These comprehensive RBSE Class 7 Maths Notes Chapter 4 सरल समीकरण will give a brief overview of all the concepts.
→ जब कोई गणितीय सत्य वाक्य जिसमें एक या एक से अधिक चरों का प्रयोग करते हुए '=' के चिह्न से उनकी समानता व्यक्त की जाये तो वह समीकरण कहलाता है। दूसरे शब्दों में, एक समीकरण एक चर पर एक ऐसा प्रतिबन्ध होता है जिसमें दोनों पक्षों में व्यंजकों का मान बराबर होना चाहिए।
→ एक सन्तुलित समीकरण की स्थिति में हम
(a) समीकरण के दोनों पक्षों में समान संख्या जोड़ सकते हैं।
(b) समीकरण के दोनों पक्षों में से समान संख्या घटा सकते हैं।
(c) समीकरण के दोनों पक्षों को समान संख्या (जो शून्य नहीं हो) से गुणा कर सकते हैं।
(d) समीकरण के दोनों पक्षों को समान संख्या (जो शून्य नहीं हो) से भाग दे सकते हैं।
(e) पक्षान्तर करते समय राशियों का चिह्न धन से ऋण तथा ऋण से धन में बदला जाता है।
→ चर का वह मान जिसके लिए समीकरण सन्तुष्ट होता है, समीकरण का हल कहलाता है।
→ किसी समीकरण के बाएँ और दाएँ पक्षों को परस्पर बदलने पर, समीकरण नहीं बदलता।
→ किसी संख्या को स्थानापन्न करना (अर्थात् संख्या के पक्षों में परिवर्तन करना) संख्या के दोनों पक्षों में जोड़ने या दोनों पक्षों में से घटाने के समान ही है। जब एक संख्या को एक पक्ष से दूसरे पक्ष में स्थानापन्न करते हैं तो उसके चिह्न को बदलना पड़ता है। व्यंजकों का भी स्थानापन्न उसी विधि से करते हैं जैसे एक संख्या का स्थानापन्न करते हैं।