These comprehensive RBSE Class 11 Geography Notes Practical Chapter 2 मानचित्र मापनी will give a brief overview of all the concepts.
→ परिचय (Introduction) :
मापनी-मानचित्र पर किन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी तथा धरातल पर उन्हीं दोनों स्थानों के बीच की वास्तविक दूरी के अनुपात को 'मापनी' कहते हैं।
→ मापनी व्यक्त करने की विधियाँ (Methods of Showing Scales) :
→ मापनी का रूपान्तरण (Scale Transformation)
→ मानचित्र-किसी समतल सतह या पृष्ठ पर पृथ्वी के सम्पूर्ण भाग अथवा उसके किसी अंश का रेखा चित्रीय प्रदर्शन।
→ मापनी-मानचित्र पर किन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी एवं धरातल पर उन्हीं दो स्थानों के मध्य की दूरी के अनुपात को मापनी या मापक कहते हैं।
→ निरूपक भिन्न-इस विधि में मानचित्र की दूरी एवं धरातल की दूरी के अनुपात को भिन्न के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। इसे प्रदर्शक भिन्न मापक भी कहते हैं।
→ अंश-भिन्न में रेखा के ऊपर स्थित अंक को अंश कहते हैं। जैसे-1 : 250,00 के भिन्न में 1 अंश है।
→ हर-भिन्न में रेखा के नीचे स्थित अंक को हर कहते हैं। जैसे-1 : 250,00 के भिन्न में 25,000 हर है।
→ मापनी का प्रकथन-मानचित्र की मापनी को जब कथन या शब्दों के रूप में प्रदर्शित किया जाता है तो इसे मापनी का प्रकथन कहते हैं। इसे कथनात्मक मापक भी कहते हैं।
→ आलेखी अथवा ग्राफी विधि-इस विधि में मानचित्र की दूरियों को सरल रेखाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इस मापक के निर्माण में निश्चित विधि अपनायी जाती है जिसमें निरूपक भिन्न के अनुसार रेखा की लम्बाई व अन्य निश्चित नियमों के अनुसार रैखिक मापक या आलेखी मापनी की रचना की जाती है।
→ मील-ब्रिटिश माप प्रणाली में माप की बड़ी इकाई।
→ मैट्रिक माप प्रणाली-आधुनिक माप प्रणाली जिसमें दूरियाँ किमी-मीटर-सेमी. में मापी जाती है।
→ अंग्रेजी माप प्रणाली-1956 से पहले प्रयुक्त होने वाली गज-फीट-मील वाली माप प्रणाली।