RBSE Class 6 Social Science Notes History Chapter 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें

These comprehensive RBSE Class 6 Social Science Notes History Chapter 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें will give a brief overview of all the concepts.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 6. Students can also read RBSE Class 6 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 6 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. The class 6 social science chapter 3 question answer are curated with the aim of boosting confidence among students.

RBSE Class 6 Social Science Notes History Chapter 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें

→ प्राचीन भारतीय धातु वैज्ञानिकों ने विश्व धातु विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

→ महरौली (दिल्ली) स्थित लौह स्तंभ का निर्माण लगभग 1500 वर्ष पहले हुआ और इतने वर्षों के बाद भी इसमें जंग नहीं लगा है। 

→ स्तूप निर्माण की शुरूआत लगभग 2300 वर्ष पहले हुई थी। स्तूप विभिन्न आकार के होते थे। प्रायः सभी स्तपों के भीतर एक छोटा-सा डिब्बा रहता है।

→ उस समय स्तूपों के अलावा पहाड़ियों को काटकर गुफाएँ भी बनाई गईं।

→ इस काल में कुछ आरंभिक हिन्दू मन्दिरों का भी निर्माण किया गया। इन मन्दिरों में विष्णु, शिव तथा दुर्गा जैसे देवी-देवताओं की पूजा होती थी।

→ स्तूपों तथा मंदिरों को बनाने की प्रक्रिया में कई अवस्थाएँ आती थीं। प्रायः राजा या रानी ही इन्हें बनवाते थे। इनकी सजावट में अनेक लोग योगदान करते थे। 

→ अजन्ता की गुफाओं में बनाये गये चित्रों के रंग 1500 साल बाद भी चमकदार हैं।

→ इस युग में अनेक महाकाव्यों की भी रचना की गई। इनमें तमिल महाकाव्य 'सिलप्पदिकारम' तथा 'मणिमेखलई.' प्रमुख हैं।

RBSE Class 6 Social Science Notes History Chapter 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें

→ हिन्दू धर्म से जुड़ी कई कहानियाँ जो बहुत पहले से प्रचलित थीं, उन्हें इसी काल में लिखित रूप दिया गया। इनमें पुराण, महाभारत, रामायण आदि शामिल हैं।

→ माना जाता है कि पुराणों और महाभारत दोनों को ही व्यास नाम के ऋषि ने संकलित किया तथा संस्कृत रामायण के लेखक वाल्मीकि माने जाते हैं।

→ आम लोगों में जातक और पंचतंत्र की कहानियाँ प्रसिद्ध थीं।

→ गणितज्ञ तथा खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने संस्कृत में आर्यभट्टीयम नामक पुस्तक लिखी।

→ वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त तथा भास्कराचार्य कुछ अन्य गणितज्ञ तथा खगोलवेत्ता थे।

→ भारत के गणितज्ञों ने शून्य के लिए एक नये चिह्न का आविष्कार किया।

→ प्राचीन भारत में आयुर्वेद के दो प्रसिद्ध चिकित्सक हुए

  • चरक
  • सुश्रुत।
Prasanna
Last Updated on June 3, 2022, 12:31 p.m.
Published June 3, 2022