RBSE Class 11 Psychology Notes Chapter 7 मानव स्मृति

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RBSE Class 11 Psychology Chapter 7 Notes मानव स्मृति

→ स्मृति में तीन अंत:संबंधित प्रक्रियाएँ- कूट संकेतन, भंडारण एवं पुनरुद्धार सम्मिलित हैं।

→ कूट संकेतन का तात्पर्य आने वाली सूचना को इस प्रकार पंजीकृत करना है कि वह स्मृति तंत्र के अनुरूप हो। भंडारण और पुनरुद्धार का तात्पर्य क्रमशः सूचना को एक समय तक रखना तथा पुनः चेतना में लाना है।

→ स्मृति का अवस्था मॉडल स्मृति प्रक्रियाओं की तुलना कंप्यूटर से करता है और इसके अनुसार स्मृति में आने वाली सूचना का तीन भिन्न अवस्थाओं - संवेदी स्मृति, अल्पकालिक स्मृति एवं दीर्घकालिक स्मृति में प्रक्रमण होता है।

→ स्मृति के प्रक्रमण स्तर दृष्टिकोण के अनुसार सूचना का किसी भी स्तर-संरचनात्मक, ध्वन्यात्मक या आर्थी स्तर पर कूट संकेतन हो सकता है। यदि कोई सूचना आर्थी स्तर, जो सबसे गहन स्तर है, पर विश्लेषित एवं संकेतित होती है तो यह धारण क्षमता को बेहतर करती है।

→ दीर्घकालिक स्मृति का वर्गीकरण कई प्रकार से किया गया है। घोषणात्मक एवं प्रक्रियात्मक स्मृति का मुख्य वर्गीकरण है तथा दूसरा वर्गीकरण है - घटनापरक एवं आर्थी स्मृति।

→ दीर्घकालिक स्मृति में सामग्री संप्रत्यय, श्रेणियों एवं प्रतिमाओं के रूप में प्रस्तुत होती है तथा श्रेणीबद्ध रूप से संगठित होती है।

RBSE Class 11 Psychology Notes Chapter 7 मानव स्मृति 

→ स्मृति एक पुनरुत्पादक ही नहीं बल्कि रचनात्मक प्रक्रिया भी है। हम जो कुछ भी संचित करते हैं उसमें व्यक्ति के पूर्व ज्ञान और स्कीमा के अनुसार परिवर्तन एवं संशोधन होते हैं।

→ विस्मरण किसी समयावधि तक संचित सामग्री की हानि से संबंधित है। किसी सामग्री को सीखने के तुरंत बाद सबसे अधिक क्षति होती है, बाद में यह क्षति धीमी गति से होती है।

→ विस्मरण चिह्नों के ह्रास तथा अवरोध के कारण होता है। पुनरुद्धार के समय पर्याप्त संकेतों के अभाव में भी विस्मरण हो सकता है।

→ स्मृति सहायक संकेत स्मृति सुधार लाने के लिए होते हैं। कुछ संकेत प्रतिमा पर तो कुछ सीखी जाने वाली सामग्री के संगठन पर बल देते हैं।

Prasanna
Last Updated on Sept. 23, 2022, 2:35 p.m.
Published Sept. 23, 2022