These comprehensive RBSE Class 6 Science Notes Chapter 10 गति एवं दूरियों का मापन will give a brief overview of all the concepts.
→ हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए परिवहन के विभिन्न साधनों, जैसे-साइकिल, कार, हवाई जहाज, जलयान आदि का उपयोग करते हैं।
→ प्राचीन काल में लोगों के पास यातायात के कोई साधन नहीं थे। वे पैदल ही चलते थे।
→ प्राचीन काल में लोग दूरियाँ मापने के लिए पैर की लम्बाई, अंगुली की चौड़ाई, एक कदम की दूरी आदि का उपयोग करते थे। परन्तु इनमें अन्तर के कारण उलझनें होती थीं। इसलिए मापन की एक मानक प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता हुई।
→ फ्रांसीसियों ने मापन की 'मीटरी पद्धति' विकसित की। वर्तमान में समस्त संसार में मापन की 'अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली' प्रचलित है। S.I. पद्धति में लम्बाई का मात्रक मीटर है।
→ गति विभिन्न प्रकार की होती है, जैसे-सरल रेखीय गति, वर्तुल गति, घूर्णन गति, आवर्ती गति आदि।
→ सरल रेखीय गति सरल रेखा के अनुदिश होती है। परन्तु वर्तुल गति में कोई वस्तु इस प्रकार गति करती है कि उस वस्तु की किसी नियत बिन्दु से दूरी समान रहती है। इसके विपरीत आवर्ती गति वह गति होती है, जो एक निश्चित समय अंतराल के पश्चात् अपने आप को दोहराती है।