RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 4 मानव बस्तियाँ

These comprehensive RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 4 मानव बस्तियाँ will give a brief overview of all the concepts.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Geography in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Geography Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Geography Notes to understand and remember the concepts easily. Go through these कक्षा 12 भूगोल अध्याय 1 नोट्स and get deep explanations provided by our experts.

RBSE Class 12 Geography Chapter 4 Notes मानव बस्तियाँ

→ मानव बस्ती

  • सामान्यतया मानव बस्ती विभिन्न आकार एवं प्रकार के घरों का समूह होता है, जिसमें मानव निवास करते हैं।
  • बस्तियाँ आकार और प्रकार में भिन्न होती हैं। इनका फैलाव एक पल्ली से लेकर एक महानगर तक हो सकता है।
  • विरल रूप से बसी हुई छोटी बस्तियों को गाँव कहा जाता है। इन बस्तियों के निवासी कृषि एवं अन्य प्राथमिक व्यवसायों में संलग्न होते हैं। बड़े आकार की बस्तियों को नगरीय बस्तियों के नाम से जाना जाता है। इन बस्तियों के निवासी द्वितीयक एवं तृतीयक व्यवसायों में संलग्न मिलते हैं।
  • नगरीय एवं ग्रामीण बस्तियों के मध्य कार्यों का अन्तर्सम्बन्ध परिवहन एवं संचार तंत्र के माध्यम से होता है।
  • ग्रामीण एवं नगरीय बस्तियाँ सामाजिक सम्बन्धों, अभिवृत्ति तथा दृष्टिकोण की दृष्टि से भी भिन्न होती हैं।

→ ग्रामीण बस्तियों के प्रकार

  • ग्रामीण बस्तियों के प्रकार निर्मित क्षेत्र के विस्तार एवं घरों के बीच की दूरी के आधार पर निश्चित किए जाते हैं।
  • ग्रामीण बस्तियों के विभिन्न प्रकारों के लिए भौतिक लक्षणों के साथ-साथ सांस्कृतिक, मानवजातीय एवं सुरक्षा सम्बन्धी कारक भी उत्तरदायी होते हैं।
  • मोटे तौर पर भारत की ग्रामीण बस्तियों को निम्नलिखित चार प्रकारों में रखा जाता है
    • गुच्छित बस्तियाँ-घरों का एक सामूहिक अथवा संकुलित रूप से निर्मित क्षेत्र गुच्छित बस्ती कहलाता है। मध्य भारत के बुन्देलखण्ड क्षेत्र, नागालैण्ड तथा राजस्थान में इस प्रकार की बस्तियाँ प्रमुख रूप से मिलती हैं।
    • अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ-ऐसी बस्ती किसी परिक्षिप्त (एकाकी) बस्ती के किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने के कारण निर्मित होती हैं। गुजरात के मैदान तथा राजस्थान के कुछ भागों में इस प्रकार की बस्तियाँ प्रमुखता से मिलती हैं।
    • पल्ली बस्तियाँ-भौतिक रूप से एक-दूसरे से पृथक् बस्तियों को पल्ली बस्तियों कहा जाता है। मध्य व निम्न गंगा के मैदान, छत्तीसगढ़ तथा हिमालय की निचली घाटियों में इस प्रकार की बस्तियाँ प्रमुखता से मिलती हैं।
    • परिक्षिप्त अथवा एकाकी बस्तियाँ-एकाकी बस्तियाँ सुदूर जंगलों अथवा छोटी पहाड़ियों के ढालों पर, खेतों में या चारागाहों में प्रमुख रूप से दिखाई देती हैं। भारत के पर्वतीय भागों तथा केरल राज्य में इस प्रकार की बस्तियाँ मिलती हैं।

RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 4 मानव बस्तियाँ 

→ नगरीय बस्तियाँ
ग्रामीण बस्तियों के विपरीत नगरीय बस्तियाँ सामान्यतया संहत तथा विशाल आकार की होती हैं। ये बस्तियाँ अनेक प्रकार के द्वितीयक तथा तृतीयक व्यवसायों में विशेषीकृत होती हैं। 

→ भारत में नगरों का विकास
विभिन्न गुणों के आधार पर भारतीय नगरों को निम्न तीन वर्गों में रखा गया है

  • प्राचीन नगर-वाराणसी, प्रयाग (इलाहाबाद) एवं पाटलिपुत्र (पटना) जैसे नगर जिनका विकास धार्मिक व सांस्कृतिक केन्द्रों के रूप में हुआ था। इन्हें ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाले नगरों के रूप में भी जाना जाता है।
  • मध्यकालीन नगर-दिल्ली, जयपुर, आगरा, हैदराबाद जैसे किले कार जिनका विकास राज्यों एवं रजवाड़ों के मुख्यालयों के रूप में हुआ।
  • आधुनिक नगर-इस प्रकार के नगरों में पर्वतीय नगर (शिमला), औद्योगिक नगर (जमशेदपुर), पत्तन नगर (सूरत, गोआ), प्रशासनिक नगर (चंडीगढ़) आदि को सम्मिलित करते हैं।

→ भारत में नगरीकरण 

  • भारत में नगरीकरण का इतिहास बहुत पुराना है। कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में नगरीकरण के स्तर को मापा जाता है। 
  • सन् 2011 में भारत की कुल जनसंख्या में नगरीकरण का स्तर 31.16 प्रतिशत था जो विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है। जनसंख्या आकार के आधार पर नगरों का वर्गीकरण
  • भारत में जनसंख्या के आकार के आधार पर नगरों को 6 वर्गों में विभक्त किया गया है।
  • एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र को नगर, 10 लाख से 50 लाख की जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र को महानगर और 50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले केन्द्र को मेगा नगर तथा अनेक महानगर और मेगा नगर नगरीय संकुल कहलाते हैं।

→ नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण

  • कोई भी दो नगर एक जैसे नहीं होते। समस्त नगर अपने आकार, स्थिति, बसाव, कार्य आदि की दृष्टि से एक-दूसरे से भिन्न होते हैं।
  • विशेषीकृत प्रकार्यों के आधार पर भारतीय नगरों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया गया है
    • प्रशासन शहर और नगर प्रमुख प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में विकसित नगर; जैसे-नई दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, गाँधी नगर, इंफाल, चेन्नई आदि।
    • औद्योगिक नगर-उद्योगों के कारण विकसित नगर; जैसे-मुम्बई, सलेम, जमशेदपुर, हुगली, भिलाई आदि।
    • परिवहन नगर-कांडला, कोच्चि, विशाखापट्टनम जैसे पत्तन नगर एवं धुलिया, मुगलसराय, कटनी जैसे आंतरिक परिवहन के केन्द्र।
    • खनन नगर-समृद्ध खनिज क्षेत्रों में विकसित नगर; जैसे-रानीगंज, झरिया आदि।
    • वाणिज्यिक नगर-वाणिज्य एवं व्यापार में विशिष्टता प्राप्त नगर; जैसे-कोलकाता, सतना, सहारनपुर आदि।
    • धार्मिक और सांस्कृतिक नगर जैसे-पुष्कर, वाराणसी, मथुरा आदि ।
    • शैक्षिक नगर-जैसे-पिलानी, अलीगढ़, रुड़की, प्रयागराज आदि।
    • पर्यटन नगर-जैसे-नैनीताल, मसूरी, शिमला, माउंट आबू आदि ।
    • गैरीसन (छावनी) नगर-जैसे-अंबाला, जालंधर, महू, उधमपुर आदि। इनका विकास सैनिक छावनियों के रूप में हुआ है।

→ बस्ती (Settlement):
किसी भी प्रकार और आकार के घरों के समूह जिनमें मानव निवास करता है।

→ गाँव (Village):
विरल रूप से बसी छोटी बस्तियाँ जो कृषि अथवा अन्य प्राथमिक कार्यों में विशिष्टता प्राप्त कर लेती हैं।

RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 4 मानव बस्तियाँ

→ नोड (Node):
केन्द्रीय स्थल। योजन स्थलों का केन्द्र।

→ नगरीय बस्तियाँ (Urban Settlements):
ऐसे बड़े बसे अधिवास जिनमें द्वितीयक एवं तृतीयक क्रियाकलापों का विशिष्टीकरण मिलता है, नगरीय बस्तियाँ कहलाती हैं।

→ गुच्छित बस्तियाँ (Clustered Settlements):
ग्रामीण बस्ती के घरों का एक संहत या संकुलित रूप जिसमें मकान पास-पास पाये जाते हैं।

→ जलोढ़ मैदान (Alluvial Plain):
नदी के निक्षेप से बना मैदान जो अत्यधिक उपजाऊ होता है।

→ अर्धगुच्छित बस्तियाँ (Semi-Clustered Settlements):
एकाकी बस्ती के किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने की प्रवृत्ति के फलस्वरूप निर्मित बस्तियाँ।

→ पल्लीकृत बस्तियाँ (Hamleted Settlements):
भौतिक रूप से एक-दूसरे से पृथक् अनेक इकाइयों में विभक्त बस्तियाँ। इन बस्तियों को भारत के विभिन्न भागों में स्थानीय स्तर पर पान्ना, पण्डा, पाली, नगला, ढाँणी आदि नामों से जाना जाता है।

→ परिक्षिप्त बस्तियाँ (Dispersed Settlements):
एकाकी या बिखरी हुई बस्तियाँ जिनमें मकान बहुत दूर-दूर होते हैं।

→ प्रागैतिहासिक (Pre-historic):
जिस समय का निश्चित एवं पूरा इतिहास मिलता है उससे पहले का इतिहास।

→ प्राचीन नगर (Pri-medieval Town):
धार्मिक अथवा सांस्कृतिक केन्द्रों के रूप में विकसित ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाले नगर।

→ मध्यकालीन नगर (Medieval Towns):
भारत के इतिहास के मध्यकाल से जुड़े नगर जिनका विकास रजवाड़ों -एवं राज्यों के मुख्यालयों के रूप में हुआ।

→ आधुनिक नगर (Modern Towns):
अंग्रेजों अथवा अन्य यूरोपीयों द्वारा भारत में विकसित नगर ।

→ अनुषंगी नगर (Satellite Towns):
महानगरों के चारों ओर उससे सटे हुए विकसित नगर अर्थात् उपनगर।

→ नगर (City):
एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले स्थान को नगर कहते हैं।

→ महानगर (Metropolitan Cities):
एक बहुत विशाल नगर अथवा देश के किसी जिले में जनसंख्या का संकुलन जो प्रशासन, वाणिज्य अथवा उद्योगों जैसी किसी क्रिया का स्थान अथवा मुख्य केन्द्र होता है। यह सामान्यतः एक विशाल पश्च प्रदेश का पोषण करता है। सामान्यतः 10 लाख से 50 लाख जनसंख्या वाले नगर को महानगर कहा जाता है।

RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 4 मानव बस्तियाँ

→ मेगा नगर (Megacities):
नगर जिनकी जनसंख्या 50 लाख से अधिक होती है।

→ नगरीय संकुल (Urban Agglomeration):
विशिष्ट स्थान पर नगरीय बस्तियों का जमाव। कई महानगर मिलकर नगरीय संकुल बनाते हैं जिसमें 50 लाख से अधिक जनसंख्या होती है।

→ बहिर्बद्ध (Out growth):
सीमा से बाहर की ओर विकास। 

→ संस्पर्शी नगर (Adjoining Towns):
दो या दो से अधिक जुड़े हुए नगर। 

→ पत्तन (Ports):
बन्दरगाह। जहाँ जलयान आकर रुकते हैं तथा सामान व यात्रियों का उतार-चढ़ाव होता है।

→ प्रशासन नगर (Administrative Towns):
उच्चतम क्रम में प्रशासनिक मुख्यालयों वाले शहरों को प्रशासन नगर कहते हैं।

→ गैरीसन नगर (Garrisson Towns):
छावनी नगर। इन नगरों का विकास सैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता है।

Prasanna
Last Updated on Jan. 4, 2024, 9:18 a.m.
Published Jan. 3, 2024