RBSE Class 11 Psychology Notes Chapter 8 चिंतन

These comprehensive RBSE Class 11 Psychology Notes Chapter 8 चिंतन will give a brief overview of all the concepts.

RBSE Class 11 Psychology Chapter 8 Notes चिंतन

→ चिंतन एक जटिल मानसिक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम सूचनाओं (अर्जित अथवा संचित) का प्रहस्तन करते हैं। चिंतन एक आंतरिक प्रक्रिया है जिसका अनुमान व्यवहार से किया जा सकता है। चिंतन में मानस चित्रण निहित है जो या तो मानसिक प्रतिमा अथवा संप्रत्यय हो सकता है।

→ समस्या समाधान, तर्कना, निर्णयन, निर्णय करना तथा सर्जनात्मक चिंतन जटिल विचार प्रक्रियाएँ हैं।

→ समस्या समाधान विशिष्ट समस्याओं के समाधान की ओर निर्देशित चिंतन है।

→ मानसिक विन्यास, कार्यात्मक स्थिरता, अभिप्रेरण का अभाव तथा दृढ़ता प्रभावशाली समस्या समाधान के लिए कुछ बाधाएँ हैं। 

→ तर्कना भी समस्या समाधान की तरह लक्ष्य निर्देशित होती है, इसमें निष्कर्ष निकालना होता है, और यह निगमनात्मक अथवा आगमनात्मक हो सकती है।

→ निर्णय लेने में हम निष्कर्ष निकालते हैं, मत बनाते हैं, वस्तुओं या घटनाओं के संबंध में निर्णय लेते हैं।

→ निर्णयन में व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों में से चयन करना होता है।

→ निर्णय लेना तथा निर्णयन अंतःसंबंधित प्रक्रियाएँ हैं।

→ सर्जनात्मक चिंतन में कुछ नई एवं मौलिक चीजों को उत्पन्न करना निहित है- चाहे वह एक विचार हो, वस्तु हो अथवा किसी समस्या का समाधान हो।

RBSE Class 11 Psychology Notes Chapter 8 चिंतन 

→ सर्जनात्मक चिंतन का विकास करने के लिए सर्जनात्मक अभिव्यक्ति की बाधाओं को दूर करने तथा सर्जनात्मक चिंतन कौशलों एवं योग्यताओं को बढ़ाने वाले उपायों के उपयोग करने की आवश्यकता होती है।

→ भाषा स्पष्ट रूप से मानवीय विशेषता है। इसमें प्रतीक होते हैं जो मनुष्यों के बीच आशय, अनुभूतियों, अभिप्रेरकों तथा इच्छाओं को संप्रेषित करने के लिए कुछ नियमों के आधार पर संगठित होते हैं। • भाषा में प्रमुख विकास प्रथम दो से तीन साल की उम्र के दौरान होता है।

→ भाषा एवं विचार जटिल रूप से संबंधित हैं।

Prasanna
Last Updated on Sept. 23, 2022, 2:44 p.m.
Published Sept. 23, 2022