These comprehensive RBSE Class 7 Social Science Notes History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 7 Social Science Notes History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
→ इस उपमहाद्वीप के एक बड़े हिस्से में समाज, वर्ण के नियमानुसार पहले से ही विभाजित था। इससे ऊँच और नीच तथा अमीर और गरीब के बीच का फासला बढ़ा। दिल्ली के सुलतानों और मुगलों के काल में श्रेणीबद्ध समाज ज्यादा जटिल हो गया।
→ जनजातीय समाज: उपमहाद्वीप के कई समाज ब्राह्मणों द्वारा सुझाये गए सामाजिक नियमों और कर्मकांडों को नहीं मानते थे और न ही वे असमान वर्गों में विभाजित थे। ऐसे समाजों को जनजातियाँ कहा जाता रहा है। यथा
- जनजाति के सदस्य नातेदारी के बंधन से जुड़े होते थे।
- ये लोग शिकारी, संग्राहक, पशुपालक या कृषक थे।
- ये जंगलों, पहाड़ों, रेगिस्तानों तथा दुर्गम जगहों पर निवास करते थे।
→ जनजातीय लोग कौन थे?
जनजातीय लोग भारत के लगभग हर क्षेत्र में पाये जाते थे। कुछ प्रमुख जनजातियाँ थीं-खोखर, गड्डीगड़रिया, अहोम, नागा, संथाल, कोली, कोरागा, भील, गोंड आदि।
→ खानाबदोश और घुमन्तू लोग
- खानाबदोश चरवाहे अपने जानवरों के साथ दूर-दूर तक घूमते थे।
- उनका जीवन दूध और अन्य पशुचारी उत्पादों पर निर्भर था।
- वे खेतिहर गृहस्थों से अनाज, कपड़े, बर्तन और ऐसी ही चीजों के लिए ऊन, घी इत्यादि का विनिमय भी करते थे।
- कुछ खानाबदोश अपने जानवरों पर सामानों की ढुलाई का काम भी करते थे।
घुमन्तू लोगों में पशुचारी जातियाँ, छोटे-मोटे फेरीवाले, भिक्षुक, नर्तक, गायक व तमाशबीन लोग आते थे।

→ बदलता समाज-नयी जातियाँ और श्रेणियाँ
- अर्थव्यवस्था और समाज की बढ़ती आवश्यकताओं के कारण वर्णों के भीतर छोटी-छोटी जातियाँ उभरीं।
- वर्गों के बजाय जाति सामाजिक संगठन का आधार बन गई।
→ गोंड
- गोंड लोग, गोंडवाना नामक विशाल वनप्रदेश में रहते थे तथा स्थानांतरीय कृषि करते थे।
- ये कई छोटे-छोटे कुलों में बंटे थे तथा प्रत्येक कुल का एक राजा होता था। गढ़ कटंगा एक बड़ा गोंड राज्य था।
- गोंड राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था केन्द्रीकृत ही रही थी।
- बड़े गोंड राज्यों में समाज असमान सामाजिक वर्गों में विभक्त हो गया।
- मुगलों से पराजित होने के बाद गढ़ कटंगा का पतन हो गया।
→ अहोम
अहोम लोग मौजूदा म्यानमार से आकर 13वीं सदी में ब्रह्मपुत्र घाटी में आ बसे तथा यहाँ के भस्वामी लोगों की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था का दमन करके नए राज्य की स्थापना की तथा 16वीं सदी में अहोमों ने यहाँ एक बड़ा राज्य बनाया।
- यह राज्य बेगार पर निर्भर था।
- 17वीं शताब्दी तक इसका प्रशासन केन्द्रीकृत हो चुका था।
- अहोम खेल नामक समाज कुलों में विभाजित था।
- ब्राह्मणों के प्रभाव में अहोम समाज में हिन्दू धर्म प्रधान धर्म बन गया था।
- अहोम समाज एक अत्यन्त परिष्कृत समाज था।