RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 8 खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर

Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 8 खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर Important Questions and Answers.

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RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 8 खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर


बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
भारत के उत्तरी हिस्से में, गाँव का प्रधान व्यक्ति क्या कहलाता था? 
(अ) उणवार 
(ब) गृहपति
(स) ग्रामभोजक 
(द) अदिमई 
उत्तर:
(स) ग्रामभोजक 

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 8 खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर

प्रश्न 2. 
जातकों का संकलन किसने किया?
(अ) जैन भिक्खुओं ने 
(ब) बौद्ध भिक्षुओं ने
(स) ब्राह्मणों ने 
(द) ऋषि - मुनियों ने 
उत्तर:
(ब) बौद्ध भिक्षुओं ने

प्रश्न 3. 
भरूच का चूनानी नाम था?
(अ) बेरिगाजा 
(ब) अरिकामेड्डु
(स) एरेटाइन 
(द) वेल्लाला 
उत्तर:
(अ) बेरिगाजा 

प्रश्न 4. 
साँची किस राज्य में स्थित है?
(अ) महाराष्ट्र 
(ब) गुजरात
(स) राजस्थान 
(द) मध्यप्रदेश 
उत्तर:
(द) मध्यप्रदेश

प्रश्न 5. 
अरिकामेडु कहाँ स्थित था?
(अ) पुदुचेरी 
(ब) तमिलनाडु
(स) कर्नाटक 
(द) केरल 
उत्तर:
(अ) पुदुचेरी 

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. ................ के बिना राजाओं तथा उनके राज्यों का बना रहना मुश्किल था। 
उत्तर:
समृद्ध राज्यों 

2. ................. की प्राचीनतम रचनाओं को संगम साहित्य कहते हैं। 
उत्तर:
तमिल

3. ................ की संकरी खाड़ी में समुद्र से आने वालों के लिए नाव चला पाना बहुत मुश्किल होता है। 
उत्तर:
बेरिंगाजा

4. मथुरा बेहतरीन ................ बनाने का केन्द्र था। 
उत्तर:
मूतियाँ

5. अरिकामेडु में भूमध्यसागरीय क्षेत्र के ................ जैसे पात्र मिले हैं। 
उत्तर:
एंफोरा

सत्य/असत्य बताइये

1. महापाषाण कद्रों में लोहे के औजार और हथियार बड़ी संख्या में मिले हैं। 
उत्तर:
सत्य

2. ग्राम भोजक के पद पर गांव का सबसे ज्यादा पढ़ालिखा व्यक्ति होता था। 
उत्तर:
असत्य 

3. आहत सिक्के सबसे नवीनतम सिक्के पाये गये हैं।
उत्तर:
असत्य 

4. मधुरा कृष्ण भक्ति का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र था। 
उत्तर:
सत्य

5. रोम यूरोप के सबसे पुराने शहरों में से एक है। 
उत्तर:
सत्य

सही मिलान कीजिये

I

II

1. उपमहाद्वीप में लोहे के प्रयोग की शुरूआत

(अ) लगभग 2500 वर्ष पहले।

2. आहत सिक्के

(ब) लगभग 3000 वर्ष पहले

3. संगम साहित्य की रचना की शुरुआत

(स) लगभग 2200 से 1900 वर्ष पहले

4. अरिकामेडु का पत्तन

(द) लगभग 2300 वर्ष पहल


उत्तर:

I

II

1. उपमहाद्वीप में लोहे के प्रयोग की शुरूआत

(ब) लगभग 3000 वर्ष पहले

2. आहत सिक्के

(अ) लगभग 2500 वर्ष पहले।

3. संगम साहित्य की रचना की शुरुआत

(द) लगभग 2300 वर्ष पहल

4. अरिकामेडु का पत्तन

(स) लगभग 2200 से 1900 वर्ष पहले


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
भारतीय उपमहाद्वीप में लोहे का प्रयोग कब शुरू हुआ?
उत्तर:
भारतीय उपमहाद्वीप में लोहे का प्रयोग लगभग 3000 साल पहले शुरू हुआ। 

प्रश्न 2. 
लगभग 2500 वर्ष पहले लोहे के औजारों के बढ़ते उपयोग के दो प्रमाण बताइये। 
उत्तर:

  • जंगलों को साफ करने के लिए कुल्हाड़ियों का उपयोग। 
  • जुताई के लिए हलों के फाल का उपयोग। 

प्रश्न 3. 
कडैसियार और अदिमई कौन लोग कहलाते थे? 
उत्तर:
तमिल क्षेत्र में भूमिहीन मजदूर तथा दास लोग कडैसियार और अदिमई कहलाते थे। 

प्रश्न 4. 
गृहपति किसे कहते थे? 
उत्तर:
ग्राम - भोजकों के अलावा गाँव में निवास करने वाले अन्य स्वतन्य कृषक, गृहपति कहलाते थे। 

प्रश्न 5. 
संगम साहित्य किसे कहते हैं? 
उत्तर:
तमिल की प्राचीनतम रचनाओं को संगम साहित्य कहते हैं। 

प्रश्न 6. 
जातक क्या है? 
उत्तर:
जातक वे कहानियाँ हैं, जो आम लोगों में प्रचलित थीं।

प्रश्न 7. 
वलयकूप का प्रयोग किन कार्यों के लिए होता था? 
उत्तर:
वलयकूप गुसलखाने, नाली या कूड़ेदान के लिए प्रयुक्त होते थे। 

प्रश्न 8. 
बेरिगाजा की संकरी खाड़ी में जहाज कौन ला सकते थे? 
उत्तर:
बेरिंगाजा की संकरी खाड़ी में राजा के द्वारा नियुक्त कुशल और अनुभवी स्थानीय मछुआरे ही जहाज ला सकते थे।

प्रश्न 9. 
आहत सिक्के किसे कहते हैं? 
उत्तर:
धातु की चादर को काटकर उस पर ठप्पे से चिह्न लगाकर अनाये गये सिक्के आहत सिक्के कहलाते हैं। 

प्रश्न 10. 
सबसे पुराने सिक्के कौनसे थे? ये कितने वर्षों तक चले? 
उत्तर:
सबसे पुराने सिक्के आहत सिक्के थे। ये करीब 500 वर्षों तक चले। 

प्रश्न 11. 
कुषाणों की दूसरी राजधानी कौनसी थी? 
उत्तर:
कुषाणों की दूसरी राजधानी मथुरा थी। 

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प्रश्न 12. 
प्राचीन भारत में कपड़ा उत्पादन के दो प्रसिद्ध केन्द्र कौनसे थे? यहाँ कौन काम करते थे? 
उत्तर:
प्राचीन भारत में उत्तर में वाराणसी तथा दक्षिण में मदुरै कपड़ा उत्पादन के प्रसिद्ध केन्द्र थे। यहाँ स्वी - पुरुष दोनों काम करते थे। 

प्रश्न 13. 
श्रेणी किसे कहते थे? 
उत्तर:
अनेक शिल्पकार तथा व्यापारी अपने - अपने संघ बनाने लगे थे, जिन्हें श्रेणी कहते थे। 

प्रश्न 14. 
ऑगस्टस कौन था? 
उत्तर:
ऑगस्टस रोमन साम्राज्य के सबसे महत्वपूर्ण शासकों में से एक था, जिसने लगभग 2000 वर्ष पहले शासन किया था। 

प्रश्न 15. 
ऑगस्टस ने क्या कहा था? 
उत्तर:
ऑगस्टस ने कहा था कि रोम ईंटों का शहर था, जिसे उसने संगमरमर का बनवाया। 

प्रश्न 16. 
एरेटाइन पात्र को किस प्रकार बनाया जाता था? 
उत्तर:
एरेटाइन पात्र को मुहर लगे सांचे पर गीली चिकनी मिट्टी को दबा कर बनाया जाता था। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
प्राचीन भारत में कृषि उत्पादन किस प्रकार बढ़ा? 
उत्तर:
प्राचीन भारत में सभ्यता के विकास के साथ - साथ कृषि उत्पादन भी बढ़ा। कृषि में अनेक औजारों का उपयोग होने लगा। हंसिया तथा जुताई हेतु हलों के फाल के प्रयोग से कृषि उत्पादन बढ़ा। रोपाई विधि से भी कृषि को लाभ मिला। इसके साथ - साथ सिंचाई भी काफी उपयोगी साबित हुई। इस समय सिंचाई के लिए नहरें, कुएं, तालाब तथा कृत्रिम जलाशय बनाये गये। 

प्रश्न 2. 
प्राचीनतम तमिल रचनाओं के बारे में बताइये।
अथवा 
संगम साहित्य किसे कहते हैं? इसके बारे में बताइये। 
उत्तर:
संगम साहित्य: तमिल की प्राचीनतम रचनाओं को संगम साहित्य कहते हैं। इनकी रचना करीब 2300 साल पहले की गई। इनें संगम इसलिए कहा जाता है क्योंकि मदुरै के कवियों के सम्मेलनों में इनका संकलन किया जाता था। तमिल क्षेत्र में गांव में रहने वालों के तमिल नामों - वेल्लला, उणवार तथा अदिगई - का उल्लेख संगम साहित्य में पाया जाता है। 

प्रश्न 3.
बेरिगाजा के राजा के लिए व्यापारी क्या उपहार लाते थे? 
उत्तर:
बेरिगाजा के राजा के लिए व्यापारी विशेष उपहार लाते थे। इनमें चांदी के बर्तन, गायक - किशोर, सुंदर औरतें, अच्छी शराब तथा उत्कृष्ट महीन कपड़े शामिल थे। 

प्रश्न 4. 
आहत सिक्कों के बारे में आप क्या जानते हैं? 
उत्तर:
आहत सिक्के: आहत सिक्के सबसे पुराने सिक्के बे,जो लगभग 500 साल तक चले। आहत सिक्के सामान्यतः आयताकार और कभी - कभी वर्गाकार या गोल होते थे। ये या तो धातु की चादर को काटकर या धातु के चपटे गोलिकाओं से बनाये जाते थे। इन सिक्कों पर कुछ लिखा हुआ नहीं होता था, बल्कि इन पर कुछ चिह ठप्से से बनाये जाते थे। इसीलिए ये आहत सिक्के कहलाते थे। वे सिक्के भारतीय उपमहाद्वीप के लगभग अधिकांश हिस्सों में पाए जाते हैं और ईसा की आरंभिक सदियों तक ये प्रचलन में रहे। 

प्रश्न 5. 
पुरास्थलों से शिल्पों के क्या नमूने मिले हैं? 
उत्तर:
पुरास्थलों से शिल्पों के नमूने मिले हैं। इनमें मिट्टी के बहुत ही पतले और सुंदर बर्तन मिले हैं, जिन्हें उत्तरी काले चमकीले पात्र कहा जाता है क्योंकि ये ज्यादात उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में मिले हैं। 

प्रश्न 6. 
पुरास्थलों से प्राप्त उत्तरी काले चमकीले पात्रों का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
उत्तरी काले चमकीले पात्र: ये एक कठोर, चाक निर्मित, धातु की तरह दिखने वाले तथा चमकदार काली सतह वाले पात्र हैं। इसे बनाने के लिए कुम्हार मिट्टी के बर्तनों को भट्ठों पर उच्च तापमान पर रखते थे जिसके परिणामस्वरूप इन बर्तनों की बाहरी सतह काली हो जाती थी। इन पर एक पतला काला लेप भी लगाया जाता था जो इस बर्तन को शीशे जैसी चमक प्रदान करता था। 

प्रश्न 7. 
श्रेणियों के क्या कार्य थे? 
उत्तर:
श्रेणियों के अनेक कार्य थे, जैसे:

  1. शिल्पकारों की श्रेणियों का काम प्रशिक्षण देना, कच्चा माल उपलब्ध कराना तथा तैयार माल का वितरण करना था। 
  2. व्यापारियों की श्रेणियाँ व्यापार का संचालन करती थीं। 
  3. श्रेणियाँ बैंकों के रूप में भी काम करती थीं, जहाँ लोग पैसे जमा रखते थे। इस धन का निवेश लाभ के लिए किया जाता था। उससे मिले लाभ का कुछ हिस्सा जमा करने वाले को लौटा दिया जाता था या फिर मठ आदि धार्मिक संस्थानों को दिया जाता था। 

प्रश्न 8. 
एंफोरा क्या है? 
उत्तर:
एंफोरा एक विशेष प्रकार का पात्र होता है। पुदुच्चेरी (अरिकामेडु) में भूमध्यसागरीय क्षेत्र के एफोरा जैसे पात्र मिले हैं। इनमें शराब या तेल जैसे तरल पदार्थ रखे जा सकते थे। इनमें दोनों तरफ से पकड़ने के लिए हत्थे भी लगे है।

प्रश्न 9. 
तमिल ब्राह्मी अभिलेख किसे कहा जाता है? 
उत्तर:
अरिकामेड़ से मिले कई बर्तनों पर ब्राह्मी लिपि में अभिलेख मिले हैं। प्रारंभ में तमिल भाषा के लिए इसी लिपि का प्रयोग किया जाता था। इसीलिए इन्हें तमिल ब्राह्मी अभिलेख भी कहा जाता है। 

प्रश्न 10. 
ऑगस्टस तथा उसके बाद के शासकों द्वारा रोमन साम्राज्य में बनवाई गई इमारतों का संक्षिप्त वर्णन कीजिये। 
उत्तर:

  1. ऑगस्टस और उसके बाद के शासकों ने रोमन साम्राज्य में कई मन्दिर तथा महल बनवाए। 
  2. ऑगस्टस ने बड़े - बड़े रंगमंडल (एम्फिथियेटर) अनवाए। इनमें चारों तरफ दर्शकों के बैठने की सीढ़ीनुमा जगहें होती थीं। यहाँ लोग विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम देख सकते थे।
  3. उन्होंने स्नानागार भी बनवाए जहाँ स्त्रियों तथा पुरुषों के लिए अलग - अलग समय निर्धारित थे। यहाँ लोग एकदूसरे से मिलते थे, और आराम करते थे। 
  4. बड़े - बड़े जलवाही सेतु (एक्याडक्ट) के जरिए शहर के स्नानागारों, फव्वारों तथा गुसलखानों के लिए पानी लाया जाता था। 

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
प्राचीन भारत में गाँवों में कितनी तरह के लोग रहते थे? 
उत्तर:
प्राचीन भारत में गाँवों में अनेक तरह के लोग रहते थे जिनमें दक्षिणी तथा उत्तरी हिस्सों के अधिकांश गाँवों में तीन तरह के लोग मुख्य थे:

  1. तमिल क्षेत्र में बड़े भूस्वामी, साधारण हलवाहे तथा भूमिहीन मजदूर मुख्य थे। यहाँ बड़े भूस्वामियों को वेल्लला, साधारण हलवाहों को उणवार और भूमिहीन मजदूर, दास कडैसियार और अदिमई कहलाते थे। 
  2. देश के उत्तरी हिस्से में, गाँव का प्रधान व्यकिा ग्रामभोजक कहलाता था। अक्सर एक ही परिवार के लोग इस पद पर कई पीढ़ियों तक बने रहते थे। यह आमतौर पर गाँव का सबसे बड़ा भू - स्वामी होता था। 
  3. ग्रामभोजकों के अलावा अन्य स्वतंत्र कृषक भी होते थे, जिन्हें गृहपति कहते थे। इनमें ज्यादातर छोटे किसान ही होते थे। 
  4. इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे स्वी - पुरुष होते थे, जिनके पास अपनी समीन नहीं होती थी। इनमें दास एवं कर्मकार आते थे, जिन्हें दूसरों की जमीन पर काम करके अपनी जीविका चलानी होती थी।
  5. अधिकांश गाँवों में इनके अलावा लोहार, कुमार, बढ़ई तथा बुनकर जैसे कुछ शिल्पकार भी होते थें। 

प्रश्न 2. 
प्राचीनकाल के जीवन के बारे में जानने को मूर्तिकला किस प्रकार एक स्त्रोत का कार्य करती है? 
उत्तर:
प्राचीनकाल के जीवन के बारे में जानने को मूर्तिकला भी एक स्रोत का कार्य करती है। पुरातत्वविदों ने प्राचीन काल की अनेक मूर्तियाँ खोजी हैं जिनसे हमें प्राचीन जीवन की झलक मिलती है। शहरों, गांवों या फिर जंगलों के जीवन से जुड़ी घटनाओं को मूर्तिकार कलात्मक ढंग से उकेरते थे। इन मूर्तियों को ऐसी इमारतों की रेलिंग, खम्भों
या प्रवेश - द्वारों पर सजाया जाता था जहां लोग आते थे। मध्यप्रदेश स्थित सांची में एक स्तूप मिला है जिसकी मूर्तिकला इसका शानदार नमूना है। इसमें शहर के जीवन का एक दृश्य है। इस प्रकार तत्कालीन जीवन के बारे में मूर्तिकला एक स्रोत का कार्य करती है। 

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 8 खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर

प्रश्न 3. 
नगर अनेक गतिविधियों के केन्द्र होते थे। मथुरा का उदाहरण देते हुए समझाइये। 
उत्तर:
नगर अक्सर अनेक गतिविधियों के केन्द्र होते थे और इसी कारण महत्वपूर्ण हो जाते थे। उदाहरण के लिए मथुरा नगर 2500 वर्ष से भी ज्यादा समय से एक महत्वपूर्ण नगर रहा है। इसके प्रमुख कारण निम्न रहे:

  1. मथुरा नगर यातायात और व्यापार के दो मुख्य रास्तों पर स्थित था। इनमें से एक रास्ता उत्तर - पश्चिम से पूरब की ओर तो दूसरा उत्तर से दक्षिण की ओर जाता था। 
  2. शहर के चारों ओर किलेबंदी थी। 
  3. मथुरा बेहतरीन मूर्तियाँ बनाने का केंद्र था। 
  4. लगभग 2000 साल पहले मधुरा कुषाणों की दूसरी राजधानी बनी। 
  5. मधुरा एक धार्मिक केंद्र भी रहा है। यहाँ अनेक मौंदर हैं। यहाँ बौद्ध विहार और जैन मंदिर भी है। वह कृष्ण भक्ति का एक महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। 
  6. मथुरा में प्रस्तर - खंडों तथा मूर्तियों पर अनेक अभिलेख मिले हैं। प्राय: ये संक्षिप्त अभिलेख है, जो स्त्रियों तथा पुरुषों द्वारा मठों या मंदिरों को दिए जाने वाले दान का उल्लेख करते हैं। शहर के राजा, रानी, अधिकारी, व्यापारी तथा शिल्पकार इस प्रकार के दान करते थे। 
  7. मथुरा के अभिलेख में सुनारों, लोहारों, बुनकरों, येकरी बुनने वाला, माला बनाने वालों और इन अनाने वालों के उल्लेख मिलते हैं। अर्थात् इन सब प्रकार की गतिविधियाँ भी यहाँ होती थीं। 

प्रश्न 4. 
'अर्थशास्त्र' में दिये गये सूत कातने और बुनने के नियमों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
'अर्थशास्त्र' में सूत कातने और बुनने के अग्नांकित नियमों का वर्णन किया गया है:

  1. एक विशेष पदाधिकारी की देखरेख में कारखानों में सूत की कताई और बुनाई की जाती थी। 
  2. ऊन, पेड़ों की छाल, कपास, पटुआ तथा सन को तैयार करने के काम में विधवाओं, सक्षम - अक्षम महिलाओं, भिक्खुणियों, वृद्धा वेश्याओं, राजा की अवकाशप्राप्त दासियों, सेविकाओं और अवकाशप्राप्त देवदासियों को लगाया जा सकता है।
  3. इन्हें इनके काम के और गुणवत्ता के अनुसार पारिश्रमिक देना चाहिए। 
  4. जिन महिलाओं को बाहर निकलने की अनुमति नहीं है, वे अपनी दासियों को भेजकर कच्चा माल मंगवा सकती हैं और फिर तैयार माल उन्हें भिजवा सकती हैं। 
  5. वे औरतें, जो कारखाने तक जा सकती हैं, उन्हें अपना माल कारखाने तक तड़के ले जाना होता था, जहाँ उन्हें पारिश्रमिक मिलता था। 
  6. अगर निरीक्षक उस औरत की तरफ देखता है या इधर - उधर की बातें करता है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए। 
  7. यदि औरत ने अपना काम पूरा नहीं किया, तो उसे जुर्माना देना होगा। इसके लिए उसका अंगूठा भी काया जा सकता था। 

प्रश्न 5. 
अरिकामेडु पत्तन के बारे में आप क्या जानते हैं? वहाँ से क्या वस्तुएँ प्राप्त हुई है?
उत्तर:
अरिकामेडु पत्तन: प्राचीन भारत में लगभग 2200 से 1900 वर्ष पहले अरिकामेडु एक महत्वपूर्ण पत्तन था। वर्तमान में यह पुदुच्चेरी के अन्तर्गत आता है। यहां दूर - दूर से जहाजों द्वारा सामान आता था। यहाँ के पुरास्थलों से निम्न वस्तुएँ मिली हैं:

  1. अरिकामेडु में ईंटों से बना एक ढाँचा मिला है जो संभवत: गोदाम रहा हो। 
  2. यहाँ भूमध्य - सागरीय क्षेत्र के एंफोरा जैसे पात्र मिले हैं। इनमें शराब या तेल जैसे तरल पदार्थ रखे जा सकते थे। इनमें दोनों तरफ से पकड़ने के लिए हत्थे लगे हैं।
  3. यहाँ "एरेटाइन' जैसे मुहर लगे लाल-चमकदार बर्तन भी मिले हैं। इन्हें इटली के एक शहर के नाम पर 'एश्टाइन' पात्र के नाम से जाना जाता है। 
  4. यहाँ ऐसे बर्तन भी मिले हैं, जिनका डिजाइन रोमन शैली का था, किन्तु वे वहीं बनाए जाते थे। 
  5. यहाँ रोमन लैंप, शीशे के बर्तन तथा रत्न भी मिले हैं। 
  6. यहाँ छोटे - छोटे कुण्ड मिले हैं, जो शायद कपड़े की रंगाई के पात्र रहे होंगे। 
  7. यहाँ पर शीशे और अर्ध - बहुमूल्य पत्थरों से मनके बनाने के प्रमाण भी मिले हैं।
Bhagya
Last Updated on June 9, 2022, 12:41 p.m.
Published June 9, 2022