RBSE Class 12 Home Science Notes Chapter 21 विकास संचार तथा पत्रकारिता

These comprehensive RBSE Class 12 Home Science Notes Chapter 21 विकास संचार तथा पत्रकारिता will give a brief overview of all the concepts.

RBSE Class 12 Home Science Chapter 21 Notes विकास संचार तथा पत्रकारिता

→ प्रस्तावना

  • संचार हमारे सामाजिक एवं व्यावसायिक जीवन का एक अभिन्न अंग है।
  • जन संचार माध्यमों-टेलीविजन, रेडियो, समाचार-पत्रों के पास यह शक्ति है कि वे इसका पता लगाने की कोशिश करते हैं कि समाज में क्या घटनाएँ घट रही हैं और ये कहाँ, कैसे और क्यों घट रही हैं?
  • विकास पत्रकारिता एक सामाजिक गतिविधि है तथा पत्रकार अनेक माध्यमों द्वारा समुदाय की भावनाओं को समुदाय तक पहुँचाता है।
  • जनता अपने मत तथा अभिव्यक्ति के अधिकार को पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से ही प्रयोग करती है। इसीलिए किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए पत्रकारिता एक अविभाज्य अंग है।

→ महत्व

  • विकास संचार और पत्रकारिता अध्ययन के ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जो उन्हें न्यायसंगत तथा निष्पक्ष समाज से संबंधित विषयों पर बोलने व लिखने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।
  • विकास संचार और पत्रकारिता का उद्देश्य विकास के मुद्दों पर वर्तमान तथा भविष्य के पत्रकारों को, अभियान चलाने वालों तथा मीडिया व्यावसायिकों का ज्ञान बढ़ाने तथा व्यावहारिक कौशलों को दृढ़ करना है।

RBSE Class 12 Home Science Notes Chapter 21 विकास संचार तथा पत्रकारिता 

→ मूलभूत संकल्पनाएँ

  • विकास-विकास का अर्थ है-अधिकांश व्यक्तियों के सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक जीवन में बगैर शोषण या हिंसा के स्थायी रूप से सकारात्मक परिवर्तन लाना।
  • विकास पत्रकारिता-विकास पत्रकारिता विकास क्रियाकलापों की सूचना देती है तथा नयी परियोजनाओं तथा नयी प्रक्रियाओं में कार्य कर रहे व्यक्तियों का विवरण प्रदान करती है।
  • विकास संचार-विकास संचार का अर्थ है-संचार की क्षमता को सामाजिक विकास के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक की भांति उपयोग में लाना। यह सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से प्रक्रियाओं, योजनाओं तथा संचार के सिद्धान्तों को क्रमबद्ध तरीके से प्रयोग करने की विधि है।

(अ)विकास संचार की विशेषताएँ

  • यह सामाजिक, आर्थिक विकास तथा व्यक्तियों व सामान्य जनसमुदाय की सुख-शांति की ओर उन्मुख है।
  • इसका उद्देश्य समुदाय को सूचना देना तथा शिक्षित करना है।
  • अधिक प्रभाव के लिए यह उपयुक्त जनसंधार साधनों तथा अन्तर्वैयक्तिक संचार चैनलों को जोड़ता है।
  • यह श्रोताओं की विशिष्टताओं तथा उनके परिवेश पर आधारित है।
  • विकास संचार ऐसे दो पक्षों के बीच दुतरफा संप्रेषण है, जिनमें एक के पास सूचनाएँ हैं तथा दूसरा उससे अनभिज्ञ है। यह व्यक्तियों तथा विकास एजेन्सियों के बीच संवाद बनाने का प्रयत्न करता है।

(ब)विकास संचार के क्षेत्र में उपयोग में लायी जाने वाली विधियाँ

  • अभियान
  • रेडियो तथा टेलीविजन
  • मुद्रण माध्यम
  • सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी

→ विकास संचार तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में जीविका के लिए ज्ञान और कौशल
(1) संज्ञानात्मक कौशल

  • समस्याओं तथा संकल्पनाओं को रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए सर्जनात्मक कौशल।
  • जनसंचार माध्यम अभिकल्पना, उत्पादन तथा तकनीकी यंत्रों के संचालन में कौशल।

(2) तकनीकी कौशल

  • कैमरे की तकनीकों तथा वीडियो उत्पादन के बारे में जानना।
  • विपणन प्रबंध में संपादन कौशल।
  • विकास संचार और पत्रकारिता व्यवसायियों को उपकरणों को ठीक ढंग से परिचालित करना आना चाहिए।
  • उन्हें सभी कानूनी और विनियमों की जानकारी होनी चाहिए।
  • उन्हें कम्प्यूटरों, उचित यंत्रोत्तर सामग्री का उपयोग करके मूलभूत रेडियो प्रस्तुति कौशलों तथा सर्जनात्मक लेख लिखना आना चाहिए।
  • उन्हें सामाजिक विषयों, स्थानीय परिस्थितियों में रुचि, रेडियो में प्रत्यक्ष सीखने का अनुभव, संचारित करने की क्षमता तथा संगीत का ज्ञान होना चाहिए।
  • इसके अतिरिक्त उनमें प्रश्न करने की क्षमता, साहसिक यात्रा का शौक, विविध प्रकार के समूहों के साथ कार्य करने की क्षमता होनी चाहिए। उसे जन केन्द्रस्थ होना चाहिए।
  • भाषा तथा कम्प्यूटर कौशल भी आवश्यक है। 

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→ विकास संचार में कार्यक्षेत्र और जीविका के अवसर
कार्यक्षेत्र

  • सूचना प्रसार तथा शिक्षा, सामाजिक विपणन, संचार-माध्यम, अनुशंसा, सामाजिक परिवर्तन के लिए संचार तथा सहभागिता का इस क्षेत्र में उपयोग किया जाता है। .
  • प्रशिक्षण कार्य, परामर्शी तथा क्रियात्मक योजनाएँ आरंभ करना भी इसके अध्ययन क्षेत्र में आते हैं। 

जीविका के अवसर

  • सरकारी विभागों द्वारा चलाई गई बड़ी परियोजनाओं में विकास संचार विशेषज्ञ के रूप में जीविका के पर्याप्त अवसर हैं।
  • अन्य विकल्प हैं-विकास पत्रकार, रेडियो-जॉकी तथा एंकर वृत्ति।
  • अनुसंधान-छात्र अनुसंधान संस्थाओं में अनेक समस्याओं का अध्ययन करने के लिए।
  • अनेक अफसरों को प्रशिक्षित करने के लिए।
  • स्वतंत्र पत्रकार अथवा लेखक संस्थाओं के लिए परामर्शदाता।
Prasanna
Last Updated on July 15, 2022, 3:10 p.m.
Published July 15, 2022