RBSE Class 5 Hindi Rachana कहानी लेखन

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 5 Hindi Rachana कहानी लेखन Questions and Answers, Notes Pdf.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 5 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 5 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts.

RBSE Class 5 Hindi Rachana कहानी लेखन

(i) पाठ्य-पुस्तक पर आधारित कहानियाँ।

1. मेहनत की कमाई

'मेहनत की कमाई' कहानी के लेखक सुदर्शन ने एक धनी व्यक्ति द्वारा अपने आलसी पुत्र को परिश्रम करने का पाठ पढ़ाने की घटना को बड़े रोचक ढंग से उभारा है। पाठ में एक धनी व्यक्ति ने अपने आलसी, लापरवाह और कामचोर लड़के को कुछ कमाकर लाने के लिए कहा। लड़का काम करने के बजाय माँ के पास जाकर रोने लगा और माँ ने तरस खाकर उसे एक रुपया दे दिया। पिता के पूछने पर उसने अपनी कमाई का एक रुपया बताया। पिता अपने बेटे को अच्छी तरह जानता था। अपने बेटे को पाठ पढ़ाने के लिए उसने रुपया कुएँ में डालने को कहा और लड़के ने रुपया कुएँ में डाल दिया। अगली बार यही घटना दुबारा घटी। अबकी बार उसकी बहन ने तरस खाकर एक रुपया दे दिया। पिता ने रुपया कुएँ में फेंकने को कहा और लड़के ने रुपया कुएँ में डाल दिया। अंत में लड़का स्वयं परिश्रम करके एक सेठ का सामान पहुँचाकर चार आने पैसे कमाता है। इस बार पिता ने पैसे कुएँ में डालने को कहा तो लड़के ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह मेरी कमाई है, मैंने बड़ा कष्ट उठाकर ये पैसे कमाए हैं। जब अनुभवी पिता समझ गए कि बेटा मेहनती और समझदार हो गया है तो उन्होंने अपना सारा व्यापार लड़के को सौंप दिया।

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2. पन्ना का त्याग 

चित्तौड़गढ़ में महाराणा संग्राम सिंह की मृत्यु के बाद 14-15 वर्ष के विक्रमसिंह का राजतिलक किया गया। 7-8 वर्ष के छोटे पुत्र उदयसिंह की देखभाल पन्नाधाय करती थी। उसके भी उसी उम्र का एक पुत्र था चंदन। दासीपुत्र बनवीर चित्तौड़ की गद्दी हथियाना चाहता था। उसने नवरात्र में नाच-रंग का आयोजन कराया और विशेष रूप से दोनों राजकुमारों को बुलाकर धोखे से हत्या की योजना बनाई थी। विक्रमसिंह धोखे में आ गया, परंतु उदयसिंह के लिए पन्ना ढाल बनी हुई थी। मगर वह उसे लेकर बाहर भी नहीं जा सकती थी क्योंकि चारों ओर बनवीर के भेदिए मौजूद थे। कीरत बारी नाम का पन्नाधाय का भक्त था। वह महलों से झूठी पत्तलें एकत्र करता था। पन्ना ने उसे काम सौंपा कि वह अपने टोकरे में उदयसिंह को छिपाकर किले से बाहर पहुँचा दे। उधर चंदन तमाशा देखकर लौटा तो माँ ने उसे प्यार करते हुए, अच्छी-अच्छी कहानियाँ सुनाते हुए उदयसिंह के पलंग पर ही सुला दिया। थोड़ी देर बाद हत्यारा बनवीर विक्रमसिंह के खून से रंगी तलवार लेकर उदयसिंह के कक्ष में घुसा। पन्ना ने विरोध किया, परंतु उसने सोए बालक पर तलवार चला दी। पलंग पर से चीख तक नहीं उठी। माँ के दुलार में सोया हुआ चंदन फिर नहीं उठ सका। एक माँ ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए बेटे का बलिदान दे दिया।

3. बालक का स्वप्न 

किसी सेठ के यहाँ एक लड़का नौकरी करता था। एक बार रात्रि को स्वप्न देखकर वह चिल्ला उठा, "अहो, मेरा भाग्य।" सेठ ने उससे चिल्लाने का कारण पूछा तो उसने स्वप्न की बात बताने से मना कर दिया और पढ़ने लग गया। सेठ ने लड़के से कहा या तो वह स्वप्न की बात बता दे अन्यथा नौकरी छोड़ दे। उसने नौकरी छोड़ दी और पढाई जारी रखी। कुछ दिन बाद उसे एक जींदार के यहाँ नौकरी मिल गई। 

एक दिन सेठ जींदार के यहाँ आया, उसने लड़के को वहाँ काम करते देखा तो उसने जींदार को स्वप्न वाली बात बता दी। जमींदार ने लड़के से स्वप्न की बात पूछी और लड़के के नहीं बताने पर उसे नौकरी से हटा दिया। लड़का नौकरी छोड़कर भी लगातार पढ़ता रहा। एक दिन अपनी सूझ-बूझ से वह राजा के यहाँ नौकर हो गया। धीरेधीरे उन्नति करके वह राजा का मंत्री बन गया। एक दिन जमींदार राजा के यहाँ आया। उसने राजा से लड़के के स्वप्न वाली बात बताई। राजा ने मंत्री से कहा कि जो स्वप्न आपने सेठ के यहाँ देखा था वह क्या था? मंत्री ने स्वप्न बताने से इंकार कर दिया। 

राजा ने नाराज होकर मंत्री को कैदखाने में डाल दिया। कुछ दिन बाद किसी राजा ने इस राजा पर चढ़ाई करने की सोची। उसने राजा और मंत्री की चतुराई का पता लगाने के लिए वहाँ दो घोड़ी भेजी और पुछवाया कि इनमें से माँ और बेटी कौन-सी है। राजा बहुत परेशान था, किसी से भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। कैद में बंद मंत्री ने बताया कि घोड़ियों को नदी में ले जाओ जो पहले पानी में धुसे वह माँ तथा जो बाद में घुसे वह बेटी है। इसके बाद दो-तीन अन्य प्रश्नों का सही उत्तर दिया। राजा ने अपनी सेनाएँ हटा ली और कहा कि जिसने इन प्रश्नों के उत्तर दिए हैं उसके साथ मैं अपनी बेटी का विवाह करना चाहता हूँ। 

इस तरह उसने मंत्री को अपना आधा राज्य देकर अपनी बेटी का विवाह उसके साथ कर दिया। कुछ दिन बाद मंत्री राजा ने सेठ, जमींदार तथा दोनों राजाओं को बुलाकर अपना स्वप्न बताया कि यही दृश्य जो आप देख रहे हैं स्वप्न में देखकर मैं चिल्लाया था, "अहो, मेरा ऐसा भाग्य।" यदि उस समय मैं स्वप्न बता देता कोई मुझे ईर्ष्यावश मरवा भी सकता था। सच यह है मस्तिष्क में जो विचार आए उसे योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण करने में जुटना चाहिए। कठोर परिश्रम, लगन और निष्ठा से कोई भी व्यक्ति महान बन सकता है।

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4. अनोखी सूझ 

प्राचीनकाल में देवता और दानव प्रजापति (ब्रह्मा) के पास गए और पूछा कि हम आपकी संतान हैं, हममें से बुद्धि में कौन अधिक बड़ा है? प्रजापति ने सोचा कि दोनों में से जिसे बड़ा कहा जाएगा वह खुश तथा दूसरा नाराज हो जाएगा। बेहतर होगा कि दोनों को स्वयं अपनी बुद्धि की परीक्षा के आधार पर निर्णय करने का मौका दिया जाय। दूसरे दिन उन्होंने देवता और दानवों को अपने यहाँ भोजन पर आमंत्रित किया तथा उनके भोजन के लिए लड्डू भिजवा दिए। उनके भोजन के लिए यह शर्त रखी गई कि जो बिना कोहनी मोड़े भोजन कर लेंगे वहीं सबसे अधिक बुद्धिमान होंगे। 

प्रजापति की बात सुनकर सभी परेशान थे। देवताओं ने एक उपाय निकाला, कमरे का दरवाजा बंद करके भोजन एक-दूसरे के मुँह में डालने लगे, सबने भोजन किया और सारा भोजन समाप्त कर लिया। दूसरी ओर दानव बहुत परेशान थे कि भोजन कैसे करें। वे लड्डुओं को हवा में उछाल-उछालकर मुँह में डालने लगे। कुछ लड्डू फूट गए सारा कमरा गंदा हो गया। दानव चीखने-चिल्लाने लगे लेकिन भोजन नहीं कर सके। अंत में प्रजापति ने कहा कि देवता ही दानवों से श्रेष्ठ हैं। देवताओं ने एक-दूसरे का सहयोग करके जीओ और जीने दो की भावना के साथ भोजन किया जबकि दानव झगड़ते रहे और भूखे रहे। उन्होंने सबको यह पाठ पढ़ाया कि जिसके पास बुदधि है बल उसी के पास होता है।

(ii) अन्य कहानियाँ 

प्रश्न 1. 
निम्नलिखित शब्दों के आधार पर शेर व खरगोश की कहानी लिखिए - 
जंगल में एक शेर .................। वह जंगल के जानवरों को ...........। सब जानवर परेशान ..............। वे सब मिलकर खरगोश ............। खरगोश ............ को कुएँ के पास .......... अपनी परछाई ........... कुएँ में छलांग लगा दी। 
उत्तर :
जंगल में एक शेर रहता था। प्रतिदिन भूख लगने पर वह जंगल के जानवरों को मारकर खा जाता था। सब जानवर परेशान थे। वे सब मिलकर खरगोश के पास गए। खरगोश बहुत बुद्धिमान था। खरगोश शेर के पास गया और उससे बोला-महाराज! आप इस जंगल के राजा हैं, परंतु एक दूसरा शेर भी इस जंगल में है, वह भी अपने को यहाँ का राजा बताता है। यह सुनकर शेर दहाड़ता हुआ बोलामुझे उस शेर के पास ले चलो। मैं उसे मार दूंगा। शेर को खरगोश कुएँ के पास ले गया और बोला-महाराज! दूसरा शेर इसी कुएँ के अंदर रहता है। शेर ने कुएँ के अंदर झाँका तो उसे कुएँ में अपनी परछाई दिखाई दी। उसने परछाई को दूसरा शेर समझकर दहाड़ते हुए कुएँ में छलांग लगा दी। 

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प्रश्न 2. 
निम्नलिखित शब्द-संकेतों के आधार पर 'मूर्ख गधा' कहानी लिखिए। 
रामू धोबी का गधा .............. चरने के लिए रात में खुला छोड़ना ................. गीदड से गधे की मित्रता होना ............... गीदड़ द्वारा गधे को खरबूजा खिलाने ले जाना ................... गधे का रेंकना ............... किसान द्वारा दोनों को पीटना। 
उत्तर : 
रामू धोबी के एक गधा था। रामू उससे दिनभर काम करवाता और चरने के लिए रात को खुला छोड़ देता। वह मैदान में जाकर भर-पेट घास खाता और वापस घर आ जाता। गधा बहुत सीधा-सादा था। वह बहुत उदास रहता था, क्योंकि उसका कोई मित्र नहीं था। एक दिन जब वह मैदान में घास चर रहा था. तभी वहाँ एक गीदड़ आया और दोनों आपस में बातें करने लगे। गीदड़ का भी कोई मित्र नहीं था। दोनों में मित्रता हो गई। एक दिन गीदड़ बोला, "मित्र तुम घांस खाते खाते ऊब गए होगे। चलो, तुम्हें खरबूजे खिलाता हूँ।" गधा और गीदड़ दोनों खरबूजे के खेत में घुसकर खरबूजे खाने लगे। 

पेट भर जाने पर गधे ने प्रसन्न होकर ढेंचू-ढेचू का राग अलापना शुरू कर दिया। गीदड़ ने कहा, "अपना राग अलापना बंद करो, मालिक उठ गया, तो हम मुसीबत में पड़ जाएँगे।" गधा न माना और रेंकता रहा। बेसुरा राग सुनकर खेत के मालिक की नींद टूट गई। वह डंडा लेकर खेत की ओर भागा। अपने खेत की दुर्दशा देखकर वह क्रोध से आग-बबूला हो उठा। उसने जमकर दोनों को पीटा। गधे के साथ मित्रता करने का फल गीदड़ को भी भोगना पड़ा। 

प्रश्न 3. 
निम्नलिखित शब्द-संकेतों के आधार पर 'चार गायें व शेर' की कहानी लिखिए। 
एक जंगल में चार गाय ................. गहरी मित्र थीं। ............... एक साथ चरतीं .......। जंगल में एक शेर हमले की फिराक शेर का हमला करना .................. गायों द्वारा शेर को खदेड़ना । चारों गायों में अनबन एक-एक गाय को हमला कर मारना ............। 
उत्तर : 
एक जंगल में चार गायें रहती थीं। चारों आपस में गहरी मित्र थीं। वे एक साथ चरी, एक साथ जंगल में घूमी और साथ-साथ ही सोती थीं। उसी जंगल में एक शेर भी रहता था। वह उन पर हमले की फिराक में रहता था। परंतु वह उनकी एकता के कारण उनके पास जाने से डरता था। एक बार शेर ने हमला किया तो गायों ने उसे खदेड़ दिया। अचानक एक दिन किसी बात पर चारों गायों में अनबन हो गई। वे एक-दूसरे से रूठकर अलग-अलग दिशाओं में चली गईं। शेर ने मौका देखा और एक अकेली गाय पर हमला कर उसे मार डाला। इसी तरह उसने एक-एक करके चारों गायों को मारकर उन्हें अपना भोजन बना लिया। 

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द संकेतों के आधार पर 'बहादुर मनु' कहानी लिखिए -
मनु और दीपक का खेत में छुपम छपाई खेलना ........................ दीपक का न मिलना ....... खोजने पर दीपक के मुंह पर कपड़ा बँधा हुआ मिलना ................... मनु के कंधे पर किसी का हाथ रखना .............. मनु का पीछा छुड़ाकर भागना तथा आदमी पर पत्थर से हमला करना ......................... दीपक को खोलना ..................... आदमी को बाँधना और पुलिस से पकड़वाना। 
उत्तर : 
एक दिन मनु और दीपक अपने मित्रों के साथ छुपन-छुपाई खेल रहे थे। खेलते समय दीपक एक खेत में जाकर छिप गया। मनु उसे ढूँढ़ते-ढूँढ़ते खेत में पहुँचा। मनु ने दीपक को बहुत पुकारा और ढूँढ़ा, परंतु दीपक कहीं दिखाई नहीं दिया। अचानक मनु का पैर किसी चीज से टकराया। 

उसने देखा कि दीपक के मुँह पर कपड़ा बँधा हुआ है और उसके हाथ-पाँव रस्सी से बँधे हुए हैं। मनु जैसे ही उसे 'खोलने के लिए नीचे झुका, तभी किसी ने उसके कंधे पर जोर से हाथ रखा। मनु ने देखा कि एक भयानक-सा दिखने वाला आदमी उसके पीछे खड़ा है। मनु समझ गया कि इसी ने दीपक को बाँधा है। वह उस आदमी को धक्का देकर भाग निकला। वह आदमी भी मनु के पीछे भागा। मनु ने रास्ते से बड़ा-सा पत्थर उठाकर उस आदमी के सिर पर मारा। वह आदमी दर्द से कराह उठा और नीचे गिर गया। उसके सिर से खन बह रहा था। मनु ने भागकर दीपक को 'खोला। दोनों ने मिलकर उस आदमी को बाँध दिया और भागकर पुलिस को खबर कर दी। पलिस ने उस आदमी को गिरफ्तार कर लिया और बहादुरी के लिए मनु की प्रशंसा की। 

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प्रश्न 5. 
निम्नलिखित शब्द-संकेतों के आधार पर 'बलवान कौन' कहानी को लिखिए।
वायु और सूर्य में बहस होना ................. दोनों का स्वयं को बलवान बताना ................. रास्ते से एक यात्री का गुजरना.................... दोनों का निर्णय लेना ................ यात्री का कंबल उतरवाने वाला बलवान ...........वायु का जोर से चलना ................. यात्री का कंबल लपेटना ................. सूर्य का जोर से चमकना ......................... यात्री का कंबल उतारना ................. वायु का हार मानना। 
उत्तर : 
एक दिन सूर्य और वायु में बहस हो गई। सूर्य कहने लगा कि मैं अधिक बलवान हूँ। वायु कहने लगी कि मैं अधिक बलवान हूँ। बहुत देर तक दोनों आपस में बहस करते रहे। अचानक सूर्य ने देखा कि रास्ते पर एक यात्री कंबल ओढ़े चला आ रहा है। सूर्य को एक उपाय सूझा। उसने वायु से कहा, "जो इस यात्री के शरीर से कंबल उतरवा देगा, वही अधिक बलवान होगा।" वायु ने उसकी चुनौती स्वीकार कर ली। 

वायु जोर-जोर से चलने लगी। यात्री ने कंबल कसकर ओढ़ लिया। वायु और जोर से चली। यात्री ने और कसकर कंबल लपेट लिया। अब वायु ने बवंडर का रूप ले लिया। यात्री एक गड्ढे में कंबल ओढ़कर छिप गया। वायु ने थककर सूर्य से कहा, "अब तुम्हारी बारी है।" सूर्य ने अपनी धूप तेज कर दी। यात्री ने चलना जारी रखा। सूर्य ने अपना ताप और बढ़ाया। यात्री को पसीने आने लगे। सूर्य खूब जोर से चमका। अब यात्री गरमी सहन नहीं कर पाया। उसने कंबल उतार दिया और पेड़ की छाया में बैठ गया। सूर्य ने वायु से पूछा, "अब बताओ, कौन अधिक बलवान है?" वायु ने हार स्वीकार कर ली।

Prasanna
Last Updated on Sept. 6, 2022, 2:51 p.m.
Published Sept. 6, 2022