These comprehensive RBSE Class 7 Maths Notes Chapter 2 भिन्न एवं दशमलव will give a brief overview of all the concepts.
→ किसी पूर्ण संख्या को किसी उचित अथवा विषम भिन्न से गुणा करने के लिए हम पूर्ण संख्या को भिन्न के अंश के साथ गुणा करते हैं और भिन्न के हर को अपरिवर्तित या समान रखा जाता है।
→ किसी मिश्रित भिन्न को एक पूर्ण संख्या से गुणा करने के लिए सबसे पहले मिश्रित भिन्न को विषम भिन्न में परिवर्तित करेंगे।
→ भिन्न, प्रचालक 'का' के रूप में काम करती है।
जैसे -3 का \(\frac{1}{2}\), होता है \(\frac{1}{2}\) × 3 = \(\frac{3}{2}\)
इस प्रकार 'का' गुणन को निरूपित करता है।
→ दो उचित भिन्नों के गुणनफल का मान उन दोनों भिन्नों में से प्रत्येक से छोटा होता है।
→ दो विषम भिन्नों के गुणनफल का मान, गुणा किये गये दोनों भिन्नों में से प्रत्येक से बड़ा होता है।
→ एक उचित और एक विषम भिन्न के गुणनफल का मान, विषम भिन्न से कम होता है और उचित भिन्न से अधिक होता है।
→ किसी भिन्न के अंश एवं हर को परस्पर बदलने पर अथवा उनका प्रतिलोम करने पर उस भिन्न का व्युत्क्रम प्राप्त होता है।
→ किसी पूर्ण संख्या को एक भिन्न से भाग करने के लिए उस पूर्ण संख्या को उस भिन्न के व्युत्क्रम से गुणा करते हैं।
जैसे 2 ÷ \(\frac{3}{4}\) = 2 × \(\frac{4}{3}\) = \(\frac{8}{3}\)
→ एक भिन्न को पूर्ण संख्या से भाग करने के लिए उस भिन्न को पूर्ण संख्या के व्युत्क्रम से गुणा करते हैं।
जैसे \(\frac{3}{4}\) ÷ 2 = \(\frac{3}{4} \times \frac{1}{2}=\frac{3}{8}\)
→ एक भिन्न को दूसरी भिन्न से भाग करने के लिए पहली भिन्न को दूसरी भिन्न के व्युत्क्रम से गुणा किया जाता है।
→ दो दशमलव संख्याओं को गुणा करने के लिए सबसे पहले उन्हें पूर्ण संख्याओं के रूप में गुणा किया जाता है। फिर दोनों दशमलव संख्याओं में प्रत्येक में दशमलव बिन्दु के दायीं ओर के अंकों की संख्या को गिनकर उनका योग करते हैं। अब गुणनफल में दशमलव बिन्दु रखने के लिए गुणनफल के सबसे दाएँ स्थान से पूर्व में प्राप्त योग जितने अंक गिनकर दशमलव बिन्दु रखते हैं।
→ जब किसी दशमलव संख्या को 10, 100 अथवा 1000 से गुणा किया जाता है तो गुणनफल के अंक वही होते हैं जो अंक दशमलव संख्या में होते हैं परन्तु गुणनफल में दशमलव बिन्दु दायीं तरफ उतने ही स्थानों से विस्थापित हो जाता है जितने 1 के अतिरिक्त शून्य होते हैं।
→ दो दशमलव संख्याओं को भाग करते समय सबसे पहले दोनों संख्याओं में दशमलव बिन्दु को दायीं तरफ समान स्थानों से विस्थापित किया जाता है, फिर उनमें भाग दिया जाता है।
→ किसी दशमलव संख्या को 10, 100 अथवा 1000 से भाग करने के लिए उस दशमलव संख्या में दशमलव बिन्दु को बायीं तरफ उतने ही स्थान से विस्थापित करते हैं, जितने 1 के साथ शून्य होते हैं।
→ किसी दशमलव संख्या को पूर्ण संख्या से भाग करने पर उन्हें पूर्ण संख्याओं के रूप में ही भाग दिया जाता है। फिर भागफल में दशमलव बिन्दु को वैसे ही रखा जाता है, जैसे दशमलव संख्या में होता है। (केवल ऐसे भागों में जहाँ शेषफल शून्य होता है।)