These comprehensive RBSE Class 7 Maths Notes Chapter 14 सममिति will give a brief overview of all the concepts.
→ वह आकृति जो किसी बिन्दु या रेखा के दोनों ओर एक जैसी हो, सममित आकृति होती है। दूसरे शब्दों में, एक आकृति में रैखिक सममिति तब होती है, जब कोई ऐसी रेखा प्राप्त की जा सके जिसके अनुदिश उस आकृति को मोड़ने पर, उसके दोनों भाग परस्पर संपाती हो जाएँ।
→ ऐसी आकृति जो दिये हुए बिन्दु या रेखा के दोनों ओर एक जैसी नहीं हो असममित आकृति होती है।
→ सम बहुभुजों में बराबर भुजाएँ और बराबर कोण होते हैं। उनकी एक से अधिक सममित रेखाएँ होती हैं।
→ जितनी भुजाओं वाला समबहुभुज होता है, उतनी ही उसकी सममित रेखाएँ होती हैं।
→ दर्पण परावर्तन से ऐसी सममिति प्राप्त होती है, जिसमें बाएँ-दाएँ अभिमुखों का ध्यान रखना होता है।
→ घूर्णन में एक वस्तु को एक निश्चित बिन्दु के परित घुमाया जाता है। यह निश्चित बिन्दु घूर्णन का केन्द्र कहलाता है।
→ जिस कोण पर वस्तु घूमती है, उसे घूर्णन का कोण कहते हैं। पूरा घूर्णन 360° का होता है। आधा चक्कर 180° का घूर्णन है तथा एक-चौथाई चक्कर 90° का घूर्णन है।
→ घूर्णन दक्षिणावर्त और वामावर्त दोनों ही दिशाओं में हो सकता है।
→ यदि घूर्णन के बाद, वस्तु, स्थिति के अनुसार, पहले जैसी ही दिखाई देती है, तो उसमें घूर्णन सममिति होती है।
→ एक पूरे चक्कर (360° के) में, एक वस्तु जितनी बार स्थिति के अनुसार, पहले जैसी ही दिखाई देती है, वह संख्या उस घूर्णन सममिति का क्रम कहलाती है। जैसे - एक वर्ग की घूर्णन सममिति का क्रम 4 है तथा एक समबाहु त्रिभुज की घूर्णन सममिति का क्रम 3 है।
→ कुछ आकारों में केवल एक ही सममिति रेखा होती है, जैसे अक्षर E; कुछ में केवल घूर्णन सममिति ही होती है, जैसे अक्षर S तथा कुछ में दोनों प्रकार की सममितियाँ होती हैं, जैसे - अक्षर H ।