RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 3 भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और स्वस्थता

Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 3 भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और स्वस्थता Important Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 3 भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और स्वस्थता

I. बहुचयनात्मक प्रश्न

1. व्यक्ति के जीवन की किस अवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं? 
(अ) किशोरावस्था में
(ब) बाल्यावस्था में 
(स) युवावस्था में
(द) वृद्धावस्था में 
उत्तर:
(अ) किशोरावस्था में

2. भोजन वह ठोस अथवा दव पदार्थ है, जो
(अ) ऊर्जा प्रदान करता है। 
(ब) शारीरिक विकास में सहायक होता है। 
(स) ऊतकों और अंगों की मरम्मत करता है। -
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी

3. दैनिक आवश्यकता के सभी अनिवार्य पोषक तत्वों से युक्त आहार कहलाता है
(अ) आहार
(ब) संतुलित आहार 
(स) आर.डी.ए.
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(ब) संतुलित आहार 

4. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 'स्वास्थ्य' की दी गई परिभाषा में कब से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है? 
(अ) सन् 1947 से
(ब) सन् 1948 से 
(स) सन् 2014 से
(द) सन् 2019 से 
उत्तर:
(ब) सन् 1948 से 

5. अच्छे स्वास्थ्य से अभिप्राय किस तरह का स्वास्थ्य होता है? 
(अ) शारीरिक स्वास्थ्य
(ब) सामाजिक स्वास्थ्य
(स) मानसिक स्वास्थ्य
(द) ये सभी 
उत्तर:
(द) ये सभी 

6. स्वस्थता (फिटनेस) का क्या अर्थ है? 
(अ) शरीर का बेहतर होना
(ब) समर्थ और सक्षम महसूस करना 
(स) रोजमर्रा की मांगों को पूर्ण कर पाना 
(द) स्वतंत्र जीवन व्यतीत करना 
उत्तर:
(अ) शरीर का बेहतर होना

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7. पाँच मूलभूत खाद्य वर्गों का सुझाव किसके द्वारा दिया गया है? 
(अ) विश्व स्वास्थ्य संगठन ने
(ब) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् ने 
(स) सामाजिक स्वास्थ्य कल्याण समिति ने 
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(ब) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् ने

8. संतुलित आहार तैयार करने का आसान तरीका है
(अ) खाद्य पदार्थों को वर्गों में विभाजित करना। 
(ब) यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक वर्ग को भोजन में शामिल किया जाए। 
(स) प्रत्येक वर्ग के विभिन्न खाद्य पदार्थों को अदल-बदल कर प्रयुक्त करना।
(द) उपर्युक्त सभी। 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी। 

9. अनाज द्वारा कुल कैलोरी के कितने प्रतिशत से अधिक की आपूर्ति नहीं होनी चाहिए? 
(अ) 25%
(ब) 50% 
(स) 75%
(द) 90% 
उत्तर:
(स) 75%

10. शाकाहारी लोग मांस के विकल्प के रूप में क्या चयन कर सकते हैं? 
(अ) फली व बीज
(ब) सूखे मेवे 
(स) टोफू
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी 

11. किशोरों की खान-पान संबंधी सामान्य आदत में शामिल है
(अ) भोजन में अनियमितता
(ब) स्वल्पाहार एवं डाइटिंग करना 
(स) फास्ट फूड खाना
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी 

12. खान-पान संबंधी स्वस्थ आदत में शामिल है
(अ) प्रतिदिन तीन बार औसत मात्रा में पूर्ण संतुलित आहार लेना। 
(ब) दो बार पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता लेना। 
(स) कोशिश करना कि कोई भी भोजन अधूरा ना छोड़ें
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी 

13. खान-पान संबंधी आचरण को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों में शामिल है
(अ) परिवार
(ब) हमजोली 
(स) विज्ञापन व टीवी
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी 

14. किशोरावस्था में होने वाली खान-पान संबंधी मुख्य विकृति कौन सी है? 
(अ) एनोरेक्ज्ञिमा नर्वोसा
(ब) मलेरिया 
(स) हैजा
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) एनोरेक्ज्ञिमा नर्वोसा

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II. रिक्त स्थान वाले प्रश्न

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. भोजन और पोषक तत्वों के हमारे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का विज्ञान ................ कहलाता है। 
2. स्वास्थ्य और स्वास्थ्य के रख-रखाव का एकमात्र महत्वपूर्ण कारक ................ ही है।
3. .......... भोजन में विद्यमान वे घटक होते हैं जिनकी शरीर को पर्याप्त मात्रा में आवश्यकता होती है।
4. ........... वह है जिसमें विभिन्न प्रकार के दैनिक आवश्यकता के सभी खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं।
5. .......... अतिरिक्त मात्रा को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। 
6. अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आहार में अनिवार्य .......... की पर्याप्त मात्रा लेना आवश्यक है। 
7. खाद्य पदार्थों को उनमें विद्यमान मुख्य .......... के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। 
8. आहार मार्गदर्शक पिरामिड दैनिक खाद्य संबंधी दिशा-निर्देशों का ........... है। 
9. किशोर के स्वास्थ्य और गुणवत्ता के लिए ................ भोजन खाना महत्वपूर्ण है। 
10. स्वयं का आदर करना और स्वयं को महत्व देना निश्चित तौर पर .......... सिद्ध होगा। 
उत्तर:
1. पोषण, 
2. भोजन, 
3. पोषक तत्व, 
4. संतुलित आहार, 
5. आर.डी.ए., 
6. पोषक तत्वों, 
7. पोषक तत्वों, 
8. ग्राफिक चित्रण, 
9. स्वास्थ्यवर्धक, 
10. जीवनरक्षक। 

III. सत्य/असत्य वाले प्रश्न

निम्न कथनों में से सत्य/असत्य की पहचान कीजिए

1. पुरानी कहावत 'जैसा अन्न वैसा तन' अर्थात् आप वैसे ही बनेंगे जैसा आहार लेंगे, सही प्रतीत होती है। 
2. अतिरिक्त सुरक्षा मात्रा उपवास के दिनों में अथवा दैनिक आहार में कुछ पोषक तत्वों की अल्पकालिक कमी को पूरा नहीं करती है। 
3. स्वस्थता शब्द का उपयोग दो प्रकार से होता है-सामान्य स्वस्थता और विशिष्ट स्वस्थता । 
4. प्रत्येक खाद्य वर्ग में समान विशेषताओं वाले समान खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। 
5. अनाज द्वारा कुल कैलोरी के 75 प्रतिशत से अधिक की आपूर्ति नहीं होनी चाहिए। 
6. दैनिक आहार मार्गदर्शक योजना और खाद्य निर्देश पिरामिड खाद्यान्नों, सब्जियों और फलों पर जोर नहीं देते
7. पिरामिड वह रूपरेखा है जो बताती है कि आपको प्रतिदिन क्या खाना है। 
8. पानी में कोई कैलोरी नहीं होती और इससे पेट भरा होने का अहसास होता है।
9. खान-पान संबंधी आदतों का मूल आधार परिवार ही है, इन पर बाहरी तत्वों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। 
10. स्वास्थ्य दैनिक जीवन के अन्य संसाधनों की उपलब्धता और उनके उपयोग को प्रभावित करता है। 
उत्तर:
1. सत्य, 
2. असत्य, 
3. सत्य, 
4. असत्य, 
5. सत्य, 
6. असत्य, 
7. सत्य, 
8. सत्य, 
9. असत्य,
10. सत्य। 

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IV. मिलान करने वाले प्रश्न

स्तम्भ'क'

स्तम्भ 'ख'

(i) स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का विज्ञान

(अ) आर.डी.ए.

(ii) स्वास्थ्य और स्वास्थ्य के रख-रखाव का एकमात्र कारक

(ब) पोषण

(iii) वे घटक जिनकी शरीर को पर्याप्त मात्रा में आवश्यकता होती है

(स) भोजन

(iv) इसमें अतिरिक्त सुरक्षा मात्रा पहले से शामिल होती है

(द) पोषक तत्व

स्तम्भ'क'

स्तम्भ 'ख'

V. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
भोजन से क्या प्राप्त होता है? 
उत्तर:
भोजन हमें स्वस्थ और स्फूर्त रखने के लिए पोषक तत्व प्रदान करते हैं। 

प्रश्न 2. 
पोषण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
पोषण एक विज्ञान है। जिसमें भोजन, पोषक तत्वों और इसमें समाविष्ट अन्य पदार्थों का विवरण शामिल है; जिनसे हमारे शरीर के भीतर अन्तर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण, उपापचय और उत्सर्जन आदि कार्य पूरे होते हैं।

प्रश्न 3. 
संतुलित आहार में क्या शामिल होता है?
उत्तर:
संतुलित आहार में विभिन्न प्रकार के वे सभी खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जिनमें दैनिक आवश्यकता के सभी अनिवार्य पोषक तत्व, समुचित मात्रा और सही अनुपात में विद्यमान होते हैं।

प्रश्न 4. 
आर.डी.ए. का अर्थ प्रकट करें।
उत्तर:
आर.डी.ए.-आर.डी.ए. का अभिप्राय व्यक्ति की संस्तुत आहारीय मात्रा है। इसके अंतर्गत संतुलित आहार के साथ-साथ अतिरिक्त सुरक्षा मात्रा भी शामिल होती है।

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प्रश्न 5. 
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वास्थ्य की क्या परिभाषा दी है?
उत्तर:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, "स्वास्थ्य शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से पूरी तरह अच्छा होने की स्थिति है, यह केवल रोगों अथवा अशक्तता के न होने की स्थिति नहीं है।"

प्रश्न 6. 
मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानसिक स्वास्थ्य भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ होने की वह स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपनी संज्ञानात्मक और भावनात्मक क्षमताओं का उपयोग करने, समाज में कार्य करने और जीवन की रोजमर्रा की सामान्य मांगों की पूर्ति करने में सक्षम होता है।

प्रश्न 7. 
शारीरिक स्वस्थता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
शारीरिक स्वस्थता से अभिप्राय है-कार्य और रुचि संबंधी कार्यकलापों को सक्षम और प्रभावी ढंग से करने की शारीरिक क्षमता, स्वस्थ रहना, रोगों के लिए प्रतिरोधकता तथा आकस्मिक परिस्थितियों का सामना करना।

प्रश्न 8. 
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् ने किन पाँच मूलभूत खाद्य वर्गों का सुझाव दिया है?
उत्तर:
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आई.सी.एम.आर.) द्वारा निम्नलिखित पाँच मूलभूत खाद्य वर्गों का सुझाव दिया गया है

  • अनाज, खाद्यान्न और उनके उत्पाद, 
  • दालें और फलियाँ, 
  • दूध और मांस के उत्पाद, 
  • फल और सब्जियाँ, 
  • वसा और शर्करा।

प्रश्न 9. 
दैनिक आहार मार्गदर्शक योजना और खाद्य निर्देश पिरामिड किस पर जोर देते हैं? 
उत्तर:
दैनिक आहार मार्गदर्शक भोजन और खाद्य निर्देश पिरामिड खाद्यान्नों, सब्जियों और फलों पर जोर देते

प्रश्न 10. 
किशोर डाइटिंग क्यों करते हैं?
उत्तर:
सामान्य वजन वाले किशोर अक्सर इसलिए डाइटिंग करते हैं क्योंकि उनकी धारणा है कि 'पतला होना' फैशन में है। दूसरी ओर मीडिया से लड़कियों को 'पतला होने', सुंदर शरीर की धारणाओं और शरीर का वजन कम करने के संबंध में बहुत जानकारियाँ मिलती रहती हैं। 

VI. लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
भोजन से आप क्या समझते हैं? परिभाषित कीजिए।
उत्तर:

  1. भोजन वह ठोस अथवा द्रव पदार्थ है जो भीतर निगलने, पचाने और स्वांगीकृत या अवशोषित होने के पश्चात् शरीर को पोषक तत्व जैसे अनिवार्य पदार्थ प्रदान करता है और इसे स्वस्थ रखता है।
  2. यह हमें ऊर्जा प्रदान करता है, हमारे शारीरिक विकास में सहायक होता है तथा ऊतकों और अंगों की मरम्मत करता है।
  3. यह शरीर की रोगों से रक्षा भी करता है तथा विभिन्न शारीरिक क्रियाओं में मदद भी करता है। 

प्रश्न 2. 
पोषक तत्व क्या हैं? हमें इनकी आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर:
पोषक तत्व भोजन में विद्यमान वे घटक होते हैं, जिनकी हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में आवश्यकता होती है। इनमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज, वियमिन, जल तथा रेशा (फाइबर) शामिल हैं। हमें स्वस्थ रहने के लिए सभी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अधिकांश खाद्य पदार्थों में एक से अधिक पोषक तत्व होते हैं, जैसे-दूध में प्रोटीन, वसा इत्यादि होते हैं।

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प्रश्न 3. 
पोषक तत्वों का रेखांकित वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
पोषक तत्वों को हमारे दैनिक उपभोग के लिए आवश्यक मात्रा के आधार पर वृहत् पोषकों (मैक्रोन्यूट्रिएंट्स) तथा सूक्ष्म पोषकों (माइक्रोन्यूट्रिएंट्स) में वर्गीकृत किया जा सकता है। नीचे वर्णित रेखाचित्र वृहत् पोषक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर दर्शाता है| वृहत् पोषक तत्व

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प्रश्न 4.
संतुलित आहार में किन बातों पर ध्यान दिया जाता है? 
उत्तर:
संतुलित आहार में निम्न बातों पर ध्यान दिया जाता है

  1. इसमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। 
  2. इसमें सभी पोषक तत्त्व 'आर.डी.ए.' के अनुसार होते हैं। 
  3. इसमें सही अनुपात में पोषक तत्व शामिल होते हैं। 
  4. यह पोषक तत्वों हेतु अतिरिक्त सुरक्षा मात्रा उपलब्ध कराते हैं। 
  5. यह अच्छे स्वास्थ्य को बनाए और बचाए रखने में मदद करता है। 
  6. यह लंबाई के अनुपात में अपेक्षित शारीरिक वजन बनाए रखता है। 

प्रश्न 5. 
स्वास्थ्य से क्या आशय है?
उत्तर:
स्वास्थ्य से आशय-विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, "स्वास्थ्य शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से पूरी तरह से अच्छा होने की स्थिति है। यह केवल रोगों अथवा अशक्तता के न होने की स्थिति नहीं है।" इस परिभाषा से स्पष्ट है कि अच्छे स्वास्थ्य में शारीरिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य सभी शामिल हैं।

प्रश्न 6. 
मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
मानसिक स्वास्थ्य-मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ है-भावात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ होने की वह स्थिति जिसमें व्यक्ति अपनी संज्ञानात्मक और भावनात्मक क्षमताओं का उपयोग करने, समाज में कार्य करने और जीवन की रोजमर्रा की सामान्य मांगों की पूर्ति करने में सक्षम होता है।

मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण हैं-

  • समर्थ और सक्षम महसूस करना, 
  • तनाव के सामान्य स्तरों से निपटने में सक्षम होना, 
  • संतोषजनक सम्बन्ध बनाए रखना, 
  • स्वतंत्र जीवन व्यतीत करना, 
  • कठिन परिस्थितियों से उबरना और पुनः संभलना।

प्रश्न 7. 
शारीरिक स्वस्थता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
शारीरिक स्वस्थता-शारीरिक स्वस्थता से अभिप्राय है-कार्य और रुचि सम्बन्धी कार्यकलापों को सक्षम और प्रभावी ढंग से कार्य करने की शारीरिक क्षमता, स्वस्थ रहना, रोगों के लिए प्रतिरोधकता तथा आकस्मिक परिस्थितियों का सामना करना।

प्रश्न 8. 
मूलभूत खाद्य वर्गों के उपयोग हेतु दिशा-निर्देश स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मूलभूत खाद्य-वर्गों के उपयोग हेतु दिशा-निर्देश निम्नलिखित हैं

  1. प्रत्येक आहार में प्रत्येक खाद्य वर्ग से खाद्य पदार्थों को कम-से-कम एक अथवा अधिक बार परोसना चाहिए। 
  2. खाद्य पदार्थों का चयन प्रत्येक वर्ग में से करें, क्योंकि प्रत्येक वर्ग में खाद्य पदार्थ भले ही समान हैं लेकिन उनमें पोषक तत्व भिन्न हैं। 
  3. यदि भोजन शाकाहारी है तो आहार में प्रोटीन गुणवत्ता बढ़ाने हेतु उपयुक्त संयोजनों का उपयोग करें। उदाहरणतः अनाज और दालों का संयोजन अथवा भोजन में दूध व दही शामिल करना। 
  4. कैल्सियम और अन्य पोषक तत्वों की आपूर्ति हेतु दूध अवश्य लेना चाहिए, क्योंकि इसमें लोहा, विटामिन सी और रेशे के अतिरिक्त अन्य सभी पोषक तत्व शामिल होते हैं। 
  5. ध्यान रखना चाहिए कि अनाज द्वारा कुल कैलोरी 75 प्रतिशत से अधिक न प्राप्त हो।

प्रश्न 9. 
आहार मार्गदर्शक पिरामिड के बारे में आप क्या जानते हैं? चित्र सहित व्याख्या करें।
उत्तर:
आहार मार्गदर्शक पिरामिड-आहार मार्गदर्शक पिरामिड दैनिक खाद्य संबंधी दिशा-निर्देशों का ग्राफिक चित्रण है। यह चित्रण विविधता, संतुलन और अनुपात को दर्शाते हेतु तैयार किया गया है।

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चित्र : आहार मार्गदर्शक पिरामिड

उपर्युक्त दर्शित आहार मार्गदर्शक पिरामिड में, प्रत्येक खंड का आकार प्रत्येक दिन परोसी जाने वाली निर्धारित मात्रा (सर्विस) को दर्शाता है। नीचे का चौड़ा आधार यह बताता है कि खाद्यान्न प्रचुर मात्रा में लिए जाने चाहिए और ये स्वस्थ आहार की नींव हैं। अगले स्तर पर फल तथा सब्जियां आती हैं, जो यह दर्शाता है कि उनकी आहार में खाद्यान्न से कम प्रधानता है, लेकिन फिर भी ये आहार में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। मांस और दूध शिखर के पास एक छोटी पट्टी में हैं। इनमें से प्रत्येक की अल्प आपूर्ति से ही महत्वपूर्ण पोषक तत्व, जैसे-प्रोटीन, विटामिन और खनिज को अत्यधिक वसा और कोलेस्ट्रॉल के बगैर प्राप्त किया जा सकता है। वसा, तेल और मिठाई के लिए शिखर पर थोड़ी-सी जगह दर्शाती है कि इनका बहुत कम उपयोग किया जाना चाहिए।

प्रश्न 10. 
शाकाहारी आहार पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
शाकाहारी आहार-यह मुख्यतः वनस्पतिजन्य खाद्य पदार्थों पर निर्भर होता है, जैसे-खाद्यान्न, सब्जियाँ, फली, फल, बीज और सूखे मेवे। कुछ शाकाहारी आहारों में अंडा, दूध से बनी वस्तुएँ अथवा दोनों शामिल होते हैं। जो लोग मांस अथवा दूध से बनी वस्तुएं नहीं खाते वे आहार को पर्याप्त बनाने हेतु दैनिक खाद्य निर्देशिका का उपयोग कर सकते हैं। इनमें खाद्य वर्ग एक समान होते हैं और परोसने (सर्विग्स) की संख्या भी बराबर होती है। शाकाहारी लोग मांस के विकल्प के रूप में फली, बीज, सूखे मेवे और टोफू का और जो अंडे खाते हों अंडों का चयन कर सकते हैं। फली और कम से कम एक कप हरी पत्तेदार सब्जी उतना लौह तत्व प्रदान करती हैं, जितना सामान्यतया मांस द्वारा प्राप्त होता है। जो शाकाहारी लोग गाय का दूध नहीं पीते वे सोया-दूध ले सकते हैं, जो सोयाबीन से बना होता है।

प्रश्न 11. 
"ग्रामीण क्षेत्रों में किशोरों को ऊर्जा की आवश्यकता अधिक होती है।" कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में लड़के और लड़कियाँ अक्सर कृषि संबंधी कार्यों में संलग्न रहते हैं। वे अपने माता पिता को मुर्गीपालन, पशुपालन, मधुमक्खी पालन जैसे उद्यमों में भी सहायता कर रहे हैं। लड़के खेती करने में सहायता करते हैं। वहीं जब माता-पिता आजीविका के लिए कार्य करते हैं तो लड़कियाँ छोटे भाई-बहिनों की देखभाल करने, खाना बनाने और साफ-सफाई करने में भी सहायता करती हैं। इसके साथ-साथ पशुओं के लिए चारा इकट्ठा करने, ईंधन के लिए लकड़ी इकट्ठा करने और पीने हेतु पानी लाने का कार्य भी होता है।

उपर्युक्त कार्यों में संलग्न लड़कियों और लड़कों का सक्रियता स्तर उच्च होगा और इसलिए उनकी ऊर्जा संबंधी आवश्यकताएँ भी अधिक होंगी। साथ ही किशोरावस्था में वृद्धि के उच्च दर के कारण प्रोटीन संबंधी आवश्यकताएँ इसी प्रकार अधिकाधिक होंगी।

प्रश्न 12. 
एनीमिया के प्रकोप का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एनीमिया (रक्ताल्पता) का साधारण अर्थ रक्त या खून की कमी है। यह लाल रक्त कोशिका में पाए जाने वाले एक पदार्थ हीमोग्लोबिन की संख्या में कमी आने से होती है। इसका प्रमुख कारण शरीर में लौह तत्व की कमी होना है।

विश्वभर में लगभग दो बिलियन लोग एनीमिया से ग्रस्त हैं। भारत जैसे विकासशील देशों में गरीबी, अपर्याप्त आहार, खास बीमारियों, बार-बार गर्भधारण करने और स्तनपान कराने तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच की कमी के कारण एनीमिया असंगत रूप से अधिक है। यह मुख्यतः महिलाओं और लड़कियों को प्रभावित करता है। 20052006 में हुए नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 से पता चलता है कि तीस प्रतिशत लड़कों की तुलना में 56 प्रतिशत किशोर लड़कियाँ एनीमिया से ग्रस्त हैं। इसकी तुलना में 6 से 59 माह की आयु वर्ग के छोटे बच्चों में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत है।

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प्रश्न 13. 
कौनसे कारक फास्ट-फूड भोजनों की पोषण संबंधी सीमाएँ दर्शाते हैं?
उत्तर:
फास्ट फूड्स की पोषण सम्बन्धी परिसीमाएँनिम्नलिखित कारक फास्ट फूड भोजनों की पोषण सम्बन्धी सीमाएँ दर्शाते हैं

  • कैल्शियम, राइबोलोविन, विटामिन 'ए'-दूध अथवा मिल्क शेक को छोड़कर बाकी फास्टफूड में ये तीनों अनिवार्य पोषक तत्त्व कम होते हैं।
  • फोलिक अम्ल, फाइबर-बहुत कम फास्ट फूड्स इन प्रमुख पोषण तत्त्वों के स्रोत होते हैं। 
  • सोडियम-फास्ट फूड में सोडियम की मात्रा अधिक होती है जो कि वांछनीय नहीं है। 
  • ऊर्जा-सामान्य भोजन संयोजनों में अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बहुत अधिक होती है। 

प्रश्न 14. 
किशोरों में डाइटिंग के लक्षण तथा परिणामों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
किशोरों में डाइटिंग के लक्षण: डाइटिंग के प्रमुख लक्षण हैं-भोजन छोड़ देना, थोड़ा-थोड़ा करके खाना, उपवास करना अथवा विरेचक दवाओं अथवा डाइट पिल्स का उपयोग करना।

डाइटिंग के परिणाम: डाइटिंग के परिणामों में वजन कम करने और पुनः वही वजन प्राप्त करने के चक्र के साथ, खान-पान संबंधी विकृतियों और मोटापा, आत्मविश्वास में कमी होना और अन्य मनोवैज्ञानिक समस्यायें होने की संभावना होती है। इसके परिणामस्वरूप हृदय सम्बन्धी समस्यायें बढ़ सकती हैं और मृत्यु भी हो सकती

VII. निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
किशोरों की खान-पान संबंधी आदतों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
किशोरों की खान-पान सम्बन्धी सामान्य आदतें

किशोरों की सामान्य खान-पान संबंधी आदतों में भोजन न खाना, नियमित रूप से फास्ट फूड खाना, फल __ और सब्जियाँ न खाना, बार-बार नाश्ता (स्नैक्स) लेना और डाइटिंग करना शामिल हैं। इन सभी मुद्दों की व्याख्या निम्न प्रकार से की जा सकती है

1. भोजन में अनियमितता और एक बार भोजन न करना:
किशोरावस्था आरंभ होने से इसके अंतिम वर्षों तक किशोरों में खाना न खाने और घर से बाहर खाना खाने की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है। लड़कों की तुलना में लड़कियाँ अधिकतर शाम का खाना, सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन खाना छोड़ देती हैं। जनसमुदाय के अन्य किसी आयु-वर्ग की तुलना में किशोरों और 25 वर्ष की आयु से कम के युवाओं द्वारा अक्सर नाश्ते की उपेक्षा की जाती है और नाश्ता नहीं खाया जाता है। मध्याह्न या दोपहर के भोजन के समय तक उन्हें इतनी अधिक भूख लग आती है कि वे बचाई हुई कैलोरी की क्षतिपूर्ति के लिए और अधिक कैलोरी ग्रहण कर लेते हैं। वस्तुतः नाश्ता न खाने से चयापचय धीमा हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप वजन बढ़ता है तथा कार्यक्षमता में कमी आती है।

2. स्वल्पाहार (स्नैकिंग):
स्वल्पाहार किशोरों के लिए जिंदगी जीने का एक तरीका हो सकता है। इसलिए यह जरूरी नहीं कि यह एक खराब आदत हो। विशेषतः यह सक्रिय और बढ़ते हुए किशोरों में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने में सहायक होता है। कई किशोर प्रतिदिन तीन बार नियमित भोजन नहीं कर पाते क्योंकि उनमें भोजन को छोड़ देने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए स्वल्पाहार अनिवार्य पोषक तत्वों के पर्याप्त अंतर्ग्रहण को सुनिश्चित रखने के लिए लाभकारी है। तथापि केवल स्वल्पाहार पर जीवित रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।'

3. फास्ट फूड:
किशोरों में, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में, फास्ट फूड खाने की अधिक प्रवृत्ति पाई जाती है क्योंकि यह सुविधाजनक होता है और उनका मानना है कि यह आजकल का फैशन है। यद्यपि फास्ट फूड आहार पोषक तत्व प्रदान करते हैं लेकिन वे किशोरों की पोषण संबंधी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं करते। लेकिन फास्ट फूड पोषणीय दृष्टि से तभी स्वीकार्य होते हैं, यदि इनका उपभोग उपयुक्त तरीके से और संतुलित आहार के एक भाग के रूप में किया जाए। लेकिन जब वे आहार का मुख्य भाग बन जाते हैं तो यह चिंता का कारण है। अक्सर फास्ट फूड में वसा और कैलोरी भरपूर मात्रा में होती है। अतः फास्ट फूड रेस्टोरेंट में भी खाना खाने के संबंध में हमें बेहतर विकल्प चुनने चाहिए।

4. डाइटिंग:
सामान्य वजन वाले किशोर अक्सर डाइटिंग करते हैं क्योंकि उनकी धारणा है कि पतला होना फैशन में है। मीडिया से लड़कियों को पतला होने, सुंदर शरीर की धारणाओं और शरीर का वजन कम करने के संबंध में बहुत जानकारियाँ मिलती रहती हैं। विशेषज्ञों की निगरानी में न की गई डाइटिंग के परिणाम हानिकारक हो सकते हैं जिसमें किशोरों में खान-पान संबंधी विसंगतियाँ भी शामिल हैं। डाइटिंग के लक्षणों में शामिल हैंभोजन छोड़ देना, थोड़ा-थोड़ा करके खाना, उपवास करना अथवा विरेचक दवाओं एवं डाइट पिल्स का उपयोग करना। इस प्रकार की डाइटिंग के परिणामों में खान-पान संबंधी विकृतियाँ और मोटापा, आत्मविश्वास में कमी होना और अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याएँ होने की संभावना होती है। साथ ही हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है एवं मृत्यु भी हो सकती है। अतः डाइटिंग करने के बजाय स्वस्थ जीवनशैली अपनाना सर्वोत्तम है।

RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 3 भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और स्वस्थता Important Questions

प्रश्न 2. 
किशोरों में आहार संबंधी व्यवहार में परिवर्तन करने का सुझाव बीजिए। नशीले पदार्थों के उपयोग एवं दुरुपयोग से क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आहार संबंधी व्यवहार में परिवर्तन करना 

किशोरावस्था वह समय है जब व्यक्ति प्राधिकार के संबंध में प्रश्न करना आरंभ कर देता है और स्वयं की हैसियत को स्थापित करने का प्रयत्न करता है। खान-पान संबंधी आचरण उन्हीं के माध्यमों में से एक है जिनके द्वारा किशोर वैयक्तिकता की अभिव्यक्ति करते हैं। वे कई बार घर का नियमित खाना (जो कि स्वास्थ्यकारी होता है) छोड़कर बाहर का खाना (जो कि अस्वास्थ्यकारी है) खाते हैं। ऐसे तरीके, जिन्हें अपनाकर किशोर स्वयं के आहार सम्बन्धी व्यवहार में परिवर्तन कर सकते हैं, निम्नलिखित हैं

1. टीवी देखने के समय को सीमित करना:
टीवी देखने का समय प्रतिदिन केवल एक या दो घंटे तक सीमित होना चाहिए। इसमें वीडियो गेम खेलना अथवा कम्प्यूटर का उपयोग भी शामिल होना चाहिए। टीवी देखने, वीडियो गेम खेलने अथवा कम्प्यूटर का उपयोग करने में अधिक कैलोरी का उपयोग नहीं होता और यह गलत ढंग से खाने को बढ़ावा देता है क्योंकि ऐसा करते समय कुछ न कुछ खाते रहना सामान्य सी बात है। अतः जो ऐसा करते हैं उनमें सामान्य तौर पर अत्यधिक भोजन खाने या कम-से-कम भोजन खाने की आदत पाई जाती है।

2. खान-पान संबंधी स्वस्थ आदतें अपनाना:
प्रतिदिन औसत मात्रा में तीन बार पूर्ण संतुलित आहार तथा दो बार पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता लेना चाहिए। कोशिश रहनी चाहिए कि कोई भी भोजन छूटे नहीं।

3, स्वल्पाहार (स्नैक्स) लेना:
निस्संदेह एकाध बार अपना मनपसंद स्नैक खाया जा सकता है, लेकिन इसे आदत बनाने से बचना चाहिए। दिन में केवल दो बार ही स्नैक्स लिए जाने चाहिए और इसमें कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ, जैसे-कचे फल अथवा सब्जियाँ शामिल की जा सकती हैं। स्नैक्स के लिए उच्च कैलोरी अथवा उच्च वसा युक्त भोजन विशेषकर आलू के चिप्स, बिस्कुट और तले हुए खाद्य पदार्थों का उपयोग न करें।

4. पानी पीना:
पानी में कोई कैलोरी नहीं होती और इससे पेट भरा होने का अहसास होता है। अत: रोज चार से छह गिलास पानी पीना विशेषकर भोजन से पहले पानी पीना अच्छी आदत है।

5. डाइट जर्नल बनाना:
डाइट जर्नल की मदद से भोज्य पदार्थ और पेय पदार्थ के अंतर्ग्रहण, टीवी देखने, वीडियो गेम खेलने और व्यायाम के समय का साप्ताहिक ब्यौरा रखने में सहायता मिलेगी। साथ ही प्रत्येक सप्ताह शरीर का वजन मापना एक अच्छी आदत है।

6. व्यायाम करना:
व्यायाम करना स्वस्थ जीवन जीने के लिए अनिवार्य है। विभिन्न खेलों में भाग लेने से सक्रियता स्तर को उच्च बनाए रखने में सहायता मिलती है। शारीरिक कार्यकलापों के अंतर्गत

  • अगर थोड़ी दूरी तक जाना हो तो पैदल चलें अथवा साइकिल प्रयोग करें। 
  • बिल्डिंग में लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों के उपयोग को वरीयता दें। 
  • प्रत्येक सप्ताह में 3-4 बार 20-30 मिनट के लिए नियमित व्यायाम करें।

नशीले पदार्थों का उपयोग एवं दुरुपयोग-किशोरावस्था में मादक पदार्थों का सेवन और दुरुपयोग बहुत महत्वपूर्ण और चिंताजनक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। किशोरों द्वारा तंबाकू, शराब (ऐल्कोहल), मेरीतुआना और अन्य नशीली दवाओं का व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।

नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण-

  1. किशोरों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति का मुख्य कारण बाजार में आसानी से नशीली दवाओं व शराब की उपलब्धता है। बिना किसी रोकटोक के बिक रही शराब व नशीली दवाएँ किशोरों को निरंतर नशे की ओर ले जा रही हैं।
  2. परिवारजनों व संगी-साथियों द्वारा नशा करना भी किशोरों के दिमाग पर बुरा असर डालता है एवं वे इन गतिविधियों की ओर आकर्षित होते हैं।
  3. भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यस्तता के कारण माता-पिता बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते, जिससे वे स्वयं को उपेक्षित महसूस करते हैं और बुरी संगत में पड़ने लगते हैं।

नशीले पदार्थों के बढ़ते उपायों के दुष्परिणाम

  1. नशीली दवा और शराब के सेवन से किशोरों के पोषण और स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
  2. ये सभी चीजें किशोरों के शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक विकास को बाधित करती हैं एवं नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
  3. नशे की आदत के चलते किशोर आक्रामक हो रहे हैं। ऐसे किशोरों की शारीरिक और मनो-सामाजिक पुनर्वास प्रक्रिया में पोषण संबंधी हस्तक्षेप, समर्थन और परामर्श महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Raju
Last Updated on Aug. 19, 2022, 10:52 a.m.
Published Aug. 12, 2022