These comprehensive RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 5 औरतों ने बदली दुनिया will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 5 औरतों ने बदली दुनिया
→ कम अवसर और कठोर अपेक्षाएँ
- यह माना जाता है कि घर के बाहर भी महिलाएँ कुछ खास तरह के कार्य ही अच्छी तरह से कर सकती हैं, जैसे-नर्स का कार्य, क्योंकि वे अधिक सहनशील होती हैं।
- यह भी माना जाता है कि विज्ञान के लिए तकनीकी दिमाग की जरूरत होती है और लड़कियाँ और महिलाएँ तकनीकी कार्य करने में सक्षम नहीं होतीं। इसीलिए बहुत सी लड़कियों को डॉक्टर व इंजीनियर बनने के लिए अध्ययन करने में वह सहयोग नहीं मिलता जो लड़कों को मिलता है।
- वर्तमान समाज में सभी बच्चों को अपने चारों ओर की दुनिया के दबावों का सामना करना पड़ता है।
→ परिवर्तन के लिए सीखना
- आज सब बच्चों के लिए स्कूल जाना एक साधारण बात है। लेकिन अतीत में लिखना-पढ़ना कुछ ही लोग जानते थे।
- पहले अधिकांश बच्चे वही काम सीखते थे जो उनके परिवार में होता था। लड़कियों और औरतों की स्थिति और भी खराब थी। उन्हें अक्षर तक सीखने की अनुमति नहीं थी। उनका काम केवल सहायता करने वाले कार्यों तक ही सीमित रहता था।
- 19वीं सदी में शिक्षा के बारे में नए विचारों ने जन्म लिया। विद्यालय अधिक प्रचलन में आए और सभी लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे। बहुत सी स्त्रियों और पुरुषों ने बालिकाओं के लिए स्कूल खोलने के प्रयत्न किए। स्त्रियों ने पढ़ना-लिखना सीखने के लिए संघर्ष किया। रमाबाई, राससुंदरी देवी, रुकैया सखावत हुसैन आदि स्त्रियाँ इसका स्पष्ट उदाहरण हैं।

→ वर्तमान समय में शिक्षा और विद्यालय
- आज के युग में लड़के और लड़कियाँ विशाल संख्या में विद्यालय जा रहे हैं, फिर भी लड़कों व लड़कियों की शिक्षा में अन्तर है। आज भी स्त्रियों की तुलना में पुरुषों का साक्षरता प्रतिशत अधिक है।
- वर्तमान में दलित, आदिवासी और मुस्लिम वर्ग के बच्चों की उचित स्कूल व शिक्षकों के न होने, निर्धनता, भेदभाव तथा यातायात की सुविधाओं के अभाव के कारण स्कूल छोड़ने की दर अधिक है।
→ महिला आंदोलन तथा उसकी रणनीतियाँ
- महिला आंदोलन-महिलाओं ने महिला आंदोलन के तहत शिक्षा हेतु, कानूनी सुधार, हिंसा व स्वास्थ्य के सम्बन्ध में अपनी स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष किए हैं।
- महिला आंदोलन की रणनीतियाँ-महिला आंदोलनों में महिलाओं में चेतना जागृत करने, भेदभावों का मुकाबला करने और न्याय हासिल करने के लिए भिन्न-भिन्न रणनीतियों का उपयोग किया गया है। कुछ प्रमुख रणनीतियाँ हैं
- अभियान चलाना,
- जागरूकता बढ़ाना,
- विरोध करना तथा
- बंधुत्व व्यक्त करना।