RBSE Class 6 Social Science Notes History Chapter 9 व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री

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RBSE Class 6 Social Science Notes History Chapter 9 व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री

→ प्राचीन भारत में विदेशों से व्यापार के अनेक प्रमाण मिलते हैं।

→ दक्षिण भारत से रोमन साम्राज्य के साथ बहुत अच्छा व्यापार चलता था।

→ व्यापारियों ने कई समुद्री रास्ते खोज निकाले थे। कुछ समुद्र के किनारे चलते थे तो कुछ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी को पार करते थे।

→ लगभग 2300 वर्ष पहले दक्षिणी भारत में चोल, चेर तथा पांड्य काफी शक्तिशाली माने जाते थे।

→ इसके लगभग 200 वर्षों के बाद पश्चिम भारत में सातवाहन नामक राजवंश का प्रभाव बढ़ा। इस वंश के प्रतापी राजा श्री सातकर्णी ने पूर्वी, पश्चिमी तथा दक्षिणी तटों पर अपनी सेनाएँ भेजीं।

→ रेशम बनाने की तकनीक का आविष्कार सबसे पहले चीन में लगभग 7000 वर्ष पहले हुआ।

RBSE Class 6 Social Science Notes History Chapter 9 व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री

→ चीन से लोग दूर-दूर स्थानों पर व्यापार हेतु जिस मार्ग से होकर रेशमी कपड़ा लेकर यात्रा करते थे, वह रेशम मार्ग (सिल्क रूट) के नाम से जाना जाता है।

→ सिल्क रूट पर नियंत्रण रखने वाले शासकों में सबसे प्रसिद्ध कुषाण थे।

→ कुषाणों का सबसे प्रसिद्ध राजा कनिष्क था। उसके समय में बौद्ध धर्म का बहुत प्रसार हुआ। पश्चिमी और दक्षिण भारत, पूरे मध्य एशिया, चीन, कोरिया, जापान, श्रीलंका, म्यांमार, थाइलैंड, इंडोनेशिया सहित दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य भागों में बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ। 

→ तीर्थयात्री भी पवित्र स्थानों की यात्रा हेतु दूर-दूर जाया करते थे। भारत की यात्रा पर आये चीनी बौद्ध तीर्थयात्रियों में फा-शिएन, श्वैन त्सांग तथा इत्सिंग उल्लेखनीय हैं।

→ श्वैन त्सांग ने सोने, चाँदी और चंदन की लकड़ी से बनी बुद्ध की मूर्तियाँ तथा 600 से भी अधिक पाण्डुलिपियाँ एकत्र कीं।

→ इन्हीं दिनों हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का चलन शुरू हुआ। देवी-देवताओं की पूजा भक्ति परम्परा के माध्यम से की जाती थी।

→ भक्ति का पथ सबके लिए खुला था, चाहे वह धनी हो यां गरीब, ऊँची जाति का हो या नीची जाति का, स्त्री हो या पुरुष।

→ भक्ति परम्परा ने चित्रकला, शिल्पकला और स्थापत्य कला के माध्यम से अभिव्यक्ति की प्रेरणा दी।

Prasanna
Last Updated on June 3, 2022, 12:23 p.m.
Published June 3, 2022