Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Important Questions Civics Chapter 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
हिटलर ने जर्मनी में अत्याचार किये-
(अ) यहूदियों पर
(ब) मुसलमानों पर
(स) हिन्दुओं पर
(द) ईसाइयों पर
उत्तर:
(अ) यहूदियों पर
प्रश्न 2.
1960 के दशक में किस देश में मजदूरों की कमी हो गई थी?
(अ) भारत
(ब) फ्रांस
(स) अमेरिका
(द) इजरायल
उत्तर:
(ब) फ्रांस
प्रश्न 3.
कहाँ के स्कूलों में बच्चे सुबह सबसे पहले 'वफादारी की शपथ' लेते हैं?
(अ) चीन
(ब) पाकिस्तान
(स) भारत
(द) संयुक्त राज्य अमेरिका
उत्तर:
(द) संयुक्त राज्य अमेरिका
प्रश्न 4.
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का तरीका है-
(अ) राज्य का खुद को धर्म से दूर रखना
(ब) अहस्तक्षेप की नीति अपनाना
(स) धर्म में हस्तक्षेप करना।
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 5.
भारत में राज्य द्वारा खुद को धर्म से दूर रखने का उदाहरण है-
(अ) राज्य द्वारा किसी एक धर्म को समर्थन न देना
(ब) छुआछूत रोकने हेतु कानून बनाना
(स) माँ-बाप की सम्पत्ति में बराबर हिस्से हेतु धार्मिक निजी कानूनों में हस्तक्षेप करना।
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) राज्य द्वारा किसी एक धर्म को समर्थन न देना
प्रश्न 6.
वर्ष 2004 में कौनसे देश में कानून बनाया गया कि कोई भी विद्यार्थी इस्लामी बुरका, यहूदी टोपी या बड़े-बड़े ईसाई क्रॉस जैसे धार्मिक अथवा राजनीतिक चिह्न धारण करके स्कूल नहीं आयेगा?
(अ) चीन
(ब) इंग्लैंड
(स) फ्रांस
(द) भारत
उत्तर:
(स) फ्रांस
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये-
1. .......... ने जर्मनी में कई लाख लोगों को केवल धर्म के आधार पर मार दिया था।
2. धर्म को राज्य से अलग रखने की अवधारणा को ......... कहा जाता है।
3. भारतीय संविधान .............. को अपने स्कूल और कॉलेज खोलने का अधिकार देता है।
4. संयुक्त राज्य अमेरिका में स्कूलों में ली जाने वाली शपथ में ............... शब्द आते हैं।
5. भारतीय धर्मनिरपेक्षता में राज्य का धर्म से फासला ........... है।
उत्तर:
1. हिटलर
2. धर्मनिरपेक्षता
3. धार्मिक समुदायों
4. ईश्वर की छत्रछाया
5. सैद्धान्तिक।
सही या गलत बताइए-
1. सऊदी अरब में गैर-मुसलमानों को मन्दिर या गिरजाघर बनाने की छूट नहीं है।
2. भारत में, सरकारी स्कूलों में धार्मिक उत्सव मनाये जाते
3. संविधान में दिये गये आदर्शों के आधार पर राज्य किसी भी धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
4. भारतीय संविधान अपने नागरिकों को मौलिक अधिकारों का आश्वासन देता है।
5. धार्मिक वर्चस्व को रोकने के लिए भारतीय धर्मनिरपेक्षता का तीसरा तरीका है-हस्तक्षेप।
उत्तर:
1. सही
2. गलत
3. गलत
4. सही
5. सही।
सही मिलान कीजिए-
(अ) |
(ब) |
यहूदियों पर घोर अत्याचार |
सऊदी अरब |
मुसलमानों एवं ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ अमानवीय व्यवहार |
भारत |
गैर-मुसलमानों को मंदिर/गिरजाघर बनाने की छूट नहीं |
इजरायल |
सिख युवकों को हैलमेट न पहनने की छूट |
संयुक्त राज्य अमेरिका |
स्कूलों में वफादारी की शपथ |
जर्मनी |
उत्तर:
(अ) |
(ब) |
यहूदियों पर घोर अत्याचार |
जर्मनी |
मुसलमानों एवं ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ अमानवीय व्यवहार |
इजरायल |
गैर-मुसलमानों को मंदिर/गिरजाघर बनाने की छूट नहीं |
सऊदी अरब |
सिख युवकों को हैलमेट न पहनने की छूट |
भारत |
स्कूलों में वफादारी की शपथ |
संयुक्त राज्य अमेरिका |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के साथ भेदभाव व उत्पीड़न की घटनाएँ कब अधिक बढ़ जाती हैं?
उत्तर:
भेदभाव व उत्पीड़न की ऐसी घटनाएँ तब और ज्यादा बढ़ जाती हैं जब दूसरे धर्मों के स्थान पर राज्य किसी एक धर्म को अधिकृत मान्यता प्रदान कर देता है।
प्रश्न 2.
धर्मनिरपेक्षता क्या है?
उत्तर:
धर्म को राज्य से अलग रखने की अवधारणा को धर्मनिरपेक्षता कहा जाता है।
प्रश्न 3.
धर्मनिरपेक्षता का मूलमंत्र क्या है?
उत्तर:
धर्मनिरपेक्षता का मूलमंत्र यह है कि धर्म से संबंधित किसी भी तरह का वर्चस्व खत्म होना चाहिए।
प्रश्न 4.
भारत में विद्यालयों में कोई धार्मिक आयोजन न करने का नियम क्या निजी स्कूलों में लागू होता है?
उत्तर:
नहीं, भारत में विद्यालयों में कोई धार्मिक आयोजन न करने का नियम निजी स्कूलों में लागू नहीं होता है।
प्रश्न 5.
भारतीय धर्मनिरपेक्षता की नीति को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
भारत में राज्य खुद को धर्म से दूर रखता है, वह धार्मिक मामलों में अहस्तक्षेप की नीति अपनाता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
धर्मनिरपेक्षता की समझ को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
धर्मनिरपेक्षता की समझ-'धर्मनिरपेक्षता की समझ' से आशय है कि धर्म और आस्था के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। धर्म से संबंधित किसी भी तरह का वर्चस्व खत्म होना चाहिए। एक धर्म के लोगों द्वारा अन्य धार्मिक समुदायों के लोगों के साथ भेदभाव की घटनाएँ तब और बढ़ जाती हैं जब दूसरे धर्मों के स्थान पर राज्य किसी एक धर्म को अधिकृत मान्यता प्रदान कर देता है। इसलिए धर्मनिरपेक्षता के लिए पहली आवश्यकता धर्म को राज्य सत्ता से अलग रखने की है।
प्रश्न 2.
धर्म को राज्य से अलग रखना महत्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर:
धर्मनिरपेक्षता का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है-धर्म को राजसत्ता से अलग करना। एक लोकतांत्रिक देश में यह बहुत आवश्यक है। यथा-
(1) बहुमत की निरंकुशता और उसके कारण मौलिक अधिकारों के हनन को रोकने के लिए लोकतांत्रिक समाजों में राज्य और धर्म को अलग-अलग रखना अति आवश्यक है।
(2) लोगों के धार्मिक चुनाव के अधिकार की रक्षा करने अर्थात् देश के किसी भी व्यक्ति को एक धर्म से निकलने और दूसरे धर्म को अपनाने या धार्मिक उपदेशों की अलग ढंग से व्याख्या करने की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए भी धर्म को राज्य से अलग रखना महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 3.
भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या है?
उत्तर:
भारतीय धर्मनिरपेक्षता-भारतीय संविधान में कहा गया है कि भारतीय राज्य धर्मनिरपेक्ष होगा। भारत के संविधान के अनुसार, केवल धर्मनिरपेक्ष राज्य ही निम्नलिखित बातों का ख्याल रख सकता है-
प्रश्न 4.
भारतीय धर्मनिरपेक्षता और अमेरिकी धर्मनिरपेक्षता के बीच मुख्य अन्तर क्या है?
उत्तर:
भारतीय धर्मनिरपेक्षता और अमेरिकी धर्मनिरपेक्षता के बीच प्रमुख अन्तर यह है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में राज्य और धर्म, दोनों एक-दूसरे के मामलों में किसी तरह का दखल नहीं दे सकते; जबकि भारतीय धर्मनिरपेक्षता में राज्य को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने की छूट दी गई है। उदाहरण के लिए, भारतीय संविधान ने छुआछूत को खत्म करने के लिए हिन्दू धार्मिक क्रियाकलापों में हस्तक्षेप किया है।
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
धार्मिक वर्चस्व को रोकने के लिए भारतीय राज्य क्या काम करता है?
उत्तर:
धार्मिक वर्चस्व को रोकने के लिए भारतीय राज्य कई तरह के काम करता है। यथा-
(1) धर्म से पृथकता-भारतीय राज्य, प्रथमतः स्वयं को धर्म से दूर रखता है। भारतीय राज्य की बागडोर न तो किसी धार्मिक समूह के हाथों में है और न ही राज्य किसी एक धर्म को समर्थन देता है। भारत में 'कचहरी, थाने, सरकारी विद्यालय और दफ्तर जैसे सरकारी संस्थानों में किसी खास धर्म को प्रोत्साहन देने या उसका प्रदर्शन करने की अपेक्षा नहीं की जाती है।
(2) अहस्तक्षेप की नीति-धार्मिक वर्चस्व को रोकने के लिए भारतीय धर्मनिरपेक्षता का दूसरा तरीका है-अहस्तक्षेप की नीति। इसका मतलब है कि सभी धर्मों की भावनाओं का सम्मान करने, धार्मिक क्रियाकलापों में दखल न देने के लिए, राज्य कुछ खास धार्मिक समुदायों को कुछ विशेष छूट भी देता है। उदाहरण के लिए, सिक्खों को हैलमेट पहनने के कानून में रियायत देना क्योंकि पगड़ी पहनना सिक्ख धर्म की प्रथाओं के मुताबिक महत्वपूर्ण है। अतः इस धार्मिक आस्था में दखलंदाजी से बचने के लिए राज्य ने कानून में रियायत दे दी है।
(3) हस्तक्षेप की नीति-धार्मिक वर्चस्व को रोकने के लिए भारतीय धर्मनिरपेक्षता का तीसरा तरीका हस्तक्षेप करने का है। मौलिक अधिकारों के हनन को रोकने के लिए राज्य धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है क्योंकि ये मौलिक अधिकार धर्मनिरपेक्ष सिद्धान्तों पर आधारित हैं। राज्य का हस्तक्षेप सहायता के रूप में भी हो सकता है। जैसे-धार्मिक समुदायों के स्कूलों व कालेजों को सीमित आर्थिक सहायता प्रदान करना।