Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 10 जीवों में श्वसन Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
त्वचा द्वारा श्वसन करने वाला जीव है।
(अ) मछली
(ब) केंचुआ
(स) कॉकरोच
(द) छिपकली
उत्तर:
(ब) केंचुआ
प्रश्न 2.
एक श्वास अथवा साँस का अर्थ है।
(अ) एक अन्तःश्वसन और एक उच्छ्व सन
(ब) एक अन्तःश्वसन और दो उच्छ्व सन
(स) दो अन्त:श्वसन और एक उच्छ्व सन
(द) दो अन्तःश्वसन और दो उच्ङ्व सन
उत्तर:
(अ) एक अन्तःश्वसन और एक उच्छ्व सन
प्रश्न 3.
भोजन में संचित ऊर्जा किस समय निर्मुक्त होती।
(अ) विश्राम करते समय
(ब) व्यायाम करते समय
(स) श्वसन के समय
(द) हर समय
उत्तर:
(स) श्वसन के समय
प्रश्न 4.
जीव की सबसे छोटी संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है।
(अ) कोशिका
(ब) फेफड़े।
(स) त्वचा
(द) क्लोम (गिल्स)
उत्तर:
(अ) कोशिका
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौनसा पदार्थ अवायवीय श्वसन की प्रक्रिया के दौरान ग्लूकोस के विखंडन से बनता है?
(अ) ऑक्सीजन
(ब) ऐसीटिक अम्ल
(स) साइट्रिक अम्ल
(द) ऐल्कोहॉल
उत्तर:
(द) ऐल्कोहॉल
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
प्रश्न 1.
सभी जीव सूक्ष्म इकाइयों के बने होते हैं, जिन्हें ...................... कहते हैं।
उत्तर:
कोशिकाएं
प्रश्न 2.
फेफड़े .................... में स्थित होते हैं।
उत्तर:
वक्ष - गुहा
प्रश्न 3.
धूम्रपान हमारे ..................... को क्षति पहुँचाता है। इससे कैंसर भी हो सकता है।
उत्तर:
फेफड़ों
प्रश्न 4.
श्वासनाल अथवा श्वासप्रणाल केवल ....................... में ही पाए जाते हैं।
उत्तर:
कीटों।
निम्न कथनों में से सत्य एवं असत्य कथनों का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
शारीरिक सक्रियता के बढ़ने पर श्वसन दर बढ़ जाती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
पादप कोशिकाओं में ग्लूकोस का विखण्डन अन्य जीवों से भिन्न होता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
मेढ़क में मनुष्य की भाँति फेफड़े होते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
अन्त: श्वसन के समय पसलियाँ नीचे व अन्दर की ओर गति करती है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
पेशी कोशिकाएँ अवायवीय रूप से भी श्वसन कर सकती हैं।
उत्तर:
सत्य ।
कॉलम - A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - B से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - A |
कौलम - B |
(1) त्वचा |
(A) मछली |
(2) फेफड़े |
(B) मेढ़क |
(3) क्लोम |
(C) मनुष्य |
(4) श्वास रन्श्र |
(D) कॉकरोच |
उत्तर:
कॉलम - A |
कौलम - B |
(1) त्वचा |
(B) मेढ़क |
(2) फेफड़े |
(C) मनुष्य |
(3) क्लोम |
(A) मछली |
(4) श्वास रन्श्र |
(D) कॉकरोच |
प्रश्न 2.
कौलम - A |
कॉलम - B |
(1) वायवीय श्वसन |
(A) वायु बाहर निकालना |
(2) अन्तःश्वसन |
(B) ऑक्सीजन का उपयोग |
(3) अवायवीय श्वसन |
(C) वायु शरीर के अन्दर लेना |
(4) उच्छूवसन |
(D) ऑक्सीजन की अनुपस्थिति |
उत्तर:
कौलम - A |
कॉलम - B |
(1) वायवीय श्वसन |
(B) ऑक्सीजन का उपयोग |
(2) अन्तःश्वसन |
(C) वायु शरीर के अन्दर लेना |
(3) अवायवीय श्वसन |
(D) ऑक्सीजन की अनुपस्थिति |
(4) उच्छूवसन |
(A) वायु बाहर निकालना |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
हमें खाना खाते, सोते अथवा पढ़ते समय ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा हमें कहाँ से मिलती है?
उत्तर:
यह ऊर्जा हमें भोजन से प्राप्त होती है।
प्रश्न 2.
श्वसन दर को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
एक मिनट में किसी व्यक्ति द्वारा जितनी बार श्वसन किया जाता है, वह उसकी श्वसन दर कहलाती।
प्रश्न 3.
आप एक मिनट में कितनी बार साँस अन्दर लेते और कितनी बार बाहर निकालते हैं?
उत्तर:
हम एक मिनट में 15 - 18 बार साँस अन्दर लेते और बाहर निकालते हैं।
प्रश्न 4.
क्या आप उतनी ही बार अन्त:श्वसन करते हैं, जितनी बार उच्छ्व सन करते हैं?
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 5.
अन्तः श्वसन और उच्छ्वसन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
ऑक्सीजन से समृद्ध वायु को शरीर के अन्दर लेना 'अन्तःश्वसन' और कार्बन डाई - ऑक्साइड से समृद्ध वायु को बाहर निकालना 'उच्छ्वसन' कहलाता है।
प्रश्न 6.
शारीरिक क्रियाकलाप के बाद हमें भूख क्यों लगती है?
उत्तर:
शारीरिक क्रियाकलाप के बाद हमें अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए भूख लगती है।
प्रश्न 7.
हमारे शरीर में वक्ष-गुहा को आधार प्रदान करने वाली पेशीय परत कौनसी है?
उत्तर:
डायाफ्राम (मध्यपट)।
प्रश्न 8.
अन्तःश्वसन के समय पसलियाँ और डायाफ्राम किस दिशा में गति करते हैं?
उत्तर:
पसलियाँ ऊपर और बाहर की ओर तथा डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है।
प्रश्न 9.
श्वासप्रणाल क्या है?
उत्तर:
कीटों में गैसों के विनिमय के लिए वायुनलियों का जाल बिछा होता है, जो श्वासप्रणाल या वातक कहलाते।
प्रश्न 10.
क्या हम जल में श्वसन कर सकते हैं तथा जीवित रह सकते हैं?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 11.
'क्लोम' (गिल्स) नामक श्वसन अंग किस जीव में पाये जाते हैं?
उत्तर:
मछलियों में।
प्रश्न 12.
कोशिकीय श्वसन किसे कहते हैं?
उत्तर:
कोशिका में भोजन के विखण्डन के प्रक्रम में ऊर्जा मुक्त होती है। इसे कोशिकीय श्वसन कहते हैं।
प्रश्न 13.
'अवायवीय जीव' किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे जीव जो अवायवीय श्वसन के द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते हैं, अवायवीय जीव कहलाते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
यीस्ट का उपयोग शराब (वाइन) और बियर बनाने के लिए क्यों किया जाता है?
उत्तर:
यीस्ट एक कोशिकीय जीव है। यह अवायवीय रूप से श्वसन करता है। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी भोजन विखंडित हो जाता है और ऐल्कोहॉल निर्मित होता है। इस कारण इनका उपयोग शराब (वाइन) और बियर बनाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 2.
हम साँस क्यों लेते हैं?
उत्तर:
साँस लेना श्वसन प्रक्रम का एक चरण है और श्वसन के बिना हम अधिक से अधिक 2 - 3 मिनट तक रह सकते हैं। इसलिए हम जीवित रहने के लिए साँस लेते हैं।
प्रश्न 3.
क्या आप बता सकते हैं कि आपके मातापिता आपसे नियमित रूप से भोजन करने के लिए आग्रह क्यों करते हैं?
उत्तर:
भोजन से हमें ऊर्जा मिलती है और यह हमारे शरीर का निर्माण करता है। यदि हम नियमित रूप से भोजन नहीं करेंगे तो हमें ऊर्जा नहीं मिलेगी और हम कमजोर हो जायेंगे। इसलिए हमारे माता-पिता हमें नियमित रूप से भोजन करने के लिए कहते हैं।
प्रश्न 4.
क्या आपने कभी सोचा है कि अत्यधिक व्यायाम करने के बाद आपकी पेशियों में ऐंठन क्यों होती है?
उत्तर:
ऐंठन तब होती है, जब पेशियाँ अवायवीय रूप से श्वसन करती हैं। इस प्रक्रम में ग्लूकोस के आंशिक विखंडन से लैक्टिक अम्ल और कार्बन डाई - ऑक्साइड बनते हैं। लैक्टिक अम्ल का संचयन पेशियों में ऐंठन उत्पन्न करता है।
प्रश्न 5.
गर्म पानी से स्नान करने अथवा शरीर की मालिश करवाने पर हमें पेशियों में आयी ऐंठन से आराम मिलता है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
गर्म जल से स्नान अथवा शरीर की मालिश करने से रक्त का संचरण बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप पेशी कोशिकाओं को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है। ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाने से लैक्टिक अम्ल का कार्बन डाई-ऑक्साइड और जल में पूर्ण विखंडन हो जाता है। इस कारण हमें ऐंठन से आराम मिलता है।
प्रश्न 6.
किन परिस्थितियों में हमारी पेशी कोशिकाएँ अवायवीय श्वसन करती हैं?
उत्तर:
हमारी पेशी: कोशिकाएँ अवायवीय श्वसन उस समय करती हैं, जब ऑक्सीजन की अस्थायी रूप से कमी हो जाती है। बहुत देर तक व्यायाम करने, तेजी से दौड़ने, कई घंटे टहलने, साइकिल चलाने अथवा भारी वजन उठाने जैसे अनेक कार्यों के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। लेकिन ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हमारे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति सीमित होती है। ऐसी स्थितियों में पेशी कोशिकाएँ अवायवीय श्वसन द्वारा ऊर्जा की अतिरिक्त माँग को पूरा करती हैं
प्रश्न 7.
श्वसन का क्या अर्थ है? समझाइये।
उत्तर:
श्वसन या साँस लेने का अर्थ है ऑक्सीजन से समृद्ध वायु को अंदर खींचना या ग्रहण करना और कार्बन डाई - ऑक्साइड से समृद्ध वायु को बाहर निकालना। ऑक्सीजन से समृद्ध वायु को शरीर के अन्दर लेना 'अन्तःश्वसन' और कार्बन डाई - ऑक्साइड से समृद्ध वायु को बाहर निकालना 'उच्छ्वसन' कहलाता है। यह एक सतत् प्रक्रम है, जो प्रत्येक जीव के जीवन में हर समय अर्थात् जीवनपर्यन्त होता रहता है। कोई व्यक्ति एक मिनट में जितनी बार श्वसन करता है, वह उसकी 'श्वसन दर' कहलाती है। अंतःश्वसन और उच्छ्वसन दोनों सदा साथ - साथ होते हैं।
प्रश्न 8.
अन्तःश्वसित और उच्छ्वसित वायु में ऑक्सीजन और कार्बन डाई - ऑक्साइड गैस का प्रतिशत कितनाकितना होता है? लिखिए।
उत्तर:
अन्त:श्वसित और उच्छ्वसित वायु में ऑक्सीजन और कार्बन डाई - ऑक्साइड का प्रतिशत
प्रश्न 9.
ऐसे अनेक जीव हैं, जो जल में रहते हैं। वे जल में श्वसन कैसे करते हैं? समझाइए।
उत्तर:
जलीय जीव जैसे - मछलियों में क्लोम या गिल पाए जाते हैं । क्लोम जल में घुली ऑक्सीजन का उपयोग
करने में इनकी सहायता करते हैं। क्लोम त्वचा से बाहर की ओर निकले होते हैं। क्लोम में रक्तवाहिनियों की संख्या अधिक होती है, जो गैस - विनिमय में सहायता करती हैं।
प्रश्न 10.
यदि किसी गमले के पौधे में बहुत अधिक पानी डाल दिया जाए, तो क्या होगा?
उत्तर:
पादप की अन्य सभी कोशिकाओं की भाँति ही मूल (जड़) कोशिकाओं को भी ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जड़ मृदा कणों के बीच के खाली स्थानों में उपस्थित वायु से ऑक्सीजन ले लेती हैं। यदि गमले के पौधे में पानी बहुत अधिक डाल दिया जायेगा. तो जडों को श्वसन के लिए वाय नहीं मिल पायेगी और ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में जडें मर जायेंगी। फिर धीरे-धीरे पूरा पौधा सूख जायेगा।
प्रश्न 11.
बेहतर जीवन के लिए श्वसन व्यायाम (प्राणायाम) किस प्रकार लाभदायक है?
उत्तर:
नियमित परम्परागत श्वसन व्यायाम (प्राणायाम) से हमारे फेफड़ों में वायु को अन्दर लेने की क्षमता बढ़ती है। इस कारण हमारे शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है, जिसके फलस्वरूप अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो बेहतर जीवन के लिए लाभदायक होती है।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
कोशिकीय श्वसन किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है? लिखिए।
उत्तर:
कोशिकीय श्वसन: हम साँस द्वारा जिस वायु को शरीर के अन्दर लेते हैं, उसमें उपस्थित ऑक्सीजन शरीर के सभी भागों में और अंततः प्रत्येक कोशिका में ले जायी जाती है। कोशिकाओं में यह ऑक्सीजन भोजन के विखंडन में सहायता करती है। कोशिका में भोजन के विखंडन के प्रक्रम में ऊर्जा मुक्त होती है। इसे 'कोशिकीय श्वसन' कहते हैं। सभी जीवों की कोशिकाओं में कोशिकीय श्वसन होता है।
कोशिकीय श्वसन के प्रकार: यह दो प्रकार का होता है।
(क) वायवीय श्वसन: कोशिका के अन्दर, भोजन (ग्लूकोस) ऑक्सीजन का उपयोग करके कार्बन डाईऑक्साइड और जल में विखंडित हो जाता है। जब ग्लूकोस का विखंडन ऑक्सीजन के उपयोग द्वारा होता है, तो यह 'वायवीय श्वसन' कहलाता है। भोजन के विखंडन से ऊर्जा निर्मुक्त होती है।
(ख) अवायवीय श्वसन: जब ग्लूकोस का विखंडन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है, तब यह 'अवायवीय श्वसन' कहलाता है। अवायवीय जीवों में ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोस, ऐल्कोहॉल और कार्बन डाईऑक्साइड में विखंडित हो जाता है और ऊर्जा निर्मुक्त होती है। अतः
प्रश्न 2.
मानव श्वसन की क्रियाविधि को समझाइये।
उत्तर:
मानव श्वसन की क्रियाविधि: सामान्यतः हम अपने नथुनों (नासाद्वार) से वायु अंदर लेते हैं। जब हम वायु को अंत:श्वसन द्वारा अंदर लेते हैं, तो यह हमारे नथुनों से नासा गुहा में चली जाती है। नासा गुहा से वायु, श्वास नली से होकर हमारे फेफड़ों (फुफ्फुस) में जाती है। फेफड़े वक्ष-गुहा में स्थित होते हैं। वक्ष - गुहा पार्श्व में पसलियों से घिरी रहती है। एक बड़ी पेशीय परत, जो
डायाफ्राम: (मध्यपट) कहलाती है, वक्ष - गुहा को आधार प्रदान करती है। श्वसन में डायाफ्राम और पसलियों से बने पिंजर की गति सम्मिलित होती है। अंतःश्वसन के समय पसलियाँ ऊपर और बाहर की ओर गति करती हैं और डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है। यह गति हमारी वक्ष - गुहा के आयतन को बढ़ा देती है और वायु फेफड़ों में आ जाती है। फेफड़े वायु से भर जाते हैं। उच्छ्व सन के समय पर्सलियाँ नीचे और अन्दर की ओर आ जाती हैं, जबकि डायाफ्राम ऊपर की ओर अपनी पूर्व स्थिति में आ जाता है। इससे वक्ष - गुहा का आयतन कम हो जाता है। इस कारण वायु फेफड़ों से बाहर धकेल दी जाती है। इस प्रकार श्वसन की क्रियाविधि पूरी होती है।
प्रश्न 3.
कॉकरोच एवं केंचुआ किस प्रकार श्वसन करते हैं? समझाइये।
उत्तर:
(i) कॉकरोच में श्वसन: कॉकरोच के शरीर के पार्श्व भाग में छोटे - छोटे छिद्र होते हैं। अन्य कीटों के शरीर में भी इस प्रकार के छिद्र होते हैं। ये छिद्र श्वास रंध्र कहलाते हैं। कीटों में गैस के विनिमय के लिए वायु नलियों का जाल बिछा होता है, जो श्वासप्रणाल या वातक कहलाते हैं। ऑक्सीजन समृद्ध वायु श्वास रंध्रों से श्वास नालों में जाकर शरीर के ऊतकों में विसरित होती है और शरीर की प्रत्येक कोशिका में पहुँचती है। इसी प्रकार कोशिकाओं से कार्बन डाई - ऑक्साइड श्वासनालों में आती है और श्वास रंध्रों से बाहर निकल जाती है। श्वासनाल अथवा श्वासप्रणाल केवल कीटों में ही पाए जाते हैं। जन्तुओं के अन्य समूहों में ऐसी व्यवस्था नहीं पाई जाती है।
(ii) केंचुए में श्वसन: केंचुए अपनी त्वचा से श्वसन करते हैं। इनकी त्वचा स्पर्श करने पर आई और श्लेष्मीय प्रतीत होती है। इसमें से गैसों का आवागमन आसानी से हो जाता है।
प्रश्न 4.
क्या अन्य जीवों की भाँति पादप भी श्वसन करते हैं? समझाइये।
उत्तर:
अन्य जीवों की भाँति पादप भी जीवित रहने के लिए श्वसन करते हैं। ये वायु से ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और कार्बन डाई-ऑक्साइड को निर्मुक्त करते हैं। इनकी कोशिकाओं में भी ऑक्सीजन का उपयोग अन्य जीवों की भाँति ही ग्लूकोस को कार्बन डाई - ऑक्साइड और जल में विखंडन करने के लिए किया जाता है। पादप में प्रत्येक अंग वायु से स्वतंत्र रूप से ऑक्सीजन।
ग्रहण करके कार्बन डाई: ऑक्साइड को निर्मुक्त कर सकता है। पादप की पत्तियों में ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड के विनिमय के लिए सूक्ष्म छिद्र होते हैं, जो रंध्र कहलाते हैं। पादप की अन्य सभी कोशिकाओं की भाँति ही मूल (जड़) कोशिकाओं को भी ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। मूल (जड़) मृदा कणों के बीच के खाली स्थानों (वायु अवकाशों) में उपस्थित वायु से ऑक्सीजन ग्रहण करती हैं।
प्रश्न 5.
एक क्रियाकलाप द्वारा श्वसन की क्रियाविधि को समझाइये।
उत्तर:
क्रियाकलाप: