Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Important Questions Civics Chapter 4 कानूनों की समझ Important Questions and Answers.
बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
कानून के शासन का अर्थ है-
(अ) सभी कानून देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं
(ब) जाति के आधार पर कानून
(स) धर्म के आधार पर भेदभावपरक कानून
(द) सरकारी अधिकारियों का पृथक् से कानून
उत्तर:
(अ) सभी कानून देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं
प्रश्न 2.
रॉलट एक्ट भारत में लागू हुआ-
(अ) 10 मार्च, 1870 को
(ब) 10 मार्च, 1919 को
(स) 10 मार्च, 1932 को
(द) 10 मार्च, 1947 को
उत्तर:
(ब) 10 मार्च, 1919 को
प्रश्न 3.
कानून बनाने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है-
(अ) राष्ट्रपति की
(ब) उपराष्ट्रपति की
(स) संसद की
(द) विपक्ष की।
उत्तर:
(स) संसद की
प्रश्न 4.
भारत में घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून लागू हुआ-
(अ) 1999 में
(ब) 2002 में
(स) 2005 में
(द) 2006 में
उत्तर:
(द) 2006 में
प्रश्न 5.
कानून निर्माण में संसद के दोनों सदनों से स्वीकृति के बाद विधेयक मंजूरी के लिए जाता है-
(अ) लोकसभा अध्यक्ष के पास
(ब) राज्यसभा के सभापति के पास
(स) सष्ट्रपति के पास
(द) प्रधानमंत्री के पास
उत्तर:
(स) सष्ट्रपति के पास
प्रश्न 6.
डॉ. सैफुद्दीन किचलू को कब गिरफ्तार किया गया?
(अ) 10 मार्च, 1919 को
(ब) 10 अप्रेल, 1919 को
(स) 13 अप्रेल, 1919 को
(द) 21 फरवरी, 1922 को
उत्तर:
(ब) 10 अप्रेल, 1919 को
प्रश्न 7.
जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड कहाँ हुआ था?
(अ) अमृतसर में
(ब) दिल्ली में
(स) चण्डीगढ़ में
(द) पटियाला में
उत्तर:
(अ) अमृतसर में
प्रश्न 8.
1870 का कौनसा कानून अंग्रेजी शासन के मनमानेपन की मिसाल था?
(अ) हिन्दू उत्तराधिकार कानून
(ब) रॉलट एक्ट
(स) घरेलू हिंसा कानून
(द) राजद्रोह एक्ट
उत्तर:
(द) राजद्रोह एक्ट
प्रश्न 9.
कानून बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है-
(अ) न्यायपालिका की
(ब) पुलिस की
(स) संसद की
(द) पत्रकारों की
उत्तर:
(स) संसद की
प्रश्न 10.
बेटे, बेटियाँ और उनकी मां, तीनों को किस कानून द्वारा परिवार की सम्पत्ति में बराबर हिस्सा मिल सकता है?
(अ) हिन्दू उत्तराधिकार संशोधन कानून
(ब) घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून
(स) नागरिक अधिकार कानून
(द) शरीयत कानून
उत्तर:
(अ) हिन्दू उत्तराधिकार संशोधन कानून
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये-
1. औपनिवेशिक कानून ............ पर आधारित था।
2. वर्ष ............. से घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून लागू हुआ।
3. .......... में असंख्य स्थानीय कानून थे।
4. आम नागरिक संसद द्वारा बनाये जाने वाले .............. कानूनों के बारे में अपनी असहमति व्यक्त कर सकते हैं।
5. सरल से जटिल रूप तक विकास की प्रक्रिया को ............... कहा जाता है।
उत्तर:
1. मनमानेपन
2. 2006
3. प्राचीन भारत
4. दमनकारी
5. विकासक्रम।
सही या गलत बताइए-
1. स्वतन्त्र भारत में सभी लोगों की सामाजिक-आर्थिक प्रतिष्ठा के अनुरूप कानून बनाये गये हैं।
2. हमारे देश में राष्ट्रपति कानून से ऊपर होता है।
3. कानून बनाने में संसद की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
4. एक बार कानून बन जाने के बाद उसकी आलोचना नहीं की जा सकती।
5. नागरिक के रूप में हमारी भूमिका प्रतिनिधियों के चुनाव के साथ खत्म नहीं होती।
उत्तर:
1. गलत
2. गलत
3. सही
4. गलत
5. सही।
सही मिलान कीजिए-
(अ) |
(ब) |
जलियाँवाला हत्याकाण्ड |
1870 |
औपनिवेशिक राजद्रोह एक्ट |
2006 |
हिन्दू उत्तराधिकार संशोधन कानून |
1919 |
घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून |
2005 |
उत्तर:
(अ) |
(ब) |
जलियाँवाला हत्याकाण्ड |
1919 |
औपनिवेशिक राजद्रोह एक्ट |
1870 |
हिन्दू उत्तराधिकार संशोधन कानून |
2005 |
घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून |
2006 |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
रॉलट एक्ट कब लागू किया गया?
उत्तर:
10 मार्च, 1919 को।
प्रश्न 2.
जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड कब हुआ?
उत्तर:
13 अप्रैल, 1919 को।
प्रश्न 3.
जलियाँवाला बाग में किस ब्रिटिश जनरल ने गोलियाँ चलायीं?
उत्तर:
जनरल डायर ने।
प्रश्न 4.
अंग्रेजों ने राजद्रोह कानून कब लागू किया?
उत्तर:
सन् 1870 में।
प्रश्न 5.
भारत सरकार ने महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए कौन-सा कानून बनाया?
उत्तर:
घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून।
प्रश्न 6.
राष्ट्रवादियों के बीच किस बात पर पूरी सहमति थी?
उसर:
राष्ट्रवादियों के बीच इस बात पर पूरी सहमति थी कि. स्वतंत्र भारत में सत्ता के मनमाने इस्तेमाल की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न 7.
स्वतंत्र भारत के संविधान में कानून पर आधारित शासन की स्थापना के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान क्या है?
उत्तर:
कानून के शासन की स्थापना के लिए स्वतंत्र भारत के संविधान में सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान यह है कि भारत में सभी लोग कानून की नजर में बराबर होंगे।
प्रश्न 8.
राजद्रोह से आपका क्या आशय है?
उत्तर:
जब सरकार को ऐसा लगता है कि उसके विरुद्ध प्रतिरोध पैदा हो रहा है या विद्रोह किया जा रहा है तो उसे राजद्रोह कहा जाता है।
प्रश्न 9.
"औपनिवेशिक कानून मनमानेपन पर आधारित था।" इसका कोई एक उदाहरण दीजिये।
उत्तर:
1870 का राजद्रोह एक्ट अंग्रेजी शासन के मनमानेपन का स्पष्ट उदाहरण था।
प्रश्न 10.
1870 के राजद्रोह एक्ट की विशेष बात क्या थी?
उत्तर:
अगर कोई व्यक्ति ब्रिटिश सरकार का विरोध या आलोचना करता था तो उसे मुकदमा चलाए बिना ही गिरफ्तार किया जा सकता था।
प्रश्न 11.
नागरिकों की आवाज संसद तक कैसे पहुंचती है?
उत्तर:
नागरिकों की आवाज टी.वी. रिपोर्टों, अखबारों के संपादकीयों, रेडियो प्रसारणों और आमसभाओं के जरिये संसद तक पहुंचती है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
रॉलट एक्ट क्या था?
उत्तर:
रॉलट एक्ट अंग्रेजों के मनमानेपन की एक मिसाल था। इस कानून के द्वारा ब्रिटिश सरकार बिना मुकदमा चलाए लोगों को कारावास में डाल सकती थी। महात्मा गाँधी सहित सभी भारतीय राष्ट्रवादी नेता रॉलट एक्ट के खिलाफ थे। भारतीय विरोध के बावजूद 10 मार्च, 1919 को रॉलट एक्ट को लागू कर दिया। पंजाब में इस कानून का भारी पैमाने पर विरोध होता रहा।
प्रश्न 2.
नये कानून के निर्माण में नागरिकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
सबसे पहले समाज के विभिन्न समूह ही किसी खास कानून के लिए आवाज उठाते हैं। वे जनता की चिंताओं को कानून के दायरे में लाने के लिए संसद को जागरूक करते हैं। नागरिकों की यह आवाज टेलीविजन रिपोर्टों, अखबारों के संपादकीयों, रेडियो प्रसारणों और आमसभाओं के जरिये सुनी और व्यक्त की जा सकती है। इन सारे संचार माध्यमों के जरिये संसद का कानून निर्माण का कार्य ठोस और पारदर्शी तरीके से जनता के सामने आता है।
प्रश्न 3.
अलोकप्रिय कानून से क्या आशय है?
उत्तर:
अलोकप्रिय कानून-कई बार संसद ऐसा कानून पारित कर देती है जो बेहद अलोकप्रिय साबित होता है। ऐसा कानून संवैधानिक रूप से वैध होने के कारण कानूनन सही हो सकता है। फिर भी वह लोगों को रास नहीं आता क्योंकि उन्हें लगता है कि उसके पीछे नीयत साफ नहीं थी। इसलिए लोग उसकी आलोचना कर व उसका विरोध कर अपनी असहमति व्यक्त करते हैं। जब बहुत सारे लोग यह मानने लगते हैं कि गलत कानून पारित हो गया है, तो ऐसा कानून अलोकप्रिय कानून कहलाता है।
प्रश्न 4.
संसद के नियंत्रण के लिए नागरिकों की भूमिका को समझाइये।
उत्तर:
प्रतिनिधियों का चुनाव करने के बाद नागरिकों को अखबारों और अन्य संचार माध्यमों के जरिए इस बात की नजर रखनी चाहिए कि संसद क्या कर रही है अर्थात् उनके निर्वाचित सांसद क्या कर रहे हैं। अगर नागरिकों को लगता है कि वे सही काम नहीं कर रहे हैं तो नागरिकों को उनकी आलोचना करते हुए सरकार में अपनी भागीदारी को दिखाना चाहिए। इससे संसद सजग और सतर्क रहेगी और अपना काम सही ढंग से करेगी।