RBSE Class 8 Social Science Important Questions Civics Chapter 1 भारतीय संविधान

Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Important Questions Civics Chapter 1 भारतीय संविधान Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 8 Social Science Important Questions Civics Chapter 1 भारतीय संविधान

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
बड़े-बड़े समाजों में विभिन्न समुदायों में नियमों को आम सहमति के जरिए तय किया जाता है। आधुनिक देशों में यह सहमति प्रायः लिखित रूप में पायी जाती है। जिस दस्तावेज में हमें ऐसे नियम मिलते हैं उसे कहा जाता है-
(अ) संविधान 
(ब) पवित्र ग्रंथ 
(स) समाजशास्त्र 
(द) राजनीतिशास्त्र 
उत्तर:
(अ) संविधान

प्रश्न 2. 
समानता का अधिकार भारतीय संविधान में दिया गया है-
(अ) नीति-निर्देशक तत्वों के अन्तर्गत 
(ब) मौलिक अधिकारों के अन्तर्गत 
(स) मूल कर्तव्यों के अन्तर्गत 
(द) प्रस्तावना के अन्तर्गत
उत्तर:
(ब) मौलिक अधिकारों के अन्तर्गत 

प्रश्न 3. 
जब अल्पसंख्यकों पर बहुसंख्यक की बहुमत की निरंकुशता का दबदबा एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के ऊपर होता है तो उसे कहा जाता है-
(अ) अन्तर्राष्ट्रीय वर्चस्व 
(ब) राष्ट्रीय वर्चस्व 
(स) अन्तर-सामुदायिक वर्चस्व 
(द) अंतः सामुदायिक वर्चस्व 
उत्तर:
(स) अन्तर-सामुदायिक वर्चस्व 

प्रश्न 4. 
भारतीय संविधान सभा का गठन किया गया था-
(अ) 1944 ई. में 
(ब) 1945 ई. में 
(स) 1947 ई. में 
(द) 1946 ई. में
उत्तर:
(द) 1946 ई. में

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प्रश्न 5. 
निम्नलिखित में कौनसा खंड भारतीय संविधान की 'अंतरात्मा' कहलाता है? 
(अ) संघवाद वाला खंड 
(ब) मौलिक अधिकारों वाला खंड 
(स) मूल कर्तव्यों वाला खंड 
(द) नीति-निर्देशक तत्वों वाला खंड 
उत्तर:
(ब) मौलिक अधिकारों वाला खंड 

प्रश्न 6. 
किस अधिकार में यह कहा गया है कि धर्म, जाति, वंश या लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता-
(अ) समानता के अधिकार में 
(ब) स्वतंत्रता के अधिकार में 
(स) शोषण के विरुद्ध अधिकार में 
(द) धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में 
उत्तर:
(अ) समानता के अधिकार में 

प्रश्न 7. 
भारतीय संविधान का जनक किसे कहा जाता है? 
(अ) महात्मा गाँधी को 
(ब) वल्लभभाई पटेल को 
(स) डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को 
(द) जवाहर लाल नेहरू को
उत्तर:
(स) डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को 

प्रश्न 8. 
भारत में कितनी स्तरीय शासन व्यवस्था है? 
(अ) एक-स्तरीय 
(ब) द्वि-स्तरीय 
(स) त्रि-स्तरीय 
(द) बहु-स्तरीय 
उत्तर:
(स) त्रि-स्तरीय 

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प्रश्न 9. 
ऐसे लोगों का समूह जो कानूनों को लागू करने तथा शासन चलाने का काम देखते हैं, कहलाता है-
(अ) विधायिका 
(ब) कार्यपालिका 
(स) न्यायपालिका 
(द) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर:
(ब) कार्यपालिका 

प्रश्न 10. 
संविधान सभा के अध्यक्ष थे-
(अ) जवाहरलाल नेहरू 
(ब) डॉ. अम्बेडकर 
(स) सरदार वल्लभभाई पटेल 
(द) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
उत्तर:
(द) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. संघवाद का मतलब है देश में एक से ज्यादा स्तर की .......... का होना। 
2. ....... में हमारे निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं।
3. .......... देश के सभी नागरिकों को राज्य की सत्ता के मनमाने और निरंकुश इस्तेमाल से बचाते हैं। 
4. ............... से कम उम्र के बच्चों को मजदूरी पर रखना अपराध है। 
5. कानून की नजर में सभी लोग .............. हैं। 
उत्तर:
1. सरकारों 
2. विधायिका 
3. मौलिक अधिकार 
4. 14 वर्ष 
5. समान।

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सही या गलत बताइए-

1. दिसम्बर, 1946 में भारत का संविधान बना लिया गया था। 
2. केवल लोकतांत्रिक देशों का ही संविधान होता है। 
3. नेपाल में लोकतंत्र के लिए कई जनसंघर्ष हो चुके हैं। 
4. समानता का अधिकार भारतीय संविधान में दिया गया एक नीति निर्देशक तत्त्व है। 
5. संसदीय शासन पद्धति में सरकार के सभी स्तरों पर प्रतिनिधियों का चुनाव लोग खुद करते हैं। 
उत्तर:
1. गलत 
2. गलत 
3. सही 
4. गलत 
5. सही। 

सही मिलान कीजिए-

(अ)

(ब) 

संविधान का उद्देश्य

विधायिका 

संविधान सभा के सदस्य

शासन चलाने के आदर्शों को सूत्रबद्ध करना 

भारतीय संविधान के जनक

वल्लभभाई पटेल

निर्वाचित प्रतिनिधि

अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतन्त्रता

स्वतन्त्रता का अधिकार

बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर 

उत्तर:

(अ)

(ब) 

संविधान का उद्देश्य

शासन चलाने के आदर्शों को सूत्रबद्ध करना  

संविधान सभा के सदस्य

वल्लभभाई पटेल

भारतीय संविधान के जनक

बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर

निर्वाचित प्रतिनिधि

विधायिका

स्वतन्त्रता का अधिकार

अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतन्त्रता।

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
संविधान किसे कहा जाता है? 
उत्तर:
संविधान नियमों का एक ऐसा समूह होता है जिसको एक देश के सभी लोग अपने देश को चलाने की पद्धति के रूप में अपना सकते हैं। 

प्रश्न 2. 
स्वतंत्र भारत के लिए संविधान सभा ने किस अवधि में संविधान के प्रारूप को तैयार किया? 
उत्तर:
दिसम्बर, 1946 से नवम्बर, 1949 के बीच संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के लिए नए संविधान का प्रारूप तैयार किया। 

प्रश्न 3. 
संविधान का कोई एक उद्देश्य बताइये। 
उत्तर:
संविधान का मुख्य उद्देश्य होता है-देश की राजनीतिक व्यवस्था को तय करना। 

प्रश्न 4. 
अंतर-सामुदायिक वर्चस्व किसे कहते हैं?
उत्तर:
अल्पसंख्यकों पर बहुसंख्यकों की निरंकुशता जब एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के ऊपर होती है, तो उसे अंतर-सामुदायिक वर्चस्व कहते हैं। 

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प्रश्न 5. 
अंतः सामुदायिक वर्चस्व किसे कहते हैं? 
उत्तर:
जब एक ही समुदाय के भीतर कुछ लोग दूसरों को दबा सकते हैं तो उसे अन्तः सामुदायिक वर्चस्व कहते हैं। 

प्रश्न 6. 
भारतीय संविधान सभा के किन्हीं दो महत्वपूर्ण सदस्यों के नाम लिखिये।
उत्तर:

  • सरदार वल्लभ भाई पटेल 
  • डॉ. बी. आर. अम्बेडकर। 

प्रश्न 7. 
संघवाद से क्या आशय है? 
उत्तर:
देश में एक से ज्यादा स्तर की सरकारों का होना तथा प्रत्येक स्तर की सरकार को संविधान से ही शक्ति और अधिकार मिलते हों। 

प्रश्न 8. 
संविधान के अनुसार राज्य के कितने अंग हैं? 
उत्तर:
संविधान के अनुसार राज्य के तीन अंग हैं-

  • विधायिका, 
  • कार्यपालिका और 
  • न्यायपालिका। 

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प्रश्न 9. 
धर्मनिरपेक्ष राज्य किसे कहते हैं? 
उत्तर:
धर्मनिरपेक्ष राज्य वह होता है जिसमें राज्य अधिकृत रूप से किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में बढ़ावा नहीं देता। 

प्रश्न 10. 
मौलिक अधिकारों का क्या महत्व है? 
उत्तर:
मौलिक अधिकार देश के सभी नागरिकों को राज्य की सत्ता के मनमाने और निरंकुश इस्तेमाल से बचाते हैं। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
संविधान के कोई दो उद्देश्य बताइये। 
उत्तर:
संविधान के उद्देश्य-

  • संविधान उन आदर्शों को सूत्रबद्ध करता है जिनके आधार पर नागरिक अपने देश को अपनी इच्छा और सपनों के अनुसार रच सकते हैं। अर्थात् संविधान ही बताता है कि हमारे समाज का मूलभूत स्वरूप क्या हो। 
  • संविधान का दूसरा मुख्य उद्देश्य होता है-देश की राजनीतिक व्यवस्था को तय करना कि वह राजतंत्रात्मक होगी या लोकतंत्रात्मक। 

प्रश्न 2. 
लोकतांत्रिक समाज में संविधान की भूमिका को संक्षेप में बताइये। 
उत्तर:
लोकतांत्रिक समाज में संविधान की भूमिका-

  • लोकतांत्रिक समाजों में प्रायः संविधान ही ऐसे नियम तय करता है जिनके द्वारा राजनेताओं के हाथों सत्ता के दुरुपयोग को रोका जा सकता है। भारतीय संविधान में ऐसे बहुत से नियम मौलिक अधिकारों वाले खण्ड में दिये गये हैं। 
  • लोकतंत्र में संविधान बहुमत की निरंकुशता को रोकता है। यह अल्पसंख्यकों पर बहुसंख्यकों की निरंकुशता पर प्रतिबन्ध लगाता है।
  • संविधान हमें ऐसे फैसले लेने से भी रोकता है जिनसे उन बड़े सिद्धान्तों को ठेस पहुंच सकती है, जिनमें देश आस्था रखता है। 

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प्रश्न 3. 
भारतीय संविधान में दिये गये मौलिक अधिकारों के उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिये। 
उत्तर:
भारतीय संविधान में दिये गये मौलिक अधिकारों के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि इन अधिकारों का दोहरा उद्देश्य है पहला यह कि, हरेक नागरिक ऐसी स्थिति में हो कि वह इन अधिकारों के लिए दावेदारी कर सके। दूसरा यह कि, ये अधिकार हर उस सत्ता और संस्था के लिए बाध्यकारी हों जिसे कानून बनाने का अधिकार दिया गया है। 

प्रश्न 4. 
भारतीय संविधान में नीति-निर्देशक तत्वों का खण्ड क्यों जोड़ा गया था? 
उत्तर:
भारतीय संविधान में नीति-निर्देशक तत्वों का खण्ड संविधान सभा के सदस्यों ने इसलिए जोड़ा था ताकि और ज्यादा सामाजिक व आर्थिक सुधार लाए जा सकें। वे चाहते थे कि स्वतंत्र भारतीय राज्य जनता की गरीबी दूर करने वाले कानून और नीतियाँ बनाते हुए इन सिद्धान्तों को मार्गदर्शक के रूप में हमेशा अपने सामने रखें। 

प्रश्न 5. 
भारतीय संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों से क्या आशय है? 
उत्तर:
भारतीय संविधान में नागरिकों को लिखित रूप में कुछ मूल अधिकार दिये गये हैं। ये अधिकार देश के सभी नागरिकों को राज्य की सत्ता के मनमाने और निरंकुश इस्तेमाल से बचाते हैं। ये मूलभूत अधिकार हैं-(1) समानता का अधिकार, (2) स्वतन्त्रता का अधिकार, (3) शोषण के विरुद्ध अधिकार, (4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, (5) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार तथा (6) संवैधानिक उपचार का अधिकार। 

निबन्धात्मक प्रश्न- 

प्रश्न 1. 
भारतीय संविधान के मुख्य लक्षणों की विवेचना कीजिये। 
उत्तर:
भारतीय संविधान के मुख्य लक्षण भारतीय संविधान के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं-
(1) संघवाद-संघवाद से आशय है-देश में एक से ज्यादा स्तर की सरकारों का होना और प्रत्येक स्तर की सरकार को, शक्तियाँ व अधिकार संविधान से ही मिलते हों। भारतीय संविधान में केन्द्र तथा राज्य स्तर पर शक्तियों का बंटवारा तीन सूचियों के माध्यम से किया गया है। ये हैं-संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के विषय हैं। इन पर कानून बनाने का अधिकार केन्द्र सरकार को दिया गया है। राज्य सूची में प्रादेशिक महत्व के विषय हैं। इन पर कानून बनाने का अधिकार राज्य स्तर की सरकारों को दिया गया है। और समवर्ती सूची में दिये गये विषयों पर दोनों ही सरकारों को कानून बनाने का अधिकार दिया गया है। इस प्रकार इन सूचियों द्वारा यह बताया गया है कि कौनसे स्तर की सरकार किन मुद्दों पर कानून बना सकती है। 

(2) संसदीय शासन पद्धति-भारतीय संविधान में संसदीय शासन पद्धति अपनायी गयी है। सरकार के सभी स्तरों पर प्रतिनिधियों का चुनाव लोग स्वयं करते हैं। संविधान में सभी वयस्क नागरिकों को मताधिकार प्रदान किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति स्वयं भी चुनाव लड़ सकता है, चाहे उसकी सामाजिक पृष्ठभूमि कैसी भी क्यों न हो। ये प्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं। 

(3) शक्तियों का बंटवारा-संविधान के अनुसार राज्य के तीन अंग हैं-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। तीनों अंगों को शासन के पृथक्-पृथक् कार्य सौंपे गये हैं। विधायिका को कानून निर्माण करने, कार्यपालिका को उन कानूनों को लागू करने एवं शासन चलाने तथा न्यायपालिका को. न्यायालयों की व्यवस्था करने का कार्य सौंपा गया है। सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए तीनों अंगों की शक्तियाँ एक-दूसरे से अलग रखी गयी हैं। इस बंटवारे के आधार पर प्रत्येक अंग दूसरे अंग पर अंकुश रखता है। इस प्रकार सत्ता संतुलन बना रहता है। 

(4) मौलिक अधिकार-भारतीय संविधान में सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किये गये हैं। ये अधिकार हैं-(1) समानता का अधिकार (2) स्वतन्त्रता का अधिकार (3) शोषण के विरुद्ध अधिकार (4) धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार (5) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार तथा (6) संवैधानिक उपचार का अधिकार। (5) धर्मनिरपेक्षता- भारतीय संविधान एक धर्मनिरपेक्ष संविधान है। इसमें राज्य अधिकृत रूप से किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में बढ़ावा नहीं देता है। 

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प्रश्न 2. 
भारतीय संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
भारतीय संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकार भारतीय संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकार निम्नलिखित हैं-
(1) समानता का अधिकार-समानता के अधिकार से आशय है कि कानून की नजर में सभी लोग समान हैं अर्थात् सभी लोगों को देश का कानून बराबर सुरक्षा प्रदान करेगा। इस अधिकार में यह भी कहा गया है कि धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। सार्वजनिक स्थानों पर सभी को बराबर पहुंच का अधिकार होगा। रोजगार के मामले में राज्य किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकता। यद्यपि इसके कुछ अपवाद भी हैं। छुआछूत की प्रथा का उन्मूलन कर दिया गया है तथा राज्य कोई भेदभावजनक पदवियां प्रदान नहीं करेगा। 

(2) स्वतंत्रता का अधिकार-इस अधिकार के अन्तर्गत अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता, सभा या संगठन बनाने की स्वतंत्रता, देश के किसी भाग में आने-जाने और रहने तथा कोई भी व्यवसाय, पेशा या कारोबार करने का अधिकार शामिल है। 

(3) शोषण के विरुद्ध अधिकार संविधान में कहा गया है कि मानव व्यापार, जबरिया श्रम और 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मजदूरी पर रखना अपराध है। 

(4) धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार-सभी नागरिकों को पूरी धार्मिक स्वतन्त्रता दी गई है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा का धर्म अपनाने तथा शांतिपूर्वक उसका प्रचारप्रसार करने का अधिकार है। 

(5) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार-संविधान में कहा गया है कि धार्मिक या भाषायी, सभी अल्पसंख्यक समुदाय अपनी संस्कृति की रक्षा और विकास के लिए : अपने-अपने शैक्षणिक संस्थान खोल सकते हैं। 

(6) संवैधानिक उपचारों का अधिकार-यदि किसी नागरिक को लगता है कि राज्य द्वारा उसके किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है तो इस अधिकार का सहारा लेकर वह अदालत में जा सकता है।

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Last Updated on June 4, 2022, 10:18 a.m.
Published June 3, 2022