These comprehensive RBSE Class 12 Chemistry Notes Chapter 11 ऐल्कोहॉल, फीनॉल एवं ईथर will give a brief overview of all the concepts.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Chemistry in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Chemistry Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Chemistry Notes to understand and remember the concepts easily.
→ ऐल्कोहॉल (Alcohol):
जब ऐलिफैटिक हाइड्रोकार्बन का कोई हाइड्रोजन परमाणु हाइड्रॉक्सिल समूह द्वारा प्रतिस्थापित होता है, तो ऐल्कोहॉल बनते हैं।
→ फीनॉल (Phenol):
जब ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन का कोई हाइड्रोजन परमाणु हाइड्रॉक्सिल समूह द्वारा प्रतिस्थापित होता है, तो फीनॉल बनते हैं।
→ प्राथमिक ऐल्कोहॉल (Primary Alcohol):
यदि ऐल्कोहॉल में —CH2OH समूह उपस्थित हो तो वह ऐल्कोहॉल प्राथमिक (1°) ऐल्कोहॉल कहलाता है।
उदाहरण
→ द्वितीयक ऐल्कोहॉल (Secondary Alcohol):
यदि ऐल्कोहॉल में > CH - OH समूह उपस्थित हो तो वह ऐल्कोहॉल द्वितीयक (2°) ऐल्कोहॉल होता है।
उदाहरण
→ तृतीयक ऐल्कोहॉल (Tertiary Alcohol):
यदि ऐल्कोहॉल में
समूह उपस्थित हो, तो वह तृतीयक (3°) ऐल्कोहॉल होता है।
उदाहरण
→ ऐलिलिक ऐल्कोहॉल (AllylicAlcohols):
इसमें -OH समूह कार्बन-कार्बन द्विक आबन्ध से अगले sp3 संकरित कार्बन परमाणु पर जुड़ा होता है।
उदाहरण- CH2 = CH-CH2OH
→ बेन्जिलिक ऐल्कोहॉल (BenzylicAlcohol):
इसमें– OH समूह ऐरोमैटिक वलय से अगले sp3 संकरित कार्बन परमाणु पर जुड़ा होता है।
उदाहरण
→ वाइनिलिक ऐल्कोहॉल (VinylicAlcohol):
इसमें -OH समूह सीधे कार्बन-कार्बन द्विक-आबन्ध से जुड़ा होता है।
उदाहरण-CH2 = CH-OH
→ ल्यूकास परीक्षण (Lucas Test):
ऐल्कोहॉल ल्यूकास अभिकर्मक (सान्द्र HCl + ZnCl2) में विलेय होते हैं जबकि उनके हैलाइड अमिश्रणीय होते हैं तथा विलयन में धुंधलापन (अविलेयता) उत्पन्न कर देते हैं। तृतीयक ऐल्कोहॉल द्वारा धुंधलापन तत्काल उत्पन्न हो जाता है क्योंकि वे आसानी से हैलाइड बनाते हैं। द्वितीयक ऐल्कोहॉल द्वारा धुंधलापन कुछ समय पश्चात् उत्पन्न होता है जबकि प्राथमिक ऐल्कोहॉल सामान्य ताप पर धुंधलापन उत्पन्न नहीं करते हैं। ये गर्म करने पर धुंधलापन उत्पन्न करते हैं।
→ ऐल्कोहॉल का विकृतीकरण (Denaturation of Alcohol):
औद्योगिक ऐल्कोहॉल को कुछ कॉपर सल्फेट एवं पिरिडीन मिलाकर पीने के अयोग्य बना दिया जाता है। इस प्रक्रम को ऐल्कोहॉल का विकृतीकरण कहते हैं।
→ पॉवर ऐल्कोहॉल (Power Alcohol):
80% परिशोधित ऐल्कोहॉल, 20% गैसोलीन अथवा पेट्रोल के मिश्रण को वाहनों में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसे पॉवर ऐल्कोहॉल भी कहते हैं।
→ परिशुद्ध ऐल्कोहॉल (AbsoluteAlcohol):
99.5-100% शुद्ध ऐल्कोहॉल परिशुद्ध ऐल्कोहॉल कहलाता है।
→ कुछ महत्वपूर्ण तथ्य