These comprehensive RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम will give a brief overview of all the concepts.
→ किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा अपने निवास स्थान का स्थायी एवं अस्थाई परिवर्तन सामान्यतया 'प्रवास' कहा जाता है।
→ प्रवास की धाराएँ
→ प्रवास में स्थानिक भिन्नताएँ
→ प्रवास के कारण
भारत में प्रतिवर्ष लाखों व्यक्ति अपने जन्म-स्थान को छोड़ते हैं। प्रवास कई कारणों से होता है जिन्हें मुख्यतः दो वर्गों में बाँटा गया है
→ पुरुष प्रवास के कारणों में रोजगार प्रमुख कारण है जबकि महिला प्रवास के कारणों में विवाह के उपरान्त निवास परिवर्तन सर्वाधिक प्रभावी कारक है।
→ प्रवास के परिणाम
मानव में स्वभावतः कम सुरक्षा व कम अवसरों वाले स्थानों से बेहतर सुरक्षा व अधिक अवसरों वाले स्थान की ओर जाने की प्रवृत्ति पायी जाती है। प्रवास के अच्छे एवं बुरे दोनों प्रकार के परिणाम होते हैं। इनमें आर्थिक, जनांकिकीय, सामाजिक एवं पर्यावरणीय परिणाम अधिक महत्त्वपूर्ण हैं।
→ प्रवास (Migration):
किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा अपने निवास स्थान का स्थायी एवं अस्थायी परिवर्तन प्रवास कहलाता है।
→ उत्प्रवास (Emigration):
एक देश या राज्य से दूसरे देश या राज्य में जाकर बसने की प्रक्रिया।
→ उत्प्रवासी (Emigrants):
एक देश या राज्य से दूसरे देश या राज्य में जाकर बसने वाला व्यक्ति।
→ आप्रवासन (Immigration):
जब एक व्यक्ति या समुदाय किसी अन्य क्षेत्र या देश से किसी देश में आकर रहता है। उस क्रिया को आप्रवास कहते हैं।
→ आप्रवासी (Immigrant):
स्थायी निवास के उद्देश्य से किसी ऐसे देश में आकर बसना, जिसका वह मूल निवासी नहीं है।
→ आन्तरिक प्रवास (Internal Migration):
एक ही राष्ट्र में एक स्थान से दूसरे स्थान को होने वाला आवागमन।
→ अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास (International Migration):
एक राजनैतिक इकाई/देश से किसी अन्य राजनैतिक इकाई/देश को होने वाला व्यक्तियों का आवागमन।।
→ अंत:राज्यीय प्रवास (Intra-state Migration):
एक ही राज्य में एक स्थान से दूसरे स्थान को होने वाला आवागमन।
→ अन्तर्राज्यीय प्रवास (Inter-state Migration):
एक राज्य से दूसरे राज्य में होने वाला लोगों का आवागमन ।
→ विवाहजन्य प्रवास:
विवाहोपरान्त महिलाओं का अपने निवास स्थान को छोड़कर पति के निवास पर होने वाला प्रवास।
→ हुंडी (Remittances):
अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्देशीय प्रवासियों द्वारा अपने मूल स्थान अथवा निवास स्थान को भेजी जाने वाली धनराशि हुंडी कहलाती है।
→ प्रवास प्रवाह (Migration Flow):
एक उद्गम तथा गन्तव्य स्थान वाले प्रवासियों के समूह को प्रवास प्रवाह कहा जाता है।
→ उद्गम स्थान (Place of origin):
जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं तो वह स्थान जहाँ से लोग गमन करते हैं, उद्गम स्थान कहलाता है।
→ गंतव्य स्थान (Place of Destination):
लोग जिस स्थान की ओर जाते हैं, वह स्थान गंतव्य स्थान कहलाता है।
→ शरणार्थी (Refugee):
जो लोग अपने देश में जीवन घातक स्थिति, असुरक्षा, युद्ध अथवा मानव अधिकारों के अतिक्रमण के कारणों से दूसरे देश में शरण लेने के लिए बाध्य हो जाते हैं, उन्हें शरणार्थी कहा जाता है।
→ निवल प्रवास अथवा प्रवास का सन्तुलन (Balance of Migration):
एक स्थान में आने वाले तथा उस स्थान से बाहर जाने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या का अन्तर। दूसरे शब्दों में, प्रवासियों और आप्रवासियों की कुल संख्या में से बाहर जाने वाले प्रवासियों तथा उत्प्रवासियों की संख्या निकालकर प्राप्त होने वाली संख्या।
गणितीय विधि में इसे इस प्रकार दर्शाया जाता है-(आने वाले प्रवासी + आप्रवासी) - (बाहर जाने वाले प्रवासी + उत्प्रवासी)।
→ प्रतिकर्ष कारक (Push Factor):
वे कारक जो लोगों को निवास स्थान अथवा उद्गम स्थान को छुड़वाने का कारण बनते हैं, प्रतिकर्ष कारक कहलाते हैं।
→ अपकर्ष कारक (Pull Factor):
वे कारक जो विभिन्न स्थानों के लोगों को आकर्षित करते हैं, अपकर्ष कारक कहलाते हैं।
→ प्रेषण (Remittance):
प्रवासी द्वारा अपने उत्पत्ति स्थान को भेजी गई धनराशि अथवा माल या मनीऑर्डर प्रेषण का एक रूप है।