These comprehensive RBSE Class 11 Geography Notes Practical Chapter 8 मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट will give a brief overview of all the concepts.
→ मौसम का अर्थ (Means of Weather) :
'मौसम' शब्द किसी स्थान विशेष तथा समय पर वायुमण्डलीय दाब, तापमान, आर्द्रता, वर्षण, मेघ एवं पवन की दृष्टि से वायुमण्डलीय दशाओं का प्रदर्शन करता है।
→ धरातलीय वेधशालाएँ (Surface Observatory) :
→ मौसमी यंत्र (Weather Instruments):
विभिन्न मौसमीय यन्त्रों में निम्नलिखित 4 मौसम यन्त्र उल्लेखनीय हैं
→ तापमापी (Thermometer):
→ वायुदाबमापी (Barometer) :
→ पवन वेगमापी (Animometer):
पवन की गति ज्ञात करने के काम आता है।
→ वर्षामापी (Rain guage):
→ मौसम प्रतीक (Weather Symbols):
→ मौसम-एक निश्चित स्थान एवं समय पर वायुमण्डलीय दाब, तापक्रम, आर्द्रता, वर्षण, मेघ एवं पवन की दृष्टि से लघु वायुमण्डलीय दशा, मौसम कहलाती है।
→ मानचित्र-किसी मापनी से लघुकृत हुए आयामों के आधार पर सम्पूर्ण पृथ्वी या इसके किसी भाग का चयनित संकेतात्मक व सामान्य प्रदर्शन मानचित्र कहलाता है।
→ वायुमंडल-पृथ्वी के चारों ओर फैले हुए गैसीय आवरण को वायुमण्डल कहते हैं।
→ वायुदाब- भूतल के किसी क्षेत्रीय इकाई पर पड़ने वाला वायुमण्डलीय दाब जिसकी माप किसी वायुदाबमापी से की जाती है। उसे वायुदाब कहते हैं।
→ आर्द्रता-किसी निश्चित तापमान पर वायु में विद्यमान नमी की मात्रा।
→ मौसम पूर्वानुमान-किसी निश्चित क्षेत्र में आगामी 12 से 48 घण्टों के दौरान मौसम की दशाओं के विषय में तर्कसंगत निश्चितता का पूर्वानुमान, मौसम पूर्वानुमान कहलाता है।
→ तापमापी-वायु के तापमान को मापने में प्रयुक्त यंत्र तापमापी कहलाता है।
→ वायुदाबमापी-वायुमण्डलीय दाब को मापने वाले यन्त्र को वायुदाबमापी कहते हैं।
→ उपग्रह-लघु खगोलीय पिण्ड जो किसी ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
→ जलवाष्प-वायुमण्डल में वाष्प की दशा में स्थित जल।
→ वाष्पीकरण-एक प्रक्रम जिसके द्वारा कोई पदार्थ तरल से वाष्प अवस्था में परिवर्तित होता है।
→ मिलीबार-वायुदाब के माप की इकाई जो एक बार के एक हजार वे भाग अथवा 1000 डाइन के बराबर होती है।
→ पवन वेगमापी-वायु की गति ज्ञात करने वाला यंत्र पवन वेगमापी कहलाता है।
→ वर्षामापी-वर्षा की मात्रा को मापने में प्रयुक्त यंत्र वर्षामापी कहलाता है।
→ मौसम मानचित्र-पृथ्वी या उसके किसी भाग के मौसमी परिघटनाओं का समतल धरातल पर प्रदर्शन करने वाले मानचित्र मौसम मानचित्र कहलाते हैं।
→ अक्षांश-भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण भूतल पर स्थित किसी बिन्दु की पृथ्वी के केन्द्र से मापी गयी कोणिक दूरी।
→ मानसून-ये वे हवाएँ हैं जो मौसम के अनुसार अपनी दिशा में परिवर्तन करती हैं।
→ मौसम प्रतीक-मौसम सम्बन्धी दशाओं को दर्शाने वाले चिह्न।
→ हिमपात-तापमान हिमांक से नीचे होने पर हिम के रूप में होने वाली वर्षा ।
→ तड़ित झंझा-स्थानीय झंझावात या तूफान जिसमें हवाएँ तेजी से ऊपर उठती हैं और पूर्ण विकसित कपासी वर्षा मेघों की रचना करती हैं।
→ वर्षा-एक निश्चित समयावधि में किसी स्थान पर होने वाली वर्षा की मात्रा जिसे वर्षा मापी यंत्र द्वारा मापा जाता है।
→ जलवायु-किसी क्षेत्र विशेष के एक लम्बे समय तक के मौसम के सामान्य तत्व।
→ समदाब रेखाएँ-समान दाब वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ समदाब रेखाएँ कहलाती हैं।
→ समताप रेखाएँ-समान ताप वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ समताप रेखाएँ कहलाती हैं।
→ सममेघ रेखाएँ-समान औसत मेघावरण वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ सममेघ रेखाएँ कहलाती हैं।
→ समवर्षा रेखाएँ-दिए गए समय में समान औसत वार्षिक वर्षा वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ समवर्षा रेखाएँ कहलाती हैं।
→ समप्रकाश रेखा (आइसोहेल)-प्रतिदिन माध्य सूर्य प्रकाश समप्रकाश रेखा की समान अवधि वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाओं को समप्रकाश रेखा या आइसोहेल कहते हैं।