RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 1 समानता

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RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 1 समानता

→ समानता लोकतंत्र की मुख्य विशेषता है और इसकी कार्यप्रणाली समानता के सभी पहलुओं को प्रभावित करती

→ मताधिकार में समानता

  • भारत जैसे एक लोकतंत्रीय देश में बिना किसी भेदभाव के सब वयस्कों को मत देने का अधिकार है। इसे सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार कहा जाता है।
  • निर्धनता के कारण भारत में सार्वभौमिक मताधिकार प्राप्त कांता जैसे बहुत से गरीब लोगों का दैनिक जीवन और उनकी कार्य की स्थितियाँ समानता से बहुत दूर हैं। 

→ अन्य प्रकार की असमानताएँ

  • भारत में सामान्यतः प्रचलित असमानताओं में से एक है-जातिगत व्यवस्था।
  • दलित शब्द का इस्तेमाल करके ओमप्रकाश वाल्मीकि जैसे दलित यह संकेत करते हैं कि पहले भी उनके साथ भेदभाव होता था और आज भी हो रहा है।
  • भारत में धार्मिक आधार पर भी असमानता का व्यवहार होता है। अंसारी दम्पत्ति के साथ हुआ असमानता का व्यवहार इसे दर्शाता है। 

→ स्पष्ट है कि प्रायः कुछ लोगों के साथ असमानता का व्यवहार धर्म, जाति, लिंग तथा वर्ग के आधार पर होता

RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 1 समानता

→ मानवीय गरिमा का मूल्य: जब लोगों के साथ असमानता का व्यवहार होता है, तो उनके सम्मान को ठेस पहुँचती है।

→ भारतीय लोकतंत्र में समानता:
1. भारतीय संविधान सब व्यक्तियों को समान मानता है। वर्तमान में यहाँ अनेक कानून लोगों के समान तथा उनके साथ समानता के व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए मौजूद हैं।

2. समानता को स्थापित करने के लिए संविधान में ये प्रावधान किए गए हैं

  • कानून की दृष्टि में हर व्यक्ति समान है।
  • किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म, जाति, वंश, जन्मस्थान या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।
  • हर व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों में जा सकता है।
  • अस्पृश्यता का उन्मूलन कर दिया गया है। 

3. शासन ने संविधान द्वारा मान्य किए गए समानता के अधिकार को दो तरह से लागू किया है

  • कानून के द्वारा।
  • सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों द्वारा सुविधाहीन समाजों की मदद करके। जैसे-सरकारी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था।

4. यद्यपि शासकीय कार्यक्रम, अवसरों की समानता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, तथापि अभी भी दृष्टिकोणों में असमानता का व्यवहार बना हुआ है।

5. प्रजातंत्रीय समाज में समानता स्थापित करना एक सतत संघर्ष है, जिसमें व्यक्तियों और विभिन्न समाजों को सहयोग देना है।

→ अन्य लोकतंत्रों में समानता
संसार के अधिकांश लोकतंत्रीय देशों में, समानता के मुद्दे पर विशेष रूप से संघर्ष हो रहे हैं, जैसे - संयुक्त राज्य अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकन लोग।

Prasanna
Last Updated on June 6, 2022, 12:32 p.m.
Published June 6, 2022