Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
मिट्टी में पोषक स्तर को बनाए रखने के लिए मिलाया जाता है।
(अ) बीज
(ब) खाद
(स) कीटनाशी
(द) जल
उत्तर:
(ब) खाद
प्रश्न 2.
फलीदार पौधों की फसल से भूमि में जिस तत्त्व की मात्रा बढ़ जाती है, वह है।
(अ) पोटाश
(ब) नाइट्रोजन
(स) फास्फोरस
(द) अमोनिया
उत्तर:
(ब) नाइट्रोजन
प्रश्न 3.
सिंचाई के लिए निम्न में से पारंपरिक तरीका नहीं है।
(अ) चेन पम्प
(ब) ढेकली
(स) ड्रिप तंत्र
(द) रहट
उत्तर:
(स) ड्रिप तंत्र
प्रश्न 4.
हार्वेस्टर यंत्र का उपयोग किया जाता है।
(अ) फसल कटाई में
(ब) फसल के दानों को भूसे से अलग करने में
(स) खरपतवार हटाने में
(द) बीज की बुवाई में
उत्तर:
(स) खरपतवार हटाने में
प्रश्न 5.
विभिन्न अंतराल पर खेत में जल देना कहलाता है।
(अ) सिंचाई
(ब) श्रेशिंग
(स) निराई
(द) विनोइंग
उत्तर:
(अ) सिंचाई
रिक्त स्थानों की पूर्ति:
प्रश्न 1.
केंचुए तथा सूक्ष्मजीव मिट्टी को पलटकर पोला करते हैं तथा ................ बनाते हैं।
उत्तर:
ह्यूमस
प्रश्न 2.
मिट्टी को उलटने-पलटने एवं पोला करने की प्रक्रिया .................. कहलाती है।
उत्तर:
जुताई
प्रश्न 3.
.............. फस को खनिज पदार्थ प्रदान करती है।
उत्तर:
मिट्टी
प्रश्न 4.
खरपतवार हटाने को .................. कहते हैं।
उत्तर:
निराई।
सत्य / असत्य:
निम्नलिखित कथनों पर सत्य (T) अथवा असत्य (F) अंकित कीजिए:
प्रश्न 1.
शीत ऋतु में उगाई जाने वाली फसलें खरीफ फसलें कहलाती हैं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
अच्छी उपज के लिए बुआई से पहले मिट्टी को भुरभुरा करना आवश्यक है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
उर्वरक से मिट्टी का गठन सुधर जाता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
खरपतवार हटाने को कटाई कहते हैं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
दाने को भूसे से अलग करना श्रेशिंग कहलाता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 6.
उर्वरक एक कार्बनिक लवण है।
उत्तर:
सत्य
'कॉलम - A' में दिए गए शब्दों का मिलान ' कॉलम - B' से कीजिए।
प्रश्न 1.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) कल्टीवेटर |
(a) कटाई |
(ii) सीड ड्रिल |
(b) सिंचाई |
(iii) रहट |
(c) बुआई |
(iv) हार्वेस्टर |
(d) जुताई |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) कल्टीवेटर |
(d) जुताई |
(ii) सीड ड्रिल |
(c) बुआई |
(iii) रहट |
(b) सिंचाई |
(iv) हार्वेस्टर |
(a) कटाई |
प्रश्न 2.
कोलम - A |
कॉलम - B |
(i) श्रेशिंग |
(a) मिट्टी को पोला करना |
(ii) निराई |
(b) खरपतवार हटाना |
(iii) सिंचाई |
(c) खेत में जल देना |
(iv) जुताई |
(d) बीजों को भूसे से अलग करना |
उत्तर:
कोलम - A |
कॉलम - B |
(i) श्रेशिंग |
(d) बीजों को भूसे से अलग करना |
(ii) निराई |
(b) खरपतवार हटाना |
(iii) सिंचाई |
(c) खेत में जल देना |
(iv) जुताई |
(a) मिट्टी को पोला करना |
प्रश्न 3.
कालम - A |
कॉलम - B |
(i) नाइट्रोजन |
(a) पोषक तत्व |
(ii) यूरिया |
(b) खाद |
(iii) वर्मी कम्पोस्ट |
(c) खरपतवारनाशी |
(iv) 2,4 -D |
(d) उर्वरक |
उत्तर:
कालम - A |
कॉलम - B |
(i) नाइट्रोजन |
(a) पोषक तत्व |
(ii) यूरिया |
(d) उर्वरक |
(iii) वर्मी कम्पोस्ट |
(b) खाद |
(iv) 2,4 -D |
(c) खरपतवारनाशी |
अतिलघूतरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
एन.पी.के. (NPK) से क्या आशय है?
उत्तर:
एन.पी.के. एक मिश्रित उर्वरक है जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटेशियम तीनों पोषक तत्त्व होते हैं।
प्रश्न 2.
मिट्टी में पोषकों की प्रतिपूर्ति की एक विधि का नाम लिखिए।
उत्तर:
फसल चक्रण।
प्रश्न 3.
फलीदार (लैग्यूमिनस) पौधों - की जड़ों की ग्रन्थियों में पाये जाने वाले बैक्टीरिया का नाम लिखिए।
उत्तर:
राइज़ोबियम बैक्टीरिया।
प्रश्न 4.
सिंचाई में उपयोगी पारंपरिक विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
मछली से प्राप्त कॉड लीवर तेल से हमें क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
विटामिन 'D'
प्रश्न 6.
खरपतवारनाशी के छिड़काव का उचित समय क्या है?
उत्तर:
खरपतवार पौधों में पुष्पन एवं बीज बनने के पहले ही खरपतवारनाशी का छिड़काव कर देना चाहिए।
प्रश्न 7.
विनोइंग से क्या आशय है?
उत्तर:
अनाज के दानों को भूसे से अलग करने के लिए फटकने की विधि को विनोइंग कहते हैं।
प्रश्न 8.
बीजों का बड़े पैमाने पर भण्डारण कहाँ करते हैं?
उत्तर:
साइलो और भण्डारगृहों में।
प्रश्न 9.
होली के त्योहार पर काटी जाने वाली दो फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
होली के पर्व पर गेहूँ व चने की फसल काटी जाती है।
प्रश्न 10.
कटाई ऋतु के साथ आने वाले किन्हीं दो पर्वों (त्योहारों) के नाम लिखिए।
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
सिंचाई की दो पारम्परिक व आधुनिक विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सिंचाई की दो पारम्परिक विधियाँ:
सिंचाई की दो आधुनिक विधियाँ:
प्रश्न 2.
फसलों को कितने वर्गो में बाँटा गया है? समझाइए।
उत्तर:
फसलों को सामान्यतया दो वर्गों में बाँटा गया है:
प्रश्न 3.
मिट्ठी क्या है? यह पौधों के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
पृथ्वी की ऊपरी परत को जिसमें पौधे उगाए जाते हैं, मिट्टी कहते हैं। कृषि में मिट्टी के निम्नलिखित कार्य हैं।
प्रश्न 4.
फसल के बीजों का चयन किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
बोने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना चाहिए। अच्छी गुणवत्ता वाले बीजं, अच्छी किस्म के साफ एवं स्वस्थ बीज होते हैं। अच्छे बीज से फसल की मात्रा में वृद्धि होती है तथा फसल गुणात्मक दृष्टि से भी अच्छी होती है। अच्छे बीजों को पानी में डालने पर वे पानी में बैठ जाते हैं। पानी पर तैरने वाले बीज खोखले तथा क्षतिग्रस्त होते हैं।
प्रश्न 5.
उर्वरक क्या है? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
उर्वरक: ये रासायनिक पदार्थ हैं जो विशेष पोषकों से समृद्ध होते हैं। इनका उत्पादन फैक्ट्रियों में किया जाता है। उर्वरक सामान्यतया निम्न प्रकार के होते हैं
लाभ - उर्वरक के उपयोग से हमें गेहूँ, धान तथा मक्का जैसी फसलों की अच्छी उपज प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
प्रश्न 6.
अधिक उर्वरकों के उपयोग से क्या - क्या हानियाँ हैं?
उत्तर:
उर्वरकों के अधिक उपयोग से हानियाँ:
प्रश्न 7.
खाद क्या है? इसके क्या लाभ हैं?
अथवा
जैविक खाद को उर्वरक की तुलना में अच्छा क्यों माना जाता है? कोई तीन कारण बताइए।
उत्तर:
खाद - यह एक प्राकृतिक पदार्थ है जो गोबर, मानव अपशिष्ट एवं पौधों के अवशेषों के विघटन से प्राप्त होता है। जैविक खाद को उर्वरक की तुलना में अच्छा माना जाता है। खाद के उपयोग से हमें निम्न लाभ मिलते हैं।
प्रश्न 8.
फसल चक्रण क्या है? समझाइए।
उत्तर:
फसल चक्रण: इस क्रिया में एक फसल के बाद दूसरी किस्म की फसल को एकान्तर क्रम में उगाकर तैयार करते हैं। जैसे एक फसल में किसान फलीदार फसल उगाकर दूसरी बार गेहूँ की फसल तैयार करे। इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी नहीं होती है। इस प्रकार की फसल से भूमि में पोषकों की प्रतिपूर्ति हो जाती है।
प्रश्न 9.
पौधों को जल क्यों आवश्यक है? समझाइए।
उत्तर:
पौधों के लिए जल का महत्त्व-पौधों के लिए जल का बहुत महत्त्व है। पौधों में लगभग 90% जल।
अतः अच्छी फसल के लिए हमें नियमित रूप से सिंचाई करते रहना चाहिए।
प्रश्न 10.
असमतल भूमि में सिंचाई की सबसे कारगर विधि कौनसी है? इस विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
असमतल भूमि में सिंचाई की सबसे कारगर विधि छिड़काव तंत्र है।
छिड़काव तंत्र (Sprinkler System):
इस विधि का उपयोग असमतल भूमि के लिए किया जाता है जहाँ पर जल कम मात्रा में उपलब्ध है। इस विधि में ऊर्ध्व (perpendicular) पाइपों के ऊपरी सिरों पर घूमने वाले नोजल लगे होते हैं। ये पाइप निश्चित दूरी पर मुख्य पाइप से जुड़े होते हैं। जब पम्प की सहायता से ज़ल मुख्य पाइप में भेजा जाता है तो वह घूमते हुए नोजल से बाहर निकलता है। इसका छिड़काव पौधों पर इस प्रकार होता है जैसे वर्षा हो रही हो।
प्रश्न 11.
फसल की कटाई से क्या आशय है? इसके लिए किन - किन उपकरणों का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
जब खेतों में खड़ी फसल पककर तैयार हो जाती है तो इसे काटना कटाई कहलाता है। कटाई की प्रक्रिया में या तो पौधों को खींचकर उखाड़ लेते हैं अथवा उसे धरातल के निकट से काट लेते हैं। फसलों की कटाई के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के नाम हैं-हंसिया या दराँती (Sickle) तथा हार्वेस्टर। हमारे देश में आज भी फसलों की कटाई अधिकतर हंसिये तथा दराँती द्वारा की जाती है। फसलों की कटाई के लिए हार्वेस्टर नामक फसल काटने के यन्त्र का उपयोग भी धीरे - धीरे बढ़ता जा रहा है।
प्रश्न 12.
यदि लैग्यूमिनस पौधों की जड़ों की ग्रंथिकाओं से 'राइजोबियम' हटा दिए जाये तो क्या होगा?
उत्तर:
राइजोबियम बै क्टीरिया ग्रंथिकाओं में वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं। यदि इन्हें हटा दिया जाये तो लैग्यूमिनस पौधों में नाइट्रोजन पोषक तत्व की कमी हो जाएगी और पौधों का विकास अवरुद्ध हो जाएगा।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
कृषि उत्पादों का भण्डारण कैसे किया जाता है?
उत्तर:
फसल का भण्डारण-फसल के दानों - को अधिक समय तक रखने के लिए उन्हें नमी, कीट, चूहों तथा सूक्ष्मजीवों से सुंरक्षित रखना आवश्यक है। भण्डारण से पहले दानों (बीजों) को धूप में सुखाना आवश्यक है, इससे नमी कम हो जाने से बीजों की कीटपीड़कों, जीवाणु एवं कवकों से सुरक्षा हो जाती है। किसान अपनी फसल उत्पाद का भण्डारण जूट के बोरों, धातु के बड़े पात्र (bins) में करते हैं। परन्तु बीजों का बड़े पैमाने पर भण्डारण साइलों (silos) और भण्डारगृहों (granaries) में किया जाता है, जिससे उनको पीड़कों जैसे कि चूहे एवं कीटों से सुरक्षित रखा जा सके। नीम की सूखी पत्तियाँ घरों में अनाज के - भुण्डारण में उपयोग की जाती हैं। बड़े भण्डारगृहों में अनाज को पीड़कों एवं सूक्ष्मजीवों से सुरक्षित रखने के लिए रासायनिक उपचार भी किया जाता है।
प्रश्न 2.
कृषि कार्य में उपयोगी निम्न औजारों का वर्णन कीजिए।
(1) हल
(2) कुदाली
(3) कल्टीवेटर।
उत्तर:
(1) हल (Plough):
कृषि कार्य के लिए हल महत्त्वपूर्ण औजार है। इससे खेत में जुताई, खाद / उर्वरक मिलाना, खरपतवार निकालने एवं मिट्टी खुरचने आदि कार्य सम्पन्न होते हैं। यह लकड़ी का बना होता है जिसे बैलों की जोड़ी अथवा घोड़े, ऊँट की सहायता से खींचा जाता है। इसमें लोहे की तिकोनी पत्ती होती है, जिसे फाल कहते हैं। हल का मुख्य भाग लम्बी लकड़ी का बना होता है, जिसे हल - शैफ्ट कहते हैं। इसके एक सिरे पर हैंडल होता है तथा दूसरा सिरा जोत के डंडे से जुड़ा होता है, जिसे बैलों की गर्दन के ऊपर रखा जाता है।
(2) कुदाली (Hoe): इसका उपयोग खरपतवार निकालने एवं मिट्टी को पोला करने में होता है। इसमें लकड़ी अथवा लोहे की छड़ होती है जिसके सिरे पर लोहे की चौड़ी और मुड़ी प्लेट लगी होती है, जो ब्लेड की तरह कार्य करती है। इसका दूसरा सिरा पशुओं द्वारा खींचा जाता है।
(3) कल्टीवेटर (Cultivator): कल्टीवेटर जुताई का आधुनिक औजार है। आजकल जुताई ट्रैक्टर द्वारा संचालित कल्टीवेटर द्वारा की जाती है। इससे समय एवं शक्ति दोनों की बचत होती है।