These comprehensive RBSE Class 8 Maths Notes Chapter 3 चतुर्भुजों को समझना will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 8 Maths Chapter 3 Notes चतुर्भुजों को समझना
→ केवल रेखाखण्डों से बना सरल बन्द वक्र बहुभुज कहलाता है।
→ किसी बहुभुज का विकर्ण उसके किन्हीं दो शीर्षों को जोड़ने से प्राप्त रेखाखण्ड होता है।
→ किसी बहुभुज के बाह्म कोणों की मापों का योग 360° होता है।
→ यदि एक बहुभुज का प्रत्येक कोण 180° से कम होता है तब वह आकृति उत्तल बहुभुज कहलाती है।
→ यदि एक बहुभुज का कम से कम एक कोण 180° से अधिक होता है तब उसको अवतल बहुभुज कहते हैं।

→ एक बहुभुज को समबहुभुज कहते हैं यदि इसके सभी
- अन्त:कोण बराबर होते हैं।
- भुजाएँ बराबर होती हैं तथा
- बाह्य कोण बराबर होते हैं।
→ समलम्ब एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसमें भुजाओं का एक युग्म समान्तर होता है।
→ पतंग
- एक विशिष्ट प्रकार का चतुर्भुज होता है जिसमें दो आसन्न भुजाओं के युग्म बराबर होते हैं।
- इसके विकर्ण एक-दूसरे पर लम्ब होते हैं।
- एक विकर्ण दूसरे विकर्ण को समद्विभाजित करता है।
→ समान्तर चतुर्भुज-
- यह एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसमें सम्मुख भुजाओं का प्रत्येक युग्म समान्तर होता है।
- इसकी सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
- इसके सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
- इसके विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
→ समचतुर्भुज
- यह एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसकी सभी भुजाएँ बराबर माप की होती हैं।
- इसमें समान्तर चतुर्भुज के सभी गुण होते हैं।
- इसके विकर्ण परस्पर लम्ब समद्विभाजक होते हैं।

→ आयत
- यह एक ऐसा समान्तर चतुर्भुज होता है जिसमें प्रत्येक कोण समकोण होता है।
- समान्तर चतुर्भुज के सभी गुण होते हैं।
- प्रत्येक कोण समकोण होता है।
- इसके विकर्ण बराबर माप के होते हैं।
→ वर्ग
- वर्ग एक ऐसा आयत होता है जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं।
- इसमें समान्तर चतुर्भुज, समचतुर्भुज तथा आयत सभी के गुण होते हैं।