RBSE Class 6 Social Science Notes Civics Chapter 4 लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्त्व

These comprehensive RBSE Class 6 Social Science Notes Civics Chapter 4 लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्त्व will give a brief overview of all the concepts.

RBSE Class 6 Social Science Notes Civics Chapter 4 लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्त्व

→ दक्षिण अफ्रीका की कहानी
दक्षिण अफ्रीका एक ऐसा देश है, जहाँ कई प्रजातियों के लोग रहते हैं-श्वेत (गोरे), अश्वेत (काले) और सांवले 1994 से पहले दक्षिण अफ्रीका रंगभेद कानून से शासित था। वहां के कानून के अनुसार श्वेत, अश्वेत एवं भारतीय व अन्य प्रजातियों के लोग न तो एक-दूसरे के आस-पास रह सकते थे और न ही आम सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते थे।

→ श्वेत-अश्वेत लोगों के अस्पताल व अस्पताल की गाड़ियाँ, बस-स्टैण्ड, रेल व बसें, बस्तियां सब अलग-अलग होते थे। अश्वेत लोगों को वोट देने की इजाजत नहीं थी। उपजाऊ जमीन श्वेतों के लिए आरक्षित होती थी। अश्वेतों के साथ भेदभाव किया जाता था। अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस और उनके नेता नेल्सन मंडेला ने रंगभेद के खिलाफ लम्बे समय तक संघर्ष किया। अन्ततः 1994 में उन्हें सफलता मिली और दक्षिण अफ्रीका एक लोकतांत्रिक देश बना, जहाँ सभी प्रजातियों को बराबर माना गया। 

→ भागीदारी
लोकतंत्र में लोग चुनाव में वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुनते हैं। ये प्रतिनिधि ही लोगों की तरफ से निर्णय लेते हैं और निर्णय लेते वक्त वे लोगों की जरूरतों और माँगों को ध्यान में रखते हैं। सभी सरकारों को एक निश्चित समय के लिए चुना जाता है। भारत में यह अवधि पाँच वर्ष की है। एक बार चुने जाने के बाद सरकार पाँच वर्ष तक सत्ता में रहती है। सरकार का फिर से सत्ता में बना रहना तभी संभव है, जब लोग उसे पुनः चुनें। इस प्रकार नियमित चुनाव होने से लोगों का सरकार पर नियंत्रण बना रहता है।

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→ भागीदारी के अन्य तरीके
वोट देने के अलावा लोकतांत्रिक सरकार के निर्णयों और नीतियों में लोगों के भाग लेने के और भी कई तरीके हैं। यथा

  • लोग सरकार के कार्यों में रुचि लेकर और उसकी आलोचना करके भी अपनी भागीदारी निभाते हैं।
  • धरने, जुलूस, हड़ताल, हस्ताक्षर अभियान आदि ऐसे तरीके हैं जिनके जरिए गलत बातों को सामने लाया जाता है और सरकार को यह समझा सकते हैं कि उसे क्या कार्रवाई करनी चाहिए।
  • अखबार, पत्रिकाएँ एवं टेलीविजन भी जनता से जुड़े मुद्दों और सरकार की जिम्मेदारियों पर चर्चा कर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • लोगों की भागीदारी का एक अन्य तरीका आंदोलन भी है। दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं आदि की भागीदारी इन आंदोलनों के जरिए ही हो पाती है। 

→ विवादों का समाधान

  • विवादों या समस्याओं के समाधान के लिए कई बार हिंसा का प्रयोग किया जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि एक समूह मान लेता है कि दूसरे समूह को विरोध करने से रोकने के लिए बल का इस्तेमाल करना उचित है।
  • विवाद तब उभरता है जब विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों, क्षेत्रों और आर्थिक पृष्ठभूमियों के लोग आपस में तालमेल नहीं बिठा पाते।
  • भेदभाव की स्थिति में भी विरोध उभरता है।
  • धार्मिक जुलूस और उत्सव कई बार समस्या का कारण बन जाते हैं।
  • नदियाँ भी कई बार विवाद का कारण बन जाती हैं। 

→ सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह विवादों का समाधान करें। समानता तथा न्याय- है जो समाज में अब भी बराबर नहीं माने जा रहे। जैसे-लड़कों व लड़कियों में भेदभाव। इसे दूर करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। 

Prasanna
Last Updated on June 3, 2022, 3:23 p.m.
Published June 3, 2022