These comprehensive RBSE Class 7 Maths Notes Chapter 15 ठोस आकारों का चित्रण will give a brief overview of all the concepts.
→ वृत्त, वर्ग, आयत, चतुर्भुज और त्रिभुज समतल आकृतियाँ कहलाती हैं जबकि घन, घनाभ, गोला, बेलन, शंकु और पिरामिड ठोस आकारों के उदाहरण हैं।
→ समतल आकृतियों की दो विमाएँ (संक्षिप्त में 2-D) होती हैं तथा ठोस आकारों की तीन विमाएँ (संक्षिप्त में 3-D) होती हैं।
→ ठोस आकार के कोने उसके शीर्ष, उसके ढाँचे के रेखाखण्ड उसके किनारे (या कोर) तथा उसके सपाट पृष्ठ उसके फलक कहलाते हैं।
→ ठोस का एक जाल दो विमाओं में एक ऐसी रूपरेखा है, जिसे मोड़कर वह ठोस प्राप्त हो जाता है। एक ही ठोस के अनेक प्रकार के जाल हो सकते हैं।
→ ठोस आकारों को कागज पर खींचा जा सकता है। इसे 3-D ठोस का 2-D निरूपण कहते हैं।
→ एक ठोस के निम्न दो प्रकार के चित्र बनाना सम्भव है :
(a) एक तिर्यक चित्र, जिसमें लम्बाइयाँ समानुपाती नहीं होती हैं। फिर भी इससे ठोस के रूप के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाती है।
(b) एक समदूरीक चित्र, इसे एक समदूरीक बिन्दुकित कागज पर खींचा जाता है। किसी ठोस के एक समदूरीक चित्र में लम्बाइयों को समानुपाती रखा जाता है।
→ एक ठोस के विभिन्न भागों को अनेक विधियों से देखा जा सकता है
(a) एक विधि में दिए हुए आकार को काट लिया जाता है। इससे हमें ठोस की एक अनुप्रस्थ-काट प्राप्त हो जाती है।
(b) एक अन्य विधि यह है कि एक 3-D आकार की एक 2-D छाया देखी जाए।
(c) तीसरी विधि यह है कि ठोस आकार को विभिन्न कोणों से देखा जाए। देखे गए आकार के सामने के दृश्य, पार्श्व दृश्य और ऊपर के दृश्य से हमें उस आकार के बारे में बहुत अधिक जानकारी मिल सकती है।