Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 18 संप्रेषण के परिप्रेक्ष्य में Important Questions and Answers.
बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
संचार प्रौद्योगिकी की उन्नति से बना नया क्षेत्र है
(अ) सूचना प्रबंधन
(ब) ई-मेल
(स) इंटरनेट
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
महिलाओं को अधिक प्रोत्साहित किया जाता है.
(अ) सामाजिक सर्वसम्मति के लिए
(ब) संबंधित होने के लिए
(स) देखभाल करने के लिए
(द) सहभागिता के लिए
उत्तर:
(ब) संबंधित होने के लिए
प्रश्न 3.
पुरुषों से निम्न में से किस पर केन्द्रित रहने की अपेक्षा की जाती है
(अ) सूचनाएँ प्राप्त करने
(ब) प्रतिस्पर्धा
(स) समाधान प्राप्त करने
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4.
आज बच्चे टी.वी. पर जानवरों, उनकी आदतों, पर्यावासों और जीवनशैलियों पर ढेर सारी जानकारी प्राप्त करते
(अ) समाचार चैनलों से
(ब) मनोरंजन चैनलों से
(स) नेशनल जियोग्राफिक चैनल से
(द) आध्यात्मिक चैनलों से
उत्तर:
(स) नेशनल जियोग्राफिक चैनल से
प्रश्न 5.
आयु के अनुसार संप्रेषण में परिवर्तन आता है
(अ) विचार मूलक
(ब) संरचनापरक
(स) सामग्री परक
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 6.
एक किशोर उम्र का व्यक्ति संगीत सुनने के लिए मोबाइल फोन का प्रयोग करना पसंद करता है, जबकि एक वयस्क व्यक्ति इसके लिए सीढ़ी प्लेयर का प्रयोग करता है। संप्रेषण का यह परिवर्तन संबंधित है
(अ) आयु से
(ब) शिक्षा से
(स) संस्कृति से
(द) लिंग से
उत्तर:
(अ) आयु से
प्रश्न 7.
हमारे यहाँ सोपानक्रमिक संरचना के आधार पर 'आप' और 'तुम' शब्द का उपयोग किया जाता है, जबकि अंग्रेजी भाषा में 'तुम' और 'आप' के बीच अन्तर बताने वाला कोई शब्द नहीं है। इससे दोनों के संप्रेषण में असुविधा होती है
(अ) संस्कृति के अन्तर के कारण
(ब) शिक्षा के अन्तर के कारण
(स) आयु के अन्तर के कारण
(द) लिंग के अन्तर के कारण
उत्तर:
(अ) संस्कृति के अन्तर के कारण
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
उत्तर:
निम्नलिखित में से सत्य/असत्य कथन छाँटिए
उत्तर:
निम्नलिखित स्तंभों का सही मिलान कीजिए
1. आयु बढ़ने से होने वाला संरचनात्मक परिवर्तन |
(अ) संगीत सुनने के लिए किशोर द्वारा मोबाइल का प्रयोग करना और वयस्क व्यक्ति का सीडी प्लेयर का प्रयोग करना। |
2. आयु बढ़ने से होने वाला सामग्री परक परिवर्तन |
(ब) शिक्षा |
3. सूचना तक पहुँचने की क्षमता प्रदान करती है |
(स) आयु में वृद्धि |
4. विचारों में परिवर्तन लाती है |
(द) जीवन-शैली और अपेक्षाओं में अन्तर होना |
5. संस्कृतियों में भिन्नता का कारण |
(य) कार्य क्षमताओं में होने वाले परिवर्तन |
उत्तर:
1. आयु बढ़ने से होने वाला संरचनात्मक परिवर्तन |
(य) कार्य क्षमताओं में होने वाले परिवर्तन |
2. आयु बढ़ने से होने वाला सामग्री परक परिवर्तन |
(अ) संगीत सुनने के लिए किशोर द्वारा मोबाइल का प्रयोग करना और वयस्क व्यक्ति का सीडी प्लेयर का प्रयोग करना। |
3. सूचना तक पहुँचने की क्षमता प्रदान करती है |
(ब) शिक्षा |
4. विचारों में परिवर्तन लाती है |
(स) आयु में वृद्धि |
5. संस्कृतियों में भिन्नता का कारण |
(द) जीवन-शैली और अपेक्षाओं में अन्तर होना |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
फिल्म मूल्यांकन की एक कक्षा में शिक्षक ने एक अच्छी फिल्म के उदाहरण के रूप में श्याम बेनेगल द्वारा निर्मित हिन्दी फिल्म 'हरी भरी' को चुना। लेकिन छात्रों को वह अच्छी नहीं लगी। उनकी नजर में 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' एक अच्छी फिल्म थी। इसका क्या कारण है?
उत्तर:
इस अन्तर का कारण है-दोनों की शिक्षा में अन्तर का होना।
प्रश्न 2.
एक परिवार में यह तय किया जा रहा था कि सप्ताहांत पर बाहर कहाँ जाना चाहिए। किशोर बच्चों के लिए पास का हिल स्टेशन बाहर जाने के लिए सबसे अच्छा स्थान था, जबकि दादा-दादी किसी ऐतिहासिक स्मारक या मंदिर जाना चाहते थे। सप्ताहांत पर बाहर जाने के बारे में बच्चों और दादा-दादी के विचारों में भिन्नता का क्या कारण है?
उत्तर:
बच्चों और दादा-दादी के विचारों में भिन्नता का कारण है-आयु में अन्तर होना।
प्रश्न 3.
दसवीं कक्षा की छात्रा, नंदा कक्षा में अपने शिक्षक श्रीपाठक को सुनने में तल्लीन थी। अचानक उसने कहा 'सर आपका स्क्रू ढीला है।'
पूरी कक्षा एकदम जोर से हँस पड़ी। शिक्षक श्री पाठक ने कहा कि "आपने अभी जो कहा मैं उसे पसंद नहीं करता। क्या आपको बात करने की शिष्टता नहीं है।"
स्वाभाविक रूप से शिक्षक नाराज थे। नंदा गंभीर हो गई, वह यह समझ नहीं पाई कि उसे अपने कथन पर सहपाठियों और शिक्षक से ऐसी प्रतिक्रिया क्यों मिली? शिक्षक ने उसे बुलाया और अपनी बात स्पष्ट करने के लिए कहा।
नंदा-सर, आपके चश्मे का पेंच ढीला हो गया था। इसलिए मैंने कहा, अन्यथा आपका चश्मा गिर जाता। ' श्री पाठक-ओह, मुझे पता नहीं था। ठीक है। मुझे यह बताने के लिए धन्यवाद।
परी कक्षा के बच्चे उसका उत्तर सुनकर प्रसन्न हो गए और उन्हें जानकर तसल्ली हई कि यह थी। शिक्षक ने तुरन्त अपने चश्मे को देखा और पेंच कस लिया।
इस उदाहरण में नंदा और श्री पाठक के दृष्टिकोणों में अन्तर था जिससे इसका गलत अर्थ निकल गया। उनके दृष्टिकोण क्या थे?
उत्तर:
इस उदाहरण में नंदा का दृष्टिकोण शिक्षक को यह जानकारी देना था कि उसके चश्मे का पेंच ढीला हो रहा है, वह गिर सकता है लेकिन शिक्षक का दृष्टिकोण यह था कि नंदा ने अशिष्टतापूर्ण शरारत की है।
प्रश्न 4.
संप्रेषण के परिप्रेक्ष्यों को निर्धारित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
संप्रेषण के परिप्रेक्ष्यों को निर्धारित करने वाले कारक हैं-आयु, शिक्षा, लिंग, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और संप्रेषण की जानकारी।
प्रश्न 5.
आयु का संचार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जैसे-जैसे व्यक्ति बड़ा होता जाता है, उसमें विचारमूलक, संरचनापरक और सामग्रीपरक मूलभूत परिवर्तन आते जाते हैं।
प्रश्न 6.
आयु बढ़ने के साथ-साथ आए विचारमूलक परिवर्तन से क्या आशय है?
उत्तर:
जैसे-जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ती है, वैसे-वैसे उसके मूलभूत विचारों में जो परिवर्तन आता जाता है, उसे विचार मूलक परिवर्तन कहते हैं।
प्रश्न 7.
संरचनात्मक परिवर्तनों का संबंध किससे है?
उत्तर:
संरचनात्मक परिवर्तनों का सम्बन्ध संज्ञानात्मक क्रिया में होने वाले शरीर क्रियात्मक और आय से संबंधित परिवर्तनों से है।
प्रश्न 8.
संचार के उपकरणों के प्रयोग के सम्बन्ध में आयु के प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
युवा पीढ़ी के लोग जितनी आसानी से संचार के उपकरणों का उपयोग करते हैं, बड़ी उम्र के लोग उतनी आसानी से इनका उपयोग नहीं कर पाते हैं।
प्रश्न 9.
संचार और संस्कृति के सम्बन्धों में संप्रेषण के कौन-कौनसे पक्ष शामिल होते हैं?
उत्तर:
संचार और संस्कृति के सम्बन्धों में संप्रेषण के सभी पक्ष, जैसे-भाषा, गैर-शाब्दिक संप्रेषण, रीति-रिवाज, संकल्पित मान्यताएँ एवं देश-काल की धारणाएँ आदि, शामिल होते हैं।
प्रश्न 10.
संप्रेषण के क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाली दो नयी प्रौद्योगिकी के नाम लिखिए।
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
संप्रेषण का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संप्रेषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रेषक और प्राप्तकर्ता शामिल होते हैं। प्रेषक किसी आशय से संदेश भेजता है और प्राप्तकर्ता उस संदेश को अपनी योग्यता या धारणा के अनुसार ग्रहण करता है। संप्रेषण की प्रक्रिया तभी पूरी होती है, जब प्रेषक का आशय प्राप्तकर्ता की प्रवृत्ति (दृष्टिकोण) के साथ मेल खाए। यदि प्रेषक और प्राप्तकर्ता के विचार मिलते-जुलते हैं तो एक सामान्य अर्थ प्राप्त होता है।
प्रश्न 2.
संप्रेषण के परिप्रेक्ष्यों को निर्धारित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रेषक और प्राप्तकर्ता के परिप्रेक्ष्य संदेश की प्रभावी स्वीकार्यता को निर्धारित करते हैं और संप्रेषण के परिप्रेक्ष्यों को निर्धारित करने वाले कारक हैं-आयु, शिक्षा, लिंग, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और संप्रेषण की जानकारी।
प्रश्न 3.
शिक्षा किस प्रकार संप्रेषण क्षमता और गुंजाइश को बढ़ाती है?
उत्तर:
शिक्षा ज्ञान की सीमा को अधिक व्यापक बनाती है। इससे व्यक्ति के सोचने और ज्ञान को प्रयुक्त करने की क्षमता विकसित होती है। यह व्यक्ति में सूचना तक पहुँचने की क्षमता प्रदान करती है और लोगों को आजीविका के लिए तैयार करती है। ये सभी लाभ एक व्यक्ति की संप्रेषण क्षमता और गुंजाइश को बढ़ाते हैं।
प्रश्न 4.
जब किसानों, स्वास्थ्यकर्मियों, गृहणियों या अधिकारियों को भूमंडलीय तपन, वनों की कटाई, पोषक तत्वों पर ताप के प्रभाव आदि धारणाएँ समझायी जाती हैं, तो इसमें संप्रेषण का कौनसा कारक सहायता करता है।
उत्तर:
जब किसानों, स्वास्थ्यकर्मियों, गृहणियों या अधिकारियों को भूमंडलीय तपन, वनों की कटाई, पोषक तत्वों पर ताप के प्रभाव आदि धारणाएँ समझायी जाती हैं तो समझाने वाले व्यक्ति अर्थात् संप्रेषण के प्रेषक को प्राप्तकर्ता के शैक्षिक स्तरों के अनुरूप शब्दावली, सूचना और संप्रेषण की क्रियाविधि आदि के चयन की आवश्यकता पड़ती है। यदि प्रेषक और प्राप्तकर्ता का शैक्षिक स्तर समान है तो संप्रेषण में आसानी होती है और यदि शैक्षिक स्तर असमान है तो संप्रेषण में कठिनाई होती है क्योंकि प्रेषक को प्राप्तकर्ता के शैक्षिक स्तर के अनुरूप भाषा तथा शब्दावली का चयन करना पड़ता है।
प्रश्न 5.
समान संस्कृति के लोगों में आपसी संप्रेषण में सुविधा क्यों होती है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
समान संस्कृति के लोगों की भाषा, रीति-रिवाज, मान्यता, पद्धतियाँ, खान-पान की आदतें सहित तमाम अनुभव एक समान होते हैं। इस कारण इन्हें आपसी संप्रेषण में सुविधा होती है। उदाहरण के लिए, भारत में हम परिवार और मित्रों के साथ दैनिक गतिविधियों के दौरान धन्यवाद कहने के आदी नहीं हैं। आवाज या चेहरे के भावों से यह दर्शाते हैं कि हम आभारी हैं। लेकिन पश्चिमी देशों में इतने भर से संप्रेषण पूरा नहीं होता क्योंकि वहाँ 'धन्यवाद' न कहना असभ्यता माना जाता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
संप्रेषण की प्रक्रिया को नये ज्ञान की उपलब्धि कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
नये ज्ञान की उपलब्धि और संप्रेषण प्रक्रिया नये ज्ञान की उपलब्धि संप्रेषण प्रक्रिया को निम्न प्रकार से प्रभावित करती है
(1) नए सॉफ्टवेयर और नयी प्रौद्योगिकी की जानकारी से दीर्घअवधि तक चलने वाले सामाजिक तथा सूचना संचार प्रौद्योगिकियों के आर्थिक पहलुओं के बारे में व्यावहारिक जानकारी प्राप्त होती है। इनमें कार्यालयों में स्वचालन, उत्पादन, दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क शामिल हैं जो संगठनों को आपस में जोड़ते हैं।
(2) नवीन संचार प्रौद्योगिकी से अनेक नए क्षेत्र बने हैं, जैसे सूचना प्रबंधन।
(3) आधुनिक प्रौद्योगिकियों की जानकारी के साथ एक व्यक्ति के कार्य के पैटर्न का दृष्टिकोण, सूचना, विचारों और नेटवर्क आदान प्रदान का स्वरूप बदल गया है। उदाहरण के लिए इण्टरनेट पर पहुँच के साथ अब विद्यालयों के छात्र अपेक्षाकृत आसानी से अपने परियोजना कार्य पूरे कर सकते हैं और सौंपे गए कार्यों के प्रति उनकी धारणा भी बदल
(4) कार्यालयों में लोग ई-मेल के माध्यम से अपने विचारों को संप्रेषित करते हैं। आज दुनिया के किसी भी हिस्से में बैठे लोगों के साथ विभिन्न मुद्दों पर विचारों का अदान-प्रदान करना आसान हो गया है।
(5) इंटरनेट पर पढ़ना, पोस्ट करना और सूचनाओं का आदान-प्रदान करना आसान हो गया है। उदाहरण के लिए 5 सितम्बर को होने वाले शिक्षक दिवस पर एक लेख लिखना चाहती थी। उसने इंटरनेट पर खोज की और अनेक देशों में अनेक तरीकों से मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस पर जानकारी प्राप्त की। इस प्रकार इंटरनेट की समझ के कारण वह एक रोचक और सूचनाप्रद लेख लिख सकी।
(6) आज बच्चे (10 वर्ष से कम उम्र के) टी.वी. चैनल, जैसे कि नेशनल जियोग्राफिक और एनिमल प्लेनेट से जानवरों, उनकी आदतों, पर्यावासों और जीवन शैलियों को ढेर सारी जानकारी प्राप्त करते हैं। लोगों को पानी व्यर्थ बहाने, पर्यावरण के निम्नीकरण, स्वास्थ्य विज्ञान आदि से संबंधित समस्याओं से परिचित कराने और इनके प्रति संवेदनशील बनाने का काम मीडिया के द्वारा प्रभावशाली ढंग से किया जा सकता है। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि नयी सूचना प्रौद्योगिकी ने संप्रेषण को अत्यधिक आसान कर दिया है। इसने संप्रेषण में दृष्टिकोणों में बदलाव पैदा किया है तथा संप्रेषण सम्बन्धी नयी तकनीकें, नये विचार तथा ज्ञान को बढ़ाया है।