These comprehensive RBSE Class 11 Home Science Notes Chapter 1 परिचय-मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान will give a brief overview of all the concepts.
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→ मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान के अंतर्गत शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का एक समेकित मार्ग अपनाया गया है। इसमें परिवारों के सदस्यों के रूप में मानवों और समाज के पर्यावरण के मध्य पारस्परिक क्रियाओं को भी स्पष्ट किया गया है।
→ मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान मानवों की पारिस्थितिकी के साथ सहक्रियात्मक संबंध निर्माण करता है। जिसके अंतर्गत भौतिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक संसाधन शामिल हैं।
→ मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान के समान ही एक अन्य विषय गृहविज्ञान है, जो कि यथातथ्य तौर पर थोड़ी भिन्नता लिए होता है।
→ भारतवर्ष के विभिन्न भागों में 20वीं शताब्दी के आरंभ में अनेक संस्थानों ने भोजन और पोषण, वस्त्र और वस्त्र उद्योग तथा विस्तार शिक्षा के पाठ्यक्रमों का शुभारंभ किया। इन सभी विषयों को सन् 1932 में गृहविज्ञान के दायरे में लाया गया जब दिल्ली में महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करते हुए दिल्ली में लेडी इरविन कॉलेज की स्थापना हुई। यह समय स्वतंत्रता से पूर्व ब्रिटिश राज का था, जब विद्यालयों में महिला शिक्षार्थियों की संख्या नगण्य थी।
→ भारत में स्वतंत्रता आंदोलन की दिग्गज महिलाओं—सरोजनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर और कमला देवी चट्टोपाध्याय आदि ने लेडी इरविन कॉलेज की संकल्पना एवं स्थापना की। उस समय के भारत में ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड इरविन की पत्नी लेडी डोरोथी इरविन ने कॉलेज की स्थापना को समर्थन दिया। जिनके नाम पर ही कॉलेज का नामकरण किया गया। संस्थापकों ने भारतीय युवा महिलाओं हेतु गृहविज्ञान की शिक्षा को आवश्यक समझा । अतः गृहविज्ञान एक ऐसा विषय माना गया जो कि छात्रों को उनके स्वयं के जीवन तथा अन्य व्यक्तियों एवं | परिवारों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने हेतु सक्षम बनाए।
→ गृहविज्ञान के विषय को न समझने वाले व्यक्तियों के मन में धारणा बनी कि गृहविज्ञान प्राथमिक रूप से पाक कौशल, कपड़े धोने और बच्चों की देखभाल से जुड़ा विषय है। इस कारण इस विषय को कम परिश्रम वाला एवं लड़कियों का विषय मानकर लड़कों ने इसके प्रति रुचि नहीं दिखाई।
→ जबकि गृहविज्ञान की नवीनतम पाठ्यचर्या के अंतर्गत विषयवस्तु एवं उद्देश्य समकालीन हैं, जिसके आधार पर उल्लेखित मुद्दों से ही विषय की पहचान की जा सकती है। पाठ्यक्रम की भावना प्रदर्शन हेतु शीर्षक 'मानव पारिस्थितिकी और विज्ञान' उपयुक्त है। इसमें मानव विकास, भोजन और पोषण, कपड़े और पौशाकें, संचार और विस्तार तथा संसाधन-प्रबंधन इत्यादि विषय शामिल हैं।