These comprehensive RBSE Class 12 Geography Notes Practical Chapter 4 आंकड़ों का प्रक्रमण एवं मानचित्रण में कंप्यूटर का उपयोग will give a brief overview of all the concepts.
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→ वर्तमान समय में कम्प्यूटर सभी क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि यह स्क्रीन पर ही पाठ के संपादन, उसकी प्रतिलिपि बनाने तथा उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने अथवा अवांछित पाठ को विलुप्त करने में सहायक है। कम्प्यूटर का प्रयोग अनेक प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए किया जा सकता है; जैसे-आँकड़ों का प्रक्रमण, आरेखों, आलेखों को तैयार करना तथा मानचित्रों का निर्माण आदि। कम्प्यूटर स्वयं किसी भी कार्य को सम्पन्न नहीं कर सकता बल्कि उपयोगकर्ताओं द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देशों का ही पालन करता है।
→ एक कम्प्यूटर क्या कर सकता है ?
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। इसमें कई उपतंत्र होते हैं (जैसे-स्मृति (Memory), सूक्ष्म प्रक्रमक (Micro Processor), निवेशी तंत्र (Input System) और बहिर्वेशी तंत्र (Output System))। ये सभी उपतंत्र एक साथ काम करते हुए एक समन्वित तंत्र बनाते हैं। यह एक अत्यधिक शक्तिशाली साधन है जो आँकड़ों के प्रक्रमण, मानचित्रण और विश्लेषण की प्रणालियों पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालने में सक्षम है। कम्प्यूटर एक तीव्र और सर्वतोमुखी मशीन है जो साधारण, जटिल तथा तार्किक संक्रियाएँ करते हुए परिणाम प्रदान करता है। समग्रतः कहा जा सकता है कि कम्प्यूटर आँकड़ों का प्रक्रमक है जो चलने पर मानव प्रचालक के हस्तक्षेप के बिना विभिन्न गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं का सम्पूर्ण अभिकलन कर सकता है। कम्प्यूटर के निम्नलिखित लाभ इसे हस्तचालित विधियों से अलग करते हैं
→ हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर संबंधी आवश्यकताएँ
आँकड़ों के प्रक्रमण और मानचित्रण के सहायक के रूप में एक कम्प्यूटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर समाहित होते हैं। हार्डवेयर विन्यास में भण्डारण-प्रदर्शन तथा निवेशी और बहिर्वेशी उपतन्त्र सम्मिलित होते हैं, जबकि सॉफ्टवेयर इलेक्ट्रॉनिक संकेतों द्वारा बनाये गये क्रमादेश होते हैं। अत: कम्प्यूटर की सहायता प्राप्त आँकड़ों के प्रक्रमण और मानचित्रण में हार्डवेयर घटक और सॉफ्टवेयर घटक दोनों की आवश्यकता होती है।
→ हार्डवेयर (Hardware):
कम्प्यूटर के वे सभी भाग जिन्हें हम देख और स्पर्श कर सकते हैं, हार्डवेयर कहलाते हैं। कम्प्यूटर के हार्डवेयर घटकों में निम्नलिखित भाग सम्मिलित होते हैं
→ केन्द्रीय प्रक्रमण इकाई और भण्डारण तंत्र
आधुनिक कम्प्यूटरों के अन्तर्गत एक केन्द्रीय प्रक्रमण इकाई समाविष्ट होती है जो आँकड़ों के प्रक्रमण हेतु क्रमादेशों का क्रियान्वयन और परिधीय उपस्करों का नियंत्रण करती है। आँकड़ों के प्रक्रमण और मानचित्रण के लिए हार्डवेयर भण्डारण क्षमता 1 जी.बी. से 4 जी.बी. अथवा अधिक और रैंडम एक्सेस मैमोरी (RAM) 32 एम.बी. अथवा अधिक होनी चाहिए। आँकड़ों के केन्द्रीय प्रक्रमण के लिए एम.एस.-डॉस, विंडोज और यूनिक्स जैसे साफ्टवेयरों का प्रयोग किया जाता है जबकि आँकड़ों के स्थाई भण्डारण के लिए फ्लॉपी डिस्क, सीडी, पैन ड्राइव और चुम्बकीय टेप जैसे द्वितीयक भण्डारकों का प्रयोग किया जाता है।
→ आलेखी प्रदर्शन तंत्र अथवा. मॉनीटर- :
आलेखी प्रदर्शन तंत्र अथवा मॉनीटर सभी कम्प्यूटरों में प्रयोक्ता के लिए प्रधान दृश्य संचार माध्यम का कार्य करता है।
→ निवेशी उपकरण:
की-बोर्ड (Keyboard) एक ऐसा महत्त्वपूर्ण निवेशी साधन है जो टाइपराइटर की तरह होता है। की-बोर्ड की सहायता से सांख्यिकीय आँकड़ों और निर्देशों को कम्प्यूटर में प्रविष्ट किया जाता है। आंकड़ों की स्थानिक प्रविष्टि के लिए विभिन्न आकार और योग्यताओं वाले क्रमवीक्षकों (Scamer) और अंकरूपकों (Digitisers) का भी प्रयोग किया जाता है।
→ बहिर्वेशी उपकरण:
बहिर्वेशी साधनों के अन्तर्गत मुद्रकों की अनेक किस्में इंक जैट, लेसर और रंगीन लेसर, मुद्रक और A3 से AO तक विभिन्न आकारों में उपलब्ध आलेखकों (Plotters) को सम्मिलित किया जाता है।
→ कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर (Computer Software):
कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एक लिखित क्रमादेश है जो स्मृति में संग्रहीत होता है। आँकड़ों के प्रक्रमण और मानचित्रण के लिए सॉफ्टवेयर को निम्नलिखित माड्यूलों की आवश्यकता होती है :
→ आँकड़ा प्रविष्टि और सम्पादक माड्यूल:
आँकड़ों के प्रक्रमण और मानचित्रण के ये सॉफ्टवेयर आँकड़ा प्रविष्टि तंत्र, सूचनाधार उत्पत्ति, त्रुटि निष्कासन, मापनी और प्रक्षेप हस्तकौशल, उनके संगठन और आँकड़ों के अनुरक्षण को सुगम बनाते हैं। आँकड़ा प्रविष्टि, सम्पादन और प्रबन्धन से संबंधित सामर्थ्य का निष्पादन स्क्रीन पर प्रदर्शित प्रसूची और अनुसंकेतों का प्रयोग करते हुए किया जा सकता है। इस समय एम.एस. - एक्सेल/स्प्रेड शीट, लोट्स 1-2-3 और डी-बेस जैसे व्यावसायिक पैकेज आँकड़ों के प्रक्रमण और आलेखों के उत्पादन की सामर्थ्य प्रदान करते हैं। जबकि आई.व्यू./आर्क, जी.आई.एस., जिओमीडिया में मानचित्रण और विश्लेषण के मॉड्यूल होते हैं।
→ निर्देशांक रूपान्तरण और क्रिया कौशल मॉड्यूल:
आजकल के सॉफ्टवेयर स्थानिक आँकड़ों के स्तरों की निर्देशांक, समन्वयी रूपान्तरण, सम्पादन और स्थानिक आँकड़ों को आँकड़ों के गैर-स्थानिक गुणों से जोड़ने की विस्तृत परिसर की शक्तियों को उपलब्ध कराते हैं।
→ आँकड़ा प्रदर्शन और बहिर्वेशी मॉड्यूल:
संक्रियाओं के परिसर की दृष्टि से आँकड़ा प्रदर्शन और बहिर्वेशी प्रचालन में भिन्नता पाई जाती है और ये कम्प्यूटर ग्राफी में विकसित कुशलताओं पर अत्यधिक निर्भर करती है। आधुनिक सॉफ्टवेयर कुछ साधारण सामर्थ्य प्रस्तुत करते हैं, जो इस प्रकार
→ आपके प्रयोग के लिए कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर
पूर्वगत अनुच्छेदों में आँकड़ों के प्रक्रमण के अनेक सॉफ्टवेयर का उल्लेख किया जा चुका है, लेकिन यहाँ पर हम एम.एस. एक्सेल अथवा स्पैड शीट प्रोग्राम का प्रयोग कर आलेख और आरेख बनाते समय अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का वर्णन करेंगे।
→ एम.एस.एक्सेल अथवा स्प्रेड शीट:
विस्तृत रूप से प्रयोग में लाए जाने और भारत के सभी भागों में आसानी से उपलब्ध सॉफ्टवेयर कार्यक्रम होने के कारण एम.एस.एक्सेल का चयन अन्य सॉफ्टवेयरों में आँकड़ों के प्रक्रमण हेतु किया गया है। एम. एस. एक्सेल में आँकड़ों को आसानी से भरा जा सकता है और मानचित्र बनाने के लिए इसे मानचित्रण सॉफ्टवेयर से जोड़ा जा सकता है। एम.एस.एक्सेल को स्प्रेड शीट प्रोग्राम भी कहा जाता है। एक स्प्रेड शीट एक आयताकार पेज के रूप में होती है जो सूचना का भण्डारण करती है। स्पैड शीट वर्क बुक्स अथवा एक्सेल फाइलों में अवस्थित होती है।
एम.एस.एक्सेल स्क्रीन का अधिकांश भाग कार्यविधि पत्र के प्रदर्शन में होती समर्पित होता है जो पंक्तियों और स्तम्भों से बना होता है। पंक्तियों और स्तम्भों का प्रतिच्छेदन एक आयताकार क्षेत्र होता है जिसे 'सेल' कहा जाता है। एक एक्सेल कार्यविधि पत्र में 65,536 पंक्तियाँ होती हैं जिन पर 1 से 65,536 तक संख्या होती है और 256 स्तम्भ होते हैं जिन्हें अक्षर A से Z, AA से AZ, BA से BZ से लेकर 1A से 12 द्वारा कूट व्यतिक्रम से प्रदर्शित किया जाता है।
→ एक्सेल में आँकड़ा प्रविष्टि और भण्डारण की प्रक्रिया
एक्सेल में आँकड़ों की प्रविष्टि और भण्डारण की प्रक्रिया अत्यन्त सरल है। आप आँकड़ों की प्रविष्टि कर सकते हैं, उनकी प्रतिलिपि बना सकते हैं और उन्हें एक कोष्ठिका से दूसरी कोष्ठिका में ले जा सकते हैं तथा उन्हें सुरक्षित कर सकते हैं। त्रुटिपूर्ण अथवा आँकड़ों की अवांछित प्रविष्टि अथवा सम्पूर्ण फाइल की, यदि आगे जरूरत नहीं है, तो निष्कासन किया जा सकता है।
→ आँकड़ों का प्रक्रमण और अभिकलन
आप आसानी से कुंजी पटल के चिन्हों +, -, * और / का प्रयोग कर सकते हैं। इन चिों को प्रचालन (Operators) कहा जाता है और वे तत्वों को एक 'सूत्र' अथवा 'अभिव्यक्ति' से जोड़ते हैं। उदाहरण के लिए यदि 5 + 6 - 8 - 5 की अभिव्यक्ति को हल करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए चरणों की सहायता से इसे आसानी से हल किया जा सकता है
→ केन्द्रीय प्रवृत्तियाँ (Central Tendencies):
केन्द्रीय प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व माध्य, माध्यिका और बहुलक द्वारा किया जाता है। गणितीय माध्य, जिसे औसत भी कहते हैं, केन्द्रीय प्रवृत्ति का परिकलन करने की आमतौर पर प्रयोग में लाई जाने वाली विधि है। एम.एस.एक्सेल में इसे औसत (Average) नाम द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है।
चित्र-एम.एस.एक्सेल में सांख्यिकीय क्रिया का प्रयोग करते हुए माध्य का परिकलन करना
माध्य के परिकलन में प्रयुक्त की गयी प्रक्रिया से मिलती-जुलती प्रक्रिया का प्रयोग करके आप माध्यिका, प्रमाप विचलन और सह-सम्बन्ध का परिकलन कर सकते हैं। इसके लिए चित्रों के माध्यम से कुछ संकेत प्रस्तुत किए गए हैं।
→ आलेखों की रचना
तालिका रूप के आँकड़ों में जो कुछ प्रदर्शित किया जाता है उससे अनुमान लगाना कठिन होता है लेकिन आलेख रूप में आँकड़ों का प्रदर्शन प्रदर्शित परिघटनाओं के बीच सार्थक तुलना करने की सामर्थ्य को बढ़ा देता है और चित्रित लक्षणों का सरलीकृत दृश्य प्रस्तुत करता है। दूसरे शब्दों में, आलेख और आरेख आँकड़ों की अन्तर्वस्तु के बीच पठन को सरल बना देते हैं। उदाहरणार्थ-1981 और 2001 के दौरान विभिन्न औद्योगिक वर्गों में कर्मियों के अंश में होने वाले परिवर्तन को प्रदर्शित करने के लिए सबसे उपयुक्त आलेखी विधि दण्ड आरेख होगी। दण्ड आरेख के निर्माण हेतु निम्नांकित सोपान आवश्यक है
सोपान 1: वर्कशीट में आँकड़ों को प्रविष्ट करें जैसा कि निम्न चित्र में दर्शाया गया है
चित्र-दण्ड आरेखों के निर्माण हेतु आँकड़ों की प्रविष्टि और सेलों का चयन
सोपान 2: दाएँ बटन को दबाकर कोष्ठिकाओं के ऊपर माउस को खींचकर उनका चयन करें।
सोपान 3: 'चार्ट विजार्ड' को खोलें।
चित्र-चार्ट विजार्ड के चार का सोपान- 1
सोपान 4: 'चार्ट विजार्ड' चार्ट सब टाइप के बॉक्स में साधारण दण्ड आरेख को दो बार क्लिक कीजिए। यह आपको चार्ट विजार्ड के चार में से दूसरे सोपान में ले जाएगा जिसमें वर्कशीट की संख्या, चयनित आँकड़ा परिसर और दण्ड आरेख का पूर्व दर्शन प्रकट होगा।
चित्र-चार्ट विजार्ड के चार का सोपान 2
सोपान 5: रेडियो बटन Next पर क्लिक कीजिए। यह आपको चार्ट विजार्ड के 4 के सोपान 3 पर ले जाएगा। यहाँ आपको 'शीर्षक' (Title), 'अक्षों के नाम' प्रविष्ट केस के विभिन्न विकल्प तथा 'ग्रिड रेखाओं', 'आँकड़ा लेबल' और 'आँकड़ा तालिका' के विकल्प मिलेंगे। इनकी प्रविष्टि निम्नांकित चित्र में दिखाई गयी है
चित्र-अक्षों के नाम की प्रविष्टि
चित्र-लीजेंड की स्थिति का चयन करना
सोपान 6: अक्षों के नाम और लीजेंड विकल्पों की नियुक्ति करने के पश्चात् रेडियो बटन Next को दबाएँ। यह चार्ट विजार्ड के सोपान 4 पर ले जाएगा जो आँकड़ों के दण्ड आरेख की रचना की स्थिति का चयन कराएगा। (As object in) एज ऑब्जक्ट इन को चुनें और शीट को चुनें जिसमें आपने आँकड़े को प्रविष्ट किया था।
सोपान 7: निम्न चित्र के अनुसार रेडियो बटन OK को दबाएँ। यह आपके दण्ड आरेख में चार्ट विजार्ड को सम्पूर्ण करेगा। इसे निम्न चित्र में दर्शाया गया है
→ कम्प्यूटर सहायक मानचित्रण
मानचित्रों को कम्प्यूटर हार्डवेयर और मानचित्रण सॉफ्टवेयर के संयोजन से भी आलेखित किया जा सकता है। कम्प्यूटर सहायक मानचित्रण में स्थानिक सहायक सूचनाधार की रचना के साथ इसके लक्षणों अथवा गैर-स्थानिक आँकड़ों से समन्वय की आवश्यकता होती है। इसके अन्तर्गत भण्डारित आँकड़ों का सत्यापन और संख्या को सम्मिलित किया जाता है। इस संदर्भ में सबसे आवश्यक यह है कि आँकड़े व्यापक रूप से मान्य और समुचित रूप से परिभाषित निर्देशांक प्रणाली द्वारा ज्यामितीय रूप से पंजीकृत और कोडित हों ताकि उनका कम्प्यूटर के अन्दर आंतरिक सूचनाधार संरचना में भण्डारण किया जा सके।
→ स्थानिक आँकड़े
स्थानिक आँकड़े भौगोलिक दिक्स्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके लक्षण बिन्दु-रेखाएँ और बहुभुज हैं। बिन्दु आँकड़े मानचित्र पर प्रदर्शित विद्यालय, अस्पताल, कुएँ, नलकूप, कस्बे और गाँव की अवस्थिति को दर्शाते हैं। इसी प्रकार रेखाएँ सड़कों, रेलवे लाइनों, नहरों, नदियों, शक्ति और संचार पथों; जैसे-रैखिक लक्षणों को चित्रित करती हैं। बहुभुज का प्रयोग प्रशासकीय इकाइयों (देश, राज्य, जिला और खण्ड) भूमि-उपयोग आकारों (कृषि क्षेत्र, वन्य भूमियों, परती भूमियों, चरागाहों इत्यादि) तथा तालाब व झीलों आदि को दर्शाने के लिए किया जाता है।
→ गैर-स्थानिक आँकड़े- :
स्थानिक आँकड़ों का वर्णन करने वाले आँकड़े गैर-स्थानिक आँकड़े अथवा गुण न्यास कहलाते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपके पास आपके विद्यालय की स्थिति दर्शाने वाला मानचित्र है तो आप विद्यालय का नाम, इसमें संचालित विषय, प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों की अनुसूची, प्रयोगशालाओं, उपकरणों, पुस्तकालय आदि की सुविधा जैसी सूचनाओं को आसानी से संलग्न कर सकते हैं। इस तरह स्थानिक आँकड़ों का वर्णन गुण न्यास के रूप में भी जाना जाता है।
→ मानचित्रण सॉफ्टवेयर तथा उनके प्रकार्य