These comprehensive RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 2 स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 2 स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका
→ स्वास्थ्य क्या है?
- स्वास्थ्य का अर्थ है - हमारा बीमारियों और चोट आदि से मुक्त रहना।
- बीमारी के अलावा वे कारण भी स्वास्थ्य के अन्तर्गत आते हैं जो हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं, जैसेपीने के लिए स्वच्छ पानी, प्रदूषण मुक्त वातावरण तथा भरपेट भोजन, चुस्त और प्रसन्नचित्त तथा ऊँचे मनोबल से भरा कार्यस्थल आदि।
→ भारत में स्वास्थ्य सेवाएँ
- भारत में बड़ी संख्या में डॉक्टर, दवाखाने और अस्पताल हैं।
- देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने का पर्याप्त अनुभव और ज्ञान भी उपलब्ध है।
- चिकित्सा विज्ञान में बहुत असाधारण प्रगति हुई है, जिसके चलते देश में इलाज की नई तकनीकें और विधियाँ उपलब्ध हैं।
- उपर्युक्त सकारात्मक विकास के बाद भी हम जनता को उचित स्वास्थ्य सेवाएँ देने में असमर्थ हैं।

→ सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाएँ
हम स्वास्थ्य सेवाओं को दो मोटे वर्गों में बाँट सकते हैं-
(अ) सार्वजनिक और
(ब) निजी।
(अ) सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ
(i) सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य केन्द्रों व अस्पतालों की एक श्रृंखला है, जो सरकार द्वारा चलाई जाती है। ये केन्द्र व अस्पताल आपस में जुड़े हुए हैं, जिससे ये शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
(ii) इन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा निम्न कारणों से कहा जाता है
- सरकार ने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए इन्हें स्थापित किया है।
- इनके संचालन के लिए धन उस पैसे से आता है, जिसे लोग टैक्स के रूप में देते हैं। इसलिए ये सुविधाएँ सबके लिए हैं।
- इसका उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ निःशुल्क या बहुत कम कीमत पर देना है।
- संविधान के अनुसार सबको स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना सरकार का प्राथमिक कर्त्तव्य है।
(ब) निजी स्वास्थ्य सेवाएँ
- हमारे देश में कई तरह की निजी स्वास्थ्य सेवाएँ पाई जाती हैं।
- इन स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का स्वामित्व या नियंत्रण नहीं होता।
- इन संस्थानों में मरीजों को हर सेवा के लिए बहुत धन व्यय करना पड़ता है।
→ स्वास्थ्य सेवा और समानता-क्या सबके लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं
- भारत में निजी स्वास्थ्य सेवाएँ तो बढ़ रही हैं, परन्तु सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ नहीं। ऐसी दशा में लोगों को मुख्यतः निजी स्वास्थ्य सेवाएँ ही उपलब्ध हो पाती हैं।
- निजी स्वास्थ्य सेवाएँ शहरी क्षेत्रों में ही उपलब्ध हैं तथा ये महँगी हैं। काफी लोगों को यहाँ इलाज हेतु ऋण लेना पड़ता है।
- गरीबी के अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों के बेहतर इलाज में बाधक होता है।
→ क्या किया जा सकता है?: सरकार का यह उत्तरदायित्व है कि वह अपने सब नागरिकों को, विशेषकर गरीबों और सुविधाहीनों को, गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करे। केरल सरकार तथा कोस्टारिका के उदाहरण उसके समक्ष है।