These comprehensive RBSE Class 12 Chemistry Notes Chapter 13 ऐमीन will give a brief overview of all the concepts.
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→ ऐलिफैटिक ऐमीन (Aliphatic amines):
इस प्रकार के ऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु एक या अधिक ऐल्किल समूहों के द्वारा जुड़ा होता है। उदाहरण-CHINH2
→ ऐरोमैटिक ऐमीन (Aromatic amines):
इस प्रकार के ऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु एक या एक से अधिक ऐरिल समूह से सीधा जुड़ा होता है। उदाहरण-CHNH2
→ अमोनी अपघटन (Ammonolysis)-अमोनिया अणु द्वारा CX आबन्ध के विदलन की प्रक्रिया को अमोनी अपघटन कहते हैं।
→ कर्टियस अपघटन (Curtius degradation)-वह सम्पूर्ण अभिक्रिया जिसमें कि ऐसिल ऐजाइड से नाइट्रोजन मुक्त होती है तथा प्राप्त मध्यवर्ती यौगिक का अम्लीय या क्षारीय माध्यम में जल अपघटन करने पर प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होती है, जिसमें कार्बोक्सिलिक अम्ल से एक कार्बन कम होता है, कर्टियस अपघटन कहलाता है।
→ क्षारकता का क्रम (Order of basicity)
(i) 3° ऐमीन > 2° ऐमीन > 1° ऐमीन (गैसीय प्रावस्था)
(iv)p-टॉलुईडीन > ऐनिलीन > p-क्लोरोऐनिलीन > p-नाइट्रोऐनिलीन
(v) p-ऐनिसिडीन > m-ऐनिसिडीन
(vi) ऐनिलीन > m-नाइट्रो ऐनिलीन > p-नाइट्रो ऐनिलीन > o-नाइट्रोऐनिलीन
(vii) p-मेथिल ऐनिलीन > m-मेथिल ऐनिलीन > ऐनिलीन > o-मेथिल ऐनिलीन।
→ ऐसिलीकरण (Acylation):
ऐलिफैटिक तथा ऐरोमैटिक प्राथमिक एवं द्वितीयक ऐमीन ऐसिड क्लोराइड, ऐनहाइड्राइड और एस्टर से नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया करते हैं। यह अभिक्रिया ऐसिलीकरण कहलाती है।
→ डाइऐजोटीकरण (Diazotisation):
प्राथमिक ऐरोमैटिक ऐमीन नाइट्रस अम्ल के साथ अत्यधिक कम ताप (0-5°C) पर क्रिया करके ऐरोमैटिक डाइऐजोनियम लवण बनाती है। इस अभिक्रिया को डाइऐजोटीकरण कहते हैं।
→ हिन्सबर्ग अभिकर्मक (Heinsberg's reagent)-बेन्जीन सल्फोनिल क्लोराइड (C6H5SO2Cl) को हिन्सबर्ग अभिकर्मक कहते हैं।
→ सल्फैनिलिक अम्ल (Sulphanilic acid):
p-ऐमीनो बेन्जीन सल्फोनिक अम्ल को सल्फैनिलिक अम्ल कहते हैं।
→ जलयोजन प्रभाव (Hydration effect):
जल अणुओं के द्वारा प्रोटॉनीकृत ऐमीनों का स्थायित्व ग्रहण करना, विलायकयोजन प्रभाव या जल योजन प्रभाव कहलाता है।
→ युग्मन अभिक्रियाएँ (Coupling Reactions):
जब बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड किसी अन्य ऐरोमैटिक यौगिक से अभिक्रिया करता है तो युग्मन अभिक्रिया से प्राप्त ऐजो उत्पादों में दोनों ऐरोमैटिक वलयों एवं इन्हें जोड़ने वाले - N = N – आबन्ध के बीच विस्तारित संयुग्मन होता है तथा रंगीन यौगिक प्राप्त होते हैं। इस प्रकार की अभिक्रिया युग्मन अभिक्रिया कहलाती है।
→ कुछ महत्वपूर्ण अभिक्रियायें (Some Important reactions)
(i) गाटरमान अभिक्रिया
(यहाँ x=Cl, Br, CN)
(ii) सैण्डमायर अभिक्रिया
(यहाँ x= Cl, BT, CN)
(iii) बाल्ज-शीमान अभिक्रिया
(iv) डाइऐजोटीकरण
(v) हॉफमान मस्टर्ड ऑयल अभिक्रिया
(vi) कार्बिल ऐमीन परीक्षण
RNH2 + CHCl +3KOH → R-N≡C+3KCl + 3H2O
(vii) शॉटन बोमान अभिक्रिया
(vii) श्मिट अभिक्रिया
(ix) कर्टियस अभिक्रिया
(x) गैब्रिएल थैलिमाइड अभिक्रिया
(xi) हॉफमान ब्रोमाइड अभिक्रिया
RCONH2 + Br2 + 4KOH → RNH2 + K2CO3 + 2KBr + 2H2O