These comprehensive RBSE Class 12 Business Studies Notes Chapter 5 संगठन will give a brief overview of all the concepts.
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→ विषय प्रवेश:
जब योजनाएँ तैयार कर ली जाती हैं तथा उद्देश्यों को सुनिश्चित कर लिया जाता है तो आगामी कदम उन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए संसाधनों को संगठित करना होता है। योजनाओं को लागू करने में संगठन की एक मुख्य एंव, महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। संगठन कार्य, संगठन जन-संरचना का निर्माण करने में नेतृत्व करता है।
→ संगठन का अर्थ:
संगठन निश्चित रूप से मानवीय प्रयासों में सामन्जस्य स्थापित करने तथा संसाधनों को जोड़ने तथा दोनों को एकत्रित करने में लागू होता है ताकि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनका उपयोग हो सके। एक प्रक्रिया के रूप में, संगठन एक ऐसी प्रक्रिया है जो योजनाओं को, कार्य के स्पष्टीकरण, कार्यशैली सम्बन्ध तथा संसाधनों को प्रभावपूर्ण ढंग से काम पर लगा कर लागू करती है तथा चिह्नित एवं इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त करती है।
→ संगठन प्रक्रिया के कदम/चरण
→ संगठन का महत्त्व
→ संगठन ढाँचा:
संगठन ढाँचे का अर्थ-संगठनात्मक ढाँचा एक रूपरेखा है जिसके अन्तर्गत प्रबन्धकीय तथा संचालन कार्य को पूरा किया जाता है। इसमें मनुष्य के कार्य तथा संसाधनों का सम्बन्ध स्पष्ट किया जाता है तथा व्यावसायिक संस्थान को वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सामर्थ्यवान बनाता है।
→ संगठनात्मक ढाँचों के प्रकार:
संगठनात्मक ढाँचों के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं
1. कार्यात्मक संगठन ढाँचा:
2. प्रभागीय संगठन ढाँचा: प्रभागीय संगठन ढाँचे की रचना उत्पादन रेखा पर आधारित होती है तथा कार्यों द्वारा समर्पित होती है।
→ औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन
औपचारिक संगठन:
औपचारिक संगठन से तात्पर्य किसी विशिष्ट कार्य को पूरा करने के लिए प्रबन्धकों द्वारा तैयार किये गये ढाँचे से है। यह अधिकार तथा उत्तरदायित्वों की सीमाओं का स्पष्टीकरण करता है।
→ औपचारिक संगठन के प्रमुख लक्षण हैं:
आपसी सम्बन्धों को स्पष्ट करना, उद्देश्य प्राप्ति का साधन, प्रयासों को समन्वित करना, उच्चस्तरीय प्रबन्ध द्वारा विचार-विमर्ष, कार्य निष्पादन पर अधिक ध्यान।
→ औपचारिक संगठन के प्रमुख गुण इस प्रकार हैं:
उत्तरदायित्व निर्धारण में आसानी, भ्रम की स्थिति नहीं, आदेश की एकता बनी रहना, कार्य का प्रभावपूर्ण सम्पादन तथा संगठन में स्थायित्वता।
→ औपचारिक संगठन के प्रमुख दोष इस प्रकार हैं:
निर्णय लेने में विलम्ब, रचनात्मक प्रतिभा को समुचित मान्यता नहीं, मानवीय सम्बन्धों को समझना कठिन। ___अनौपचारिक संगठन-संस्था में कार्य करते समय व्यक्तियों में आपसी तालमेल अनायास ही स्थापित होना तथा कर्मचारियों में सामाजिक सम्बन्धों का तंत्र उदय होना, अनौपचारिक संगठन कहलाता है।
→ अनौपचारिक संगठन के प्रमुख लक्षण हैं:
अभ्युदय कर्मचारियों के व्यक्तिगत अंतःक्रिया के परिणामस्वरूप, समूह नियमों से ही व्यावहारिक मानकों का उदय, स्वतन्त्र सम्प्रेषण, स्वतः बनना, निश्चित ढाँचा या रूप नहीं।
→ अनौपचारिक संगठन के गुण इस प्रकार हैं:
सूचनाएँ शीघ्र पहुँचना, सदस्यों की सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करना, औपचारिक संगठन की कमियों को दूर करना।
→ अनौपचारिक संगठन के प्रमुख दोष हैं:
अफवाहें फैलाना, प्रतिरोध या विलम्ब कराना, सदस्यों को समूह आकांक्षाओं के अनुरूप चलने के लिए बाध्य करना। अन्तरण
→ अन्तरण का अर्थ: अन्तरण से तात्पर्य एक उच्च पदासीन अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारी को ऊँची से नीची स्थिति की ओर अधिकार प्रत्यायोजन है।
→ अधिकार अन्तरण के तत्त्व
→ अन्तरण का महत्त्व
→ विकेन्द्रीकरण. विकेन्द्रीकरण का अर्थ:
विकेन्द्रीकरण का अर्थ संगठन के प्रत्येक स्तर पर अधिकार अन्तरण करना होता है। इसमें निर्णय लेने का अधिकार आदेश की श्रृंखला में नीचे तक सौंपा जाता है।
→ केन्द्रीकरण एवं विकेन्द्रीकरण अर्थ:
यदि निर्णय लेने का अधिकार केवल उच्च प्रबन्ध को ही होता है तो वह संगठन केन्द्रीकृत कहलाता है, यदि यही अधिकार अधीनस्थों को अंतरित कर दिया जाता है तो यह विकेन्द्रीकृत कहलाता है।
→ विकेन्द्रीकरण का महत्त्व: