These comprehensive RBSE Class 7 Social Science Notes History Chapter 5 शासक और इमारतें will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 7 Social Science Notes History Chapter 5 शासक और इमारतें
→ आठवीं और अठारहवीं शताब्दियों के बीच राजाओं तथा उनके अधिकारियों ने दो तरह की इमारतों का निर्माण किया। पहली तरह की इमारतों में किले, महल और मकबरे थे और दूसरी तरह की इमारतों में मंदिर, मस्जिद, हौज, कुएँ, सराय तथा बाजार जैसी जनता की उपयोगी इमारतें थीं।
→ अभियांत्रिकी कौशल तथा निर्माण कार्य
- अनुप्रस्थ टोडा निर्माण शैली-सातवीं से दसवीं शताब्दी के मध्य भवन अनुप्रस्थ टोडा शैली में छत, दरवाजे और खिड़कियाँ दो ऊर्ध्वाकार खंभों के आर-पार एक अनुप्रस्थ शहतीर रखकर बनाए जाते थे। मंदिरों, मस्जिदों, मकबरों तथा सीढ़ीदार कुओं के निर्माण से इस शैली का प्रयोग हुआ।
- शैली सम्बन्धी परिवर्तन-12वीं शताब्दी में प्रौद्योगिकी एवं शैली सम्बन्धी दो परिवर्तन दिखाई पड़ने लगे
- चापाकार रूप,
- निर्माण कार्य में चूना-पत्थर सीमेंट का बढ़ता प्रयोग।
→ मंदिरों, मस्जिदों और हौजों का निर्माण
- मंदिरों और मस्जिदों का निर्माण बहुत सुंदर तरीके से किया जाता था क्योंकि वे उपासना के स्थल थे।
- उपासना के स्थानों के निर्माण ने शासकों को ईश्वर के साथ अपने घनिष्ठ सम्बन्ध की उद्घोषणा करने का मौका दिया।
- जलाशयों तथा हौजों के निर्माण द्वारा पानी उपलब्ध कराने का कार्य किया गया।

→ मंदिरों को क्यों नष्ट किया गया?:
मध्ययुगीन राजनीतिक संस्कृति में ज्यादातर शासक अपने राजनैतिक बल व सैनिक सफलता का प्रदर्शन पराजित शासकों के उपासना स्थलों पर आक्रमण करके और उन्हें लूटकर करते थे।
→ बाग, मकबरे तथा किले
- चार बाग-मुगल शासकों ने सुन्दर चार बागों का निर्माण कराया। चार समान हिस्सों में बंटे होने के कारण इन्हें चार बाग कहा जाता था।
- मकबरे-केन्द्रीय गुंबद और ऊँचा मेहराबदार प्रवेश द्वार (पिश्तक) मुगल वास्तुकला के महत्त्वपूर्ण रूप थे। .
- समारोह कक्ष-शाहजहाँ के शासनकाल में दीवान-ए-खास और दीवान-ए-आम विशेष योजनानुसार बनाए गए। ये प्रायः मस्जिद से मिलते-जुलते बनाए गए थे।
→ विशिष्ट वर्गों के घर:
शाहजहाँ काल में राजधानी आगरा शहर में विशिष्ट वर्गों ने अपने घरों का निर्माण यमुना नदी के तटों पर चार-बाग शैली या नदी तट बाग शैली में करवाया। लेकिन दिल्ली में शाहजहाँनाबाद में नदी के तट पर शाही महल के अतिरिक्त अन्य घरों के निर्माण की इजाजत नहीं थी।
→ क्षेत्र व साम्राज्य
- विशाल साम्राज्यों के निर्माण ने विभिन्न क्षेत्रों को उनके शासन के अधीन ला दिया।
- मुगल शासक अपने भवनों के निर्माण में क्षेत्रीय वास्तुकलात्मक शैली अपनाने में विशेष रूप से दक्ष थे। बंगाल में 'बांग्ला गुंबद', फतेहपुर सीकरी की इमारतों पर गुजरात व मालवा की वास्तुकलात्मक शैलियों का प्रभाव, इसके उदाहरण हैं।