स) फौजदारी कानून से
प्रश्न 6.
निम्न में से कौनसा विवाद दीवानी कानून से सम्बन्धित नहीं है-
(अ) जमीन की बिक्री से सम्बन्धित विवाद
(ब) किराये से सम्बन्धित विवाद
(स) तलाक से सम्बन्धित विवाद
(द) चोरी से सम्बन्धित विवाद
उत्तर:
(द) चोरी से सम्बन्धित विवाद
प्रश्न 7.
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना कब हुई थी?
(अ) 15 अगस्त, 1947 को
(ब) 26 जनवरी, 1947 को
(स) 26 जनवरी, 1950 को
(द) 1 जनवरी, 1948 को
उत्तर:
(द) 1 जनवरी, 1948 को
प्रश्न 8.
जिन अदालतों से लोगों का सबसे ज्यादा ताल्लुक होता है, वे कहलाती हैं-
(अ) अधीनस्थ न्यायालय
(ब) उच्च न्यायालय
(स) उच्चतम न्यायालय
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) अधीनस्थ न्यायालय
प्रश्न 9.
ओल्गा टेलिस बनाम बम्बई नगर निगम के मुकदमे में फैसला कब किया गया?
(अ) 1984 में
(ब) 1985 में
(स) 2007 में
(द) 2018 में
उत्तर:
(ब) 1985 में
प्रश्न 10.
1 नवम्बर, 2019 की स्थिति के अनुसार उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की संख्या कितनी है?
(अ) 3
(ब) 28
(स) 34
(द) 434
उत्तर:
(स) 34
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये-
1. हमारे देश में ............ का शासन चलता है।
2. हमारे देश में ........... अलग-अलग स्तर पर अदालतें होती हैं।
3. देश के ................ सर्वोच्च न्यायालय के मुखिया होते हैं।
4. .......... ने कार्यपालिका और विधायिका की शक्तियों पर अंकुश लगाया है।
5. निचली अदालतों के फैसले के विरुद्ध ऊपर की अदालत में ......... की जा सकती है।
उत्तर:
1. कानून
2. तीन
3. मुख्य न्यायाधीशं
4. न्यायपालिका
5. अपील।
सही या गलत बताइए-
1. संविधान की व्याख्या का अधिकार मुख्य रूप से न्यायपालिका के पास ही होता है।
2. भारत में हमारे पास एकीकृत न्यायिक व्यवस्था का अभाव है।
3. जनहित याचिका केवल सर्वोच्च न्यायालय में दायर की जा सकती है।
4. अदालतें नागरिकों के मौलिक अधिकारों की व्याख्या में एक अहम भूमिका निभाती है।
5. अदालत के कुछ फैसले ऐसे भी रहे हैं जिन्हें लोग आम आदमी के लिए नुकसानदेह मानते हैं।
उत्तर:
1. सही
2. गलत
3. गलत
4. सही
5. सही।
सही मिलान कीजिए-
(अ) |
(ब) |
सरकार का अंग |
दिल्ली |
देश की सबसे बड़ी अदालत |
न्यायपालिका |
उच्चतम न्यायालय |
अमरावती |
हरियाणा का उच्च न्यायालय |
सर्वोच्च न्यायालय |
आंध्रप्रदेश का उच्च न्यायालय |
चंडीगढ़ |
उत्तर:
(अ) |
(ब) |
सरकार का अंग |
न्यायपालिका |
देश की सबसे बड़ी अदालत |
सर्वोच्च न्यायालय |
उच्चतम न्यायालय |
दिल्ली |
हरियाणा का उच्च न्यायालय |
चंडीगढ़ |
आंध्रप्रदेश का उच्च न्यायालय |
अमरावती |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
भारत में सबसे पहले उच्च न्यायालय की स्थापना कहाँ-कहाँ की गयी?
उत्तर:
कलकत्ता, बम्बई और मद्रास में।
प्रश्न 2.
दिल्ली उच्च न्यायालय की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
1966 में।
प्रश्न 3.
भारत में कुल कितने उच्च न्यायालय हैं?
उत्तर:
25 उच्च न्यायालय हैं।
प्रश्न 4.
तेलंगाना का उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है?
उत्तर:
तेलंगाना का उच्च न्यायालय हैदराबाद में स्थित है।
प्रश्न 5.
तेलंगाना तथा आंध्रप्रदेश में अलग-अलग उच्च न्यायालय कब से हैं?
उत्तर:
1 जनवरी, 2019 से तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में अलग-अलग उच्च न्यायालय हैं।
प्रश्न 6.
1 नवम्बर, 2019 की स्थिति के अनुसार देश के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के कितने पद रिक्त हैं?
उत्तर:
424 पद रिक्त हैं।
प्रश्न 7.
स्वतन्त्र न्यायपालिका से क्या आशय है?
उत्तर:
स्वतन्त्र न्यायपालिका से यह आशय है कि न्यायपालिका, कार्यपालिका तथा विधानपालिका के दखल से स्वतन्त्र है।
प्रश्न 8.
फौजदारी कानून किन क्रियाओं से सम्बन्धित है?
उत्तर:
फौजदारी कानून ऐसे व्यवहार या क्रियाओं से सम्बन्धित है जिन्हें कानून में अपराध माना गया है, जैसेचोरी, दहेज हत्या आदि।
प्रश्न 9.
क्या हर व्यक्ति अदालत की शरण में जा सकता है?
उत्तर:
अदालत की सेवाएँ सभी के लिए उपलब्ध हैं।
प्रश्न 10.
सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित याचिका की व्यवस्था किस उद्देश्य से की है?
उत्तर:
गरीब आदमी की मुश्किल को देखते हुए उन्हें इन्साफ देने हेतु सर्वच्च न्यायालय ने जनहित याचिका की व्यवस्था विकसित की है।
प्रश्न 11.
भरत की न्यायपालिका के महत्त्व का एक बिन्दु बताइए।
उत्तर:
न्यापालिका ने कार्यपालिका और विधायिका की शक्तियों प अंकुश लगाया है और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा की है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
स्वान्त्र न्यायपालिका क्या होती है?
उत्तर:
स्वतन्त्र न्यायपालिका से आशय यह है कि सरकार के अन्य अंग, जैनै विधायिका और कार्यपालिका, न्यायपालिका के कार्य में बाधा नहीं डाल सकते। यह कार्यपालिका और व्यवस्थापिका के नियन्त्रण से मुक्त होती है। इसे अपने कार्य की शक्तियाँ सेधे संविधान से मिलती हैं। साथ ही न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा विमुक्ति में भी सरकार की अन्य शाखाओं का कोई दखल नहीं होता है।
प्रश्न 2.
अधीनस्थ न्यायालय से क्या आशय है?
उत्तर:
जिन अदलतों से लोगों का सबसे ज्यादा ताल्लुक होता है, उन्हें अधीनस्थ न्यायालय या जिला अदालत कहा जाता है। ये अदालतें प्रायः जिले या तहसील के स्तर पर या किसी शहर में होती हैं। ये बहुत तरह के मामलों की सुनवाई करते हैं। प्रत्येक राज्य जिलों में बँटा होता है और हर जिले में एक जिला न्यायालय होता है।
प्रश्न 3.
विधि व्यवस्था की विभिन्न शाखाएँ कौनसी हैं?
उत्तर:
विधि व्यवस्था की दो प्रमुख शाखाएँ हैं-(1) फौजदारी कानून और (2) दीवानी कानून। यथा-
(1) फौजदारी कानून-फौजदारी कानून ऐसी क्रियाओं से सम्बन्धित है जिन्हें कानून में अपराध माना गया है, जैसेचोरी, दहेज के लिए औरत को तंग करना, हत्या आदि।
(2) दीवानी कानून-दीवानी कानून का सम्बन्ध व्यक्ति विशेष के अधिकारों के उल्लंघन या अवहेलना से होता है। जैसे-जमीन की बिक्री, चीजों की खरीददारी, किराया, तलाक आदि से सम्बन्धित विवाद।
प्रश्न 4.
क्या हर व्यक्ति अदालत की शरण में जा सकता है?
उत्तर:
सिद्धान्ततः भारत के सभी नागरिक देश के न्यायालयों की शरण में जा सकते हैं अर्थात् प्रत्येक नागरिक को अदालत के माध्यम से न्याय माँगने का अधिकार है। अदालत की सेवाएँ सभी के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन व्यवहार में गरीबों के लिए अदालत में जाना काफी मुश्किल साबित होता है। कानूनी प्रक्रिया में न केवल काफी पैसा और कागजी कार्यवाही की जरूरत पड़ती है, बल्कि उसमें समय भी बहुत लगता है। गरीब आदमी पड़ना-लिखना नहीं जानता और न उसके पास अदालत जाने व इन्पाफ पाने के लिए समय होता है। इसलिए उसे अदालत की शरण में जाने में मुश्किल होती है।
गरीबों की इस स्थिति को समझते हुए 1980 के दशक से सर्वोच्च न्यायालय ने 'जनहित याचिका' की व्यवस्था के द्वारा उसके लिए यायालय में जाने को सुगम बना दिया है।
प्रश्न 5.
भारत के यायालयों में न्यायाधीशों के पदों की वर्तमान स्थिति ताम्किा बनाकर दर्शाइये।
उत्तर:
भारतीय न्यायलयों में न्यायाधीशों की संख्या
न्यायालय का नाम |
स्वीकृत पद |
कार्यरत |
रिक्त पद |
उच्चतम न्यायालय |
34 |
34 |
0 |
उच्च न्यायालय |
1,079 |
655 |
424 |
जिला और अधीनस्थ न्यायालय |
20,644 |
17,509 |
5,135 |
1 व 2. : 1 नवम्बर, 2019 की स्थिति
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
न्यायपालिका की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
न्यायपालिका के कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कानून के शासन को लागू करने के लिए भारत में एक न्याय व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था में बहुत सारे अदालतें हैं जहाँ नागरिक न्याय के लिए जा सकते हैं । राज्य का अंग होने के नाते न्यायपालिका भारतीय लोकतन्त्र की व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।
न्यायपालिका की भूमिका है
या
न्यायपालिका के कार्य
न्यायपालिका के कार्यों को मोटे तौर पर निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है-
(1) विवादों का निपटारा-न्यायिक व्यवस्था नागरिकों, नागरिक व सरकार, दो राज्य सरकारों और केन्द्र व राज्य सरकारों के बीच पैदा होने वाले विवादों को हल करने की क्रियाविधि मुहैया कराती है।
(2) न्यायिक समीक्षा-संविधान की व्याख्या का अधिकार मुख्य रूप से न्यायपालिका के पास ही होता है। यदि न्यायपालिका को ऐसा लगता है कि संसद द्वारा पारित किया गया कोई कानून संविधान के आधारभूत ढाँचे का उल्लंघन करता है तो वह उस कानून को रद्द कर सकती है। इसे न्यायिक समीक्षा कहा जाता है।
(3) कानून की रक्षा और मौलिक अधिकारों का क्रियान्वयन-यदि देश के किसी भी नागरिक को ऐसा लगता है कि उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है तो वह सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यारालय में जा सकता है।
प्रश्न 2.
भारत में अदालतों की संरचना के स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में अदालतों की रचना भारत में तीन अलग-अलग स्तर पर बायपालिकाएँ होती| हैं। यथा-(1) सबसे निचले स्तर की न्यायपालकाएँ-सबसे निचले स्तर पर बहुत सारी अदालतें होती हैं। उन्हें अधीनस्थ न्यायालय या जिला अदालतें व्हा जाता है। ये अदालतें जिले या तहसील स्तर पर क्लिी शहर में होती हैं। इन्हें अलग-अलग नामों से सम्बोधत किया जाता है। इन्हें ट्रायल कोर्ट चा जिला न्यायाय, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट, मॅट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, सिविल जज न्यायालय आदि नामों से बुलाया जाता है। ये न्यायालय बहुत तरह के मामलों की सुनवाई करते हैं।
(2) उच्च न्यायालय-मध्य स्तर पर उच्च नायलय है। प्रत्येक राज्य का एक उच्च न्यायालय होता है। यह अपने राज्य की सबसे ऊँची अदालत होती है।
(3)सर्वोच्च न्यायालय-उच्च न्यायालयों से उपर सर्वोच्च न्यायालय होता है। यह देश की सबसे बड़ी लत है जो नई दिल्ली में स्थित है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले देश की बाकी सारी अदालतों को मानने होते हैं।
इस प्रकार निचली अदालत से ऊपरी अदाला तक भारत की न्यायपालिका की संरचना एक पिरामिड जैसी लगती है। भारतीय न्यायपालिका एकीकृत न्यायिक व्यवस्था है। इसमें ऊपरी अदालतों के फैसले नीचे की सारी अदालतों को मानने होते हैं तथा नीचे की अदालतों के निर्णयों के विरुद्ध ऊपर की अदालतों में न्याय हेतु अपील की जा सकती है।