These comprehensive RBSE Class 11 Geography Notes Practical Chapter 7 सुदूर संवेदन का परिचय will give a brief overview of all the concepts.
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→ सुदूर संवेदन का अर्थ (Means of Remote Sensing) :
→ संवेदक (Sensor) :
→ उपग्रहों की विभेदन क्षमता (Capacity of Arial Differentiation of Setellites) :
सुदूर संवेदक धरातलीय, वर्णक्रमीय तथा रेडियोमीट्रिक विभेदन युक्त होते हैं जो विभिन्न धरातलीय अवस्थाओं से सम्बन्धित उपयोगी सूचनाओं का निष्कर्षण सम्भव बनाते हैं।
→ आंकड़ा उत्पाद (Product of Data):
संसूचन व अभिलेखन की प्रक्रिया के आधार पर सुदूर संवेदन आँकड़ा उत्पादों को निम्न दो वर्गों में विभक्त किया जाता है
(क) फोटोग्राफिक प्रतिबिम्ब
(ख) अंकीय प्रतिबिम्ब।
→ उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का अध्ययन (Study of Images Recieved by Setellites) :
प्रतिबिम्ब की व्याख्या हेतु वस्तुओं की विशेषताओं को दो प्रमुख भागों में विभक्त किया जा सकता है
→ सुदूर संवेदन-सुदूर संवेदन एक ऐसी प्रक्रिया है जो भू-पृष्ठीय वस्तुओं एवं घटनाओं की सूचनाओं का संवेदक युक्तियों के द्वारा बिना वस्तु के सम्पर्क में आए मापन व अभिलेखन करता है।
→ आंकिक संख्या-आंकिक प्रतिबिम्ब में किसी पिक्सल की तीव्रता मान आंकिक संख्या कहलाता है।
→ अंकीय बिम्ब-पंक्तियों एवं स्तम्भों पर क्रमानुसार व्यवस्थित आंकिक संख्या, व्यूह भिन्न की विशेषता उनका तीव्रता मान होता है अंकीय बिम्ब कहलाता है।
→ अंकीय प्रतिबिम्ब-अलग-अलग पिक्चर तत्वों के मेल से बनने वाले प्रतिबिम्ब अंकीय प्रतिबिम्ब कहलाते हैं। इन्हें पिक्सल भी कहते हैं।
→ अंकीय बिम्ब प्रक्रमण-धरातलीय लक्ष्यों से सम्बन्धित सूचना ग्रहण करने की वह क्रिया जिसमें अंकीय संख्याओं का संख्यात्मक हेर-फेर किया जाता है, अंकीय बिम्ब प्रक्रमण कहलाता है।
→ दृश्य-एक प्रतिबिम्ब अथवा फोटोग्राफ द्वारा धरातल का आवृत क्षेत्र दृश्य कहलाता है।
→ अवशोषणांश-किसी पदार्थ द्वारा प्राप्त तथा अवशोषित विकिरणी ऊर्जा का अनुपात अवशोषणांश कहलाता है।
→ धूसर मापक्रम-किसी प्रतिबिम्ब की प्रभामान की विभिन्नताओं के अंशांकन का साधन जिसका परिसर काले व सफेद रंग के मध्य होता है, धूसर मापक्रम कहलाता है।
→ प्रतिबिम्ब-फोटोग्राफीय एवं अफोटोग्राफीय साधनों द्वारा उत्पादित प्राकृतिक एवं मानव द्वारा निर्मित लक्ष्यों व दृश्यों का स्थायी अभिलेख प्रतिबिम्ब कहलाता है।
→ परावर्तकता-किसी पदार्थ द्वारा प्राप्त की गई ऊर्जा एवं उसके द्वारा परिवर्तित ऊर्जा का अनुपात परावर्तकता कहलाता है।
→ बैंड-विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में विशिष्ट तरंगदैर्यों का अन्तराल बैंड कहलाता है।
→ स्पेक्ट्रमी बैंड-सतत् स्पेक्ट्रम में तरंगदैर्ध्य की परिसर जैसे हरे बैंड का परिसर 0.5 से 0.6 माइक्रोमीटर तक एवं अवरक्त बैंड का परिसर 0.7 से 1.1 से माइक्रोमीटर तक होता है, स्पेक्ट्रमी बैंड कहलाता है।
→ विद्युत् चुम्बकीय विकिरण-प्रकाश की गति से ऊर्जा या किसी दिक्स्थान अथवा माध्यम से होने वाला प्रवर्धन विद्युत् चुम्बकीय विकिरण कहलाता है।
→ विद्युत् चुम्बकीय स्पेक्ट्रम-विद्युत् चुम्बकीय विकिरण का सांतत्यक रूप जिसका परिसर उच्च आवृत्ति वाली लघु तरंगी अन्तरिक्षीय तरंगों से लेकर भिन्न आवृत्ति वाली दीर्घ तरंगी रेडियो तरंगों तक होता है विद्युत् चुम्बकीय स्पेक्ट्रम कहलाता है।
→ त्रियक रंगी मिश्र-कृत्रिम रूप से उत्पादित रंगीन बिम्ब जिसमें पीला, हरा व लाल रंग उन तरंग क्षेत्रों को निर्दिष्ट किया जाता है जो प्राकृतिक रूप से अलग होते हैं, त्रियक रंगी मिश्र कहलाते हैं।
→ संवेदक-कोई भी प्रतिबिम्बन अथवा अप्रतिबिम्बन साधन, जो विद्युत् चुम्बकीय विकिरण को प्राप्त करने एवं उसे ऐसे संकेतों में परिवर्तित करता है, जिससे फोटोग्राफीय अथवा आंकिक प्रतिबिम्ब को अभिलेखित एवं प्रदर्शित किया जा सकता हो, संवेदक कहलाता है।