Rajasthan Board RBSE Class 12 Chemistry Important Questions Chapter 13 ऐमीन Important Questions and Answers.
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बहुविकल्पीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्नांकित में से सर्वाधिक क्षारीय है:
(a) CH3NH2
(b) (CH3)2NH
(c) (CH3)3N
(d) C6H5NH2
उत्तर:
(b) (CH3)2NH
प्रश्न 2.
हिंसबर्ग अभिकर्मक है:
(a) बेन्जीन सल्फोनिल क्लोराइड
(b) बेन्जीन सल्फोनिक अम्ल
(c) बेन्जीन सल्फोनेमाइड
(d) फेनिल आइसोसायनाइड
उत्तर:
(a) बेन्जीन सल्फोनिल क्लोराइड
प्रश्न 3.
C3H9N प्रदर्शित नहीं करता है:
(a) प्राथमिक ऐमीन
(b) चतुष्क लवण
(c) तृतीयक ऐमीन
(d) द्वितीयक ऐमीन
उत्तर:
(b) चतुष्क लवण
प्रश्न 4.
ऐल्किलेमीन में N-परमाणु की संकरित अवस्था है:
(a) sp2
(b) sp3
(c) sp
(d) sp3d
उत्तर:
(b) sp3
प्रश्न 5.
सरसो के तेल जैसी गन्ध वाले यौगिक का सूत्र है
(a) RCN
(b) RNC
(c) RNCO
(d) RNCS
उत्तर:
(d) RNCS
प्रश्न 6.
क्लोरो पिकरिन का सूत्र है:
(a) C(NO2)Cl3
(b) CCI(NO2)3
(c) C(NO2)2Cl2
(d) कोई नहीं।
उत्तर:
(a) C(NO2)Cl3
प्रश्न 7.
बेन्जीन के नाइटीकरण में नाइट्रो बेन्जीन प्राप्त होती है। जहाँ HNO3 एवं H2SO4 क्रिया में भाग लेते हैं। यहाँ HNO3 व्यवहार करता है:
(a) क्षार के समान
(b) अम्ल के समान
(c) अपचायक
(d) उत्प्रेरक के समान
उत्तर:
(a) क्षार के समान
प्रश्न 8.
बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड x से अभिक्रिया कर एक रंजक देता है। अभिकारक x है:
(a) C2H5OH
(b) C6H6
(c) C6H5NH2
(d) H2O
उत्तर:
(c) C6H5NH2
प्रश्न 9.
ऐसीटोनाइदाइल का सूत्र है:
(a) CH3CN
(b) CH3COCN
(c) CH3CH2CN
(d) CN-CH2-COOH
उत्तर:
(a) CH3CN
प्रश्न 10.
मेथेनेमीन की विल्डेन अभिकर्मक से क्रिया पर मुख्य उत्पाद का
(a) CH3OH
(b) CH3CHO
(c) CH3Cl
(d) CH3COOH
उत्तर:
(c) CH3Cl
प्रश्न 11.
नाइट्रोबेन्जीन को कहते हैं।
(a) कसीस का तेल
(b) मिरवेन का तेल
(c) सिनेमन ऑयल
(d) विन्टरग्रीन का तेल
उत्तर:
(b) मिरवेन का तेल
प्रश्न 12.
नाइट्रोबेन्जीन का प्रबल अम्लीय माध्यम में उपचयन करने पर अन्तिम उत्पाद बनता है।
(a) ऐनिलीन
(b) फेनिल हाइड्रॉक्सिल ऐमीन
(c) p - ऐमीनो फोनॉल
(d) ऐजोबेन्जीन
उत्तर:
(a) ऐनिलीन
प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से धनात्मक कार्बिलेमीन परीक्षण कौन देता है?
(a) 2, 4 - डाइमेथिलेनिलीन
(b) N, N-डाइमेथिलेनिलीन
(c) N- मेथिल - O - मेथिलेनिलीन
(d) p - मेथिलबेन्जिलेमीन
उत्तर:
(a) 2, 4 - डाइमेथिलेनिलीन
प्रश्न 14.
n - प्रोपिलेमीन वाष्पशील यौगिक x देती है तो ऐल्कोहॉलीय क्षार तथा क्लोरोफॉर्म के साथ गर्म करने पर अरुचिकर गन्ध देती है। x की संरचना है।
(a) CH3CH2CH2CN
(b) (CH3)2CHCN
(C) CH2CH2CH2NC
(d) (CH3)2CHNC
उत्तर:
(C) CH2CH2CH2NC
प्रश्न 15.
जलीय विलयन में निम्नलिखित में से प्रबलतम क्षार है।
(a) मेथिलऐमीन
(b) डाइमेथिलऐमीन
(c) ट्राइमेथिलऐमीन
(d) ऐनिलीन
उत्तर:
(b) डाइमेथिलऐमीन
अति लघुत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
क्या कारण है कि ऐरोमैटिक डाइऐजोनियम लवण ऐलिफैटिक डाइऐजोनियम लवण की अपेक्षा अधिक स्थायी होते हैं?
उत्तर:
ऐरोमैटिक डाइऐजोनियम लवण, अनुनाद प्रदर्शित करने के कारण अधिक स्थायी होता है जबकि ऐलिफैटिक डाइऐजोनियम लवण, अनुनाद प्रदर्शित नहीं करता है इसलिए कम स्थायी होता है।
प्रश्न 2.
एल्केनेमीन अमोनिया से प्रबल क्षारक है। कारण दीजिए।
उत्तर:
ऐल्केनेमीन का ऐल्किल समूह + I प्रभाव के कारण इलेक्ट्रॉनों को नाइट्रोजन परमाणु की ओर धकेलता है जिससे नाइट्रोजन पर घनत्व बढ़ जाता है व इसकी देने की प्रवृत्ति अर्थात् क्षारीय प्रवृत्ति बढ़ जाती है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अभिक्रिया के अनुक्रम में x तथा Y को पहचानिए।
उत्तर:
यौगिक X, R - NH2 है व यौगिक, Y, RNC है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित अभिक्रिया अनुक्रम में A तथा B को पहचानिए।
उत्तर:
A - फीनॉल
B - 2, 4, 6-ट्राइ ब्रोमो फीनॉल है।
प्रश्न 5.
डाइमेथिलेमीन, मेथिलेमीन से प्रबल क्षार है। कारण दीजिए।
उत्तर:
डाइमेथिलेमीन में दो मेथिल समूह का + I प्रभाव लगता है जबकि मेथिलेमीन में केवल एक मेथिल समूह का + I प्रभाव लगता है इसलिए डाइमेथिलेमीन में नाइट्रोजन पर इलेक्ट्रॉन घनत्व अधिक होता है।
अतः डाइमेथिलेमीन अधिक क्षारीय है।
प्रश्न 6.
विनाइल सायनाइड का संरचनात्मक सूत्र एवं IUPAC नाम लिखिए।
उत्तर:
CH2 = CH-CN विनाइल सायनाइड
IUPAC नाम- प्रोप-2-ईन-नाइट्राइल
प्रश्न 7.
मेंडियस अपचयन अभिक्रिया समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 8.
ऐनिलीन से फेनिल आयसो सायनाइड प्राप्त करने की अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
C6H5NH2 + CHCl3 + 3KOH → C6H5NC + 3KCI + 3H2O
प्रश्न 9.
ऐथेनेमीन से ऐथेनॉल प्राप्त करने की अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
C2H5NH2 + HNO2 → C2H5OH + N2 + H2O-H-NH
प्रश्न 10.
यूरिया का संरचनात्मक सूत्र बनाइए एवं IUPAC नाम लिखिए।
उत्तर:
IUPAC नाम-ऐमीनो मेथेनेमाइड
प्रश्न 11.
नाइदो बेन्जीन का Zn + HCI की उपस्थिति में अपचयन पर अभिक्रिया समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 12.
निम्नांकित अभिक्रिया को पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 13.
ऐथेनेमीन की क्षारीय प्रकृति दर्शाने वाला एक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 14.
प्राथमिक ऐमीन का क्वथनांक, तृतीयक ऐमीन से अधिक है, क्यों?
उत्तर:
प्राथमिक (1°) ऐमीन में प्रति अणु दो H-बन्ध पाये जाते हैं जबकि तृतीयक (3°) ऐमीन में H-बन्ध नहीं पाया जाता है। इस कारण प्राथमिक ऐमीन का क्वथनांक तृतीयक ऐमीन से अधिक होता है।
प्रश्न 15.
काबिलऐमीन अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
कार्बिलऐमीन अभिक्रिया
प्रश्न 16.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं में (A) एवं [B] को पहचानिए।
उत्तर:
प्रश्न 17.
नाइट्रोबेन्जीन के उदासीन माध्यम में अपचयन की अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
क्या होता है जब ऐनिलीन की क्रिया Br2 जल से करायी जाती है?
उत्तर:
2,4,6 - ट्राइब्रोमोऐनिलीन बनता है।
प्रश्न 19.
क्या होता है जब एथिलेमीन की क्रिया बेन्जोल्डिहाइड से कराते हैं?
उत्तर:
बेन्जेलिडीन एथिलेमीन (शिफ क्षारक) कनता है।
C6H5CHO + C2H5NH2 → C6H5CH2 = NC2H5 + H2O
प्रश्न 20.
मेण्डियस अभिक्रिया को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
यह ऐल्किल या ऐरिल सायनाइडों को सोडियम तथा ऐल्कोहॉल के साथ अपचयन है, इससे प्राथमिक (1°) ऐमीन प्राप्त होती है।
प्रश्न 21.
क्या होता है जब बेन्जेमाइड को ब्रोमीन के साथ क्षार की उपस्थिति में गर्म किया जाता है? रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
ऐनिलीन बनती है।
प्रश्न 22.
आप एथेनेमाइड को मेथेनेमीन में किस प्रकार परिवर्तित करेंगे?
उत्तर:
प्रश्न 23.
क्या होता है जब R - N = C का जल अपघटन अम्लीय माध्यम में किया जाता है? रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 24.
निम्न अभिक्रियाओं को पूर्ण कर उनके नाम लिखिए।
(i) RNH2 + CHCl3 + 3KOH →
(ii) RCONH2 + Br2 + 4NaOH →
उत्तर:
यह अभिक्रिया कार्बिलेमीन अभिक्रिया कहलाती है।
इस अभिक्रिया को हॉफमान ब्रोमेमाइड अभिक्रिया या हॉफमान निम्नीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
प्रश्न 25.
निम्न में A तथा B को पहचानिए:
उत्तर:
प्रश्न 26.
ऐमीनों के क्वथनांक संगत ऐल्केनों से उच्च क्यों होते।
उत्तर:
ऐमीनों के क्वथनांक संगत ऐल्केनों से हाइड्रोजन आबन्धन के कारण उच्च होते हैं। ऐल्केनों में केवल दुर्बल वाण्डरवाल्स बल पाए जाते हैं।
प्रश्न 27.
ट्राइमेथिलेमीन तथा n-प्रोपिलेमीन का अणुभार समान होता है लेकिन ट्राइमेथिलेमीन निम्न ताप 276 K) तथा n-प्रोपिलेमीन अधिक ताप (322 K) पर उबलता है। समझाइए।
उत्तर:
n-प्रोपिलेमीन में N-परमाणु पर दो हाइड्रोजन परमाणु होते हैं, अतः इसका क्वथनांक अन्तरा-आणविक हाइड्रोजन आबन्धन के कारण अधिक होता है। ट्राइमेथिलेमीन (CH3)3 तृतीयक ऐमीन होने के कारण इसमें N-परमाणु पर H-परमाणु नहीं होते हैं। जिसके परिणामस्वरूप इसमें हाइड्रोजन आबन्धन अनुपस्थित होता है तथा इसका क्वथनांक निम्न होता है।
प्रश्न 28.
कौन अधिक क्षारीय है-ऐनिलीन या अमोनिया?
उत्तर:
अमोनिया ऐनिलीन से अधिक क्षारीय होती है।
प्रश्न 29.
बेन्जीन वलय पर एक इलेक्ट्रॉन विमोचक प्रतिस्थापी की उपस्थिति किस प्रकार ऐरोमैटिक ऐमीन की क्षारीय सामर्थ्य को प्रभावित करती है?
उत्तर:
ऐरोमैटिक ऐमीन की क्षारीय सामर्थ्य बढ़ती है।
प्रश्न 30.
ऐरोमैटिक ऐमीनों में इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन, बेन्जीन की तुलना में शीघ्रता से क्यों होता है।
उत्तर:
अनुनाद के कारण ऐनिलीन के N-परमाणु पर इलेक्ट्रॉन बेन्जीन वलय पर विस्थानीकृत (delocalised) हो जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप बेन्जीन वलय पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है। दूसरे शब्दों में, ऐनिलीन सक्रिय हो जाती है अत: ऐनिलीन में इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन शीघ्रता से होता है।
प्रश्न 31.
क्या होता है जब एथिलेमीन की क्रिया एथिल मैग्नीशियम ब्रोमाइड से कराते हैं?
उत्तर:
एथेन बनती है।
प्रश्न 32.
एथिलेमीन से एथिल आइसोसायनाइड के विरचन के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 33.
एथिल ऐमीन की पहचान करने वाला एक रासायनिक परीक्षण लिखिए।
उत्तर:
C2H5NH2 को CHCl3 और (alc.) KOH के साथ गर्म करने पर तीव्र दुर्गन्ध युक्त पदार्थ एथिल आइसोसायनाइड बनता है।
प्रश्न 34.
ऐमीनोएथेन (एथिलेमीन) किस प्रकार एथेनल (ऐसीटेल्डिहाइड) से प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
प्रश्न 35.
निम्न अभिक्रिया को पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 36.
ऐमाइड ऐमीनों से अधिक अम्लीय होते हैं, क्यों?
उत्तर:
ऐमाइड ऐमीनों से अधिक अम्लीय होते हैं, क्योंकि -NH, समूह के N-परमाणु में एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म उपस्थित होता है, लेकिन एकाकी युग्म में निम्नवत् अनुनाद (resonance) पाया जाता है।
+R प्रभाव के कारण –NH, समूह के नाइट्रोजन परमाणु पर एकांकी युग्म इलेक्ट्रॉन की उपलब्धता घंटती है जिसके परिणामस्वरूप ऐसिड ऐमाइड ऐमीन से दुर्बल क्षर होते हैं। N-परमाणु पर धनावेश के कारण यह आसाली से प्रोटॉन त्यागकर दुर्बल अम्ल के समान व्यवहार करता है।
प्रश्न 37.
निम्नलिखित को घटते हुए अम्लीयता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
0 - नाइट्रो बेन्जोइक एसिड
p - नाइट्रो बेन्जोइक एसिड
m - नाइट्रो बेन्जोइक एसिड
उत्तर:
प्रश्न 38.
बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड से बेन्जोनाइट्राइल के निर्माण का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 39.
अभिक्रिया को पूर्ण कीजिए C6H5N2Cl + KI →
उत्तर:
प्रश्न 40.
आप बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड को नाइट्रोबेन्जीन में किस प्रकार परिवर्तित करेंगे?
उत्तर:
प्रश्न 41.
निम्न अभिक्रिया के मुख्य उत्पाद का सूत्र दीजिए।
उत्तर:
लघुत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
(a) एल्किन ऐमीन, अमोनिया से अधिक क्षारकीय है। समझाइए।
(b) निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रिया के क्रम में [A] तथा [B] को पहचानिए एवं रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
(a) अमोनिया तथा ऐल्किल ऐमीन प्रोटीन ग्रहण करके क्रमशः अमोनियम आयन तथा ऐल्किल अमोनियम आयन बनाती हैं।
ऐल्किल ऐमीन, अमोनिया से अधिक क्षारकीय है क्योंकि नाइट्रोजन से जुड़ा एल्किल समूह इलेक्ट्रॉन मुक्त करने की प्रकृति (+ I प्रभाव) के कारण, इलेक्ट्रॉनों को नाइट्रोजन की ओर प्रतिकर्षित करता है जिससे नाइट्रोजन पर उपस्थित एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म प्रोटोन से साझेदारी आसानी से हो जाती है।
[A] = C6H5NH2 एनिलीन
[B] = C6H5N2 + Cl- बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड
प्रश्न 2.
(अ) निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूरा कीजिए एवं A व B को पहचाहनए:
(ब) यूरिया की अनुनादी संरचनाएँ बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
(अ) निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूरा किजिए एवं A व B को पहचानिए:
(ब) एनीलीन की अनुनादी संरचनाएँ बनाइए।
उत्तर:
(ब) एनिलीन की अनुनादी संरचना
प्रश्न 4.
ऐमीन किन्हें कहते हैं? प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीन का एक-एक उदाहरण दीजिए तथा उनके साधारण नाम लिखिए।
उत्तर:
'ऐमीनः अमोनिया के ऐल्किल व्युत्पन्न को ऐल्किल ऐमीन कहते हैं।
प्राथमिक ऐमीन:
द्वितीयक ऐमीन:
तृतीयक ऐमीन:
प्रश्न 5.
नाइट्रोबेन्जीन की -NO2 समूह तथा बेन्जीन वलय की एक-एक अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
NO2 समूह की अभिक्रिया:
नाइट्रोबेन्जीन में नाइट्रोसमूह बेन्जीन वलय से जुड़ा होता है जो एक ऑक्सीकारक समूह है। इस कारण अभिक्रियाओं में इसका अपचयन होता है।
अपचयन:
नाइट्रोबेन्जीन का अपचयन निम्न पदों में होता है
नाइट्रोबेन्जीन का अपचयन उत्पाद माध्यम के pH और अपचायक की प्रकृति पर निर्भर करता है।
बेन्जीन वलय की अभिक्रिया :
इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापना अभिक्रिया नाइट्रोबेन्जीन में - NO2 समूह बेन्जीन वलय से जुड़ा होता है। नाइट्रकरण-नाइट्रोबेन्जीन को सान्द्र नाइट्रिक अम्ल तथा सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ 95 - 100°C पर गर्म करने पर मैटा-डाइनाइट्रो बेन्जीन बनती है।
m-डाइनाइट्रोबेन्जीन m-डाइनाइट्रोबेन्जीन को सधूम नाइिट्रक अम्ल और सधूम सल्फ्यूरिक अम्ल के मिश्रण के साथ गर्म करने पर 1, 3, 5-TNB बनती है। यह अभिक्रिया लगभग 5 दिन में पूर्ण होती है।
प्रश्न 6.
एक कार्बनिक यौगिक A के अपचयन से अणुसूत्र C2H7N वाला ऐमीन प्राप्त होता है जो क्लोरोफॉर्म तथा कास्टिक पोटाश के साथ गर्म करने पर तीव्र दुर्गन्ध वाला यौगिक B बनाता है। A तथा B के संरचनात्मक सूत्र तथा नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार यौगिक A की C6H5NO2 होने की सम्भावना लगती है।
C2H5NH2 की CHCl3 तथा KOH से क्रिया कराने पर यौगिक B बनता है जिसकी तीव्र दुर्गन्ध होती है।
प्रश्न 7.
डाइऐजोनियम लवण क्या है? बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड से क्लोरोबेन्जीन प्राप्त करने की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन का सबसे अधिक क्रियाशील व्युत्पन्न डाइऐजोनियम लवण है जिसका सामान्य सूत्र ArN + 2X- होता है।
जहाँ Ar ऐरिल समूह तथा X- आयन, CI, Br-, I-, HSO4-, BF-4 आदि में से कोई भी हो सकता है। इन लवणों में - N+ == N या N = N+ आयन को डाइऐजोनियम आयन कहते हैं। बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड को HCl के
प्रश्न 8.
एक यौगिक 'A' जिसका अणुसूत्र C3H7NO है। इसका जल-अपघटन करने पर यह एक ऐमीन 'B' तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल 'C' देता है। ऐमीन 'B' बेन्जीन सल्फोनिल क्लोराइड से क्रिया करके एक उत्पाद देता है जो कि KOH के जलीय विलयन में अविलेय है। कार्बोक्सिलिक अम्ल 'C' टॉलेन अभिकर्मक से अभिक्रिया करता है तथा रजत परीक्षण देता है।
यहाँ पर 'A', 'B' तथा 'C'क्या हैं?
उत्तर:
यहाँ पर,
सम्बन्धित अभिक्रियाएँ:
(B) एक द्वितीयक ऐमीन है क्योंकि यह हिंसबर्ग अभिकर्मक से क्रिया करके उत्पाद देता है तथा यह उत्पाद- KOH विलयन में अविलेय
प्रश्न 9.
यौगिक (A), C5H11NO ठण्डे क्षारीय अम्लीय विलयन में विलेय नहीं है। जब (A) का आसवन NaOH विलयन के साथ करते हैं तो एक गैस (B) निकलती है तथा एक लवण (C) बनता है जो ऐसीटिल क्लोराइड (B) से क्रिया करके (D) देता है। (D) का अणुसूत्र C4H9NO है। (B) HNO2 से क्रिया करके एक पीला तैलीय पदार्थ (E) बनाता है। अतः (A), (B), (C), (D) तथा (E) क्या हैं? बतायें?
उत्तर:
उपर्युक्त दी गई जानकारी यह बताती है कि यौगिक 'A' एक प्रतिस्थापित ऐमाइड होना चाहिए:
यौगिक (B) HNO2 से क्रिया करके एक पीला तैलीय द्रव बनाता है, अतः यह एक द्वितीयक ऐमीन है।
प्रश्न 10.
आप किस प्रकार परिवर्तित करेंगे:
(1) ऐनिलीन से बेन्जोइक अम्ल
(2) ऐथिल आइसोसायनाइड से ऐथिलेमीन
(3) ऐनिलीन से p-ऐमीनो ऐजोबेन्जीन
(4) ऐनिलीन से N-फेनिल ऐथेनेमाइड
(5) p-टॉलूइडीन से 2-ब्रोमो-4-मेथिल ऐनिलीन
(6) बेन्जीन सल्फोनिक अम्ल से ऐनिलीन
उत्तर:
(1) ऐनिलीन से बेन्जोइक अम्ल
(2) ऐथिल आइसोसायनाइड से ऐथिलेमीन'
(3) ऐनिलीन से p-ऐमीनो ऐजोबेन्जीन
(4) ऐनिलीन से N-फेनिल ऐथेनेमाइड
(5) p-टॉलुइडीन से 2-ब्रोमो-4-मेथिल ऐनिलीन
(6) बेन्जीन सल्फोनिक अम्ल से ऐनिलीन
प्रश्न 11.
C3H9N का एक समावयव लिखिए जो क्लोरोफॉर्म और एथेनॉलिक NaOH के साथ अभिकृत करने पर दुर्गन्धयुक्त पदार्थ
आइसोसायनाइड देता है।
उत्तर:
प्राथमिक एमीन की क्लोरोफार्म से एथेनॉलिक NaOH के साथ पर ऐल्किल आइसोसायनाइड प्राप्त होते हैं। जिनकी अरूचिकर गन्ध होती है।
प्रश्न 12.
दिए गए निर्देश के अनुसार निम्नलिखित यौगिकों को व्यवस्थित कीजिए:
(i) जल में विलेयता के बढ़ते क्रम में:
(CH3)2 NH,CH3 NH2 C6H5NH2
(ii) जलीय विलयन में क्षारकीय सामर्थ्य के घटते क्रम में:
(CH3)3 N, (CH3)2 NH, CH3NH2
(ii) क्वथनांकों के बढ़ते क्रम में:
(C2H5)2N, (C2H5)3N, C2H5NH2
उत्तर:
(i) जल में विलेयता के बढ़ते क्रम में:
CH3NH2 > (CH3)2 NH > C6H5NH2
(ii) जलीय विलयन में क्षारकीय सामर्थ्य के घटते क्रम में:
(CH3)3N < CH3NH2 < (CH3)2NH
(iii) क्वथनांकों के बढते क्रम में:
C6H5NH2 > (C2H5)2 NH > (C2H5)3 N
प्रश्न 13.
कारण बतायें:
1. ऐरोमैटिक ऐमीनों में इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन बेन्जीन की तुलना में अधिक शीघ्रता से होता है।
2. मोनो ब्रोमो व्युत्पन्न बनाने के लिए ऐनिलीन का ऐसीटिलीकरण किया जाता है।
उत्तर:
प्रश्न 14.
निम्न अभिक्रियाओं को पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 15.
आप निम्न परिवर्तन कैसे करेंगे?
1. ऐथिलेमीन से ऐथिल ऐल्कोहॉल
2. ऐसीटिक अम्ल से मेथिलेमीन
3. प्रोपिओनैमाइड से ऐथिलेमीन
4. एथिल क्लोराइड से n-प्रोपिलेमीन
5. ऐथिलेमीन से एथिल आइसोसायनाइड
6. एथिल एल्कोहॉल से मेथिलेमीन
7. ऐसीटिक अम्ल से ऐथिलेमीन
8. ऐथिलऐमीन से मेथिलऐमीन
9. मेथिलेमीन से ऐथिलेमीन
उत्तर:
1. ऐथिलेमीन से ऐथिल ऐल्कोहॉल
2. ऐसीटिक अम्ल से मेथिलेमीन
3. प्रोपेनेमाइड से ऐथिलेमीन
4. ऐथिल क्लोराइड से n-प्रोपिलेमीन
5. ऐथेनेमीन से एथिल आइसोसायनाइड
6. ऐथिल एल्कोहॉल से मेथेनेमीन
7. ऐसीटिक अम्ल से ऐथेनेमीन
8. ऐथिलेमीन से ऐसीटिल क्लोराइड
9. मेथिलेमीन से ऐथिलेमीन
प्रश्न 16.
मेथिलेमीन का pkb का मान ऐनिलीन की तुलना में कम होता है क्यों?
उत्तर:
मेथिलेमीन एनिलीन की तुलना में प्रबल क्षारीय होती है। CH3 समूह के + I प्रभाव के कारण N पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ता है, जिससे क्षारीय प्रवृत्ति बढ़ती है जबकि ऐनिलीन अनुनाद के कारण स्थायी हो जाता है अतः इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति घटती है एवं क्षारकता घटती है।
प्रश्न 17.
(CH3)3 N की क्षारकता CH3NH2 से कम है। समझाइये।
उत्तर:
ट्राईमेथिलेमीन में उपस्थित तीन मेथिल समूह एक N परमाणु पर उपस्थित होने के कारण त्रिविमीय अवरोध के कारण N पर स्थित इलेक्ट्रॉन युग्म को पृथक करने में बाधा उत्पन्न करते हैं। अतः (CH3)3N की क्षारकता CH3NH2 से कम होती है।
प्रश्न 18.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के मुख्य उत्पादों की संरचनाएँ लिखिए:
उत्तर:
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
(i) ऐनिलीन के डाइएजोटीकरण से क्या अभिप्राय है? अभिक्रिया का समीकरण लिखिये।
(ii) एनिलीन की निम्नलिखित के साथ होने वाली अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए
(A) हिन्सबर्ग अभिकर्मक से
(B) ब्रोमीन जल से
(C) नाइटीकारी मिश्रण से
(D) क्षार की उपस्थिति में क्लोरोफॉर्म से।
उत्तर:
(i) डाइएजोटीकरण-ऐनिलीन एवं नाइट्रस अम्ल की अभिक्रिया द्वारा 273 - 258 ताप पर बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड को बनाया जाता है। नाइट्रस अम्ल अभिक्रिया मिश्रण में हो सोडियम नाइट्राइट तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से उत्पन्न करते हैं। प्राथमिक ऐरोमैटिक ऐमीन के डाइऐजोनियम में परिवर्तन को डाइएजोटीकरण कहते हैं। अस्थायी प्रकृति के कारण डाइऐजोनियम लवण का भण्डारण नहीं करते और बनते ही तुरन्त प्रयोग कर लेते हैं।
(ii) ऐनिलीन की अभिक्रिया निम्न के साथ इस प्रकार होती है
(A) हिन्सबर्ग अभिकर्मक से: बेन्जीन सल्फोनिल क्लोराइड (C6H5SO2Cl) जिसे हिन्सबर्ग अभिकर्मक कहते हैं। प्राथमिक ऐमीन या ऐनिलीन के साथ यह अभिकर्मक सल्फोनमाइड बनाता है।
(B) ब्रोमीन जल से
(C) नाइट्रीकारी मिश्रण से-ऐनिलीन के सीधे नाइट्रीकरण से नाइट्रो व्युत्पन्नों के अतिरिक्त अन्य कोलतारी ऑक्सीकरण उत्पाद भी बनते हैं। इसके अलावा प्रबल अम्लीय माध्यम में ऐनिलीन प्रोटॉन ग्रहण कर ऐनिलीनियम आयन बनाती है जो मेटा निर्देशक है। इसी कारण आर्थो एवं पैरा व्युत्पन्न के अलावा मेटा व्युत्पन्न की भी महत्वपूर्ण मात्रा बनती है।
(D) क्षार की उपस्थिति में क्लोरोफॉर्म से-एनिलीन की क्रिया क्लोरोफॉर्म के साथ क्षार की उपस्थिति में करने पर दुर्गन्ध युक्त आइसो सायनाइड प्राप्त होता है।
प्रश्न 2.
(अ) एनिलीन एवं N-मेथिल एनिलीन में विभेद के लिये एक रासायनिक परीक्षण दीजिए।
(ब) डाइमेथिल एमीन मेथिल एमीन से प्रबल क्षार है, कारण दीजिए।
(स) ऐनिलीन से कैसे प्राप्त करेंगे? केवल समीकरण दें।
(i) 2, 4, 6 ट्राइब्रोमो एनिलीन
(ii) बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड
उत्तर:
(अ)
(ब) जलीय माध्यम में मेथिल प्रतिस्थापित ऐमीनों के क्षारकीय प्राबल्य का क्रम इस प्रकार है
(CH3)2NHẠCH NH > (CH3)3 N > NH3.
अतः डाइ मेथिल ऐमीन मेथिल ऐमीन से प्रबल क्षार है।
प्रश्न 3.
(अ) निम्नलिखित अभिक्रिया के अनुक्रम में x तथा Y को पहचानिए एवं प्रयुक्त दोनों अभिक्रियाओं के नाम भी लिखिए:
(ब) ऐल्किल ऐमीन अमोनिया से प्रबल क्षारक है। कारण दीजिए।
उत्तर:
(अ) प्रथम अभिक्रिया-हॉफमान ब्रोमऐमाइड अभिक्रिया है द्वितीय अभिक्रिया - कार्बिलऐमीन अभिक्रिया है
(ब) ऐल्किल ऐमीन अमोनिया की तुलना में अधिक क्षारीय होते हैं (Alkyl Amines are stronger bases thanAmmonia): ऐल्किल ऐमीन की क्षारकता की तुलना अमोनिया से करने के लिये दोनों की प्रोटॉन ग्रहण करने की अभिक्रिया की तुलना करनी पड़ती है।
इलेक्ट्रॉन मुक्त करने की प्रकृति के कारण ऐल्किल (R) समूह इलेक्ट्रॉन को नाइट्रोजन की ओर धकेलते हैं और इस प्रकार से नाइट्रोजन के असहभाजित इलेक्ट्रॉन युगल की प्रोटॉन से साझेदारी के लिये उपलब्धता को बढ़ा देते हैं। इसके अलावा ऐमीन से प्राप्त हुआ प्रतिस्थापित अमोनियम आयन, ऐल्किल समूह के + I प्रभाव के कारण आवेश के वितरण द्वारा स्थायित्व प्राप्त करता है। अतः ऐल्किल ऐमीन अमोनिया के प्रबल क्षारक होते हैं।
प्रश्न 4.
एमीन बनाने की किन्हीं तीन विधियों को समझाइए। एलिफैटिक एमीनों की जल में विलेयता तथा क्वनांकों को समझाइए।
उत्तर:
(1) ऐल्किल हैलाइडों से (FromAlkyl Halides):
(a) ऐल्किल हैलाइडों का ऐमीनोअपघटन (By ammonolysis of alkyl halides): ऐल्किल अथवा बेन्जिल हैलाइडों में कार्बन-हैलोजन आबन्ध नाभिकरागी द्वारा सरलता से विदलित हो जाता है। अतः ऐल्किल अथवा बेन्जिल हैलाइड अमोनिया के एथेनॉलिक विलयन से नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया करते हैं जिसमें हैलोजन परमाणु ऐमीनो (-NH2) समूह से प्रतिस्थापित हो जाता है। अमोनिया अणु द्वारा C - X आबन्ध के विदलन की प्रक्रिया को अमोनीअपघटन (Ammonolysis) कहते हैं।
यह अभिक्रिया 373 K ताप पर सील बन्द नलिका में करते हैं। इस प्रकार से प्राप्त प्राथमिक ऐमीन नाभिकरागी की तरह व्यवहार करती है और पुनः ऐल्किल हैलाइड से अभिक्रिया करके द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीन तथा अन्ततः चतुष्क अमोनियम लवण बना सकती है।
यहाँ पर हैलाइडों की ऐमीनों से अभिक्रियाशीलता का क्रम निम्न प्रकार है
RI > RBr > RCI
अमोनियम लवण से मुक्त ऐमीन प्रबल क्षार द्वारा अभिक्रिया से प्राप्त की जा सकती है।
R-NH3X + NaOH → RNH2 + H2O + Nax
परन्तु अमोनीअपघटन में यह असुविधा है कि इससे प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीन तथा चतुष्क अमोनियम लवण का मिश्रण प्राप्त होता है। यद्यपि अमोनिया आधिक्य में लेने पर प्राप्त मुख्य उत्पाद प्राथमिक ऐमीन हो सकता है।
(b) सोडियम ऐजाइड से क्रिया के बाद अपचयन से (By treatmentwith sodium azide followed by reduction): ऐल्किल हैलाइडों की क्रिया सोडियम ऐजाइड से कराने पर नाभिकरागी विस्थापन होता है और ऐल्किल ऐजाइडों का निर्माण होता है। इसका उत्प्रेरकीय अपचयन करने पर प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होता है।
(c) गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण (Gabriel Phthalimide synthesis): गैब्रिएल संश्लेषण का प्रयोग प्राथमिक ऐमीनों के विरचन के लिए किया जाता है। थैलिमाइड एथेनॉलिक पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया द्वारा थैलिमाइड का पोटैशियम लवण बनाता है जो ऐल्किल हैलाइड के साथ गर्म करने के पश्चात् क्षारीय जल-अपघटन द्वारा संगत प्राथमिक ऐमीन उत्पन्न करता है। ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन इस विधि से नहीं बनाई जा सकर्ती है, क्योंकि ऐरिल हैलाइड थैलिमाइड से प्राप्त ऋणायन के साथ नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया नहीं कर सकते।
थैलिमाइड
(2) नाइट्राइलों का अपचयन (Reduction of Nitriles): नाइट्राइलों का अपचयन कुछ अपचायकों जैसे- LiAIH, Na/C,H,OH या H./Ni आदि की उपस्थिति में कराने पर 1 ऐमीन प्राप्त होता है।इस अभिक्रिया का उपयोग ऐमीन श्रेणी के आरोहण (ascent) में, अर्थात् प्रारम्भिक ऐमीन से एक अधिक कार्बन वाले ऐमीन के विरचन में किया जाता है।
यदि सायनाइडों का अपचयन सोडियम तथा ऐल्कोहॉलों की उपस्थिति में किया जाये तो यह अभिक्रिया मेण्डियस अपचयन (Mendius reduction) कहलाती है।
(3) हॉफमान ब्रोमैमाइड अभिक्रिया (Hoffmann's Bromamide Reaction): हॉफमान ने प्राथमिक ऐमीनों के विरचन के लिए एक विधि विकसित की जिसमें किसी ऐमाइड की NaOH के जलीय अथवा एथेनॉलिक विलयन में ब्रोमीन से अभिक्रिया करते हैं। इस निम्नीकरण अभिक्रिया में ऐल्किल अथवा ऐरिल समूह का स्थानान्तरण ऐमाइड के कार्बोनिल कार्बन से ऐमीन के कार्बोनिल परमाणु पर होता है। इस प्रकार प्राप्त ऐमीन में ऐमाइड से एक कार्बन कम होता है।
(4) ऐमाइडों का अपचयन (Reduction of Amides): ऐमाइड लीथियम ऐलुमिनियम हाइड्राइड द्वारा अपचयित होकर ऐमीन देते हैं।
(5) नाइट्रो यौगिकों के अपचयन से (By Reduction of Nitro Compounds): नाइट्रो यौगिक सूक्ष्म विभाजित निकिल, पैलेडियम अथवा प्लैटिनम की उपस्थिति में हाइड्रोजन गैस प्रवाहित करने से ऐमीनों में अपचयित हो जाते हैं। अम्लीय माध्यम में धातुओं द्वारा भी इनका अपचयन हो सकता है। इसी प्रकार से नाइट्रोऐल्कोन भी संगत ऐल्केनेमीनों में अपचयित की जा सकती हैं।
रद्दी लोहे एवं हाइड्रोक्लोरिक अम्ल द्वारा अपचयन को वरीयता दी जाती है, क्योंकि अभिक्रिया में जनित FeCl2 जल अपघटित होकर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल देता है। अत: केवल अभिक्रिया प्रारम्भ करने के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है।
प्रश्न 5.
प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक एमीनों में विभेद कीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन तथा हाइड्रोजन परमाणुओं की विद्युत ऋणात्मकता में अन्तर तथा नाइट्रोजन परमाणु पर असहभाजित इलेक्ट्रॉन युगल की उपस्थिति ऐमीन को सक्रिय बना देती है।
प्राथमिक (- NH2 ), द्वितीयक imm एवं तृतीयक imm ऐमीनों की बहुत-सी अभिक्रियाओं में भिन्नता होती है। इसके अतिरिक्त, असहभाजित इलेक्ट्रॉन युगल की उपस्थिति के कारण ऐमीन नाभिकरागी के समान व्यवहार करती है।
ऐमीनों की कुछ अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार हैं।
1. ऐमीनों के क्षारकीय गुण (Basie Properties of Amines): क्षारकीय प्रकृति होने के कारण ऐमीन अम्लों से अभिक्रिया कर लवण बनाती हैं।
ऐमीन लवण NaOH जैसे क्षार से अभिक्रिया करकके पुनः एमीन बनाते हैं।
ऐमीन की खनिज अम्लों से अभिक्रिया द्वारा लवणों का बनना इनकी क्षारकीय प्रकृति को दर्शाता है। ऐमीनों में एक असहभाजित इलेक्ट्रॉन युगल उपस्थित होने के कारण यह लईस क्षारक की भाँति व्यवहार करती है।
ऐमीनों के क्षारकीय गुणों की उनके K, एवं pK, के मान पर विचार करके भली-भाँति व्याख्या की जा सकती है
साम्यावस्था के नियमानुसार,
\(\mathrm{K}=\frac{\left[\mathrm{RNH}_3\right]\left[\mathrm{OH}^{-}\right]}{\left[\mathrm{RNH}_2\right]\left[\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\right]}\)
अथवा
\(\mathrm{K}\left[\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\right]=\frac{\left[\mathrm{RNH}_3\right]\left[\mathrm{OH}^{-}\right]}{\left[\mathrm{RNH}_2\right]}\)
अथवा
\(\mathrm{K}_b=\frac{\left[\mathrm{RNH}_3\right]\left[\mathrm{OH}^{-}\right]}{\left[\mathrm{RNH}_2\right]}\)
यहाँ स्थिरांक 'Kb' क्षारकता स्थिरांक (basicity constant) कहलाता है। Kb के अलावा हम ऐमीन की क्षारकता को pKb के रूप में भी व्यक्त कर सकते हैं।
pKb = log Kb
अतः प्रत्येक ऐमीन के लिये Kb का मान जितना अधिक होगा अथवा pkb का मान जितना कम होता है, क्षारक उतना ही प्रबल होता है। कुछ ऐमीनों के Kb तथा pKb मानों को सारणी 13.5 में व्यक्त किया गया है।
प्रश्न 6.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए।
(a) डाईएजोनियम लवण
(b) डाईएजोनियम लवणों का स्थायित्व
(c) डाइएजोनियम लवणों के नाइट्रोजन प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ।
उत्तर:
(a), (b) अनुच्छेद देखें।
(c) डाइऐजोनियम लवणों की रासायनिक अभिक्रियाओं को मुख्य रूप से दो वर्गों में बाँटा गया है।
(क) नाइट्रोजन प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ
(ख) अभिक्रियाएँ जिनमें डाइऐजोनियम सुरक्षित रहता है।
(क) नाइट्रोजन प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ (Nitrogen Displacement Reactions): डाइऐजोनियम समूह एक उत्तम अवशिष्ट समूह होने के कारण Cl-, Br-, I-, CN-, OH- आदि समूहों द्वारा आसानी से प्रतिस्थापित हो जाता है तथा ये समूह ऐरोमैटिक वलय से नाइट्रोजन गैस मुक्त करते हैं। मुक्त नाइट्रोजन अभिक्रिया मिश्रण से गैस के रूप में निकल जाती है।
(1) हैलाइड आयन द्वारा प्रतिस्थापन (Replacement by Halide Ions): ऐरोमैटिक डाइऐजोनियम लवण की अभिक्रिया क्यूप्रस क्लोराइड के साथ करने पर ऐरिल क्लोराइड, क्यूप्रस ब्रोमाइड से कराने पर ऐरिल ब्रोमाइड बनते हैं। यह अभिक्रिया सैण्डमायर अभिक्रिया (Sandmeyer's reaction) कहलाती है।
(2) सायनाइड आयन द्वारा प्रतिस्थापन (Replacement by Cyanide lon): ऐरोमैटिक डाइऐजोनियम लवण की अभिक्रिया क्यूप्रस सायनाइड के साथ कराने पर ऐरिल सायनाइड बनता है।
(3) गाटरमान अभिक्रिया (Gattermann Reaction): ऐरोमैटिक डाइऐजोनियम लवण की अभिक्रिया Cu/HCl या Cu/HBr की उपस्थिति में कराने पर ऐरिल क्लोराइड व ऐरिल ब्रोमाइड बनता है।
(4) आयोडाइड आयन द्वारा प्रतिस्थापन (Replacement by lodide Ion): आयोडीन को सीधे बेन्जीन वलय में सरलता से नहीं जोड़ा जा सकता, किन्तु जब डाइऐजोनियम लवण के विलयन की अभिक्रिया पोटैशियम आयोडाइड से कराते हैं तो आयोडोबेन्जीन बनती है।
(5) फ्लु ओराइड आयन द्वारा प्रतिस्थापन (Replacement by Fluoride lon): जब ऐरीन डाइऐजोनियम क्लोराइड की अभिक्रिया फ्लुओरोबोरिक अम्ल से कराते हैं तो ऐरीन डाइऐजोनियम फ्लुओरोबोरेट अवक्षेपित हो जाता है, जो गर्म करने पर विघटित होकर ऐरिल फ्लु ओराइड देता है। Ncr
फ्लुओरोबेन्जीन यह अभिक्रिया बाल्ज-शीमान अभिक्रिया (Balz-Schiemann Reaction) कहलाती है।
(6) हाइड्रोजन द्वारा प्रतिस्थापन (Displacement by Hydrogen)हाइपोफॉस्फोरस अम्ल (फॉस्फिनिक अम्ल) अथवा एथेनॉल जैसे दुर्बल अपचयन कर्मक डाइऐजोनियम लवों को एथेनैल में ऑक्सीकृत कर देते हैं।
(7) हाइड्रॉक्सिल समूह द्वारा प्रतिस्थापन (Displace-ment by HydroxyIGroup): यदि डाइऐजोनियम लवण विलयन का ताप 283K तक बढ़ने दिया जाए तो लवण जल अपघटित होकर फीनॉल देते हैं।
(8) NO2 समूह द्वारा प्रतिस्थापन (Displacement by -NO2, Group): जब डाइऐजोनियम फ्लुओरोबोरेट को कॉपर की उपस्थिति में सोडियम नाइट्राइट के जलीय विलयन में गर्म किया जाता है, तब डाइऐजोनियम समूह, -NO2 समूह द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न:
प्रश्न 1.
जलीय विलयन में मेथिल प्रतिस्थापित ऐमीनों के क्षारीय प्रबलता का सही क्रम होगा
(a) CH3NH2 > (CH3)2NH > (CH3)3N
(b) (CH3)2NH > CH3NH2 > (CH3)3N
(c) (CH3)2NH > CH3NH2 > (CH3)3N
(d) (CH3)3N > (CH3)2NH > CH3NH2
उत्तर:
(b) (CH3)2NH > CH3NH2 > (CH3)3N
प्रश्न 2.
ऐनिलीन का नाइट्रीकरण प्रबल अम्लीय माध्यम में करने पर m नाइट्रोऐनिलीन भी बनाता है, क्योंकि
(a) प्रतिस्थापक की अनुपस्थिति में नाइट्रो समूह हमेशा m-स्थिति पर जाता है।
(b) इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया में ऐमीनों समूह m निर्देशकारी है।
(c) प्रतिस्थापक की उपस्थिति के बावजूद नाइट्रो समूह हमेशा केवल m-स्थिति पर ही जाता है।
(d) अम्लीय (प्रबल) माध्यम में ऐनिलीन ऐनिलीनियम आयन के रूप में होती है।
उत्तर:
(d) अम्लीय (प्रबल) माध्यम में ऐनिलीन ऐनिलीनियम आयन के रूप में होती है।
प्रश्न 3.
निम्न यौगिकों की क्षारीय क्षमता का बढ़ता हुआ सही क्रम है:
(a) II < III < I
(b) III < I < II
(c) III < II < I
(d) II < I < III
उत्तर:
(d) II < I < III
प्रश्न 4.
ऐसीटैमाइड का मेथिल ऐमीन में रूपांतरण के लिए निम्न में से कौन-सी अभिक्रिया उचित हैं?
(a) कार्बिलऐमीन अभिक्रिया
(b) हॉफमान ब्रोमेमाइड अभिक्रिया
(c) स्टीफेन अभिक्रिया।
(d) गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण
उत्तर:
(b) हॉफमान ब्रोमेमाइड अभिक्रिया
प्रश्न 5.
निम्न में से कौन-सा नाइट्रो यौगिक, नाइट्स अम्ल से क्रिया नहीं करता है?
उत्तर:
प्रश्न 6.
एक दिया गया नाइट्रोजन युक्त ऐरोमैटिक यौगिक A, Sn/HCl तथा बाद में HNO2 से क्रिया करके एक अस्थायी यौगिक B देता है। B फ़ीनॉल के साथ क्रिया करके एक सुन्दर रंगीन यौगिक C बनाता है, जिसका अणु-सूत्र C12H1ON2O है। यौगिक A की संरचना है
उत्तर:
प्रश्न 7.
ऐरीलऐमीन के क्षारकता के लिए सही कथन है
(a) ऐरिल समूह के कारण ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किलऐमीन से ज्यादा क्षारीय है।
(b) ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किलऐमीन से ज्यादा क्षारीय है क्योंकि ऐरीलऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु sp-संकरित है।
(c) ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किलऐमीन से कम क्षारीय होती है क्योंकि नाइट्रोजन के एकाकी-युग्म इलेक्ट्रॉन ऐरीमैटिक वलय के रा-इलेक्ट्रॉन के साथ विस्थापित होते हैं।
(d) ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किऐमीन से ज्यादा क्षारीय होती है क्योंकि नाइट्रोजन के एकाकी-युग्म इलेक्ट्रॉन ऐरोमैटिक वलय के T इलेक्ट्रॉन के साथ विस्थापित नहीं होते हैं।
उत्तर:
(c) ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किलऐमीन से कम क्षारीय होती है क्योंकि नाइट्रोजन के एकाकी-युग्म इलेक्ट्रॉन ऐरीमैटिक वलय के रा-इलेक्ट्रॉन के साथ विस्थापित होते हैं।
प्रश्न 8.
ऐल्डिहाइड तथा प्राथमिक ऐमीन की अभिक्रिया से बना उत्पाद
(a) शिफ क्षार
(b) कीटोन
(c) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(d) ऐरोमैटिक अम्ल
उत्तर:
(a) शिफ क्षार
प्रश्न 9.
अणुसूत्र C3H9N से बनने वाले संभावित संरचनात्मक समावयवियों की संख्या है
(a) 4
(b) 5
(c) 2
(d) 3
उत्तर:
(a) 4
प्रश्न 10.
प्रबल अम्लीय माध्यम में नाइट्रोबेन्जीन का वैद्युत अपघटनी अपचयन देता है
(a) ऐजॉक्सीबेन्जीन
(b) ऐजोबेन्जीन
(c) ऐनिलीन
(d) p-ऐमीनोफीनॉल
उत्तर:
(d) p-ऐमीनोफीनॉल