These comprehensive RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 8 बाज़ार में एक कमीज़ will give a brief overview of all the concepts.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 7. Students can also read RBSE Class 7 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 7 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. Go through these प्लेट क्यों घूमती है and get deep explanations provided by our experts.
→ एक कमीज की कहानी कपास के उत्पादन से प्रारंभ होती है और कमीज के बिकने पर खत्म होती है। यह कहानी बाजारों की एक श्रृंखला से होकर गुजरती है। इस श्रृंखला में हर कड़ी के साथ खरीदना और बेचना जुड़ा हुआ है। लेकिन इसमें सबको समान लाभ नहीं मिलता, बल्कि कुछ को दूसरों की अपेक्षा कम लाभ होता है तथा कुछ का तो शोषण भी होता है।
→ कुरनूल में कपास उगाने वाली एक किसान: स्वप्ना, कुरुनूल (आंध्रप्रदेश) की एक छोटी किसान है जो अपने | छोटे से खेत में कपास उगाती है। कपास की खेती में बहुत अधिक निवेश—उर्वरक, कीटनाशक आदि पर करने की जरूरत होती है। इसके अतिरिक्त स्थानीय व्यापारी से उधार लिये गए कर्ज के ब्याज तथा कपास बेचने हेतु उस पर लगाई गई शर्त को पूरा करने के बाद पैदा हुई कपास की पैदावार को बेचने पर हुई उसकी आय उस आय से बस थोड़ी ही ज्यादा है, जो वह मजदूरी करके कमा लेती।
→ इरोड़ का कपड़ा बाजार: तमिलनाडु में सप्ताह में दो बार लगने वाला इरोड़ का कपड़ा बाजार संसार के विशाल बाजारों में से एक है। इस बाजार में बुनकरों द्वारा बनाया कपड़ा बिकने के लिए आता है। बाजार के कपड़ा व्यापारी, अन्य शहरों के व्यापारी यहाँ कपड़ा खरीदने आते हैं। कुछ बुनकर यहाँ व्यापारियों के आर्डर के अनुसार अपना कपड़ा बुनकर लाते हैं।
→ दादन-व्यवस्था: बुनकरों द्वारा घर पर कपड़ा तैयार करना-कपड़ा व्यापारी को देश-विदेश के वस्त्र निर्माताओं और निर्यातकों से जो आर्डर मिलते हैं उनके आधार पर वे बुनकरों के बीच काम बाँट देते हैं। बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं। इससे व्यापारियों का वर्चस्व बन जाता है क्योंकि वे आर्डर देते हैं कि क्या कपड़ा बनाया जाना है और इसके लिए बहुत कम मूल्य देते हैं। व्यापारी और बुनकरों के बीच की यह व्यवस्था दादन व्यवस्था कहलाती है।
→ दिल्ली के निकट वस्त्र निर्यात करने का कारखाना:
→ बाजार में लाभ कमाने वाले कौन हैं?:
बाजारों की एक श्रृंखला रुई के उत्पादनकर्ता को सुपरमार्केट के खरीदार से जोड़ देती है जिसमें हर कड़ी पर खरीदना और बेचना होता है। लेकिन इसमें सभी को समान लाभ नहीं मिलता है। यथा.