Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 10 बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सहायक सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों का प्रबंधन Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
हमारे देश में गरीब हैं, विश्व के-
(अ) आधे
(ब) चौथाई
(स) एक-तिहाई
(द) 20 प्रतिशत
उत्तर:
(स) एक-तिहाई
प्रश्न 2.
भारत में पाँच वर्ष से कम उम्र के कितने बच्चे मध्यम अथवा गंभीर कुपोषण से पीड़ित हैं?
(अ) आधे
(ब) दो-तिहाई
(स) एक-तिहाई
(द) एक-चौथाई
उत्तर:
(ब) दो-तिहाई
प्रश्न 3.
भारत में 6-14 वर्ष से बीच की आयु के कितने बच्चे विद्यालय जाते हैं?
(अ) आधे
(ब) आधे से अधिक
(स) दो-तिहाई
(द) आधे से कम
उत्तर:
(द) आधे से कम
प्रश्न 4.
भारत में पहला एस.ओ.एस. गाँव स्थापित किया गया था-
(अ) 1964 में
(ब) 1954 में
(स) 1974 में
(द) 1984 में
उत्तर:
(अ) 1964 में
प्रश्न 5.
युवाओं के व्यापक संवर्ग में जो समूह विशेष रूप से संवेदनशील है, वह है-
(अ) ग्रामीण और जनजातीय युवा
(ब) किशोर व किशोरियाँ
(स) विशेष कठिन स्थितियों वाले युवा
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 6.
युवा मामलों और खेलकूद मंत्रालय ने राष्ट्रीय युवा नीति अपनाई-
(अ) 1983 में
(ब) 1993 में
(स) 2003 में
(द) 2013 में
उत्तर:
(स) 2003 में
प्रश्न 7.
भारत में किस आयु के व्यक्तियों को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है?
(अ) 65 वर्ष या अधिक
(ब) 60 वर्ष या अधिक
(स) 75 वर्ष या अधिक
(द) 55 वर्ष या अधिक
उत्तर:
(ब) 60 वर्ष या अधिक
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. परिवार समाज की .................... इकाई होता है।
2. आयोडीन की कमी बच्चे की ............... और ................ वृद्धि को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है।
3. बच्चे, युवा और वृद्धजन हमारे समाज के ................ समूह हैं।
4. बच्चे संवेदनशील होते हैं क्योंकि बाल्यावस्था सभी क्षेत्रों में ................ की अवधि होती है।
5. कक्षा 1 में नामांकन कराने वाले सभी बच्चों में से एक-तिहाई से कुछ ही ज्यादा बच्चे ............. तक पहुँच पाते हैं।
6. किशोर बच्चों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2000 का सरोकार बच्चों के दो संवर्गों से है-एक, वे जो कानून का उल्लंघन करते हैं और दूसरे वे जिन्हें .................. और ............. की आवश्यकता है।
7. बच्चों के लिए तीन प्रकार के घर स्थापित किये गए हैं। ये हैं-(1) प्रेक्षण गृह, (2) विशेष गृह और (3) .......................।
8. युवा .............. वर्ष की आयु के व्यक्ति हैं।
9. भारत में जीवन प्रत्याशा जो 1947 में लगभग 29 वर्ष थी, अब बढ़कर ................. वर्ष हो गई है।
10. राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना ऐसे बुजुर्गों के लिए बनी है जिन्हें ............. माना जाता है।
उत्तर:
1. मूल
2. शारीरिक, मानसिक
3. संवेदनशील
4. तीव्र विकास
5. कक्षा-8
6. देखभाल, संरक्षण
7. बालगृह
8. 13-35
9. 63
10. निराश्रित।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
एक परिवार किन संरचनाओं के सहयोग से अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करता है?
उत्तर:
सामान्यतः एक परिवार विद्यालयों, अस्पतालों, मनोरंजन केन्द्रों, प्रशिक्षण केन्द्रों आदि के साथ मिलकर अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
प्रश्न 2.
किस कारण देश के अनेक परिवार अपने सदस्यों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ रहते हैं?
उत्तर:
परिवार में संसाधनों विशेष रूप से वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण अनेक परिवार अपने सदस्यों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ रहते हैं।
प्रश्न 3.
भारत में 2004-05 में कितने प्रतिशत जनसंख्या राष्ट्रीय गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही थी?
उत्तर:
37.2 प्रतिशत जनसंख्या।
प्रश्न 4.
भारत में लोगों की मूलभूत आवश्यकताएँ पूरा न होने के कोई दो दुष्परिणाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
भारत में बालिकाओं और महिलाओं के प्रति भेदभाव की भावना किन सूचकों से परिलक्षित होती है?
उत्तर:
भारत में बालिकाओं और महिलाओं के प्रति भेदभाव की भावना लड़कों की तुलना में लड़कियों के घटते अनुपात के सूचक से परिलक्षित होती है।
प्रश्न 6.
किन्हीं तीन संवेदनशील जन-समूहों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 7.
कोई व्यक्ति संवेदनशील कब बन जाता है?
उत्तर:
जब किसी व्यक्ति की आवश्यकताएँ दैनिक जीवन क्रम में पूरी नहीं होती हैं तो वह संवेदनशील बन जाता है।
प्रश्न 8.
किस प्रकार के बच्चे दूसरों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं?
उत्तर:
वे बच्चे जिनकी भोजन, स्वास्थ्य, देखभाल और पालन-पोषण की मूलभूत आवश्यकताएँ पूरी नहीं हो पातीं, दूसरों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं।
प्रश्न 9.
भारत में बाल जनसंख्या के बड़े अनुपात की आवश्यकताएँ पूरी नहीं हो पाती हैं।' इसके कोई दो प्रमाण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 10.
किशोर न्याय का देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2000 के अनुसार देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले किन्हीं दो प्रकार के बच्चों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 11.
भारत में संवेदनशील बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में चलाए जा रहे किन्हीं दो संगठनों के नाम लिखिये।
उत्तर:
प्रश्न 12.
भारत में एस.ओ.एस. बालगाँव संगठन वर्तमान में कितने जरूरतमंद बच्चों की देखभाल करता है?
उत्तर:
वर्तमान में भारत में यह संगठन लगभग 6000 जरूरतमंद/परित्यक्त बच्चों की देखभाल करता है।
प्रश्न 13.
बच्चों के लिए कितने प्रकार के घर स्थापित किए गए हैं? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
बच्चों के लिए तीन प्रकार के घर स्थापित किये गए हैं। ये हैं-(i) प्रेक्षण गृह (ii) विशेष गृह और (iii) बाल गृह।
प्रश्न 14.
बच्चों के प्रेक्षण गृह क्या हैं?
उत्तर:
प्रेक्षण गृह बच्चों के लिए स्थापित वह घर है जहाँ बच्चे अस्थायी रूप से अपने माता-पिता के पता लगाए जाने या उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी एकत्रित किये जाने तक रहते हैं।
प्रश्न 15.
बच्चों के विशेष गृह कौनसे होते हैं?
उत्तर:
विशेष गृह वे होते हैं जहाँ कानून का उल्लंघन करने वाले किशोरों को हिरासती देखरेख में रखा जाता है।
प्रश्न 16.
बाल/किशोर गृह में कौनसे बच्चों को रखा जाता है?
उत्तर:
बाल/किशोर गृह में उन बच्चों को रखा जाता है जिनके परिवार का पता नहीं चलता अथवा जिनके अभिभावक अस्वस्थ या म है अथवा जो बच्चों को वापस नहीं ले जाना चाहते हैं।
प्रश्न 17.
युवा से क्या आशय है?
उत्तर:
13-35 वर्ष की आयु के व्यक्ति युवा कहलाते हैं।
प्रश्न 18.
नशे की लत किसे कहते हैं?
उत्तर:
कुछ किशोर शराब या नशीली दवाओं का सेवन करने लगते हैं, जिसे नशे की लत कहते हैं।
प्रश्न 19.
युवाओं के व्यापक संवर्ग में दो विशेष रूप से संवेदनशील समूहों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 20.
सामाजिक रूप से उपयोगी और आर्थिक रूप से उत्पादक होने के लिए युवाओं के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर:
सामाजिक रूप से उपयोगी और आर्थिक रूप से उत्पादक होने के लिए युवाओं को उचित शिक्षा व प्रशिक्षण तथा लाभदायक रोजगार और व्यक्तिगत विकास की आवश्यकता है।
प्रश्न 21.
भारत में युवाओं के लिए संचालित किन्हीं दो कार्यक्रमों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 22.
भारत में किस व्यक्ति को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है?
उत्तर:
भारत में 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्तियों को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है।
प्रश्न 23.
वर्तमान में भारत में जीवन-प्रत्याशा क्या है?
उत्तर:
वर्तमान में भारत में जीवन-प्रत्याशा 64 वर्ष की आयु है।
प्रश्न 24.
भारत में वृद्धजनों की कोई दो विशिष्टताएँ लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 25.
वृद्धजनों की संवेदनशीलता के कोई दो कारक लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 26.
बुजुर्ग जनसंख्या की एक सकारात्मक विशेषता लिखिए।
उत्तर:
60 वर्ष या अधिक आयु के अधिकांश व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्रिय हैं।
प्रश्न 27.
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों सम्बन्धी कार्यक्रमों और संस्थानों में करिअर की तैयारी का पहला चरण क्या है?
उत्तर:
इन संस्थानों/कार्यक्रमों में करिअर की तैयारी का पहला चरण इनके बारे में जानकारी व समझ विकसित करना है।
प्रश्न 28.
गृह विज्ञान में नियमित डिग्री पाठ्यक्रम में अध्ययन करने के साथ भी हम बच्चों, युवा व वृद्धजनों के संस्थानों में करिअर हेतु कौनसे दो पाठ्यक्रमों में सम्मिलित हो सकते हैं।
उत्तर:
प्रश्न 29.
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के क्षेत्र में दो रोजगार के अवसरों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
हमारे देश में अनेक परिवार अपने सदस्यों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने में क्यों असमर्थ होते हैं?
उत्तर:
हमारे देश में अनेक परिवार विभिन्न कारणों से अपने सदस्यों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने अथवा समाज की अन्य संरचनाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं तक पहुँचने और उसका उपयोग करने में असमर्थ होते हैं इसका एक प्रमुख कारण परिवार में संसाधनों की, विशेष रूप से वित्तीय संसाधनों की कमी है।
दूसरे, अनेक बच्चे, युवा और वृद्धजन अपने परिवारों से अलग हो जाते हैं और अपने दम पर ही जीवनयापन करने के लिए छोड़ दिए जाते हैं, उनको भी अपनी आवश्यकताओं को स्वयं ही पूरा करने में कठिनाई होती है।
प्रश्न 2.
भारत में अनेक परिवार वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण अपने सदस्यों की मूलभूत आवश्यकताएँ पूरी नहीं कर पाते हैं? इसके क्या परिणाम सामने आए हैं? (कोई चार परिणाम लिखिए)।
उत्तर:
परिवारों द्वारा अपने सदस्यों की मूलभूत आवश्यकताएँ पूरी न हो पाने के निम्न प्रमुख दुष्परिणाम सामने आए हैं-
प्रश्न 3.
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों अथवा चुनौतीपूर्ण और कठिन चुनौतीपूर्ण या कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले सदस्यों के लिए सरकार/समाज को क्या करना चाहिए?
उत्तर:
ऐसे परिवारों और ऐसी चुनौतीपूर्ण व कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले सदस्यों के लिए सरकार/समाज को आगे बढ़कर अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयास करने चाहिए क्योंकि यह सरकार और समाज का दायित्व है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी नागरिक अच्छा जीवन जिएँ तथा बच्चों और युवाओं को स्वास्थ्य और प्रेरक परिवेश में समग्र विकास के अवसर मिल सकें। सरकार द्वारा कठिन परिस्थितियों में जीने वाले व्यक्तियों की आवश्यकताओं को पूरा करने का एक तरीका संस्थान स्थापित करना तथा बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए समर्पित कार्यक्रमों को शुरू करना है।
दूसरे, वह निजी क्षेत्रों और गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों को भी सहायता प्रदान कर सकती है।
प्रश्न 4.
सप्रमाण स्पष्ट कीजिए कि बाल जनसंख्या के बड़े अनुपात की आवश्यकताएँ पूरी नहीं हो पाती हैं?
उत्तर:
बाल जनसंख्या के बड़े अनुपात की आवश्यकताएँ पूरी नहीं हो पाती हैं। अग्र तथ्य इसे प्रमाणित करते हैं-
प्रश्न 5.
भारत में सरकार द्वारा आश्रयहीन बच्चों के लिए किस प्रकार के घर स्थापित किये गए हैं?
उत्तर:
भारत में सरकार द्वारा आश्रयहीन बच्चों के लिए तीन प्रकार के घर स्थापित किए गए हैं। यथा-
प्रश्न 6.
बच्चा गोद लेना (दत्तक ग्रहण) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
गोद लेना (दत्तक ग्रहण)-भारत में बच्चा गोद लेने की परंपरा काफी पुरानी है। यथा-
प्रश्न 7.
युवकों के संदर्भ में कुछ सरोकार क्या हैं?
उत्तर:
युवकों की संवेदनशीलता के संदर्भ में प्रमुख सरोकार निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 8.
युवाओं के व्यापक संवर्ग में कौनसे समूह विशेष रूप से संवेदनशील हैं?
उत्तर:
युवाओं के व्यापक संवर्ग में निम्नलिखित समूह विशेष रूप से संवेदनशील हैं-
प्रश्न 9.
सामाजिक रूप से उपयोगी और आर्थिक रूप से उत्पादक होने के लिए युवाओं के लिए क्या आवश्यकताएँ होती हैं?
उत्तर:
सामाजिक रूप से उपयोगी और आर्थिक रूप से उत्पादक होने के लिए युवाओं की प्रमुख आवश्यकताएँ निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 10.
भारत में वृद्धजनों की जनसंख्या की विशिष्ट विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में वृद्धजनों की जनसंख्या की विशिष्ट विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 11.
भारत में वृद्धजनों की सकारात्मक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में वृद्धजनों की परेशानियों के साथ-साथ उनके लिए कुछ सकारात्मक विशेषताएँ भी हैं। यथा-
प्रश्न 12.
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों से संबंधित कार्यक्रमों और संस्थानों में करिअर/रोजगार की तैयारी के लिए शिक्षा की दिशा में क्या तैयारी करनी चाहिए?
उत्तर:
उक्त तीनों से संबंधित कार्यक्रमों और संस्थानों में करिअर/रोजगार हेतु शिक्षा तथा प्रशिक्षण की दिशा में निम्न तैयारी करनी चाहिए-
प्रश्न 13.
बच्चों, युवा एवं वृद्धजनों के क्षेत्र में रोजगार/करिअर के अवसरों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
करिअर/रोजगार के अवसर
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
किशोर (बच्चों) के न्याय व देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2000 पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
किशोर (बच्चों) के न्याय व देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2000 यह अधिनियम भारत में किशोरों के न्याय का प्राथमिक विधिक ढाँचा है। अधिनियम का सरोकार-इस अधिनियम का सरोकार बच्चों के दो संवर्गों से है। यथा (अ) वे बच्चे जो कानून का उल्लंघन करते हैं। (ब) वे जिन्हें देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता है। यथा-
(अ) कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे-कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे (जिन्हें बाल अपराधी भी कहते हैं) वे होते हैं, जिन्हें पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया जाता है। दूसरे शब्दों में, उन्हें पुलिस द्वारा इसलिए पकड़ा जाता है, क्योंकि उन्होंने जुर्म किया होता है और वे जुर्म के आरोपी होते हैं।
(ब) बच्चों की देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता-इस अधिनियम में बाल अपराध की रोकथाम और उनके साथ व्यवहार के लिए विशेष अधिगम का प्रावधान है और यह बच्चों के संरक्षण, उपचार/व्यवहार और पुनर्वास के लिए रूपरेखा प्रदान करता है। इनका सम्बन्ध 'कानून का उल्लंघन करने वाले किशोरों और देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों से है और यह उनकी विकास सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करके उचित देखभाल, संरक्षण और उपचार प्रदान करता है और इसमें बच्चों के सर्वोत्तम हित में मामलों का निर्णय और निबटान करने के लिए बाल मित्रवत अंधिगम को अपनाने और विभिन्न संस्थानों के द्वारा उनके पुनर्वास के लिए भी प्रावधान है।'
देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे-यह अधिनियम बाल-अधिकार समझौते के अनुरूप है और इसके अनुसार देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 2.
भारत में, युवाओं के लिए संचालित निम्नलिखित कार्यक्रमों को स्पष्ट कीजिए (अ) राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवक योजना, (ब) साहसिक कार्यों के लिए प्रोत्साहन, (स) राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रम, (द) राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहन।
उत्तर:
(अ) राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवक योजना
(1) पात्रता एवं कार्यक्रम-राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवक योजना उन विद्यार्थियों को जो अपनी पहली डिग्री पूरी प्राप्त कर चुके हैं, पूर्णकालिक रूप से एक या दो वर्ष की अल्पावधि के लिए, मुख्यतः नेहरू युवक केन्द्रों के द्वारा राष्ट्रीय विकास कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर प्रदान करती है। ये प्रौढ़ क्लबों की स्थापना, कार्य शिविरों का आयोजन, युवा नेतृत्व के प्रशिक्षण कार्यक्रमों, व्यावसायिक प्रशिक्षण, ग्रामीण खेलकूद और खेलों को बढ़ावा देने आदि कार्यक्रमों में शामिल होते हैं।
(2) नेहरू युवक केन्द्रों के उद्देश्य-
(1) नेहरू युवक केन्द्रों का एक उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के गैर-विद्यार्थी युवकों को ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में योगदान देने के लिए सक्षम बनाना है।
(2) नेहरू युवा केन्द्रों का प्रमुख उद्देश्य विभिन्न कार्यकलापों के द्वारा राष्ट्रीय रूप से मान्य उद्देश्य, जैसे आत्मनिर्भरता, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिकता, प्रजातंत्र, राष्ट्रीय एकता और वैज्ञानिक सोच को प्रचलित करना है।
(3) इन केन्द्रों का एक अन्य उद्देश्य विद्यालय जाने वाले युवकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्हें साक्षर बनाने और गणितीय कौशल विकसित करने, उनकी कार्य क्षमता को बेहतर बनाने और उन्हें उनके विकास की संभावनाओं के बारे में जानकार बनाना है; जिसमें युवा क्रियात्मक रूप से सक्षम, आर्थिक रूप से उत्पादक और सामाजिक रूप से उपयोगी बन सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए नेहरू युवक केन्द्रों में औपचारिक शिक्षा, समाज सेवा शिविर, युवाओं के लिए खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक और मनोरंजन के कार्यक्रम, व्यावसायिक प्रशिक्षण, युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर तथा युवा क्लबों को प्रोत्साहित किया जाता है।
(ब) साहसिक कार्यों के लिए प्रोत्साहन-
(1) युवा क्लबों और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा साहसिक कार्यों का आयोजन करना-अनेक युवा क्लब संगठन पर्वतारोहण, पैदल यात्रा, आँकड़ों के संग्रहण के लिए पड़ताल यात्रा, पहाडों की वनस्पतियों. जंतुओं, वनों, मरुस्थलों और सागरों के अध्ययन, नौकायन, तटीय जलयात्रा, तैरने और साईकिल चलाने आदि साहसिक कार्यों के प्रोत्साहन हेतु सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली, वित्तीय सहायता का उपयोग करके इन गतिविधियों का आयोजन करते हैं।
(2) कार्यकलापों का उद्देश्य-उपर्युक्त उल्लेखित कार्यकलापों या गतिविधियों का उद्देश्य युवाओं में साहस, जोखिम लेने, सहयोगात्मक रूप से दल में काम करने, पढ़ने की क्षमता और चुनौतीपूर्ण स्थितियों के लिए सहनशीलता विकसित करने को प्रोत्साहन देना है।
(3) सरकार द्वारा सहायता-सरकार भी ऐसे कार्यकलापों को सुगम बनाने के लिए संस्थानों की स्थापना, विकास तथा गतिविधियों के लिए सहायता प्रदान करती है।
(स) राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रम भारत राष्ट्रमण्डल युवा कार्यक्रम में भागीदारी कर रहा है। इस कार्यक्रम के तहत भारत, जाम्बिया और गुआना में युवा कार्यों में उन्नत अध्ययन के लिए तीन क्षेत्रीय केन्द्र स्थापित किए गए हैं। एशिया पैसिफिक क्षेत्रीय केन्द्र, चंडीगढ़ (भारत) में स्थापित किया गया है।
उद्देश्य-राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को अपने देशों की विकास प्रक्रियाओं में भागीदारी करने और राष्ट्रमंडल देशों में सहयोग और समझ बढ़ाने के लिए मंच प्रदान करना है।
(द) राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहन सरकार द्वारा अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं को एक प्रदेश में रहने वाले युवाओं को दूसरे भिन्न संस्कृति वाले प्रदेशों में भेजने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
उद्देश्य-एक प्रदेश में रहने वाले युवाओं को दूसरे ऐसे प्रदेशों, जिनमें काफी सांस्कृतिक भिन्नताएँ हैं, के दौरे पर भेजने का उद्देश्य है-उन युवाओं में देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों, विभिन्न क्षेत्रों और परिवेशों के लोगों द्वारा झेली जाने वाली कठिनाइयों, देश के अन्य भागों के सामाजिक रीतिरिवाजों आदि की समझ विकसित हो सके।
राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए शिविरों, सेमिनारों/सम्मेलनों आदि का भी आयोजन किया जाता है।
प्रश्न 3.
भारत में वृद्धजनों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
वृद्धजनों के लिए संचालित कुछ कार्यक्रम
भारत में सरकारी, गैर-सरकारी संगठन, पंचायती राज संस्थान और स्थानीय निकाय वृद्धजनों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को क्रियान्वित कर रहे हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कार्यक्रम निम्नलिखित हैं-
(1) मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु-बुजुर्गों की मूलभूत जरूरतों विशेषकर परित्यक्त बुजुर्गों के भोजन, आश्रय और स्वास्थ्य देखभाल की पूर्ति हेतु कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
(2) अन्तपीढीय संबंधों के विकास हेतु कार्यक्रम-कुछ कार्यक्रम अन्तपीढीय संबंधों. विशेष रूप से बच्चों/ युवाओं और वृद्धजनों के बीच संबंधों के विकास और उन्हें सशक्त बनाने से संबंधित हैं।
(3) वृद्धावस्था सदन, विश्रामगृह तथा बहुसेवा केन्द्र-वृद्धजनों के लिए भोजन, देख-रेख और आश्रय प्रदान करने के लिए वृद्धावस्था सदन खोले गए हैं। वृद्धावस्था सदनों में रहने वाले ऐसे बुजुर्गों के लिए विश्राम गृह, सतत देखभाल गृह जो गंभीर रूप से बीमार हों और जिन्हें सतत नर्सिंग देखभाल और आराम की आवश्यकता हो, कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त बुजुर्गों के लिए बहुसेवा केन्द्र भी संचालित हैं जो उन्हें दिन में देखभाल शिक्षा और मनो स्वास्थ्य देखभाल और संगी-साथी प्रदान करते हैं।
(4) मोबाइल चिकित्सा देखभाल इकाइयाँ, दैनिक देखभाल केन्द्र तथा मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम-ग्रामीण और सुदूर तथा पिछड़े इलाकों में रहने वाले वृद्धजनों के लिए मोबाइल चिकित्सा देखभाल इकाइयाँ प्रदान करने वाले कार्यक्रम, अल्जाइमर रोग/पागलपन के रोगियों के लिए दैनिक देखभाल केन्द्र (डे केयर सेंटर) चलाए जा रहे हैं जिससे अल्जाइमर के रोगियों को विशेष दैनिक देखभाल प्रदान की जा सके। इसके अतिरिक्त मानसिक स्वास्थ्य देखभाल और बुजुर्गों के लिए विशेषीकृत देखभाल जिससे वृद्धजनों को मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप कार्यक्रम प्रदान किये जा सके।
(5) राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना-राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना ऐसे बुजुर्गों के लिए बनी है जिन्हें निराश्रित माना जाता है अर्थात् जिनके पास अपना निजी अथवा परिवारजनों से वित्तीय सहायता द्वारा आजीविका का साधन नहीं होता है।
लाभार्थियों को 65 वर्ष से अधिक का होना चाहिए और उनके पास अपना आयु प्रमाण पत्र और निराश्रित होने का प्रमाण पत्र होना चाहिए। राज्य सरकारें अपने निजी संसाधनों से इस राशि को बढ़ा सकती हैं।
(6) अन्य कार्यक्रम-
प्रश्न 4.
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों की आवश्यकता
परिवार समाज की मूल इकाई होता है और इसका मुख्य कार्य है-अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को देखना और ध्यान रखना। परिवार के सदस्यों में माता-पिता, उनके विभिन्न आयु के बच्चे और दादा-दादी शामिल हो सकते हैं। परिवार के सभी सदस्य मिलकर एक-दूसरे की आवश्यकताएँ पूरी करने का प्रयास करते हैं लेकिन परिवार हमेशा अपने सदस्यों की इष्टतम वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक सभी विशिष्ट सेवाएँ प्रदान नहीं कर पाता है। उदाहरण के लिए, छोटे बच्चों को औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता होती है, सभी सदस्यों को स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत होती है। इसलिए प्रत्येक समुदाय अन्य ऐसी संरचनाओं, जैसे--विद्यालयों, अस्पतालों, विश्वविद्यालयों, मनोरंजन केन्द्रों, प्रशिक्षण केन्द्रों आदि का निर्माण करता है, जो विशिष्ट सेवाएँ अथवा सहायक सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिन तक परिवार के विभिन्न सदस्य अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पहुँच सकते हैं।
सामान्यतः एक परिवार से समाज की अन्य संरचनाओं, जैसे-विद्यालयों, अस्पतालों आदि के साथ मिलकर अपने परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने की उम्मीद की जाती है, परन्तु हमारे देश में अनेक परिवार विभिन्न कारणों से अपने सदस्यों की मलभत आवश्यकताओं को पूरा करने और समाज की अन्य संरचनाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं तक पहुँचने और उनका उपयोग करने में असमर्थ होते हैं। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
(1) परिवार में वित्तीय संसाधनों की कमी-भारत में अनेक परिवारों में संसाधनों, विशेषकर वित्तीय संसाधनों की कमी है। इस कमी के कारण उसके सदस्य समाज की अन्य संरचनाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं तक पहुँचने और उनका उपयोग करने में असमर्थ होते हैं, इसलिए उनकी इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
निम्नलिखित तथ्य भारत में परिवारों की वित्तीय संसाधनों की कमी को दर्शाते हैं-
(2) परिवार से पृथक् हो जाने पर आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई-अनेक बच्चे, युवा और वृद्धजन अपने परिवारों से अलग हो जाते हैं और अपने दम पर ही जीवन यापन करने के लिए छोड़ दिए जाते हैं। उनको अपनी आवश्यकताओं को स्वयं ही पूरा करने में कठिनाई होती है।
ऐसे परिवारों अथवा चुनौतीपूर्ण और कठिन चुनौतीपूर्ण तथा कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले सदस्यों के लिए सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों की आवश्यकता होती है, ताकि उनकी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो सकें। ऐसे बच्चों, युवा और वृद्धों के लिए सरकार या समाज को आगे बढ़कर अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए क्योंकि यह समाज/सरकार का दायित्व है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी नागरिक अच्छा जीवन जिएँ; बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को स्वास्थ्य एवं विकास के समुचित अवसर मिलें।
सरकार द्वारा कठिन परिस्थितियों में जीने वाले व्यक्तियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संस्थान स्थापित किए जाने चाहिए तथा तत्सम्बन्धी कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए।