These comprehensive RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 12 Geography Chapter 1 Notes जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन
→ किसी देश के अत्यन्त महत्त्वपूर्ण घटक उसके लोग (नागरिक) होते हैं।
- भारत विश्व में चीन के बाद दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। जिसकी सन् 2001 में जनसंख्या 102.8 करोड़ थी जो सन् 2011 में बढ़कर 121.00 करोड़ हो गई है।
- भारत में जनसंख्या के आँकड़ों को प्रति दस वर्ष पश्चात् होने वाली जनगणना द्वारा एकत्रित किया जाता है।
- भारत में जनगणना की शुरुआत 1872 ई. में हुई थी लेकिन सम्पूर्ण देश की प्रथम जनगणना 1881 ई. में सम्पन्न हुई थी।
→ जनसंख्या का वितरण
- भारत में जनसंख्या के वितरण में अत्यधिक विषमताएँ देखने को मिलती हैं। जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिमी बंगाल तथा आन्ध्र प्रदेश भारत के विशाल जनसंख्या वाले राज्य हैं वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड जैसे लघु जनसंख्या वाले राज्य भी हैं।
- तटीय मैदानी भाग तथा नदियों के मैदानों में अधिक जनसंख्या मिलती है, जबकि हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों तथा पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थलीय भागों में अति अल्प जनसंख्या मिलती है।
- जनसंख्या वितरण में मिलने वाली इस प्रादेशिक भिन्नता के लिए भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक एवं ऐतिहासिक कारकों के रूप में स्थलाकृति, जलवायु की दशा, कृषि प्रारूप व विकास, मानव अधिवास प्रारूप, परिवहन प्रणाली, औद्योगीकरण एवं नगरीयकरण की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
→ जनसंख्या घनत्व
- सन् 1951 में औसत जनसंख्या घनत्व 117 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था।
- बिहार, पश्चिमी बंगाल, केरल तथा उत्तर प्रदेश भारत में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य हैं जबकि भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों में निम्न जनसंख्या घनत्व मिलता है।
- सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में सर्वोच्च जन घनत्व बिहार में (1102 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.) जबकि न्यूनतम जनघनत्व अरुणाचल प्रदेश में (17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.) दर्ज किया गया।
- सन् 2011 की जनगणना में देश का औसत जनसंख्या घनत्व 382 हो गया है। जो गणितीय घनत्व है जबकि भारत जैसे विशाल कृषि आधारित जनसंख्या वाले राष्ट्र हेतु कृषीय एवं कायिक घनत्व अधिक उपयोगी है।
→ जनसंख्या की वृद्धि
- दो समय बिन्दुओं के मध्य किसी क्षेत्र विशेष में निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि के नाम से जाना जाता है।
- जनसंख्या वृद्धि की दर को प्रतिशत में प्रदर्शित किया जाता है। जनसंख्या वृद्धि के दो घटक होते हैं
- जनसंख्या वृद्धि मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है (i) धनात्मक (ii) ऋणात्मक।
- भारतीय जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर 1.64 प्रतिशत थी।
- पिछली शताब्दी में भारत की जनसंख्या 1901 में 23.84 करोड़ थी जो बढ़कर सन् 2011 में 121.01 करोड़ हो गयी। भारत में 1951-81 की अवधि को जनसंख्या विस्फोट की अवधि के रूप में जाना जाता है। इस अवधि में देश में मृत्युदर में तीव्र गिरावट तथा जनसंख्या की उच्च प्रजनन दर रही है।
- सन् 1981 के बाद देश की जनसंख्या वृद्धि दर में मंद गति से गिरावट हो रही है।
→ जनसंख्या वृद्धि की क्षेत्रीय भिन्नताएँ
- केरल, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा तथा गोआ जैसे राज्यों में निम्न जनसंख्या वृद्धि दरें मिलती हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश, सिक्किम, असम, पश्चिमी बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ तथा झारखण्ड में उच्च जनसंख्या वृद्धि दरें अनुभव की जा रही हैं।
- भारत सरकार की 2014 ई. की युवा नीति में युवाओं और किशोरों के चहुंमुखी विकास पर बल दिया गया।
- भारत सरकार ने 2015 में कौशल विकास तथा उद्यमिता के लिए नीति बनाई है।
→ जनसंख्या संघटन
जनसंख्या की प्रजातिगत, सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक विशेषताओं के समिश्रित स्वरूप को जनसंख्या संघटन कहते हैं।
जनसंख्या के इस संगठन में आवास संगठन, भाषा संगठन, शैक्षिक संगठन, जातीय संगठन एवं कार्यात्मक संगठन आदि को शामिल किया जाता है।
→ ग्रामीण-नगरीय संघटन
- जनसंख्या का निवास स्थान के आधार पर विश्लेषण करना आवास संगठन कहलाता है जिसे ग्रामीण एवं नगरीय संगठन में विभाजित किया गया है।
- सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या का 68.84 प्रतिशत भाग 5,97,608 ग्रामों में निवास करता था। जबकि देश की कुल जनसंख्या का 31.16 प्रतिशत भाग नगरीय क्षेत्रों में निवासित था।
- सम्पूर्ण देश में ग्रामीण जनसंख्या का असमान वितरण पाया जाता है। बिहार एवं सिक्किम जैसे राज्यों में ग्रामीण जनंसख्या का उच्च प्रतिशत पाया जाता है। जबकि केन्द्र शासित प्रदेशों में (दादरा नगर हवेली को छोड़कर) ग्रामीण जनसंख्या का कम अनुपात पाया जाता है।
→ भाषाई.संघटन
- वर्तमान में हमारे देश में 22 भाषाएँ अनुसूचित हैं जबकि अनेक भाषाएँ गैर अनुसूचित हैं।
- अनुसूचित भाषाओं में हिन्दी बोलने वालों का प्रतिशत सर्वाधिक (40-42) है जबकि लघुतम भाषा वर्ग बोड़ो, मणिपुरी तथा संस्कृत बोलने वालों का है।
→ भाषाई वर्गीकरण
प्रमुख भारतीय भाषाओं के बोलने वाले चार भाषा परिवारों-आर्य (73%), द्रविड (20%), आस्ट्रिक (1.38%) एवं किरात (0.85%) से सम्बन्धित हैं।
→ धार्मिक संघटन
- धर्म व्यक्ति के राजनीतिक एवं सांस्कृतिक जीवन को प्रभावित करने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक है क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के लगभग समस्त पक्षों में आभासी रूप में विद्यमान होता है।
- सन् 2011 की कुल जनसंख्या में हिन्दू तथा मुस्लिम धार्मिक समुदाय का प्रतिशत क्रमशः 79.8 तथा 14.2 रहा जबकि ईसाई (2.3%), सिक्ख (1.7%), बौद्ध (0.7%) तथा जैन (0-4) भारत के अन्य लघु धार्मिक समुदाय हैं।
- भारत के सबसे छोटे धार्मिक समूह जैन और बौद्ध देश के गिने-चुने क्षेत्रों में संकेन्द्रित हैं।
→ श्रमजीवी जनसंख्या का संघटन
- आर्थिक स्तर की दृष्टि से भारतीय जनसंख्या के तीन प्रमुख वर्ग हैं
- मुख्य श्रमिक
- सीमान्त श्रमिक एवं
- अश्रमिक।
- सन् 2011 में भारत की कुल जनसंख्या में श्रमिकों का प्रतिशत 39.8 रहा जबकि 60 प्रतिशत जनसंख्या अश्रमिकों की श्रेणी में रही।
- व्यावसायिक स्तर पर श्रमजीवी जनसंख्या को चार वर्गों में विभाजित किया जाता है
- कृषक
- कृषि मजदूर
- घरेलू औद्योगिक श्रमिक
- अन्य श्रमिक।
- भारत के कुल श्रमिकों का 54.6 प्रतिशत भाग कृषक और कृषि मजदूर के रूप में कार्यरत है जबकि 3.8 प्रतिशत घरेलू उद्योग श्रमिकों तथा 41.6 प्रतिशत अन्य श्रमिकों के रूप में कार्यरत हैं।
→ जनसंख्या घनत्व (Population Density):
प्रति वर्ग किमी. क्षेत्रफल पर निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या को जनसंख्या घनत्व कहा जाता है। यह गणितीय घनत्व कहलाता है।
→ कायिक घनत्व (Physiological Density):
किसी क्षेत्र की कृषि योग्य भूमि व उस क्षेत्र की जनसंख्या के बीच का अनुपात।
→ कृषि घनत्व (Agricultrual Density):
प्रति वर्ग किमी. कृषि योग्य भूमि पर निवासित कृषक जनसंख्या को कृषि घनत्व कहा जाता है।
→ जनसंख्या वृद्धि (Population Growth):
दो निश्चित समय अवधियों के मध्य किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की संख्या में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है। इसकी दर को प्रतिशत में अभिव्यक्त किया जाता है।
→ प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि (Natural Population Growth):
अशोधित जन्म दर तथा अशोधित मृत्यु दर के अन्तर को जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि कहा जाता है।
→ जनसंख्या विस्फोट (Population Explosion):
मृत्युदर में तेजी से गिरावट तथा उच्च जन्मदर के प्रभावी रहने पर जनसंख्या में होने वाली तीव्र वृद्धि को जनसंख्या विस्फोट कहा जाता है।
→ जनसंख्या संघटन (Population Composition):
भूगोल के अन्तर्गत जनसंख्या संघटन अध्ययन का एक सुस्पष्ट क्षेत्र है जिसके अन्तर्गत आयु संरचना, लिंग संरचना, निवास का स्थान, मानव प्रजातीय लक्षण, जातीय संरचना, भाषाई संरचना, धार्मिक संरचना, साक्षरता व व्यावसायिक विशेषताओं आदि का अध्ययन किया जाता है। दूसरे शब्दों में जनसंख्या की भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विशेषताओं को जनसंख्या का संघटन कहते हैं।
→ मुख्य श्रमिक (Main worker):
मुख्य श्रमिक वह व्यक्ति है जो एक वर्ष में कम से कम 183 दिन कार्य करता
→ सीमांत श्रमिक (Marginal worker):
सीमांत श्रमिक वह व्यक्ति है जो एक वर्ष में 183 दिनों से कम दिन कार्य करता है।
→ श्रम की प्रतिभागिता दर (Work Participation Rate):
कुल जनसंख्या में क्रियाशील श्रमिक जनसंख्या का प्रतिशत श्रम की प्रतिभागिता दर कहलाती है।