These comprehensive RBSE Class 11 Psychology Notes Chapter 1 मनोविज्ञान क्या है? will give a brief overview of all the concepts.
→ मनोविज्ञान एक आधुनिक विद्याशाखा है जो मानसिक प्रक्रियाओं, अनुभवों तथा लोगों के व्यवहारों की जटिलताओं को विविध संदर्भो में समझने का प्रयास करती है। इसे प्राकृतिक विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान दोनों कहा जाता है।
→ मनोवैज्ञानिक विचारधाराओं के प्रमुख संप्रदाय संरचनावाद, प्रकार्यवाद, व्यवहारवाद, गेस्टाल्ट स्वाल, मनोविश्लेषण, मानवतावादी मनोविज्ञान तथा संज्ञानात्मक मनोविज्ञान माने गए हैं।
→समसामयिक मनोविज्ञान बहुआयामी है क्योंकि इसे बहुत से उपागमों अथवा बहुविध विचारों द्वारा जाना जाता है जो विभिन्न स्तरों पर व्यवहार की व्याख्या करता है। ये उपागम पारस्परिक रूप से एक-दूसरे से अलग नहीं होते हैं। प्रत्येक उपागम मानव प्रकार्य की जटिलताओं में महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। मनोवैज्ञानिक प्रकार्यों के लिए संज्ञानात्मक उपागम चिंतन प्रक्रियाओं को केंद्रीय महत्त्व का मानता है। मानवतावादी उपागम के अनुसार मानव प्रकार्य विकसित होने की इच्छा, उत्पादन करने की इच्छा एवं मानव क्षमताओं को पूर्ण करने की इच्छा से संचालित होता है।
→ आज मनोवैज्ञानिक अनेक विशिष्ट क्षेत्रों में कार्यरत हैं जिनके अपने सिद्धांत एवं विधियाँ होती हैं। वे सिद्धांत के निर्माण का प्रयास तथा क्षेत्र विशेष की समस्याओं के समाधान का प्रयास करते हैं। मनोविज्ञान के कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं-संज्ञानात्मक मनोविज्ञान, जैविक मनोविज्ञान, स्वास्थ्य मनोविज्ञान, विकासात्मक मनोविज्ञान, सामाजिक मनोविज्ञान, शैक्षिक एवं विद्यालय मनोविज्ञान, नैदानिक एवं उपबोधन मनोविज्ञान, पर्यावरणी मनोविज्ञान, औद्योगिक । संगठनात्मक मनोविज्ञान तथा क्रीड़ा मनोविज्ञान।
→ वर्तमान में वास्तविकता की अच्छी समझ के लिए बहु/अंर्तविषयक पहल की आवश्यकता अनुभव की जा रही है। इससे विद्याशाखाओं में आपसी सहयोग का उदय हुआ है। मनोविज्ञान की रुचि सामाजिक विज्ञानों में परस्पर रूप से व्याप्त है (जैसेअर्थशास्त्र, राजनीतिविज्ञान, समाजशास्त्र), जैव विज्ञानों (जैसे-तंत्रिका विज्ञान, शरीर क्रियात्मक, आयुर्विज्ञान), जनसंचार तथा संगीत एवं ललित कला। ऐसे प्रयासों से फलदायी अनुसंधानों एवं अनुप्रयोगों को बढ़ावा मिला है।
→ मनोविज्ञान केवल एक विद्याशाखा नहीं है जो केवल मानव व्यवहार के विषय में सैद्धांतिक ज्ञान का विकास करती है बल्कि विभिन्न स्तरों पर समस्याओं का समाधान करती है। मनोवैज्ञानिक विभिन्न परिस्थितियों में विविध क्रियाओं की सहायता के लिए नियुक्त होते हैं; जैसे-विद्यालय, चिकित्सालय, उद्योग, प्रशिक्षण संस्थान, सैन्य एवं सरकारी प्रतिष्ठान। इनमें बहुत से मनोवैज्ञानिक निजी प्रैक्टिस करते हैं तथा परामर्शदाता होते हैं।