These comprehensive RBSE Class 11 Home Science Notes Chapter 17 वस्त्रों की देखभाल तथा रखरखाव will give a brief overview of all the concepts.
→ परिचय
वस्त्रों की देखभाल तथा रखरखाव में निम्नलिखित बातें शामिल हैं
→ मरम्मत
इसमें कपड़े के सामान्य प्रयोग के दौरान हुई क्षति अथवा आकस्मिक क्षति से मुक्त रखने का प्रयास किया जाता है। इसमें शामिल हैं
→ धुलाई
धुलाई के अन्तर्गत वस्त्रों को धोना तथा इस्तरी करना शामिल है। इसमें दाग-धब्बे हटाना, धुलाई के लिए कपड़ों को तैयार करना, कपड़ों से गंदगी हटाना, नील लगाना, स्टार्च लगाना तथा इस्तरी करना आदि की प्रक्रियायें शामिल हैं। यथा
(अ) दाग-धब्बे हटाना
दाग-धब्बे हटाने की प्रक्रिया में पहले दाग-धब्बे की पहचान की जानी आवश्यक है। यह पहचान रंग, गंध तथा स्पर्श के आधार पर की जा सकती है।
(i) दाग-धब्बों का वर्गीकरण-दाग-धब्बों को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है-
(ii) दाग-धब्बे हटाना-सामान्य विचार-
(iii) दाग-धब्बे हटाने की तकनीकेंदाग-धब्बे हटाने की तकनीकें हैं
(क) खुरचना,
(ख) डुबोना,
(ग) स्पंज से साफ करना,
(घ) ड्रॉपर विधि।
(iv) दाग-धब्बे हटाने के साधन (अभिकर्मक)दाग-धब्बे हटाने के अभिकर्मकों को निम्नलिखित रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है
(क) ग्रीज (चिकनाई) सॉल्वेंट (घोल)
(ख) ग्रीज (चिकनाई) अवशोषक
(ग) पायसीकारक
(घ) अम्लीय अभिकर्मक
(ङ) क्षारीय अभिकर्मक
(च) विरंजक अभिकर्मक-
(अ) आक्सीकारी विरंजक
(ब) अपचयनकारी विरंजक।
→ तालिका-सामान्य दाग-धब्बे तथा सूती कपड़े से उन्हें हटाने की विधि
दाग धब्बा |
हटाने की विधि |
टासंजक टेप |
बर्फ से कड़ा करें, खुरच कर उखाड़ लें, कोई भी साबुन युक्त घोल का प्रयोग कर धो दें। |
रक्त |
|
बॉल प्वांइट पेन |
नीचे ब्लॉटिंग कागज़ रखें तथा मेथिलेटिड स्प्रिट के साथ स्पंज से साफ करें। |
मोमबत्ती की मोम |
तत्काल ठंडे पानी में भिगो दें, खुरचें, सफेद सिरके में डुबोएँ, ठंडे पानी से खंगाल लें और निचोड़ दें। |
च्यूइंग गम |
बर्फ लगाएँ, खुरचें, ठंडे पानी में भिगों दे, साबुन के किसी घोल के साथ स्पंज से साफ करें। |
चॉकलेट |
ठंडे पानी हाइपोक्लोराइट विरंजक (जैवल जल) में भिगों दें। |
करी (हल्दी या तेल) |
|
अंडा |
ठंडे पानी से धोएँ, साबुन तथा गुनगुने पानी से धोएँ। |
फल तथा सब्जियाँ |
|
ग्रीज (चिकनाई) |
|
स्याही |
|
आइसक्रीम |
चिकनाई के विलायक में स्पंज से साफ़ करें, साबुन वाले गर्म पानी से धो दें। |
लिपिस्टिक |
|
दवाइयाँ |
मेथिल अल्कोहल में डुबोएँ अथवा ऑक्सेलिक एसिड के हल्के घोल में डुबोएँ। गर्म पानी से धो दें। |
मिल्ड्यू (ओस के दाग) |
हाइपोक्लोराइट ब्लीच द्वारा स्पंज से साफ करें। |
दूध या क्रीम |
किसी विलायक से स्पंज द्वारा साफ करें। ठंडे पानी से धो दें। |
पेंट या पॉलिश |
|
जंग |
|
जलने का दाग |
हाइड्रोजन परऑक्साइड के साथ स्पंज से साफ करें। यदि कपड़े को नुकसान पहुँचा है तो दाग दूर नहीं होगा। |
(ब) गंदगी हटाना-सफाई की प्रक्रियागंदगी से आशय कपड़े पर लगी चिकनाई, कालिख तथा धूल के कणों से है।
गंदगी दो प्रकार की होती है
ऊपर लगी गंदगी को केवल ब्रश से या झाड़कर या पानी में खंगाल कर दूर किया जा सकता है।
→ चिकनाई हटाने की विधियाँ-चिकनाई वाली गंदगी को हटाने के लिए अभिकर्मकों की आवश्यकता होती है। चिकनाई को हटाने की तीन मुख्य विधियाँ हैं
साबुन में अनेक ऐसे गुण हैं जिनके कारण वे डिटर्जेंट की अपेक्षा अधिक पसंद किए जाते हैं। ये त्वचा व पर्यावरण के लिए कम हानिकारक हैं, ये हमारी नदियों व झरनों को प्रदूषित नहीं करते। लेकिन ये कठोर जल में अप्रभावी होते हैं और संश्लिष्ट डिटर्जेंट की तुलना में कम सक्षम होते हैं।
→ धुलाई की विधियाँ:
धुलाई के लिए प्रयुक्त विधियाँ वस्त्र के साथ चिपकी गंदगी को अलग करने तथा उसे | निलंबित रखने के कार्यों में सहायता करती हैं। धुलाई की विधियों को निम्नलिखित रूप से वर्गीकृत किया गया है
(स) अंतिम रूप देना-धुलाई के पश्चात् कपड़े को साफ पानी में खंगालना अत्यधिक आवश्यक है जब तक कि इसमें से साबुन या डिटर्जेंट पूरी तरह निकल नहीं जाता। प्रायः अंतिम बार खंगालने की प्रक्रिया में कुछ अन्य अभिकर्मक भी पानी में मिलाए जाते हैं जो वस्त्र की चमक को बहाल करने, कपड़े को अधिक कड़ा तथा चरचरा बनाने में सहायक होते हैं । यथा
(i) नील तथा चमक पैदा करने वाले पदार्थ:
(i) स्टार्च तथा कड़ा करने वाले अभिकर्मक-कड़ा करने वाले अभिकर्मक प्रकृति से मुख्यतः पशुओं या पौधों से प्राप्त होते हैं। कड़ा करने वाले सर्वाधिक सामान्य अभिकर्मक ये हैं
(क) स्टार्च-यह मैदा, चावल, अरारोट, कसावा इत्यादि से प्राप्त होते हैं और पाउडर के रूप में उपलब्ध होते हैं। इन्हें प्रयोग से पकाना पड़ता है। इनका प्रयोग केवल सूती या लिनन के कपड़ों पर किया जाता है।
(ख) बबूल का गोंद या अरेबिक गोंद-गोंद को रात भर पानी में भिगोया जाता है और फिर इसे छान लिया जाता है। इससे हल्का कड़ापन आता है। यह चरचरेपन के रूप में अधिक प्रयुक्त होता है। इसका प्रयोग रेशमी वस्त्रों, अत्यधिक महीन सूती वस्त्रों, रेयान तथा रेशमी-सूती मिश्रित वस्त्रों के लिए किया जाता है।
(ग) जिलेटिन - यह महंगी होती है। इसे बनाना तथा प्रयोग में लाना आसान है।
(घ) बोरेक्स:
स्टार्च के घोल में इसकी एक छोटी सी मात्रा मिला देने से कड़ाई की प्रक्रिया में सुधार आता है। इस्तरी करते समय यह पिघल जाता है तथा वस्त्र की सतह पर एक पतली सी परत बन जाती है। इसके प्रयोग से नम जलवायु में भी कपड़े में कड़ापन बना रहता है।
(द) सुखाना:
कपड़ों को धोने, उन पर नील तथा स्टार्च लगाने के पश्चात् इस्तरी करने व रखने से पूर्व उसे उल्टा करके धूप में सुखाया जाता है। लेकिन रेशम तथा ऊन के वस्त्रों को धूप में अधिक समय तक नहीं लटकाया जा सकता क्योंकि तेज धूप से इनको क्षति पहुंचती है। संश्लेषित वस्त्रों को घर के भीतर सुखाना ही बेहतर रहता है।
(य) इस्तरी करना:
इस्तरी करने से वस्त्र की सलवटों तथा तहों को दूर करने में तथा इच्छानुसार तह बनाने में सहायता मिलती है।
अच्छी तरह से इस्तरी करने के लिए तीन चीजों की आवश्यकता होती है-तापमान, नमी और दबाव। इस्तरी करने के लिए उच्च तापमान, वस्त्र में थोड़ी नमी तथा वस्त्र पर दबाव की आवश्यकता होती है।
इस्तरी करने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली मेज अच्छी प्रकार की गद्देदार किन्तु ठोस होनी चाहिए। इसकी ऊपरी सतह समतल हो तथा आकार व ऊंचाई इस्तरी करने वाले के लिए आरामदायक हो।
इस्तरी करने के पश्चात् कपड़ों को या तो विशिष्ट प्रकार से तह करके रखा जाता है या उन्हें हैंगरों में टाँग दिया जाता है।
(र) ड्राई-क्लीनिंग:
ड्राई-क्लीनिंग को एक जल-रहित तरल माध्यम में वस्त्रों की सफाई के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यह नाजुक वस्त्रों को साफ करने की एक सुरक्षित विधि है। ड्राई-क्लीनिंग के लिए, सर्वाधिक सामान्य रूप से प्रयुक्त विलायक है-परक्लोरो-एथीलीन, पेट्रोलियम विलायक या फ्लोरो कार्बन विलायक।
ड्राई-क्लीनिंग सामान्यतः औद्योगिक स्थापनाओं में की जाती है, घरेलू स्तर पर नहीं। इसमें वस्त्रादि का पहले निरीक्षण किया जाता है तथा उसकी स्पॉट बोर्ड पर सफाई की जाती है। इसमें दागधब्बों की सफाई की जाती है। कुछ ड्राई क्लीनर फेदर के तकियों, कंबलों, रजाइयों तथा कारपेटो, पर्दे आदि की सफाई भी करते हैं।
→ वस्त्र उत्पादों का भंडारण
→ वस्त्रों की देखभाल को प्रभावित करने वाले कारक
→ देखभाल सम्बन्धी लेबल
देखभाल सम्बन्धी लेबल एक स्थायी लेबल या टैग होता है जिसमें नियमित देखभाल, जानकारी तथा अनुदेश दिए जाते हैं। इसे वस्त्र के साथ इस प्रकार जोड़ा गया होता है कि वह उत्पाद से अलग नहीं होता तथा वस्त्र के उपयोग में आने की अवधि के दौरान पढ़ने योग्य रहता है।